दिन व्यापारी रणनीतियाँ

शिक्षा:- हमें किसी के भी साथ सम्मान से पेश आना चाहिए, भले ही वह कितना ही बड़ा या कितना ही छोटा ना क्यों ना हो।
व्यापारी का पतन और उदय – पंचतंत्र की कहानी
वर्धमान नामक शहर में एक कुशल व्यापारी रहता था, जिसके कुशलता के चर्चे राजा तक को भी ज्ञात थे। इसी कारण राजा ने एक दिन उसे एक शहर का प्रशासक बना दिया। उस व्यापारी के कुशलता के प्रभाव में उस शहर के आम आदमी भी बहुत प्रसन्न थे और अपने कुशलता दिन व्यापारी रणनीतियाँ दिन व्यापारी रणनीतियाँ के प्रभाव में उन्हे खुश रखा। दूसरी तरफ राजा भी उसकी कुशलता से बहुत प्रभावित थे।
कुछ दिनों बाद उस व्यापारी ने अपनी पुत्री का विवाह तय कर दिया, जिसमें उसने बहुत भव्य और बड़ी भोज का आयोजन किया। जिसमें उसने राजा लोगों को आमंत्रित किया। इस विवाह मैं व्यापारी ने लोगों का कई तरह से सम्मान किया जो लोगों को बहुत पसंद भी आया। इसके उपरांत उस व्यापारी ने लोगों को आभूषण और उपहार भी भेंट में दिए।
दीपावली क्यों मनाई जाती है | Diwali Story In Hindi
इस लेख Diwali Story In Hindi में दीपावली क्यों मनाई जाती है? और दिवाली की कथा की हिंदी में संक्षिप्त जानकारी दी गयी है। हिन्दू धर्म का मुख्य त्यौहार दीवाली सदियों से भारतवर्ष में मनाई जा रही है। इस पर्व को मनाने के पीछे भगवान श्रीराम से जुड़ी मान्यता है। हिन्दू धर्म में महर्षि वाल्मीकि जी का लिखा ग्रँथ रामायण बहुत पढ़ा और माना जाता है। दिवाली क्यों मनाते है? इस प्रश्न का उत्तर रामायण ग्रँथ में है।
रामायण के अलावा भी कई ऐसी कथाएं है जिनमें दीवाली मनाने की मान्यता है। तो आइए दीपावली क्यों मनाई जाती है? (Diwali Kyu Manate Hai) इस बारे में जानने का प्रयास “Diwali Story In Hindi Language” लेख में आगे किया गया है।
दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali Story In Hindi
आमतौर पर सभी हिन्दू धर्म के लोग दीवाली क्यों मनाई जाती है? इस बारे में संक्षिप्त में जानते है। यहां पर कुछ विस्तार से दीवाली के बारे में बताने का प्रयास है। भगवान श्रीराम लंकापति रावण का वध करके वापस अयोध्या आये थे, तब अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में नगर को भव्य रोशनी से सजाया था। इसी उपलक्ष्य में हरवर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन भारतवासी दीवाली मनाते है।
भगवान श्रीराम के आगमन पर अयोध्या के लोगो ने दीपक जलाएं थे जिससे अयोध्या पूरी जगमगा उठी थी। इसके बाद से ही यह एक प्रथा बन गयी। श्रीराम ने रावण को क्यों मारा? और इसके पीछे की पौराणिक कथा क्या है? आइये विस्तार से जानते है।
भगवान श्रीराम की लंका विजय और आयोध्या वापस लौटने की कथा –
दिवाली क्यों मनाते है? – वाल्मीकि जी की रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में राजा दशरथ के यहां हुआ था। माता का नाम कौशल्या था जबकि श्रीराम के तीन और भाई थे जिनका नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न था। श्रीराम का विवाह सीता से हुआ था। भगवान राम की एक सौतेली माँ थी जिनका नाम कैकयी था। कैकयी ने राजा दशरथ से वचन मांगा था। वचन के अनुसार भरत को राजपाट और राम को 14 वर्ष का वनवास था। पिता ने ना चाहते हुए भी राम को वनवास भेज दिया और पुत्र राम दिन व्यापारी रणनीतियाँ ने बिना एक शब्द कहे पिता की आज्ञा का पालन किया था। 14 वर्ष वनवास पर श्रीराम के साथ उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण भी थे।
दीपावली क्यों मनाते है? की अन्य पौराणिक कथा (Diwali Kyu Manate Hai)
- एक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। नरकासुर ने करीब 16 हजार औरतों का हरण कर लिया था। श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करके उन महिलाओं को मुक्ति दी थी।
- महाभारत की कथा के अनुसार कौरवों ने मामा शकुनी की चाल से पांडवों का सारा राजपाट छीन लिया था। पांडवों को राजपाट छोड़कर 12 वर्ष के लिए अज्ञातवास जाना पड़ा था। दिवाली के दिन ही पांडव अज्ञातवास काटकर वापस अपने राज्य लौटे थे।
- एक और पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। जैन धर्म के मतानुसार इस दिन 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी दिन व्यापारी रणनीतियाँ को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
- एक और हिन्दू पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था। उन्होंने राजा बलि से तीन पग जमीन भिक्षा में मांगी थी। इन तीन पग से वामन अवतार ने तीनों लोक नाप लिए थे। इससे देवताओं को स्वर्ग लोग वापस मिल गया था। इसी खुशी में रोशनी का उत्सव मनाया जाता है।
- यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि धन की देवी लक्ष्मी इसी दिन समुद्र मंथन से निकली थी। भगवान विष्णु को देवी लक्ष्मी ने पति के रूप में दीवाली की रात को चुना था। दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का विधान भी है। हिन्दू धर्म को मानने वाले सुख और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी का पूजन करते है।