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आज क्या है 7 फरवरी?
आज क्या है 7 फरवरी? इसे सुनेंरोकेंAaj Ka Panchang: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज रथ सप्तमी है. माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि …
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विलम्बित अनुबंध क्या है? इसे सुनेंरोकेंयदि अनुबंधित उद्दीपक का प्रारम्भ तथा अंत दोनों ही अननुबन्धित उद्दीपक से ठीक पहले हो तो इसे विलम्बित अनुबंधन (delayed …
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सबसे अच्छा ब्रॉडबैंड कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंAirtel Xstream Fiber के सबसे सस्ते ब्रॉडबैंड प्लान की कीमत 499 रुपये है। इस प्लान में अधिकतम 40Mbps …
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3 What is B2C & ob2b B2C और ob2b क्या है? इसे सुनेंरोकेंसंक्षेप में, B2B ‘बिजनेस-टू-बिजनेस’ शब्द का एक सामान्य संक्षिप्त नाम है। यह तब …
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डेटा टाइप कितने प्रकार के होते हैं? संख्यात्मक डाटा (Numeric Data) : यह 0 से लेकर 9 तक (कुल 10) अंकों से बना डाटा है। …
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कौमी गानों को सुनकर जोश और देशभक्ति क्यों जाग उठती है? इसे सुनेंरोकेंदेशभक्ति गीत ऐसे गीत हैं जिनमें राष्ट्रीयता की भावना का रस निहित हो। …
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अनाम की मृत्यु किसकी रचना है? इसे सुनेंरोकेंगीत फरोश, चकित है दुख, गाँधी पंचशती, अँधेरी कविताएँ, बुनी हुई रस्सी , व्यक्तिगत, खुशबू के शिलालेख, परिवर्तन …
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जैविक खेती की ओर बढ़ता रुझान
जैविक खेती तेजी से बढ़ता सेक्टर है। जैविक खेती उन क्षेत्रों के लिये सही विकल्प है, जहाँ कृषि रसायनों के प्रभाव से उपजाऊ जमीनें बंजर होती जा रही हैं। आजकल शहरों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे ऑर्गेनिक अनाज, दालें, मसाले, सब्जियाँ व फल जैविक खेती की सम्भावनाओं को और बढ़ावा दिला रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिये नाबार्ड सहित कई सरकारी व गैर-सरकारी संस्थान कार्यरत हैं। सरकार पूर्वोत्तर राज्यों को जैविक खेती का केन्द्र बनाने पर जोर दे रही है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि सिक्किम देश का पहला राज्य है, जहाँ पूर्णतया जैविक खेती की जा रही है। सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। पिछले कई महीनों से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कृषि वैज्ञानिक किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में जैविक खेती की महत्त्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
जैविक खेती को बढ़ावा देने और कृषि रसायनों पर निर्भरता को कम करने के लिये परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की गई है। परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत सरकार मिट्टी की सुरक्षा और लोगों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिये जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसे कलस्टर आधार पर प्रत्येक 50 एकड़ पर क्रियान्वित किया जा रहा है। इसका लक्ष्य तीन वर्षों की अवधि में 2015-16 से 2017-18 में 5 लाख एकड़ क्षेत्रफल को शामिल करते हुए 10,000 क्लस्टर्स को बढ़ावा देना है।
मृदा, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को सशक्त बनाए रखने के लिये जैविक खेती नितान्त आवश्यक है। इससे न केवल उच्च गुणवत्तायुक्त, स्वास्थ्यवर्द्धक एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता रुझान प्रकार बढ़ेगी, बल्कि खेती में उत्पादन लागत कम करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही मृदा उर्वरता में सुधार के साथ-साथ किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा। उपरोक्त के अलावा इस योजना को कार्यान्वित करने के लिये पारम्परिक संसाधनों का इस्तेमाल करके पर्यावरण अनुकूल कम लागत की प्रौद्योगिकियों को अपनाकर जैविक खेती को बढ़ावा देना है।
अधिक आय प्राप्त करने के लिये जैविक उत्पादों को बाजार के साथ जोड़ा जाएगा। जैविक खेती से तैयार फसल उत्पाद सेहत के लिये काफी उपयोगी हैं। आज के परिदृश्य में जैविक खेती का महत्त्व इसलिये भी काफी बढ़ता जा रहा है क्योंकि किसान पारम्परिक खेती से ज्यादा-से-ज्यादा उत्पादन लेने के लिये रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशियों का अत्यधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। अनेक अनुसन्धानों में पाया गया है कि जैविक खेती से तैयार फसल उत्पादों में पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं जो हम सब की सेहत के लिये आवश्यक हैं। जैविक खेती तेजी से बढ़ता सेक्टर है। जैविक खेती उन क्षेत्रों के लिये सही विकल्प है, जहाँ कृषि रसायनों के प्रभाव से उपजाऊ जमीनें बंजर होती जा रही हैं।
आजकल शहरों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे ऑर्गेनिक अनाज, दालें मसाले, सब्जियाँ व फल जैविक खेती की सम्भावनाओं को और बढ़ावा दिला रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिये नाबार्ड सहित कई सरकारी व गैर-सरकारी संस्थान कार्यरत हैं। सरकार पूर्वोत्तर राज्यों को जैविक खेती का केन्द्र बनाने पर जोर दे रही है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि सिक्किम देश का पहला राज्य है, जहाँ पूर्णतया जैविक खेती की जा रही है।
सिक्किम फूलों की धरती के नाम से भी जाना जाता है। लगभग 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले इस राज्य को राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश के अनुसार प्रमाणित जैविक खेती में परिवर्तित कर दिया गया है। इस प्रकार यह पूर्णतः ताजा जैविक उत्पादन कर सकता है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये हाल ही में सिक्किम के गंगटोक शहर में राष्ट्रीय जैविक खेती अनुसन्धान संस्थान की स्थापना की गई है।
जैविक खेती से तात्पर्य
जैविक खेती से तात्पर्य फसल उत्पादन की उस पद्धति से है जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशियों, व्याधिनाशियों, शाकनाशियों, पादप वृद्धि नियामकों और पशुओं के भोजन में किसी भी रसायन का प्रयोग नहीं किया जाता बल्कि उचित फसल चक्र, फसल अवशेष, पशुओं का गोबर व मलमूत्र, फसल चक्र में दलहनी फसलों का समावेश, हरी खाद और अन्य जैविक तरीकों द्वारा भूमि की उपजाऊ शक्ति बनाए रखकर पौधों को पोषक तत्वों की प्राप्ति कराना एवं जैविक विधियों द्वारा कीट-पतंगों और खरपतवारों का नियंत्रण किया जाता है।
जैविक खेती एक पर्यावरण अनुकूल कृषि प्रणाली है। इसमें खाद्यान्नों, फलों और सब्जियों की पैदावार के दौरान उनका आकार बढ़ाने या वक्त से पहले पकाने के लिये किसी प्रकार के रसायन या पादप नियामकों का प्रयोग भी नहीं किया जाता है। जैविक खेती का उद्देश्य रसायनमुक्त उत्पादों और लाभकारी जैविक सामग्री का प्रयोग करके मृदा स्वास्थ्य में सुधार और फसल उत्पादन को बढ़ावा देना है। इससे उच्च गुणवत्ता वाली फसलों के उत्पादन के लिये मृदा को स्वस्थ और पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त बनाया जा सकता है।
मृदा के भौतिक, रासायनिक व जैविक गुणों पर जैविक खेती व परम्परागत खेती का प्रभाव
ऑनलाइन व्यवसायों के लिए नए एसईओ और SEM के रुझान के लिए गाइड
किसी भी ऑनलाइन व्यवसाय के लिए वेब पर अधिक उपस्थिति के लिए एक अच्छा एसईओ और SEM स्थिति होना आवश्यक है। इस प्रकार, हालांकि दोनों महत्वपूर्ण हैं जब इंटरनेट पर दृश्यता प्राप्त करने की बात आती है, तो उनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। इस प्रकार, जबकि एसईओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) अनुशासन प्रभारी है खोज इंजन में एक वेबसाइट की स्थिति का अनुकूलन, SEM (सर्च इंजन मार्केटिंग) एक रणनीति है जिसका उद्देश्य उक्त स्थिति को प्राप्त करना है अदा विज्ञापन पोस्टिंग.
इस कारण से, इसके महत्व को देखते हुए, कुछ विशेष एजेंसियां सालाना SEO और SEM में रुझानों का विश्लेषण करती हैं। यह मामला है, उदाहरण के लिए, eStudio34 का, जिसने अभी-अभी पथ प्रकाशित किए हैं 2020 के लिए SEO और SEM ट्रेंड गाइड.
2020 के लिए एसईओ रुझान
La 2020 के लिए एसईओ ट्रेंड गाइड इस तरह से कुछ की स्थापना इस अनुशासन की ताकत अगले साल का इंतज़ार है। इस प्रकार, सबसे पहले, गाइड आवाज से किए गए उपयोगकर्ता पूछताछ से सीधे क्लिक रहित खोजों का लाभ लेने के लिए संरचित डेटा का उपयोग करने के महत्व पर प्रकाश डालता है।
इसके अलावा, गाइड भी आवश्यकता की स्थापना करता है स्थानीय सामग्री बनाएँ स्थानीय एल्गोरिथ्म के विशिष्ट संचालन से लाभ के लिए। इस कारण से, गाइड स्थानीय खोज इंजन लिंक का सबसे बनाने की सलाह देता है। इसी तरह, मैनुअल भी अर्थ संबंधी अध्ययन के कार्यान्वयन के आधार पर संभावित ग्राहकों की जरूरतों और स्वाद को जानने के लिए डेटा निकालने के महत्व को रेखांकित करता है।
इसी तरह, गाइड भी बड़ी मात्रा में डेटा में हेरफेर करने के लिए एक उपकरण के उपयोग की सलाह देता है। इस प्रकार, यह प्रकाशन जुपिटर के उपयोग की सिफारिश करता है: एक उपकरण जो अनुमति देता है बड़ी संख्या में प्रक्रियाओं को स्वचालित करें डेटा प्रबंधन से जुड़ा हुआ।
भी, गाइड में मौजूद अन्य रुझान क्रय प्रक्रियाओं के दौरान ग्राहकों के साथ संचार में सुधार और निर्णय लेने के लिए गुणात्मक डेटा के उपयोग से संबंधित हैं.
2020 के लिए SEM के रुझान
में 2020 के लिए SEM प्रवृत्ति गाइड अन्य बातों रुझान प्रकार के अलावा, की बात है मशीन लर्निंग, जो 100% स्वचालित विज्ञापन अभियानों के निर्माण और कार्यान्वयन में सक्षम बनाता है। उसी तरह, SEM ट्रेंड गाइड में 2020 के लिए Google रुझान प्रकार विज्ञापनों की कुछ मुख्य खबरें भी शामिल हैं। इस प्रकार, गाइड के अनुसार, ये सुधार मुख्य रूप से अधिक स्वचालन और नए रचनात्मकता प्रारूपों में निहित होंगे।
उसी नस में, स्वचालन के स्तर के संबंध में गाइड SEM के क्षेत्र में कुछ नवाचारों को भी शामिल करता है कृत्रिम बुद्धि अनुप्रयोग। इसी तरह, यह नए विज्ञापन प्रारूपों जैसे कि गैलरी विज्ञापन, डिस्कवरी अभियान और लीड फॉर्म के साथ एक्सटेंशन की उपस्थिति को भी इंगित करता है। वे सभी अभिनव प्रारूप जो इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न व्यवसायों द्वारा विकसित विज्ञापन अभियानों की पहुंच और प्रभावशीलता की क्षमता में वृद्धि करेंगे।
लेख की सामग्री हमारे सिद्धांतों का पालन करती है संपादकीय नैतिकता। त्रुटि की रिपोर्ट करने के लिए क्लिक करें यहां.रुझान प्रकार
लेख का पूरा रास्ता: ECommerce समाचार » विपणन (मार्केटिंग) » एसईओ » ऑनलाइन व्यवसायों के लिए नए एसईओ और SEM के रुझान के लिए गाइड
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ज्वेलरी पर्चेस स्कीम
एक आभूषण खरीद योजना आपको समय की बचत करने के लिए अवसरों के लिए सोने के आभूषणों की एक योजना बनाई खरीद करने की अनुमति देती है।
इस स्कीम में, आप हर महीने एक तय रकम भर सकते हैं जो कि 11 माह तक भरनी होती है। ग्यारह महीनों के बाद या तो आपको ज्वेलर की ओर से स्पेशल डिस्काउन्ट मिलेगा या ज्वेलर अपनी ओर से एक इन्स्टॉलमेन्ट भरेगा और आप ज्वेलर की ओर से जमा अमाउन्ट से अपनी पसंद की ज्वेलरी ख़रीद सकते हैं। यह स्कीम देश में अनेक ज्वेलर्स देते हैं।
यह कैसे काम करती है?
- स्कीम:
ज्वेलरी पर्चेज़ स्कीम आपको एक विशेष अवधि के दौरान ज्वेलरी ख़रीदने के लिये प्लान करने का मौक़ा देती है। आप इस प्रकार की स्कीम में एनरोल कर सकते हैं जिसमें बारह महीने के लिये एनरोल करने पर आपको ग्यारह महीनों की इन्स्टॉलमेन्ट देनी होती है और बारहवी इन्स्टॉलमेन्ट ग्राहक के लिये ज्वेलर द्वारा दी जाती है या फिर ज्वेलरी में किसी प्रकार की छूट दी जाती है। बारहवे महीने में आप आपके पास जमा रकम की कोई भी ज्वेलरी खरीद सकते हैं। इस स्कीम में कम से कम रु 1000 या 2000 तक की इन्स्टॉलमेन्ट होती है (यह ज्वेलर पर निर्भर करता है) और आप इसे रु 1000 के मल्टीपल्स में बढा सकते हैं। आपको कितना गोल्ड मिलता है, यह आपके द्वारा जिस दिन रिडीम किया जाना है, उसपर निर्भर करता है। - अवधि और प्योरिटी:
ज्वेलर्स के पास 6, 12 या 15 महीनों की स्कीम्स होती है और गोल्ड को स्कीम पूरी होने के एक महीने के बाद ज्वेलरी के रुप में उस विशेष ज्वेलरी शॉप से रिडीम किया जा सकता है। इस दौरान जो गोल्ड ज्वेलरी खरीदी जाती है वह 18 कैरेट या 22 कैरेट की होती है। आपको वह ज्वेलरी खरीदनी चाहिये जो कि ब्यूरो ऑफ इन्डियन स्टैन्डर्ड्स (बीआईएस) द्वारा हॉलमार्क की गई हो ताकि यह पक्का हो जाए कि आपको वही मिले जिसके लिए आपने भुगतान किया हो। - एनरोलमेन्ट:
आप एक पहले से प्रिन्ट किया हुआ एप्लीकेशन फॉर्म ज्वेलरी स्टोर में जा कर भर सकते हैं जिसमें आपको अपने आईडेन्टिफिकेशन प्रूफ के साथ ही फॉर्म को पूरा करना होता है। पहली इन्स्टॉलमेन्ट स्टोर में ही कैश या कार्ड के द्वारा दी जाती है और बाकी इन्स्टॉलमेन्ट्स चेक द्वारा या आपके बैंक अकाउन्ट द्वारा डायरेक्ट डेबिट कर दी जाती हैं।
क्या यह मेरे लिये है?यह स्कीम उन सभी के लिये बहुत अच्छी है जो एक साथ बडी रकम ख़र्च नही करना चाहते लेकिन ज्वेलरी ख़रीदना चाहते हैं जो कि उनके स्पेशल अवसर को ख़ास बना सके। यह स्कीम एक प्रकार का सिस्टमेटिक प्लान है जिसमें आपकी हर महीने की बचत आपको साल भर के बाद आपकी पसंद की वस्तु ख़रीदने में आपकी मदद करती है।
नीचे पढ़िये और जानिये कि यह आपके लिये और क्या कर सकती है:
- आप न केवल पहले से ही अपने ज्वेलरी ख़रीदने का प्लान कर सकते हैं, आप उन्हें डिस्काउन्टेड प्राईज पर भी ले सकते हैं।
- आप इस स्कीम का उपयोग अपने विशेष इवेन्ट्स के लिये कर सकते हैं – आपकी पत्नी या बेटी के अगले जन्मदिन के लिये, या वेडिंग रुझान प्रकार एनीवर्सरी पर अपने प्रियजनों को सरप्राईज़ देने के लिये, या फिर अगले उत्सव के दौरान ज्वेलरी ख़रीदने के लिये।
- आपको कितनी मात्रा में गोल्ड मिलता है, यह उस दिन के गोल्ड प्राईसेस पर निर्भर करता है जब आप रिडीम करते हैं।
- यदि आपको गोल्ड ज्वेलरी ख़रीदनी है और यह आपको मुश्किल लग रहा है, तब गोल्ड ज्वेलरी पर्चेज़ स्कीम आपको ज्वेलर के पास अपने पैसे जमा करने और सही समय आने पर आपकी पसंद की ज्वेलरी ख़रीदने में मदद करती है क्योंकि आपने इतने समय तक ज्वेलरी के लिये सेविंग की है।
इसे रिडीम कैसे किया जाता है?
आपकी ज्वेलरी पर्चेज़ स्कीम की मैच्योरिटी पर आपको 18 कैरेट गोल्ड या 22 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी रिटेलर द्वारा दी जाती है। इस स्कीम में बहुत से ज्वेलर्स गोल्ड कॉईन और गोल्ड बार खरीदने की सुविधा नही देते हैं। ज्वेलरी रिडम्पशन के दौरान यदि कोई देय टैक्स जैसे कि वैट आदि लगते हैं, तो वह आपको देना होता है।
यदि बिल की रकम जमा रकम से अधिक होती है, तब आपको ज्वेलरी पाने के लिये अतिरिक्त रकम का भुगतान करना होता है। आपने जिस ज्वेलरी स्टोर में इस स्कीम के लिये एनरोल किया है, वहीं से आप ज्वेलरी ख़रीद सकते हैं। किसी भी स्थिति में ज्वेलर द्वारा कैश रिफ़न्ड नही किया जाता है।