ईश्वर के दलाल

गीता दर्शन -अखण्डानन्द सरस्वती पृ. 1093
भागवत के मूल में यह बात कही कि भगवान अपना अन्त नहीं जानता। तय यह हुआ कि भगवान अज्ञानी हुआ। नहीं, अज्ञानी नहीं हुआ। यदि अन्त होता और ईश्वर न जानता तो अज्ञानी होता। जब अन्त है ही नहीं तो ईश्वर कैसे जाने? अन्त को न जानना ही ज्ञान है। ईश्वर क्या नहीं कर सकता, यह हम बतावें? ईश्वर दूसरा ईश्वर नहीं बना सकता। यदि ईश्वर दूसरा ईश्वर बनावेगा तो बनावटी ईश्वर पहले तो था ही नहीं। जो पहले ईश्वर था वह अभी ईश्वर है, आगे ईश्वर रहेगा और वह बीच में बनाया गया होगा। नित्य ईश्वर अपने को मार नहीं सकता-ईश्वर कहे कि-हमारी मौत हो जावे, नहीं हो सकती। ईश्वर के किये भी नहीं हो सकती। यह जो ईश्वर का विस्तार है, इस विस्तार को स्वयं ईश्वर भी नहीं जानता।
अब हम आपको एक-एक नाम लेकर बतावें, तो जो नाम लेकर बताने में स्वयं ईश्वर ही हार गया है, उनके नामों की गिनती हम कैसे करेंगे?
नान्तोऽस्ति मम दिव्यानां विभूतीनां परन्तप।
एष तूद्देशतः प्रोक्तो विभूतेर्विस्तरो मया।। [1]
यह तो नाम गिना दिया। केवल उद्देश्य मात्र। एक गणना कर दी। दिग्दर्शन करा दिया। यह विभूति है, यह विभूति है। जब सब विभूति है तो उसकी गणना कहाँ करें? ऐसा समझो कि एक लड़की का पिता लड़का देखने गया। पहले उसने देखा कि उसके पास धन-सम्पदा कितनी है? यह विभूति हो गयी। यह दसवें अध्याय में हैं और फिर ग्यारहवें अध्याय में देखा उसने-उसकी विशालता-उसका विस्तार कितना है? उसका व्यक्तितव कितना बड़ा है? ये आसपास से जान लिया। फिर तो महाराज, उससे प्रेम हो गया। यह बारहवाँ अध्याय है। भक्ति हो गयी। वह बड़ा वैभवशाली है-बड़ा विराट है, यह तो भक्ति करने योग्य है। फिर तेरहवें अध्याय में उससे पहचान हो गयी। उसका ज्ञान हो गया। और चौदहवें अध्याय में उसका उसके सिवाय जो कुछ था उसको छोड़ दिया। गुणत्रय-विभाग हो गया। पन्द्रहवें अध्याय में पुरुषोत्तम-योग हो गया। उससे विवाह हो गया। पन्द्रहवें अध्याय में बेटी बिलकुल ब्याह दी।
यह गीता का क्रम देखो। दसवें अध्याय से लेकर पन्द्रहवें अध्याय तक! वैसे सारा ही क्रम रहस्यपूर्ण होता है लेकिन अभी उस पर कहने का समय नहीं है। यह आपने वैभव देखा। अब कोई तो पड़ोसी से पूछा गया, कोई दलाल से पूछ गया। अर्जुन ने कहा हम पड़ोसी या दलाल की बात नहीं मानते हैं। यदि कोई झूठा वैभव बताता हो तो उसकी बात पर विश्वास न करके, पड़ोसी से पता लगाया जाता है। अब तुम तो स्वयं यहाँ मौजूद हो। अपने मुँह से ही बता दो कि तुम्हारे पास क्या-क्या वैभव है?
Prostitution In Raipur: देह व्यापार करती पांच युवतियों सहित दलाल गिरफ़्तार
रायपुर। Prostitution In Raipur: राजधानी रायपुर के ईश्वर नगर स्थित मकान पर देर रात पुलिस ने दबिश देकर देह व्यापार के अपराध में एक पुरुष दलाल समेत पांच युवतियों को गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई सभी युवतियां ईश्वर नगर, रावभाठा बंजारी, गुढ़ियारी बाजारपारा,कचना हाउसिंग बोर्ड और गोबरा नवापारा की रहने वाली। आरोपित जागेश्वर साहू सहित पांचों युवतियों पर पीटा एक्ट की धाराओं के तहत पुलिस ने अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई टिकरापारा थाना पुलिस की है।
मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि थाना टिकरापारा क्षेत्रांतर्गत ईश्वर नगर नहरपार स्थित मकान में एक महिला दलाल द्वारा अनैतिक देह व्यापार संचालित किया जा रहा है। सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले के निर्देशन में नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती मनोज ध्रुव एवं थाना टिकरापारा पुलिस की टीम द्वारा पुलिस के प्वाइंटर को नगदी 1,000 रुपये देकर महिला दलाल से सौदा तय हो जाने पर मौका देखकर इशारा करने कहकर भेजा गया।
प्वाइंटर ईश्वर के दलाल द्वारा उक्त मकान में जाकर सौदा तय हो जाने पर पुलिस की टीम को इशारा किया गया। इस पर टीम द्वारा मकान में दबिश दी गई, जहां कमरे में कुछ महिलाएं बैठी थीं तथा एक बंद कमरे में एक महिला व पुरुष आपत्तिजनक स्थिति में पाए गए। टीम द्वारा महिला दलाल से इस संबंध में कड़ाई से पूछताछ करने पर उसके द्वारा अपने मकान में अन्य महिलाओं एवं ग्राहक बुलाकर देह व्यापार का संचालन करना स्वीकार किया गया।
दबिश की कार्यवाही के दौरान नगदी 12,500 ईश्वर के दलाल रुपये एवं आपत्तिजनक सामान जब्त करके देह व्यापार में संलिप्त महिलाओं एवं ग्राहक सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही आरोपियों के विरूद्ध थाना टिकरापारा में अपराध क्रमांक 209/21 धारा 4, 5, 7 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 (सिट अधिनियम पुननिर्मित) का अपराध पंजीबद्ध कर अग्रिम कार्यवाही की गई है।
जाटों ने सरकार के खिलाफ फिर से खोला मोर्चा
जींद : आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर जाटों ने सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति अध्यक्ष मंडल हरियाणा के बैनर तले जाटों ने जींद की धरा से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर इस बात की हुंकार भरी है कि इस बार हक के बिना आंदोलन किसी […]
जींद : आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर जाटों ने सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति अध्यक्ष मंडल हरियाणा के बैनर तले जाटों ने जींद की धरा से अनिश्चितकालीन धरना ईश्वर के दलाल ईश्वर के दलाल शुरू कर इस बात की हुंकार भरी है कि इस बार हक के बिना आंदोलन किसी भी सूरत में समाप्त नहीं होगा। लघु सचिवालय के बाहर कामरेड हवासिंह सांगवान की अध्यक्षता में आयोजित इस धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश संयोजक भरत सिंह बैनीवाल, जिला प्रधान वीरभान ढुल, दिलबाग सिंह दलाल, प्रैस प्रवक्ता महेंद्र सिंह जागलान, किताब सिंह भनवाला, कैप्टन प्रताप सिंह, ईश्वर कंडेला, जयनारायण जिलेदार, सुरेंद्र दलाल, रामफल गुलिया, डॉ. दलबीर बीबीपुर, पालाराम सहित अनेकों चौधरियों ने सरकार पर वायदाखिलाफी व विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए जमकर कोसा।
वीरभान ढुल ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते हुए जाट समाज के साथ न्याय नहीं किया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेेंगे। उन्होंने कहा कि जाटों समेत 6 जातियों को आरक्षण देना, जेलों में बंद समाज के सभी युवाओं को रिहा करना, आंदोलन के दौरान मरने वाले लोगों के आश्रित परिवारों के एक-एक सदस्य को पक्की नौकरी देना तथा भाईचारे को तोडऩे-बिगाडऩे वाले कुरूक्षेत्र सांसद राजकुमार सैनी, रोशनलाल आर्य, मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर प्यारेलाल, ईश्वर गिल, राज सिंह, दलजीत पंघाल, जोगेंद्र तालू, सोमवीर, कर्मबीर, बलवान, प्रो. बलवान, होशियार सिंह, हरदेव सिंह, प्यारेलाल देशवाल, नफेसिंह आदि चौधरियों ने सरकार को खरी-खोटी सुनाई।
हरिद्वार में किसान ने की आत्महत्या, बैंक से मिला लोन हड़प गया था दलाल
लक्सर में 65 साल के किसान ईश्वर चंद से बैंक के कर्ज़ को लेकर धोखा किया गया था और बैंक उन पर कर्ज़ वापसी के लिए दबाव बना रहे थे.
लोन का पैसा आते ही दलाल ने चेक से सारी रकम निकाल ली. किसान को एक रुपया भी नहीं मिला था.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated : April 08, 2019, 17:02 IST
बीजेपी-कांग्रेस के घोषणा पत्रों में किसानों को 6000, 72000 रुपये सालाना दिए जाने और 60 साल से ऊपर ईश्वर के दलाल कि किसानों को देने की योजनाओं के बीच आज हरिद्वार में एक किसान ने आत्महत्या कर ली. लक्सर में 65 साल के किसान ईश्वर चंद से बैंक के कर्ज़ को लेकर धोखा किया गया था और बैंक उन पर कर्ज़ वापसी के लिए दबाव बना रहे थे. आज सुबह उन्होंने ज़हरीला पदार्थ खा लिया जिससे उनकी मौत हो गई.
लक्सर के ढाढेकी गावं के ईश्वर चंद को बैंक से 5 लाख रुपये का कृषि कार्ड लोन दिलाने के नाम पर धोखा दिया गया था. ईश्वर चंद को एक दलाल ने बैंक से लोग दिलवाने का दावा किया था. लोन दिलवाते समय दलाल ने किसान से ब्लैंक चेक ले लिया था. लोन का पैसा आते ही दलाल ने चेक से सारी रकम निकाल ली. किसान को एक रुपया भी नहीं मिला था.
दूसरी तरफ़ बैंक ने किसान पर कर्ज़ वापसी के लिए दबाव बनाया हुआ था. आज इसी मामले में पेशी भी थी. बैंक के दबाव से परेशान होकर आज किसान ने सल्फास खा लिया. पुलिस को किसान की जेब से एक स्युसाइड नोट भी बरामद हुआ है. इसमें धोखाधड़ी करने वाले दलाल का नाम लिखकर उसे आत्महत्या के जिम्मेदार ठहराया है.
पुलिस ने भी स्युसाइड नोट मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि इसमें लगाए गए आरोप की जांच की जा रही है. बताया जा रहा है कि स्युसाइड नोट के आधार पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी भी है. लेकिन किसानों के साथ धोखाधड़ी में संबंधित बैंककर्मियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है.
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