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अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख में वक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारों को नहीं दर्शाते ।

आज ही के दिन भारत समेत 29 देशों ने मिलकर बनाया अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष

आज ही के दिन भारत समेत 29 देशों ने मिलकर बनाया अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष

कानपुर। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) 189 देशों का एक संगठन है, जो जरुरत पड़ने पर दुनिया में सदस्य देशों की आर्थिक मदद करता है। आईएमएफ की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जुलाई 1944 में ब्रेटन वुड्स, न्यू हैम्पशायर, अमेरिका समेत कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में आईएमएफ बनाने की बात कही थी और 27 दिसंबर, 1945 को भारत समेत 29 देशों ने मिलकर औपचारिक रूप से आईएमएफ का गठन किया था। बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में आईएमएफ ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

दुनिया में गरीबी खत्म करने का काम

मिलिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की पहली महिला अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ से

मिलिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की पहली महिला अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ से

गीता गोपीनाथ (फोटो साभार- पीबीएस)

गीता हार्वर्ड विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल स्टडीज एंड इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर हैं और वह आर्थिक अनुसंधान और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में अंतर्राष्ट्रीय वित्त और सूक्ष्म अर्थशास्त्र कार्यक्रम की सह-निदेशक भी हैं।

पूरी दुनिया में फैले भारतीय अपने-अपने क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के दम पर अपने नाम के साथ ही देश का नाम रौशन कर रहे हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के शीर्ष पद पर पहुंचने वाली शख्सियत इसके जीते जागते उदाहरण हैं। इस कड़ी में एक नया नाम जुड़ गया है और वह हैं गीता गोपीनाथ। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष वैश्विक वित्तीय संबंधों और समष्टि अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाले गीता गोपीनाथ ऐसी दूसरी भारतीय हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रमुख अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया है। वह इस स्थान पर पहुंचने वाली पहली महिला अर्थशास्त्री हैं। इसके पहले रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन पहले भारतीय थे जो IMF के शीर्ष पर पहुंचे थे।

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा हाल ही जारी अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया गया कि ‘‘छन कर आने वाला‘‘ (ट्रिकल डाउन) का सिद्धांत कारगर साबित नहीं हुआ है। साथ ही मुद्रा कोष की पूंजीवादी एवं मितव्ययता को प्रोत्सहित करने वाली नीतियों से असमानता में उछाल आया है। पेश है जॉन क्वेली की सप्रेस से साभार रिपोर्ट;

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई एफ एम) ने अपने अस्तित्व को स्थापित करने में काफी मेहनत की है और उसने विश्वभर की सरकारों को निर्देशित किया था कि वे अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अनुकूल बनाने हेतु मजदूरी में कमी करें, पेंशन को सीमित करें, उद्योगों को अत्यधिक स्वतंत्रता दें और मजदूरों हेतु अधिक लाभ प्रदान की सार्वजनिक मांगों की अवहेलना करें। यह सब कुछ बाजार पूंजीवाद एवं अंतहीन आर्थिक विकास के नाम पर किया जा रहा था। इसके ठीक विपरीत जून 2015 में जारी अपनी एक रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने व्यंग्यात्मक चेतावनी देते हुए यह सबकुछ रोकने को कहा है।

खाद्य एवं कृषि अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष संगठन Food and Agricultural Organization (FAO)

स्थापना - 16 अक्टूबर 1945 में खाद्य एवं कृषि सम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष न्छव् सम्मेलन क्यूबेक सिटी (कनाड़ा) के फलस्वरूप हुई।
मुख्यालय - रोम, इटली में
इसको 14 दिसम्बर 1946 को UNO का विशिष्ट अभिकरण बनाया। खाद्य पदार्थों के उत्पादन तथा वितरण की क्षमता में वृद्धि करना।


स्थापना - 7 अप्रैल 1948
मुख्यालय - जेनेवा
सदस्य - 192 देश
उद्देश्य - विश्व में देशों की आमजनता को स्वास्थ्य की उच्चतम दशा को प्राप्त करवाना था। सदस्य देशों को स्वास्थ्य स्तर को सुधारने के लिए सहायता देता है। इसने चेचक, हैजा, तपेदिक आदि के उन्मूलन के लिए प्रयास किया।


अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष International Monetary Fund (IMF)-

स्थापना - ब्रेटनबुड्स समझौते के तहत् 27 दिसम्बर, 1945 को, 1 मार्च 1947 से कार्य प्रारम्भ।
नवंबर 1947 को UNO का अभिकरण बना।
मुख्यालय अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष - वाशिंगटन D.C.
सदस्य देश - 187
प्रबंधनिदेशक -
उद्देश्य - अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा सम्बन्धी समस्याओं की दिशा में परामर्श तथा सहयोग देना, जिससे अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा सहयोग को बढ़ावा मिल सके।
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के सन्तुलित विकास तथा विस्तार के कार्य को बढ़ावा।


IBRD की स्थापना ब्रेटनवुड्स समझौता जुलाई 1944 के तहत् 27 दिसम्बर 1945 को।
कार्य आरम्भ जून 1946 से
मुख्यालय - वाशिंगटन अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष डीसी
सदस्य - जो IMF के सदस्य देश है
अध्यक्ष -
उद्देश्य - उत्पादकीय उद्देश्यों में पूंजी निवेश करके सदस्य देशों के विकास और पुनर्निर्माण में मदद करना।


संयुक्त राष्ट्र बाल संकट कोष (यूनिसेफ) United Nation Imergency Children's Fund (UNICEF)

11 दिसम्बर 1946 को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शिशुओं को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से।
मुख्यालय - न्यूयार्क
सदस्य - 150
उद्देश्य - स्वास्थ्य और पोषण आदि कार्यक्रमों के माध्यम से बाल कल्याण कामों को प्रोत्साहन देना है।
1965 में शान्ति का नोबेल पुरस्कार मिला।


स्थापना- 20 जुलाई, 1956 अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
20 फरवरी 1957 को न्छव् का विशिष्ट अभिकरण बना।
यह विश्व बैंक की सहयोगी संस्था है - 1962
मुख्यालय- वाशिंगटन D.C.
विश्व बैंक का सभापति इसका सभापति होता है।
यह निगम विकासशील देशों में निजी उद्योगों के लिए बिना सरकारी गारन्टी के वित्तीय सहायता देता है।


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