पूंजीगत लाभ

पूंजीगत लाभ पर कैसे लगता है आयकर
जागरण संवाद केंद्र, करनाल : आयकर अधिनियम की धारा 45 के अनुसार वर्ष में किसी पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले लाभ पर पूंजीगत लाभ शीर्षक के अंतर्गत कर लगाया जाता है। इसके बारे में बता रहे हैं अखिल भारतीय कर व्यवसायी संघ के सदस्य शक्ति सिंह एडवोकेट।
अल्पकालीन और दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर आयकर अलग-अलग ढंग से लगाया जाता है। अल्पकालीन पूंजीगत लाभ को पूंजीगत लाभ करदाता की अन्य आय में शामिल किया जाता है और उसकी कुल आय पर लागू दरों के अनुसार आयकर लगाया जाता है। दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ को करदाता की अन्य आय में शामिल नहीं किया जाता, बल्कि उस पर अलग से अधिनियम की धारा 112 के अनुसार आयकर की विशेष दर से सीधा कर लगाया जाता है। इसमें किसी प्रकार की कोई छूट उपलब्ध नहीं है। कर की दर निम्न प्रकार से होगी।
0 एक निवासी व्यक्ति और एचयूएफ की दशा में 20 प्रतिशत
0 घरेलू कंपनी की दशा में 20 प्रतिशत
0 अनिवासी (कंपनी को छोड़कर) या विदेशी कंपनी की दशा में 20 प्रतिशत
0 विदेशी धन की दशा में 10 प्रतिशत
0 अनिवासी भारतीय, विदेशी संस्थागत निवेशक जो अधिनियम की धारा 115 (एडी) के तहत आते हों।
0 अन्य दशा में 20 प्रतिशत
व्यक्ति या एचयूएफ की दशा में यदि उसकी आय, दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ को छोड़कर न्यूनतम कर-योग्य सीमा के लिए व्यक्ति या एचयूएफ की दशा में एक लाख 80 हजार रुपये से कम है तो दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ उस सीमा तक पूंजीगत लाभ कर-मुक्त होगा, जितनी आय न्यूनतम कर योग्य सीमा से कम है। शेष पूंजीगत लाभ पर 20 प्रतिशत की दर से आयकर लगाया जाएगा। इसे आय उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लो राम की व्यापार से आय एक लाख रुपये है और दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ 95 हजार रुपये हुआ है तो उसे पूरे 95 हजार रुपये के पूंजीगत लाभ पर 20 प्रतिशत आयकर जमा कराने की जरूरत नहीं है, उसे 95 हजार रुपये में से 80 हजार घटाकर (न्यूनतम कर योग्य सीमा एक लाख 80 हजार में से व्यापार की आय के एक लाख रुपये घटाकर शेष बची हुई राशि 80 हजार) बाकी बचे हुए 15 हजार रुपये पर 20 प्रतिशत आयकर देना होगा। क्योंकि राम की अन्य व्यापार की एक लाख रुपये न्यूनतम कर योग्य सीमा की राशि एक लाख 80 हजार रुपये से कम है। अगर राम की अन्य आय शून्य है तो उसे 95 हजार रुपये के पूंजीगत लाभ पर किसी प्रकार का आयकर देने की आवश्यकता नहीं है।
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'पूंजीगत लाभ'
आयकर विभाग के लिए नीतिगत रुख तय करने वाले सीबीडीटी ने कहा कि इस अघोषित पूंजीगत लाभ का आकार 400 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है. इसके अलावा तैयार इकाइयों की बिक्री से होने वाली आय में भी 90 करोड़ रुपये कम दिखाई गई है.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि बाजार में लगातार जारी गिरावट की वजह आम बजट में शेयरों में कमाई पर दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाया जाना नहीं बल्कि वैश्विक कारक हैं. जेटली का बयान ऐसे समय में आया है, जब शेयर बाजार में नवंबर 2016 के बाद से शुक्रवार को सबसे भारी गिरावट दर्ज की गई थी.
आम बजट के दिन गुरुवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बेहद उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में 58 अंक टूट गया. शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन यानी पूंजीगत लाभ कर जैसे बजट प्रस्तावों से बाजार की धारणा प्रभावित हुई.
दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर फायदा उठाने के लिए मुखौटा कंपनियों का गठन कर उनके साथ छद्म सौदे करने और इन कंपनियों में कालाधन लगाने के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है.
आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) ने ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी पर 10,247 करोड़ रुपये के पूंजीगत लाभ कर को उचित ठहराया है.
मॉरीशस के जरिए होने वाले निवेश पर पूंजीगत लाभ कर लगाए जाने के फैसले का असर निवेश प्रवाह पर पड़ने की आशंका में विदेशी कोषों द्वारा बाजार से हाथ खींच लिए जाने के कारण बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बुधवार को 175.51 अंक टूटकर 25,597.02 अंक पर बंद हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उद्यमिता को बढ़ावा देने और उसके अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए स्टार्ट-अप इंडिया कार्ययोजना की घोषणा की। इसमें तीन वर्षों तक कर वसूली पर रोक और उद्यम पूंजी निवेश पर पूंजीगत लाभ पूंजीगत लाभ शुल्क से छूट जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए उनके पूंजीगत लाभ पर पिछली पूंजीगत लाभ तिथि से मैट नहीं लगाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार ने न्यायमूर्ति ए पी शाह समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।
सोने की मांग पर अंकुश रखने के लिए सरकार ने सॉवरेन स्वर्ण बांड जारी करने का प्रस्ताव किया है। इस पर सोने की छड़ और सिक्कों की तरह ही पूंजीगत लाभ टैक्स लग सकता है।
कैपिटल गेन खाता योजना, 1988
कैपिटल गेन खाता योजना, आपको मुख्य रूप से पूंजीगत लाभों से कर छूट प्राप्त करने में मदद करती है. यह दो प्रकार के खाते प्रदान करता है- बचत एवं सावधि जमाराशियां. यह सावधि जमा योजना नामांकन सुविधा और न्यूयनतम मूल राशि रु. 1000 के साथ आता है.
कैपिटल गेन खाता योजना, 1988 : लाभ
कैपिटल गेन खाता योजना, 1988 : विशेषताएं
जमाराशि की अवधि
टीडी 121 के लिए /
टीडी 122 के लिए /
टीडी 144 के लिए /
मूल आस्ति के हस्तांतरण की तारीख से 2 से 3 वर्ष से अधिक न हो जो कि निम्नानुसार है :–
अधिकतम 24 माह – यदि कैपिटल गेन अनुच्छेद 54, 54 बी, 54 एफ के अधीन है. (जमाकर्ता द्वारा फॉर्म ए में की गई घोषणा के अनुसार)
अधिकतम 36 माह – यदि कैपिटल गेन अनुच्छेद 54, 54 डी, 54 एफ, 54 जी तथा 54 जीबी के अधीन है. (जमाकर्ता द्वारा फॉर्म ए में की गई घोषणा के अनुसार) /
- आवेदन करे
- कैलकुलेटर
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 54 (एफ) के अनुसार दिनांक 1.4.1988 से किसी भी संपत्ति की बिक्री से प्राप्त दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ वैसी राशि है जो संपत्ति की बिक्री से प्राप्त होती है. सरकार द्वारा एक विनिर्दिष्ट अवधि के दौरान किसी विशिष्ट परिसंपत्तियों पर प्राप्त होने वाले पूंजीगत लाभ की राशि के कर-मुक्त पुनर्निवेश को प्रोत्साहित किया जाता है. कभी-कभी निर्धारित समय सीमा के पश्चात रिटर्न दाखिल करने वाले निवेशक वैसे लाभ और छूटों से चूक न जाएं, इसलिए उन्हें इस राशि को पुनर्निवेश करने पर पूंजीगत लाभ प्राप्त होने की गारंटी होती है. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54 और 54 एफ द्वारा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कराधान से बचाती है.
कोई भी व्यक्ति/फर्म/व्यक्तियों/कंपनी/एचयूएफ आदि का संगठन, जो आयकर अधिनियम 1961 (1961 का 43) की धारा 54, 54बी, 54डी, 54एफ और 54जी के प्रावधानों के अंतर्गत लाभ प्राप्त करना चाहता है, कैपिटल गेन खाता योजना 1988 में अपनी धनराशि जमा कर सकता है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सभी शाखाएं (ग्रामीण शाखाओं को छोड़कर) इस योजना के तहत जमा स्वीकार करने हेतु अधिकृत हैं.
पूंजीगत लाभ खाते इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ अधिकृत शाखाओं में जाकर खोले जा सकते हैं
इसकी अवधि मूल संपत्ति के हस्तांतरण की तारीख से 2 से 3 वर्षों से अधिक नहीं हो सकती है जिससे संबंधित विवरण नीचे दर्शाया गया है :
अधिकतम 24 महीने - यदि पूंजीगत लाभ धारा 54, 54 बी, 54 एफ के अंतर्गत है (जमाकर्ता द्वारा "फॉर्म" ए में की गई घोषणा के अनुसार)
अधिकतम 36 महीने - यदि पूंजीगत लाभ धारा 54, 54 डी, 54 एफ, 54 जी और 54 जीबी (जमाकर्ता द्वारा "फॉर्म" ए में की गई घोषणा के अनुसार) के तहत है.
कैपिटल गेन खाते योजना (सीजीएएस) में निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है.
खाते में धनराशि जमा होने के 2 वर्षों के भीतर जमाकर्ता के अपने निवास के लिए मकान की खरीद के उद्देश्य से रकम की निकासी हेतु अनुमति प्रदान की जाती है. इस राशि का उपयोग 2 वर्षों की अवधि के भीतर न किए जाने पर पूंजीगत संपत्ति की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ उस वर्ष में कर के अधीन होगा जिस दौरान यह लाभ अर्जित किया गया था.
कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम से फंड निकालने के लिए फॉर्म सी को पूरा करना अनिवार्य है. इस धनराशि का उपयोग इसकी निकासी के बाद 60 दिनों के अंदर किया जाना चाहिए. यह राशि पूंजीगत लाभ तत्काल दुबारा खाता में जमा नहीं की जा सकती है. फॉर्म डी का उपयोग करते हुए इस राशि की दूसरी निकासी के लिए आवेदन करें. आहरण की राशि रू. 25,000 से अधिक होने पर इसका भुगतान केवल वैसे व्यक्ति जिसे जमाकर्ता भुगतान करना चाहता है के पक्ष में क्रॉस डिमांड ड्राफ्ट / बैंकर चेक द्वारा किया जाना चाहिए. यदि सावधि जमा खाते से निकासी करना आवश्यक हो तो जमाकर्ता को पहले बचत खाते में परिवर्तन के लिए अनुरोध करना अनिवार्य है.
ब्याज का भुगतान प्रचलित आयकर अधिनियम के अनुसार स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के अधीन है.
दावों का निपटान – मृतक जमाकर्ता
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- यह खाता 18 वर्ष व इससे अधिक आयु के निवासी भारतीय व्यक्तियों (जिनका कोई राजनीतिक एक्सपोजर नहीं) हो द्वारा खोला जा सकता है.
- यह सुविधा वैसे ग्राहकों के लिए है जिनका बैंक में कोई खाता नहीं है
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