शेयर बाजार की मूल बातें

सोने में निवेश कैसे करें?

सोने में निवेश कैसे करें?
सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड की दूसरी किश्‍त जारी की गई है। (फोटो-Freepik)

निवेश करना सीखें

निवेश खरीदने के लिए बहुत सारे साहित्य और रणनीतियाँ हैं और खरीदने के लिए सही निवेश क्या हैं। हालांकि, निवेशकों सोने में निवेश कैसे करें? को अक्सर यह जानना मुश्किल होता है कि किसी उपकरण से बाहर कब निकलना है। इस प्रकार का निर्णय उन निवेशकों को लेना है जिन्होंने निम्नलिखित उपकरणों में निवेश किया है:

वायदा, विकल्प, स्वैप

निवेश कब बेचना है?

बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशक कब किसी साधन से बाहर निकलने का फैसला करता है। निवेशकों को लाभ कमाने के लिए उत्सुक होने के साथ-साथ निवेश करने में नुकसान उठाना पड़ता है। यह विपरीत व्यवहार किसी निवेशक के लिए यह भविष्यवाणी करना मुश्किल बनाता है कि निवेश कब बेचा जाना चाहिए।

निवेश बेचने के लिए कोई सही समय निर्धारित नहीं है। जब निवेशक निवेश बेचेंगे तो उसके कुछ कारण हैं:

नुकसान करने वाले निवेश से बाहर निकलें

निवेश अपने लक्ष्य पर पहुँच गया है

आइए इन तीन बिंदुओं की और विस्तार से जाँच करें:

किसी अपराध बोध के बिना नुकसान करने वाले निवेश को बेचें:

आपके द्वारा किए गए सभी निवेश लाभदायक नहीं होंगे। यदि आपने कुछ निवेशों के अच्छा नहीं करने पर ध्यान दिया है, तो अपने नुकसान को कम करना और वसूली की उम्मीद में उन्हें जमा करने के बजाय बाहर निकल जाना बेहतर है। इस तरह आप अपने नुकसान को रोकते हैं। निवेशकों के साथ समस्या यह है कि वे भविष्य में वसूली की उम्मीद में नुकसान करने वाले निवेश को रोके रखते हैं।

भावनाओं पर आधारित निर्णय लेने के बजाय, नियमित अंतराल पर अपने पोर्टफोलियो का विश्लेषण करना बेहतर है। यह आपको किसी विशेष निवेश की निवेश संभावनाओं को समझने में मदद करेगा। विशेष रूप से इक्विटी शेयरों और म्यूचुअल फंड के मामले में ऐसा है। यदि कंपनी के पास मध्यम से लंबी अवधि के लिए अच्छी संभावनाएं नहीं हैं, तो आप शेयर से बाहर निकल सकते हैं और अपने नुकसान में कटौती कर सकते हैं।

किसी निवेशक को बेचने से जो रोकता है वह उसका नुकसान के बारे में अपराध बोध है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये नुकसान बढ़ गए होंगे अगर आपने निवेश को लंबे समय तक रखा होगा।

इक्विटी शेयर या म्यूचुअल फंड जैसी संपत्ति बेचना बेहद आसान है क्योंकि यह एक उच्च विनियमित बाजार है। हालांकि, यदि आप अचल संपत्ति से बाहर निकलना चाहते हैं, तो यह प्रक्रिया थोड़ा अधिक समय लेने वाली हो सकती है क्योंकि जब बाजार सुस्त होता है तो खरीदार विशेष रूप से कम होते हैं।

कई बार जब आपके पोर्टफोलियो में पूँजीगत लाभ होता है, तो इससे उस पूँजीगत लाभ को सेट ऑफ करने के लिए नुकसान देने वाले निवेश को सेट ऑफ करना समझदारी है। बजट 2018 ने सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों और म्यूचुअल फंडों को कर योग्य बनाया। इसका मतलब है कि इक्विटी शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड पर नुकसान अब अन्य पूंजीगत लाभों के मुकाबले बंद हो सकता है।

नुकसान देने वाले निवेश से बाहर निकलने का एक कारण लाभदायक सोने में निवेश कैसे करें? निवेशों पर कुछ पूंजीगत लाभ को सेट ऑफ करना है। यह न केवल आपको टैक्स बचाने में मदद करेगा बल्कि लाभहीन निवेश से आपके नुकसान को भी रोकेगा।

जब आपको कोष की जरूरत हो तो निवेश बेचना लोगों के बेचने का सबसे आम कारण है। कि लोग क्यों बेचते हैं। हालांकि, समय की एकअवधि के बाद उपकरणों को बेचना महत्वपूर्ण है। यदि आप एक सेवानिवृत्त व्यक्ति हैं, तो आप अपने खर्चों का उपयोग करने के लिए धीरे-धीरे अपने निवेश बेच सकते हैं। एक बार में अपने सभी निवेशों को बेचने का कोई मतलब नहीं है।

यदि आप किसी आपातकाल के लिए धन जुटाने के लिए निवेश बेच रहे हैं, तो लाभदायक निवेशों में से अपनी हिस्सेदारी का हिस्सा बेच दें। यह आपको अतिरिक्त आय देगा और आपको बेचने के लिए आवश्यक निवेशों की संख्या को कम करेगा।

प्राप्त किए गए निवेश लक्ष्य:

सभी निवेश लंबी अवधि के लिए नहीं किए जाते हैं। कभी-कभी, कुछ निवेशक छोटी अवधि के लिए इक्विटी शेयरों में निवेश करते हैं। एक बार जब शेयर अपने लक्ष्य पर पहुंच गया है, तो इससे बाहर निकलना बेहतर होता है जब तक कि शेयर कीमत में और वृद्धि के संकेत नहीं दिखाता है। कभी-कभी, शेयर असाधारण रूप से बढ़ते हैं और फिर गिर जाते हैं इसलिए इस उतार-चढ़ाव का लाभ उठाना और मूल्य से जल्दी बाहर निकलना सबसे अच्छा है। यदि आप अल्पावधि के लिए निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने निकास लक्ष्य से चिपके रहते हैं, भले ही कीमतों में अधिक उतार-चढ़ाव हो। कागज पर असंगठित लाभ के बारे में बुरा महसूस करने की तुलना में हाथ में मुनाफे का एहसास होना बेहतर है।

निवेश कैसे बेचें:

इक्विटी शेयर और म्यूचुअल फंड बेचना बेहद आसान है। चूंकि बाजार अत्यधिक विनियमित है, इसलिए खरीद और बिक्री एक ब्रोकर या ऑनलाइन के माध्यम से आसानी से की जा सकती है।

जब सोने जैसी संपत्ति की बात आती है, तो इसे बेचने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक जौहरी के पास होती है। आप किसी अवसर के लिए या तो सोने को आभूषण में परिवर्तित करवा सकते हैं या उसे नकद बेच सकते हैं। चूंकि सोना मूल्य से पहचाना जाता है, सोने के लिए मूल्य की खोज आसान है। यदि आपने सोने के बांड में निवेश किया है, तो रिडेम्पशन निर्दिष्ट नियमों के अनुसार होगा। फिर से, चूंकि यह विनियमित है, कीमत की खोज आसान है।

अचल संपत्ति बेचना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि एक खरीदार को ढूंढना आर्थिक स्थिति, संपत्ति के मूल्य आदि सहित कई शर्तों पर निर्भर करता है। हालांकि, यदि आप सोने में निवेश कैसे करें? अचल संपत्ति बेचना चाहते हैं, तो आप कोई एजेंट पा सकते हैं या आप अपनी संपत्ति को विभिन्न बाजारों में सूचीबद्ध कर सकते हैं। यदि आपको संपत्ति बेचना मुश्किल लग रहा है, तो इसे किराये में बदलने और संपत्ति पर निष्क्रिय आय की एक स्थिर धारा अर्जित करने पर विचार करें। अपार्टमेंट और मकान बेचने की तुलना में भूखंड और जमीन बेचना आसान है।

निष्कर्ष: निवेश बेचने का कोई सही समय नहीं है। बेचना कई कारकों पर निर्भर करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने पोर्टफोलियो का विश्लेषण करते रहें और निवेश के आधार पर बेचें।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कैसे शुरू करें निवेश, कितना सोने में निवेश कैसे करें? लगेगा टैक्‍स और कौन योग्‍य? जानिए

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की दूसरी किश्त 22 अगस्त को सदस्यता के लिए खुल चुकी है, जो 26 अगस्त, 2022 को बंद होगी। इसकी पहली किश्‍त इसी वित्त वर्ष, जून में पेश की गई थी।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कैसे शुरू करें निवेश, कितना लगेगा टैक्‍स और कौन योग्‍य? जानिए

सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड की दूसरी किश्‍त जारी की गई है। (फोटो-Freepik)

लोग अपने भविष्‍य को सुरक्षित करने के लिए कई स्‍कीमों में निवेश की योजना बनाते हैं। आधुनिक समय में कोई शेयर मार्केट में निवेश कर रहा है तो वहीं एफडी, सरकारी स्‍कीम और सोना में भी निवेश किया जा रहा है। सोना भारतीय लोगों के लिए पहले से ही पसंदीदा रहा है। पीली धातु में इनवेस्‍ट निवेशकों के लिए सुरक्षित माना गया है, जिसमें अच्‍छा मुनाफा भी मिलता रहा है।

ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्‍कीम की शुरुआत की गई है। यह स्‍कीम निवेशकों को डिजिटल गोल्‍ड में निवेश करने का मौका देती है। इसे 2022 में ही लॉन्‍च किया गया था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की दूसरी किश्त 22 अगस्त को सदस्यता के लिए खुल चुकी है, जो 26 अगस्त, 2022 को बंद होगी। इसकी पहली किश्‍त इसी वित्त वर्ष, जून में पेश की गई थी।

कौन कर सकता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश

SGBs में एक ट्रस्ट, एक HUF, एक धर्मार्थ संस्थान, एक विश्वविद्यालय, या भारत में रहने वाला कोई व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार निवेश कर सकता है। इसके अलावा नाबालिग बच्‍चा अपने अभिभावक के साथ या फिर अन्‍य भारतीय नागरिक कुछ अन्‍य लोगों के साथ इस स्‍कीम से सोना खरीद सकते हैं।

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कितनी है प्रति ग्राम गोल्‍ड की कीमत

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज के तहत बॉन्ड का इश्यू प्राइस (सोने की कीमत) 5,197 रुपए प्रति ग्राम रखा गया है। वहीं 50 रुपए की छूट ऑनलाइन निवेश करने वालों को दी जाएगी। वहीं पहली सीरीज के दौरान सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्ड का प्राइज इश्‍यू 5,091 रुपए प्रति ग्राम था।

कैसे इस स्‍कीम में कर सकते हैं निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्‍कीम में कॉमर्शियल बैंकों (स्‍माल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक को छोड़कर), स्‍टॉक होल्‍डि‍ंंग कॉपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), पोस्‍ट ऑफिस और स्‍टॉक एक्‍सचेंज व‍िज, नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के माध्‍यम से निवेश या सोने की खरीद कर सकते हैं।

सोने की खरीदारी की लिमिट

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत कोई भी एक ग्राम सोना खरीदकर निवेश की शुरुआत कर सकता है। किसी एक वित्त वर्ष के दौरान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में अधिकतम 4 सोने में निवेश कैसे करें? किलो सोना ही खरीद कर निवेश किया जा सकता है। अविभाजित हिंदू परिवारों और ट्रस्‍टों के लिए ये लिमिट 20 किलो तक है।

क्‍या होता है टेन्‍योर और टैक्‍स

SGB की अवधि आठ साल तय की गई है, जिसमें ब्याज की तारीख पर पांचवें वर्ष के बाद जल्दी रिडीम करने का विकल्प दिया गया है। इस स्‍कीम के तहत प्राप्‍त किया गया धन या ब्‍याज इनकम टैक्‍स एक्‍ट 1961 (43 of 1961) सोने में निवेश कैसे करें? के तहत आएगा। एक व्यक्ति द्वारा इस स्‍कीम के तहत प्राप्त शुरुआती पूंजीगत लाभ पर कर मुक्त है। SGB ​​के हस्तांतरण से प्राप्त होने वाले लॉन्‍ग टर्म कैपिटल लाभ इनडेक्‍सेशन एडवांटेज के लिए पात्र होंगे।

कितना फायदेमंद: कैसे करें बिना प्रॉपर्टी खरीदे रियल एस्टेट में निवेश, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए आप प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहते हैं तो सोने के बाद रियल एस्टेट अच्छा विकल्प है। इसमें लंबी अवधि के लिए निवेश फायदेमंद होता है। हालांकि, रियल्टी में निवेश के लिए प्रॉपर्टी खरीदनी जरूरी नहीं है। बिना इसके भी रियल एस्टेट में कई तरीकों से निवेश कर सकते हैं। पूरा गणित बताती कालीचरण की रिपोर्ट.

प्रॉपर्टी

लंबी अवधि के लिए पैसा लगाना हमेशा फायदेमंद
ईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि अगर कोई अपने आ पोटॅफोलियो में विविधता लाने के लिए प्रॉपर्टी सोने में निवेश कैसे करें? में निवेश करना चाहता है तो सोने के बाद रियल एस्टेट अच्छा विकल्प बन सकता है। इसमें सीधे निवेश या प्रॉपर्टी में पैसा लगाना लंबी अवधि के लिए फायदेमंद है। रियल एस्टेट में निवेश करने के कई विकल्प हैं सीधे प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं या फिर इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड खरीदकर प्रॉपर्टी में अप्रत्यक्ष निवेश कर सकते हैं। रियल एस्टेट म्यूचुअल फंड्स, रीट और फ्रैक्शनल रियल एस्टेट आदि के जरिये भी इस क्षेत्र में पैसे लगा सकते हैं।

  • वह बताते हैं कि निवेश के तरीके बदलने के साथ अब कोई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत भी नहीं है। आपके पास जितनी पूंजी है, उससे ही रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं सीधे रियल एस्टेट में निवेश के बजाय अप्रत्यक्ष तरीके से पैसे लगाकर अधिक लिक्विडिटी का भी फायदा पा सकते हैं।
  • इस समय आवासीय प्रॉपर्टी से किराये के रूप में कमाई कम हो रही है, लेकिन वाणिज्यिक प्रॉपर्टी से आमदनी ठीक है। अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट में निवेश से इसका फायदा उठा सकते हैं।

रीट: इक्विटी की तरह खरीद बिक्री
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) रियल एस्टेट में निवेश का आकर्षक विकल्प है। इसके जरिये निवेशकों से पैसे जुटाकर निवेश होता है। इसमें निवेशकों को उसी अनुपात में यूनिट मिलते हैं, जो एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होते हैं। इनकी खरीद-बिक्री इक्विटी शेयरों जैसी होती है। रीट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की तरह है, जिसका पैसा कई हिस्सों में बांटकर रियल एस्टेट में लगाया जाता है। इसकी 90 फीसदी करयोग्य कमाई को निवेशकों के बीच डिविडेंड के रूप में बांटा जाता है। कमाई मालिकाना हक वाली प्रॉपर्टी से मिलने वाले किराये और कुछ हद तक दाम बढ़ने से होती है। इसमें आप एक यूनिट भी खरीद सकते हैं।

म्यूचुअफ फंड: देश के बाहर भी निवेश
म्यूचुअल फंड- ऑफ-फंड्स के पैसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रीट में निवेश होता है। इसके पैसे अधिकत्तर सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया के रियल एस्टेट में लगाए जाते हैं। इसका मतलब है कि निवेशकों को देश के बाहर भी रीट मार्केट में निवेश का मौका मिलता है, जो अधिक विकसित है।

फ्रैक्शनल रियल एस्टेट पूंजी की रहती है समस्या
फ्रैक्शनल रीयल एस्टेट (एफआरई) असंगठित स्ट्रक्चर है। इसमें रियल एस्टेट कारोबार या सर्विसेज की कंपनी कई निवेशकों से लीगल दस्तावेजों के जरिये पैसे जुटाकर किसी संपत्ति में निवेश करती है। यह रीट की तरह है, लेकिन दोनों में अंतर है कि एफआरई के तहत एक्सचेंज पर यूनिट सूचीबद्ध नहीं होते। इसमें लिक्विडिटी की समस्या आती है। हालांकि, इसमें प्रॉपर्टी को जानने का अधिक मौका मिलता है।

विस्तार

लंबी अवधि के लिए पैसा लगाना हमेशा फायदेमंद


ईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि अगर कोई अपने आ पोटॅफोलियो में विविधता लाने के लिए प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहता है तो सोने के बाद रियल एस्टेट अच्छा विकल्प बन सकता है। इसमें सीधे निवेश या प्रॉपर्टी में पैसा लगाना लंबी अवधि के लिए फायदेमंद है। रियल एस्टेट में निवेश करने के कई विकल्प हैं सीधे प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं या फिर इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड खरीदकर प्रॉपर्टी में अप्रत्यक्ष निवेश कर सकते हैं। रियल एस्टेट म्यूचुअल फंड्स, रीट और फ्रैक्शनल रियल एस्टेट आदि के जरिये भी इस क्षेत्र में पैसे लगा सकते हैं।

    वह बताते हैं कि निवेश के तरीके बदलने के साथ अब कोई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत भी नहीं है। आपके पास जितनी पूंजी है, उससे ही रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं सीधे रियल एस्टेट में निवेश के बजाय अप्रत्यक्ष तरीके से पैसे लगाकर अधिक लिक्विडिटी का भी फायदा पा सकते हैं।

रीट: इक्विटी की तरह खरीद बिक्री
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) रियल एस्टेट में निवेश का आकर्षक विकल्प है। इसके जरिये निवेशकों से पैसे जुटाकर निवेश होता है। इसमें निवेशकों को उसी अनुपात में यूनिट मिलते हैं, जो एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होते हैं। इनकी खरीद-बिक्री इक्विटी शेयरों जैसी होती है। रीट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की तरह है, जिसका पैसा सोने में निवेश कैसे करें? कई हिस्सों में बांटकर रियल एस्टेट में लगाया जाता है। इसकी 90 फीसदी करयोग्य कमाई को निवेशकों के बीच डिविडेंड के रूप में बांटा जाता है। कमाई मालिकाना हक वाली प्रॉपर्टी से मिलने वाले किराये और कुछ हद तक दाम बढ़ने से होती है। इसमें आप एक यूनिट भी खरीद सकते हैं।

म्यूचुअफ फंड: देश के बाहर भी निवेश
म्यूचुअल फंड- ऑफ-फंड्स के पैसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रीट में निवेश होता है। इसके पैसे अधिकत्तर सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया के रियल एस्टेट में लगाए जाते हैं। इसका मतलब है कि निवेशकों को देश के बाहर भी रीट मार्केट में निवेश का मौका मिलता है, जो अधिक विकसित है।

फ्रैक्शनल रियल एस्टेट पूंजी की रहती है समस्या
फ्रैक्शनल रीयल एस्टेट (एफआरई) असंगठित स्ट्रक्चर है। इसमें रियल एस्टेट कारोबार या सर्विसेज की कंपनी कई निवेशकों से लीगल दस्तावेजों के जरिये पैसे जुटाकर किसी संपत्ति में निवेश करती है। यह रीट की तरह है, लेकिन दोनों में अंतर है कि एफआरई के तहत एक्सचेंज पर यूनिट सूचीबद्ध नहीं होते। इसमें लिक्विडिटी की समस्या आती है। हालांकि, इसमें प्रॉपर्टी को जानने का अधिक मौका मिलता है।

Investment in Gold: वर्तमान में सोने में निवेश करना चाहिए, क्या होनी चाहिए आपकी स्ट्रेटजी?

टाइम्स नाउ डिजिटल

सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प है, जिससे आपके निवेश पोर्टफोलियो को स्थिरता मिल सकती है। लेकिन, इसे केवल निवेश के नजरिए से इस्तेमाल करने की बजाए, एक हैजिंग विकल्प माना जाना चाहिए। यहां पर कुछ निवेश स्ट्रेटजी बताई गई है जिन पर सोने में निवेश करते समय विचार किया जाना चाहिए।

Should you invest in gold in present, what should be your strategy?

वर्ष 2020 में अपनी सर्वाधिक उच्च कीमतों को छूने के बाद सोने की कीमतों में करीब 20% की गिरावट हुई है और यह मार्च 2021 में प्रति 10 ग्राम 46,000/- हो गई थीं। जब भारत में महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप था, तो सोने की कीमतों में फिर से तेजी आई थी और पूरी दुनिया में जब भू-राजनैतिक तनाव व्याप्त था, उस समय इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। वर्तमान समय में 57,000/- रुपये प्रति 10 ग्राम की ऐतिहासिक रूप से उच्च कीमत की तुलना में सोने की कीमत उससे करीब 10% कम है।

पिछले दो वर्षों के दौरान सोने की कीमतों में होने वाली मूवमेंट इस बात की ओर मजबूती से इशारा कर रही है कि अनिश्चितता के समय सोना एक पसंदीदा निवेश बन जाता है, और इसी पैटर्न की वजह से इसकी कीमत में तेजी आती है। हाल के महीनों में, ईक्विटी मार्केट में तेजी और केन्द्रीय बैंक द्वारा मुद्रा-स्फीति को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों की वजह से सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। लेकिन ये कीमतें उच्चतम स्तर से दूर नहीं हैं।

इसलिए, वर्तमान स्थिति में, जब सोने की कीमतें ऐतिहासिक रूप से उच्चतम सीमा से कम हैं, तो क्या आपको निवेश करना चाहिए? यदि हां, तो आपकी स्ट्रेटजी क्या होनी चाहिए? जब बात पैसे को सुरक्षित रखने और उसे बढ़ाने की बात की जाती है, तो सोना सदियों से एक विश्वसनीय सम्पत्ति रहा है। जब रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न की बात की जाती है, आपके पोर्टफोलियो में सोने की मौजूदगी मुश्किल समय में आपके रिटर्न को संतुलित कर सकती है।

क्या वर्तमान में आपको सोने में निवेश करना चाहिए?

जब कीमतें ऐतिहासिक रूप से उच्च कीमतों में तुलना में कम हों, तो सोने में निवेश पर विचार किया जा सकता है। वर्तमान में, पूरे विश्व में स्टैगफ्लेशन (मुद्रा-स्फीति के कारण होने वाली मंदी) के प्रति चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को पूर्व-महामारी के स्तर के समकक्ष आर्थिक गतिविधियों को शुरु करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बात पर विचार करते हुए, सोने की निवेश सम्पत्ति के तौर पर मांग बनी रहने की संभावना नज़र आती है।

इस प्रकार, सोने में अल्प से मध्यम निवेश सकारात्मक नज़र आता है। लेकिन, ऐसा कहने के बाद, ऐसा नहीं है कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव या करेक्शन नहीं होते हैं। इसलिए, सोने में अपने निवेश की टाईमिंग करने की बजाए, इस बात की सलाह दी जाती है कि आप दीर्घकालिक विचार के साथ सोने में छोटी-छोटी राशि का निवेश करते रहें। ऐसे चरणों में जब सोने की कीमतों में 5-10% या अधिक की करेक्शन आती है, तो ऐसी करेक्शन के समय अधिक निवेश किया जा सकता है।

सोने में निवेश करने की आपकी स्ट्रेटजी क्या सोने में निवेश कैसे करें? होनी चाहिए?

सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प है, जिससे आपके समग्र निवेश पोर्टफोलियो को स्थिरता मिल सकती है। लेकिन, इसे केवल निवेश के नज़रिए से इस्तेमाल करने की बजाए, एक हैजिंग विकल्प माना जाना चाहिए। यहां पर कुछ निवेश स्ट्रेटजी की चर्चा की गई जिन पर सोने में निवेश करते समय विचार किया जाना चाहिए:

1. सम्पत्ति आंवटन सोने में निवेश की बात करते समय, सम्पत्ति का आवंटन महत्वपूर्ण होता है। आदर्श रूप से, सोने में निवेश आपके पूरे पोर्टफोलियो का 10% निवेश के बराबर होना चाहिए, जिसमें आप 5% आवंटन के साथ शुरूआत कर सकते हैं तथा धीरे धीरे इसे 10% तक बढ़ा सकते हैं। यदि आप बिलकुल ही जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं और रूढ़िवादी निवेशक हैं, तो सोने में अपने निवेश को अधिकतम 15% तक बनाए रखने का लक्ष्य तय करें। एग्रेसिव निवेशकों को केवल सोने की कीमतों में करेक्शन ही समय 15% आवंटन पर विचार करना चाहिए। इससे अधिक निवेश करने की कभी भी सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे सम्पदा सृजन की यात्रा में रूकावट पैदा हो सकती है और अन्य सम्पदा-सृजन करने वाले इस्ट्रुमेंट्स में निवेश न करने से अन्यथा मिलने वाले बेहतर अवसरों से आप वंचित रह सकते हैं।

2. फिजिकल गोल्ड खरीदने से बचें

जब तक ज्वैलरी या गहनों की आवश्यकता न हो, निवेश के लिए फिजिकल गोल्ड- सिक्के या बार आदि खरीदने से बचें। न केवल फिजिकल गोल्ड के साथ चोरी होने का जोखिम जुड़ा रहता है बल्कि इसे स्टोर करना भी जटिल काम है। इसके साथ लिक्विडिटी की भी समस्या हो सकती है। उदाहरण के लिए, मैं कभी भी निवेश के लिए नहीं बल्कि उपहार देने के लिए फिजिकल गोल्ड खरीदता हूं। यदि आपको फिजिकल गोल्ड में निवेश करना ही है, तो सुनिश्चित करें कि आप ओरिजनल बिल्स और खरीद की रसीदें अपने पास स्वामित्व के साक्ष्य के तौर पर रखते हैं।

3. डिजिटल गोल्ड इंस्ट्रुमेंट का विकल्प चुनें

वर्तमान में गोल्ड से संबंधित अनेक इनोवेटिव निवेश तरीके ऑनलाइन उपलब्ध हैं, इसलिए निवेशक सोने में डिजिटल रूप से निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड फंड्स, तथा साव्रिन गोल्ड बॉंड्स (एसजीबी) ऐसे तीन निवेश हैं जिनको डाक्यूमेंट किया जाता है, और गोल्ड की वैल्यू के अनुसार ही इनकी वैल्यू तय की जाती है। इस तरह से निवेश से आपको फिजिकल गोल्ड में निवेश करने की सुविधा मिलती है, लेकिन उससे जुड़े जोखिमों से आपको राहत मिल जाती है।

सफल वित्तीय पोर्टफोलियो के लिए डायवर्सिफिकेशन का बहुत महत्व होता है। यदि आप अपने पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करना चाहते हैं, तो ऐसा डिजिटल गोल्ड निवेश के जरिए करें और अपने निवेश के स्तर को 5-10% तक सीमित रखें।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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