बेयर मार्केट क्या है?

नोट: शेयर मार्किट जोखिमों के अधीन है इसमें इन्वेस्ट करने से पहले खुद की रिसर्च करें और किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
What is the Bull and Bear market in Hindi? | बुल और बेयर मार्केट क्या है?
अगर आप शेयर बाज़ार से जुड़े हुए है तो आपने कभी न कभी बुल बाज़ार (Bull Market) और बेयर बाज़ार(Bear market) के बारे में सूना ही होगा| लेकिन क्या आप जानते है इसका सही अर्थ क्या है इसे कैसे देखा जाता है और इन दोनों के बीचा अंतर क्या है| अगर आप नहीं जानते तो यह लेख पूरा पढ़े क्योंकि यहाँ पर हमने आपके लिए आसान भाषा(Hindi) में बुल बाज़ार (Bull Market) और बेयर बाज़ार(Bear market) को समजाय है|
सामान्य तौर पर बाज़ार का रुख हमेशा ही ऊपर की और होता है जिससे निवेशक पैसे कमाते है| जैसे की अगर आपने किसी शेयर में पैसे लगाए और उस शेयर की कीमत बढ़ने की वजह से आपको लाभ हुआ | यह बुल मार्केट कहलाता है जहा शेयर मार्केट के पॉइंट या शेयर के प्राइस बढ़ने से लोगो को लाभ होता है|
उदाहरण के रूप में अगर आपने किसी शेयर को 100 रुपये में लिया| अब कुछ कारण या अफवाह से इस शेयर की प्राइस बढ़कर 200 रुपये हो गयी| ऐसे में आपको प्रति शेयर 100 रुँपये का बड़ा लाभ हुआ| किसी भी शेयर की बढाती कीमतों से लाभ होता है तो उसे बुल मार्केट कहा जाता है|
What is Bear Market in Hindi?(बेयर मार्केट क्या है?)
यह बाजार के सामान्य रुख से विपरीत है| बेयर मार्केट में पैसा तब कमाया जाता है जब बाज़ार का रुख निचे की तरह हो| यहाँ पर शेयर की price कम होने पर लाभ होता है| बेयर मार्किट में शेयर की प्राइस जब घटती है तब मुनाफा अधिक होता है|
उदहारण के रूप में देखे तो इसमे शेयर खरीदने की जगह पहले बेचे जाते है| जैसे की अगर एक शेयर है जिसकी अभी की कीमत 100 रुपये है| अभी आपके पास यह शेयर नहीं है लेकिन आपको लगता है की आगे जाके इस शेयर की कीमत कम होने वाली है| अब आपने इस धारणा पर किसी व्यक्ति को एक शेयर बेच दिया| अभी आपके पास शेयर नहीं है लेकिन डिलीवरी देने के समय पहले जब भी शेयर की कीमत कम हो तब उसे खरीदकर जिसे बेचा था उसे डिलीवरी कर देना बेयर मार्किट है|
हमारे किस्से में हमने 100 रुपये में शेयर बेचा था| बाज़ार में उस शेयर की कीमत दुसरे या डिलीवरी देने से पहले घटकर 75 रुपये हो गयी| ऐसे में आपने जब बेचा तो खरीददार से 100 रुँपये लिया और आपने उसे 75 रुपये में खरीदा| मतलब की यह 25 रुपये का अंतर बेयर मार्किट में प्रॉफिट को दर्शाता है|
इसे बुल और बेयर मार्केट क्यों कहते है?
इन बाजारों को जानवर के नाम से बुलाने के पीछे इन जानवरों का स्वाभाव कारण माना जाता है| बुल काफी अग्रेसिवे स्वाभाव का होता है और वह जब भी किसी पर हमला करता है तब वह उसे ऊपर की औरर उछालता है| इसी लिए जब भी शेयर मार्केट ऊपर की और उछलता है तो उसे बुल मार्किट कहा जाता बेयर मार्केट क्या है? है|
बेयर यानी भालू यह बहोत से समय शांत रहता है यह जब भी अपने शिकार पर हमला करता है तब वह अपने पंजेका इस्तमाल करता है| पंजे के द्वारा वह शिकार पर ऊपर से हमला करता है निचे की तरफ| इसी लिए शेयर मार्केट जब निचे की तरफ जा रहा हो तब उसे बेयर मार्केट कहा हाता है|
बुल मार्केट और बेयर मार्किट क्या है? शेयर मार्किट [2022] | What is Bull & Bear in Share Market in Hindi?
निवेश की दुनिया में, “बैल (Bull)” और “भालू (Bear)” शब्द अक्सर बाजार की स्थितियों को संदर्भित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये शब्द वर्णन करते हैं कि शेयर बाजार सामान्य रूप से कैसा कर रहे हैं – अर्थात, वे मूल्य में बढ़ रहे हैं या कम हो रहे हैं और एक निवेशक के रूप में, बाजार की दिशा एक प्रमुख शक्ति है जिसका आपके पोर्टफोलियो पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, यह समझना (Meaning of Bull & Bear Market in Hindi) महत्वपूर्ण है कि इनमें से प्रत्येक बाजार की स्थिति आपके निवेश को कैसे प्रभावित कर सकती है – What is Bull & Bear in Share Market in Hindi?
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बुल मार्केट और बेयर मार्किट क्या है? – What is Bull & Bear in Share Market in Hindi?
एक बुल बाजार (Bull Market) एक ऐसा बाजार है जो बढ़ रहा है और जहां अर्थव्यवस्था की स्थितियां आम तौर पर अनुकूल होती हैं। बेयर बाजार (Bear Market) एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जो घट रही है और जहां अधिकांश शेयरों का मूल्य घट रहा है। चूंकि वित्तीय बाजार निवेशकों के दृष्टिकोण से काफी प्रभावित होते हैं, इसलिए ये शर्तें यह भी दर्शाती हैं कि निवेशक बाजार और आने वाले आर्थिक रुझानों के बारे में कैसा महसूस करते हैं।
कीमतों में निरंतर वृद्धि से एक बुल बाजार का संकेत मिलता है। इक्विटी बाजारों के मामले में, बुल मार्केट कंपनियों के शेयरों की कीमतों में वृद्धि को दर्शाता है। ऐसे समय में, निवेशकों को अक्सर विश्वास होता है कि लंबी अवधि में अपट्रेंड जारी रहेगा। इस परिदृश्य में, देश की अर्थव्यवस्था आम तौर पर मजबूत होती है और रोजगार का स्तर ऊंचा होता है।
बुल और बेयर बाजारों की विशेषताएं – Properties of Bull & Bear Market in Hindi?
हालांकि एक बैल (बुल) बाजार या एक भालू (बेयर) बाजार की स्थिति शेयर की कीमतों की दिशा से चिह्नित होती है, कुछ साथ की विशेषताएं हैं जिनके बारे में निवेशकों को अवगत होना चाहिए।
प्रतिभूतियों की आपूर्ति और मांग
बुल मार्केट में सिक्योरिटीज की मजबूत मांग और कमजोर आपूर्ति होती है। दूसरे शब्दों में, कई निवेशक प्रतिभूतियों को खरीदना चाहते हैं, लेकिन कुछ उन्हें बेचने को तैयार हैं। नतीजतन, शेयर की कीमतें बढ़ेंगी क्योंकि निवेशक उपलब्ध इक्विटी प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।
एक भालू बाजार में, विपरीत सच है: अधिक लोग खरीदने से ज्यादा बेचने की तलाश में हैं। आपूर्ति की तुलना में मांग काफी कम है और परिणामस्वरूप, शेयर की कीमतें गिरती हैं।
निवेशक मनोविज्ञान
चूंकि बाजार का व्यवहार प्रभावित होता है और यह निर्धारित करता है कि व्यक्ति अपने व्यवहार को कैसे समझते हैं और प्रतिक्रिया करते हैं, निवेशक मनोविज्ञान और भावना प्रभावित करती है कि बाजार बढ़ेगा या गिर जाएगा। शेयर बाजार का प्रदर्शन और निवेशक मनोविज्ञान परस्पर निर्भर हैं। बुल मार्केट में, निवेशक स्वेच्छा से लाभ प्राप्त करने की आशा में भाग लेते हैं।
बुल और बेयर मार्किट में क्या करें? – What to do in Bull & Bear Market in Hindi?
एक बुल मार्केट में, एक निवेशक के लिए आदर्श बात यह है कि बढ़ती कीमतों का फायदा उठाने के लिए प्रवृत्ति में जल्दी स्टॉक खरीद लें (यदि संभव हो तो) और फिर जब वे अपने चरम पर पहुंच जाएं तो उन्हें बेच दें।
बुल मार्केट के दौरान, कोई भी नुकसान मामूली और अस्थायी होना चाहिए; एक निवेशक आम तौर पर सक्रिय रूप से और आत्मविश्वास से अधिक इक्विटी में निवेश कर सकता है जिसमें वापसी की उच्च संभावना होती है।
एक भालू बाजार में, हालांकि, नुकसान की संभावना अधिक होती है क्योंकि कीमतें लगातार मूल्य खो रही हैं और अंत अक्सर दृष्टि में नहीं होता है। यहां तक कि अगर आप तेजी की उम्मीद के साथ निवेश करने का फैसला करते हैं, तो भी कोई बदलाव होने से पहले आपको नुकसान होने की संभावना है। इस प्रकार, अधिकांश लाभप्रदता कम बिक्री या सुरक्षित निवेश में पाई जा सकती है, जैसे कि निश्चित आय वाली प्रतिभूतियां।
निष्कर्ष
एक बेयर मार्केट तब होता है जब किसी निवेश की कीमत किसी निश्चित अवधि में कम से कम 20% गिर हो जाती है। हालांकि, निवेशक घबराएं नहीं और ऐसी परिस्थितियों में बचे रहने के लिए कुछ रणनीतिक योजनाओं का पालन करें। बेयर मार्केट कई कारणों से बेयर मार्केट क्या है? हो सकता है। हालांकि, इससे निकलने के अन्य तरीके भी हैं।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य वित्तीय उद्देश्यों के लिए है। आपको इसे किसी कानूनी, कर निर्धारण, निवेश या इंश्योरेंस संबंधी सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। वित्तीय निर्णय समय आपको अलग, स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए।
बेयर मार्केट क्यों होता है?
अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव: कुछ राजनीतिक निर्णयों के कारण कंपनी के प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस प्रकार, यह किसी कंपनी के निवेश को भी प्रभावित कर सकता है।
ग्लोबल माइंडसेट के कारण उतार-चढ़ाव: देशों की एक दूसरे पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है। इसलिए, किसी अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक देश में उतार-चढ़ाव दूसरों को भी प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए, चीन और अमेरिका के बीच संघर्ष के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई। दो सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक शक्तियों, रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा संघर्ष ने भारतीय आयात और निर्यात में उतार-चढ़ाव को जन्म दिया है। इस प्रकार, इसके कारण सेंसेक्स के अंकों में गिरावट आई है।
आइए इनमें से कुछ का पता लगाएं:
- बिना सोचे समझे कुछ भी करने से बचें: बेयर मार्केट से गुजरते समय, निवेशकों को इससे बाहर निकलने के लिए लुभाया जा सकता है जब तक कि एसेट फिर से स्थिर नहीं हो जाता है। हालांकि, यह सबसे खराब विकल्प हो सकता है क्योंकि आपको अपनी पूंजी स्थायी रूप से गंवानी पड़ सकती है।
- नियमित रूप से निवेश करने का प्रयास करें: यदि आप मार्केट की स्थितियों पर ध्यान दिए बिना नियमित रूप से बाजार में निवेश करते हैं, तो आपके अधिक उचित मूल्य पर इक्विटी खरीदने की अधिक संभावना होती है। आपके पोर्टफोलियो में नियमित रूप से योगदान करने की इस पद्धति को रुपया-लागत औसत के रूप में जाना जाता है। हाल ही में मार्केट में बेयर मार्केट क्या है? गिरावट के दौरान यह व्यवस्थित निवेश पद्धति कारगर साबित हुई है।
- अवसरों की तलाश करें: यदि बाजार में गिरावट आती है, तो कई अन्य विकल्प, जैसे कि डिफेंसिव स्टॉक्स, कंज़्यूमर स्टेपल, बेहतर गुणवत्ता वाली बैलेंस शीट वाली फर्म और व्यवसाय, रणनीतिक अवसर प्रदान कर सकते हैं। आप उच्च डिवीडेंट वाले स्टॉक्स की भी तलाश कर सकते हैं
'बैल और भालू' (बुल और बेयर) शब्द किसके साथ जुड़े हैं?
एक स्टॉक मार्केट , इक्विटी मार्केट, या शेयर बाजार खरीदारों और स्टॉक के विक्रेताओं (जिसे शेयर भी कहा जाता है) का एकत्रीकरण है, जो व्यवसायों पर स्वामित्व के दावों का प्रतिनिधित्व करता है; इनमें सार्वजनिक स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध प्रतिभूतियां, साथ ही साथ स्टॉक केवल निजी तौर पर कारोबार करने वाली कंपनियों जैसे कि निजी कंपनियों के शेयर शामिल हो सकते हैं।
- बुल बाजार एक बाजार है जो बढ़ रहा है और आर्थिक रूप से मजबूत है, जबकि बेयर बाजार एक बाजार है जो गिर रहा है, जहां अधिकांश स्टॉक मूल्य में गिरावट कर रहे हैं। एक दूसरा स्पष्टीकरण संबंधित है शुरुआती स्टॉक मार्केट प्रतिभागियों से और वे एक उछाल या गिरावट से कैसे लाभ उठा सकते हैं।
- सट्टेबाज परिष्कृत निवेशक या व्यापारी हैं जो कम समय के लिए संपत्ति खरीदते हैं और उनकी कीमत में बदलाव से लाभ के लिए रणनीतियों को नियुक्त करते हैं। सट्टेबाज बाजारों के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे तरलता लाते हैं और बाजार के जोखिम का अनुमान लगाते है।
- बेयर एक सट्टेबाज है, जो प्रतिभूतियों की कीमत में गिरावट की आशंका करता है। वह भविष्य की डिलीवरी के लिए प्रतिभूतियाँ बेचता है। वह प्रति-भूतियाँ बेचता है जो उसके पास नहीं हैं, यह सोचकर की डिलीवरी की तारीख से पहले कम कीमत पर प्रतिभूतियों को खरीद लेगा। भारत में, बेयर को मंडीवाला के रूप में भी जाना जाता है।
- बुल एक शेयर बाजार का सट्टेबाज है जो इस उम्मीद में स्टॉक में होल्डिंग खरीदता है कि बहुत ही कम समय में यह मूल्य में वृद्धि करेगा जहां वे लेनदेन पर त्वरित लाभ कमाने के लिए स्टॉक बेचेंगे।
Stock Tips: विदेशी निवेशक संकट के दौर में नहीं देते बाजार का साथ, मार्क मैथ्यूज बता रहे हैं मार्केट की मजबूती की वजह
शेयर बाजार में निवेश करने वाले घरेलू निवेशक ही अपने बाजार को मजबूती देने में सफलता हासिल कर सकते हैं.
मार्क मैथ्यूज ने कहा है कि विदेशी निवेशक किसी संकट के दौर में शेयर बाजार को छोड़कर भाग जाते हैं. शेयर बाजार में निवेश करने वाले घरेलू निवेशक ही अपने बाजार को मजबूती देने में सफलता हासिल कर सकते हैं.
जुलियस बेयर ने कहा है कि शेयर बाजार इस समय आर्थिक मंदी को प्राइस इन नहीं कर पा रहा है, अन्यथा बॉन्ड यील्ड में कमजोरी देखी जाती. शेयर बाजार स्लोडाउन को प्राइस इन कर रहा है, लेकिन उस हिसाब से बाजार में कमजोरी नहीं देखी जा रही है. अमेरिकी इकोनॉमी ब्याज दरें बढ़ाने के मामले में काफी आक्रामक है और फेडरल रिजर्व के कदमों की वजह से अब तक शेयर बाजार पर इसका काफी असर देखा जा चुका है.