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डेरिवेटिव मार्केट क्या है

डेरिवेटिव मार्केट क्या है
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 24, 2022 17:10 IST

Highlights

  • मंथली डेरिवेटिव एक्सपायरी के चलते उतार-चढ़ाव रहने की संभावना
  • एचडीएफसी लाइफ, बजाज ऑटो, अंबुजा सीमेंट, एक्सिस बैंक के नतीजे आएंगे
  • विदेशी निवेशकों की चाल पर भी बाजार की दिशा तय होगी

नई दिल्ली। बीते हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में बड़ा डेरिवेटिव मार्केट क्या है उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अंतिम कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को सेंसेक्स 714 अंक गिरकर बंद हुआ। ऐसे में सोमवार से शुरू हो रहे कोराबारी सप्ताह में बाजार की चाल कैसी रहेगी इसको लेकर निवेशकों में उहापोह की स्थिति हैं। अगर, आप भी बाजार की चाल को लेकर सशंकित हैं तो हम विशेषज्ञों की राय के हवाले से आपको बता रहे हैं कि सोमवार से शेयर बाजार की चाल कैसी रह सकती है। आइए, जानते हैं कि अगले हफ्ते बाजार की चाल को लेकर विशेषज्ञों का क्या कहना है?

मंथली एक्सपायरी के चलते उथल-पुथल की संभावना

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि मंथली डेरिवेटिव एक्सपायरी के चलते इस सप्ताह शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है। इसके साथ ही वैश्विक रुझानों के साथ-साथ कंपनियों के तिमाही नतीजें बाजार को प्रभावित करेंगे। विदेशी निवेशकों के रुझान पर भी नजर रखेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के ऐलान के बाद सोमवार से बाजार की शुरुआत कमजोर हो सकती है। यानी बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है।

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के अनुसंधान प्रमुख, संतोष मीणा ने कहा कि बाजार सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक के परिणामों पर प्रतिक्रिया देगा जबकि एचडीएफसी लाइफ, बजाज ऑटो, एचयूएल, अंबुजा सीमेंट, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, वेदांत, इंडसइंड बैंक, मारुति सुजुकी, अल्ट्राटेक सीमेंट और विप्रो के नतीजे अगले सप्ताह आएंगे। ये भी बाजार की धारणा को डेरिवेटिव मार्केट क्या है प्रभावित करेंगे। अगर, कंपनियों के नतीजे बेहतर रहें तो बाजार में तेजी देखने को मिलेगी अन्यथा बाजार में कमजोरी आ सकती है। मीणा ने कहा कि एफआईआई भारतीय इक्विटी बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं और अमेरिका में आक्रामक दरों में बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच उनकी चाल भारतीय बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा।

वैश्विक बाजार डेरिवेटिव मार्केट क्या है की चाल का भी असर होगा

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली और कुछ दिग्गजों के कमजोर नतीजों ने बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है। इसके साथ ही अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान, बढ़ती महंगाई और बॉन्ड प्रतिफल, धीमी आर्थिक विकास, यूक्रेन में लंबे समय तक युद्ध और अस्थिर कच्चे तेल की कीमतें बाजारों पर नकारात्मक असर डालेंगे।

जूलियस बेयर के कार्यकारी निदेशक, मिलिंद मुछला ने कहा कि निवेशक बाजार में आने वाले तिमाही नतीजों की घोषणा का इंतजार करेंगे। ऐसे में छोटे निवेशकों को अभी वेट एंड वाच करना चाहिए। बाजार गिरने पर निवेश करने से बचना चाहिए। मुछला ने कहा, इसके अलावा, भू-राजनीतिक स्थिति और आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों के कारण बढ़ी हुई कमोडिटी की कीमतों की आसन्न चिंताओं और यूएस फेड द्वारा कठोर डेरिवेटिव मार्केट क्या है बढ़ोतरी की बढ़ती उम्मीदों के साथ, बाजार में निकट अवधि में बड़ा उतार-चढ़ाव देखी जा सकती है। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन संकट पर अपडेट जैसे वैश्विक संकेत, और चीन की COVID स्थिति भी निवेशकों के रडार पर रहेगी।

निम्नलिखित में से कौन-सा डेरिवेटिव बाजार का लाभ नहीं है?

Key Points व्युत्पन्न

  • एक व्युत्पन्न दो पक्षों के बीच एक अनुबंध है जो एक अंतर्निहित परिसंपत्ति से अपना मूल्य/कीमत प्राप्त करता है।
  • व्युत्पन्न के सबसे प्रचलित प्रकार फ्यूचर्स, ऑप्शंस, फॉरवर्ड और स्वैप हैं।
  • यह एक वित्तीय साधन है जिसका मूल्य/कीमत अंतर्निहित परिसंपत्तियों द्वारा निर्धारित किया जाता है। प्रारंभ में, एक अंतर्निहित कोष उत्पन्न होता है, जो एकल प्रतिभूति या प्रतिभूतियों के समूह से बना हो सकता है।
  • चूंकि अंतर्निहित परिसंपत्तियों का मूल्य लगातार बदलता रहता है, अंतर्निहित परिसंपत्ति के मूल्य में परिवर्तन की गारंटी होती है।

Stock Market This Week: ग्लोबल रुख से तय होगी शेयर बाजार की दिशा, FPI का पैसा डालेगा बाजार पर असर

By: ABP Live | Updated at : 20 Nov 2022 11:38 AM (IST)

शेयर बाजार (फाइल फोटो)

Stock Market This Week: घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस हफ्ते वैश्विक रुख और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के प्रवाह से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा आंकड़ा नहीं आना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा जारी होगा
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस सप्ताह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए इंडीकेटर मिलेंगे.

फॉरेन करेंसी डेरिवेटिव मार्केट में अब बैंक भी कर सकेंगे कारोबार, RBI का बड़ा फैसला

dollar

रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) ने रुपये (Rupees) में जारी उथल-पुथल पर लगाम लगाने के उद्देश्य से भारतीय बैंकों (Indian Banks) को विदेशी रुपया डेरिवेटिव बाजारों (Foreign Currency Derivative Market) में सौदे करने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी. इस मंजूरी के बाद अब भारतीय बैंक विदेश के नॉन-डिलिवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ-NDF) रुपया बाजारों में कारोबार कर सकेंगे जिसमें डिलिवरी नहीं लेनी होती. अभी तक विदेशी एनडीएफ बाजार में भारतीय बैंकों को कारोबार करने की अनुमति नहीं थी.

हालांकि विशेषज्ञों की राय थी कि यदि भारतीय बैंकों को विदेशी एनडीएफ बाजारों की पहुंच मिले तो रुपये की गति को नियंत्रित किया जा सकता है. एनडीएफ बाजार के तहत विदेशी मुद्रा विनिमय (Foreign Currency Exchange) के लिए वायदा दर का निर्धारण होता है. इसमें संबंधित पक्ष आपसी सहमति से यह तय करते हैं कि किसी अमुक तारीख पर हाजिर बाजार डेरिवेटिव मार्केट क्या है में मुद्रा के विनिमय की जो दर रही है, उसी दर के आधार पर भविष्य के सौदे किये जायेंगे। आमतौर पर एनडीएफ सौदों का भुगतान नकदी में होता है.

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