ट्रेडिंग फॉरेक्स के लाभ

एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है?

एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है?

एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है?

विदेशी मुद्रा बाजार विश्लेषण दो अलग-अलग रूपों में आता है; तकनीकी और मौलिक विश्लेषण। ट्रेडिंग के जन्म के बाद से चर्चाओं में हंगामा हुआ है कि कौन सा विश्लेषण सबसे अच्छा है, या क्या व्यापारियों को अधिक सूचित ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए, दोनों विषयों के संयोजन को नियुक्त करना चाहिए या नहीं। तकनीकी और मौलिक दोनों तरह के विश्लेषणों की efcacy को "efcient- बाजार की परिकल्पना" के रूप में संदर्भित किया जाता है, जो यह बताता है कि बाजार की कीमतें अनिवार्य रूप से अप्रत्याशित हैं।

जबकि दशकों से चर्चा चल रही है कि विश्लेषण का कौन सा रूप सबसे अच्छा है, एक मुद्दा सभी व्यापारिक विशेषज्ञों और विश्लेषकों पर सहमत होगा कि दोनों रूपों में विशेषताएं और लाभ हैं जो व्यापारियों की सहायता कर सकते हैं। विश्लेषक इस बात पर भी सहमत होंगे कि यह या तो विश्लेषण या आवेदन के दोनों रूपों या विश्लेषण के दोनों रूपों में जीवन भर का समय ले सकता है। तकनीकी विश्लेषण का सबसे विख्यात उपयोग 1700 में डच व्यापारियों और व्यापारियों द्वारा वापस किया गया था, जबकि कैंडलस्टिक विश्लेषण कथित तौर पर चीन में अठारहवीं शताब्दी में शुरू हुआ था, सौम्य मुनिहिसा द्वारा विकसित एक विधि, चावल जैसी बुनियादी वस्तुओं की मांग का निर्धारण करने के लिए।

कई मौलिक विश्लेषक तकनीकी विश्लेषण को खारिज कर देंगे, यह सुझाव देते हुए कि अधिकांश तकनीकी संकेतक काम नहीं कर सकते हैं और काम नहीं करते हैं, क्योंकि संकेतक "स्व पूर्ति और अंतराल" हैं। वे सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले संकेतकों जैसे कि: एमएसीडी, आरएसआई, स्टोकेस्टिक्स, डीएमआई, पीएसएआर (परवलयिक स्टॉप और रिवर्स), बोलिंगर बैंड आदि की एफएक्यूई और मूल्य पर संदेह कर सकते हैं। हालांकि, ऐसे कई व्यापारी हैं जो अपनी ट्रेडिंग योजना में विश्लेषण का काम करते हैं। , जो स्पष्ट रूप से बताता है कि संकेतक का उपयोग करना, उनके ट्रेडों में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए, वास्तव में काम करता है। हर बार नहीं, लेकिन संभावना और औसत प्रदर्शन के संदर्भ में, उनका तकनीकी विश्लेषण समय के साथ पर्याप्त रूप से काम करता है यह सुनिश्चित करने के लिए कि उन्होंने एक विश्वसनीय व्यापारिक योजना और रणनीति विकसित की है, "एक छोर" जैसा कि व्यापारी अक्सर इसका उल्लेख करते हैं।

हालांकि, यह विडंबना है कि लगभग सभी मौलिक विश्लेषक-व्यापारी अभी भी तकनीकी विश्लेषण के रूपों का उपयोग करेंगे, यहां तक ​​कि अपेक्षाकृत वेनिला, संकेतक मुक्त चार्ट पर भी। वे शायद तय करेंगे कि वे किस कीमत के प्रदर्शन का तरीका पसंद करते हैं: कैंडलस्टिक, हाइकिन-असी, लाइन, पिन-बार, या वे व्यापार करने के लिए एक काफी बुनियादी रणनीति का उपयोग करेंगे: उच्च चढ़ाव, कम ऊंचाई, चलती औसत, सिर और कंधे 'पैटर्न, फ्रैक्टल्स, पिवट पॉइंट, फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट और ड्राइंग ट्रेंड लाइन्स आदि। इनमें से कुछ फॉर्मूले एक चार्ट पर रखे जाने के बाद, चार्ट एक चार्ट के रूप में व्यस्त हो सकता है जिसमें पूर्वोक्त कई संकेतक हैं। और क्या गणना नहीं की जाती है कि कहां रुकें और प्रोफिट लिमिट ऑर्डर भी तकनीकी विश्लेषण के रूप में लें?

इसलिए भी समर्पित मौलिक विश्लेषण व्यापारियों को अभी भी तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करना पड़ता है, वे सिर्फ समाचार, घटनाओं और डेटा रिलीज पर ध्यान केंद्रित करना, या उनके निर्णयों को स्वीकार करना पसंद करेंगे। और वे सभी रिलीज के बीच में रहेंगे, शायद ट्विटर का उपयोग करके, या बाजार के शीर्ष पर और उनके व्यापारिक निर्णयों के प्रयास में "स्क्वॉक" के रूप में संदर्भित करने के लिए अतिरिक्त खर्च का भुगतान करते हैं।

हालांकि, हमारी साइट का यह खंड मौलिक और तकनीकी विश्लेषण के सापेक्ष गुणों पर चर्चा करने के लिए यहां नहीं है, हम एक एफएक्स स्कूल विकसित कर रहे हैं, जिसमें हम यह करेंगे कि लंबाई के बीच, एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? हम मुख्य अंतर के बीच संक्षिप्त विवरण प्रदान करने जा रहे हैं। विश्लेषण के दो अलग-अलग क्षेत्र।

विदेशी मुद्रा तकनीकी विश्लेषण क्या है?

तकनीकी विश्लेषण (जिसे अक्सर टीए कहा जाता है) भविष्य के वित्तीय मूल्य आंदोलनों का पूर्वानुमान है जो पिछले मूल्य आंदोलनों की एक परीक्षा के आधार पर होता है। तकनीकी विश्लेषण व्यापारियों को यह अनुमान लगाने में मदद कर सकता है कि समय के साथ कीमतों में क्या होने की संभावना है। तकनीकी विश्लेषण संकेतक और चार्ट की एक विस्तृत विविधता का उपयोग करता है जो एक चयनित समय अवधि में मूल्य आंदोलनों को प्रदर्शित करते हैं। मूल्य गतिविधि और मात्रा जैसे व्यापारिक गतिविधि से एकत्रित आंकड़ों का विश्लेषण करके, व्यापारियों को यह निर्णय लेने की उम्मीद है कि किस दिशा में कीमत लग सकती है।

कई तकनीकी विश्लेषण-व्यापारी समाचारों पर बहुत कम ध्यान देते हैं। वे इस विचार को लेते हैं कि अंततः विस्तार और शायद एक आर्थिक समाचार रिलीज का नाटक, अंततः खुद को एक चार्ट पर प्रकट करेगा। वास्तव में, एक चार्ट पर कीमत अक्सर प्रतिक्रिया कर सकती है इससे पहले कि व्यापारियों ने जारी किए गए डेटा को देखा हो, या समाचार पढ़ने और फिर एक सूचित निर्णय लेने का मौका था। यह एल्गोरिथम / उच्च आवृत्ति व्यापारियों के परिणाम के रूप में हो सकता है क्योंकि कई नश्वर व्यापारियों की एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? प्रतिक्रिया करने से पहले बिजली की गति में समाचार चलाने में सक्षम हो सकते हैं।

विदेशी मुद्रा मौलिक विश्लेषण क्या है?

मौलिक विश्लेषकों ने एक निवेश के आंतरिक मूल्य की जांच की, विदेशी मुद्रा में यह एक राष्ट्र की मुद्रा के मूल्यांकन को संक्रमित करने वाली आर्थिक स्थितियों की करीबी परीक्षा की आवश्यकता है। कई प्रमुख मूलभूत कारक हैं जो मुद्रा की गति में एक भूमिका निभाते हैं, जिनमें से कई को "आर्थिक संकेतक" कहा जाता है।

आर्थिक संकेतक एक देश की सरकार, या एक निजी संस्था जैसे मार्किट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट और डेटा हैं, जो देश के आर्थिक प्रदर्शन का विवरण देते हैं। आर्थिक रिपोर्ट वे साधन हैं जिनके द्वारा किसी देश के आर्थिक स्वास्थ्य को आम तौर पर मापा जाता है। निर्धारित समय पर जारी किया गया डेटा एक राष्ट्र की आर्थिक स्थिति के संकेत के साथ बाजार प्रदान करता है; क्या इसमें सुधार हुआ है या गिरावट आई है? एफएक्स ट्रेडिंग में, मंझला से कोई विचलन, पिछले डेटा, या जो भविष्यवाणी की गई है, वह बड़ी कीमत और वॉल्यूम आंदोलनों का कारण बन सकता है।

यहाँ चार प्रमुख रिपोर्टें हैं जो (जारी करने पर) मुद्रा की कीमत पर प्रभाव डाल सकती हैं

जीडीपी किसी देश की अर्थव्यवस्था का सबसे व्यापक उपाय है; देश में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल बाजार मूल्य एक क्षीण अवधि के दौरान। जीडीपी में कमी आती है, इसलिए व्यापारी अक्सर जीडीपी के खराब होने से पहले जारी दो रिपोर्टों पर ध्यान केंद्रित करते हैं; उन्नत रिपोर्ट और प्रारंभिक रिपोर्ट। इन रिपोर्टों के बीच संशोधन काफी अस्थिरता पैदा कर सकता है।

खुदरा बिक्री की रिपोर्ट एक विशिष्ट देश में सभी खुदरा स्टोरों की प्राप्तियों को मापती है। रिपोर्ट मौसमी चर के लिए समायोजित समग्र उपभोक्ता खर्च पैटर्न का एक उपयोगी संकेतक है। इसका उपयोग अधिक महत्वपूर्ण लैगिंग संकेतकों के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करने और अर्थव्यवस्था की तत्काल एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? दिशा का आकलन करने के लिए किया जा सकता है।

के उत्पादन में परिवर्तन: कारखानों, खानों और उपयोगिताओं एक देश की अर्थव्यवस्था के भीतर अर्थव्यवस्था के समग्र स्वास्थ्य का संकेत कर सकते हैं। यह उनकी क्षमता की भी रिपोर्ट करता है; प्रत्येक कारखाने की एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? क्षमता या उपयोगिता का उपयोग किया जा रहा है। आदर्श रूप से एक राष्ट्र को अपनी अधिकतम क्षमता के निकट होने पर, उत्पादन में वृद्धि का अनुभव करने की आवश्यकता होती है।

इस डेटा का उपयोग करने वाले व्यापारी अक्सर उपयोगिता उत्पादन की निगरानी करते हैं, जो ऊर्जा की मांग के रूप में अस्थिर हो सकता है, मौसम परिवर्तन से प्रभावित होता है। रिपोर्टों के बीच महत्वपूर्ण संशोधन मौसम परिवर्तन के कारण हो सकते हैं, जो राष्ट्रीय मुद्रा में अस्थिरता का कारण बन सकते हैं।

सीपीआई उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में मुद्रास्फीति में बदलाव को मापता है। दो सौ विभिन्न श्रेणियां। इस रिपोर्ट का उपयोग यह देखने के लिए किया जा सकता है कि कोई देश अपने उत्पादों और सेवाओं पर पैसा बना रहा है या खो रहा है। इसका उपयोग यह एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? निर्धारित करने के लिए भी किया जा सकता है कि अर्थव्यवस्था को ठंडा या उत्तेजित करने के लिए केंद्रीय बैंक या सरकार आधार ब्याज दरों को बढ़ाएगी या कम करेगी या नहीं।

Explained: क्या सिर हिलाकर हां-नहीं कहना सिर्फ भारतीयों की अदा है?

जोरों से मुंडी हिलाते हुए हां या न कहना हेड बॉबल कहलाता है- सांकेतिक फोटो (flickr)

जोरों से मुंडी हिलाते हुए हां या न कहना हेड बॉबल (head bobble) कहलाता है. पूरी दुनिया में केवल दक्षिण एशियाई देश (South Asian nations) ही बगैर बोले सिर हिलाते हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 23, 2020, 06:48 IST

क्रमिक विकास (evolution) के साथ हमने सिर्फ बहुत-सी चीजें सीखीं, जिनमें से एक है संवाद (communication). दुनिया के हर हिस्से ने भाषा ईजाद की. माना जाता है कि ग्लोबली 6900 भाषाएं हैं, जिनमें से अधिकतर खत्म होने के स्तर पर हैं. अपने देश में भाषाओं की बात करें तो संविधान में 22 भाषाएं शामिल हैं, जिनके अलावा बोलियां भी हैं. इसके बाद भी हमारे पास संवाद की एक बिल्कुल अनोखी रीत है- वो है सिर हिलाना (headnod). जिस तरह से सिर हिलाकर हम हां या न कहते हैं, वो एशिया के अलावा दुनिया के किसी हिस्से में नहीं. एक्सपर्ट इसे हेड बॉबल (head bobble) कहते हैं. जानिए, क्या कहना है सिर हिलाने का विज्ञान.

क्या है ये सिर हिलाना
सिर हिलाकर हां या न कहने का ये तरीका हेड बॉबल या हेड वॉबल (head wobble) भी कहलाता है. ये कई तरीकों से होता है, जैसे ऊपर-नीचे सिर हिलाने का मतलब सामने वाला हां कह रहा है. इसी तरह से दाएं-बाएं सिर घुमाना यानी सामने वाला इनकार कर रहा है. कई बार थैंक यू भी एक बार सिर हिलाकर बिना कोई शब्द बोले कहा जाता है.

विदेशी टूरिस्टों के लिए परेशानी का सबब
कुल मिलाकर सिर हिलाने का एक ही मतलब नहीं, बल्कि इसे जानने वाले ही इसे समझते हैं. भारत आने वाले विदेशी सैलानी अगर बिना गाइड के हों तो इस संवाद में काफी परेशान होते हैं. खासकर अगर विदेशी अंग्रेजी में तंग हो और जिससे बात करने की कोशिश कर रहा हो, उसे भी भाषा की समझ न हो, तब ऐसे इशारे परेशानी बढ़ा देते हैं.

ये आदत नॉनवर्बल कम्युनिकेशन (NVC) के तहत आती है- सांकेतिक फोटो (Pixabay)

क्या कहती हैं स्टडी
वैसे भारतीय में हेड-नॉड यानी सिर हिलाने की आदत पर काफी स्टडी की जा चुकी है. इससे पता चला कि ये आदत सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि उसके आसपास के कई एशियाई देशों जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल तक में है. नॉनवर्बल कम्युनिकेशन (NVC) के तहत आने वाली ये आदत ठीक वैसी ही है, जैसे विदेशियों में कंधे उचकाना या आंखों में आंखें डालकर देखना.

सबसे पहले साल 1872 में इसका जिक्र हुआ था. तब The Expression of the Emotions in Man and Animals के नाम से इंसानों के साथ-साथ जानवरों में भी नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन को समझने की कोशिश हुई.

किस श्रेणी में आता है यूं बिना बोले कहना
इसके कई प्रकार देखे गए. हालांकि इसके तहत 5 एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? प्रकार मुख्य हैं, जिनमें बिना बोले कोई शख्स अपनी बात अगले तक पहुंचाता है. इसमें चेहरे के हावभाव, जेस्चर्स (भंगिमाएं), पैरालिंग्विस्टिक्स (आवाज का उतार-चढ़ाव), प्रोक्सेमिक्स यानी स्पेस की जरूरत और आंखों का इशारा शामिल हैं. हेड नॉड यानी सिर हिलाने की आदत दो श्रेणियों के तहत आती है- बॉडी लैंग्वेज और जेस्चर्स.

श्रीलंका में भी हेड नॉड की आदत ठीक भारतीयों जैसी ही है- सांकेतिक फोटो (needpix)

श्रीलंका में भी समान आदत
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में भी हेड नॉड की आदत ठीक भारतीयों जैसी ही है. फर्क बस इतना है कि वहां के लोग ज्यादा तेजी से सिर हिलाते हैं. शायद ये इस बात का इशारा है कि वे बात समझ चुके हैं और ज्यादा बात बढ़ाने की जरूरत नहीं. बात रोकने के अलावा वे ना कहने के लिए भी दाएं-बाएं पूरे जोरों से सिर घुमाते हैं.

जोर से हिलाते हैं सिर
कल्चर ट्रिप वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोलंबो में चूंकि श्रीलंका के हर हिस्से के लोग बसे हैं, लिहाजा वहां ढेरों तरह से सिर हिलाना दिखेगा. ऐसे में अगर कोई सैलानी एक पैटर्न को समझकर उसे ही दूसरी जगह लागू करना चाहे तो भारी मुसीबत में पड़ सकता है. इनमें समानता ये ही है कि लगभग सभी जोर से सिर हिलाते हैं.

संस्कृति भी एक वजह
भारतीयों का सिर हिलाना पूरी दुनिया में चर्चित है. साल 2010 में एक अमेरिकन सिटकॉम आया था. आउटसोर्स्ड (Outsourced) नाम के इस सीरियल में भारतीयों के सिर हिलाकर बिना बोले कुछ कहने पर बाकायदा बात हुई थी. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय कुछ तो अपनी संस्कृति के दबाव में ये नॉनवर्बल तरीका अपना चुके हैं. जैसे यहां बड़ों से असहमति होने पर सीधे उनकी बात काटना ठीक नहीं माना जाता. ऐसे में सिर हिलाकर हम चुप्पी साधे रहते हैं. ये एक तरह से अपनी बात रखने के लिए समय लेने की तरह है. साथ ही सीधी असहमति से निजात मिल जाती है.

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गंजेपन के कारण

बालों के झड़ने या सिर पर बालों का न होना हो गंजापन कहलाता है। गंजापन के अलावा इसे एलोपेसिया भी कहा जाता हैं। देखा जाए तो गंजापन सबसे अधिक सिर उपरी हिस्से पर होता है जहां अधिकतर लोगों का ध्यान चला जाता है, लेकिन बाल जहां जहां उगता है गंजापन वहां कहीं पर भी हो सकता है। गंजापन क्या है जानने के बाद आप जरूर जानना चाहते होंगे कि गंजापन किसके कारण होता है ?

गंजेपन का क्या कारण है?

अब आपको बताते हैं कि गंजापन किसके कारण होता है ? बालों का झड़ना या हेयर फॉल कई कारणों से हो सकता है। पर गंजेपन के कारण में से कुछ निम्नलिखित है –

  • उम्र बढ़ने के कारण बालों का झडना
  • हार्मोन में बदलाव के कारण बालों का झडना
  • बालों के झड़ने के कारण होने वाली बीमारी (टेलोजेन एफ्लुवियम)
  • गंजेपन आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है।

बालों का झड़ना निम्न कारणों से नहीं होता है:

  • स्कैल्प में खराब सर्कुलेशन का होना
  • रूसी(डैंड्रफ) का होना
  • टोपी पहनने के कारण बालों का झडना

अब आप जान गए होंगे कि गंजेपन एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? के कारण क्या है या गंजापन किसके कारण होता है। आम तौर पर बालों का झड़ना जितनी कम उम्र अर्थात जल्दी शुरू होता है यह उतना ही गंभीर होता जाता है।

गंजेपन के लक्षण क्या हैं?

गंजापन किसके कारण होता है? जानने के बाद आप गंजेपन के लक्षण जरुर जानना चाहेंगे। गंजापन कई तरह का होता है और और गंजेपन के कारण के साथ लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। गंजेपन के प्रकार में देखें तो मेल पैटर्न हेयरफाल और फीमेल पैटर्न हेयरफाल होते हैं:

मेल पैटर्न हेयरफॉल

जब यह प्रश्न आता है कि गंजेपन किसके कारण होता है तो उसमें अधिकतर जवाब आता है पैटर्न हेयरफॉल के कारण। मेल पैटर्न हेयरफॉल सामान्य तौर पर आनुवांशिक कारणों के कारण होता है। हेयरफ़ाल की यह स्थिति किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। बालों का झड़ना अक्सर सामने की तरफ, कंधे की तरफ या सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू हो जाता है। कई बार मेल पैटर्न हेयरफॉल सिर्फ और सिर्फ हेयरलाइन के कम होने तक सीमित हो जाती है। कभी कभी तो व्यक्ति अपने सभी बाल खो सकते हैं।

फीमेल पैटर्न हेयरफॉल

फीमेल पैटर्न हेयर फॉल बहुत अधिक लोगों को नहीं होता है पर कई महिलाएं इससे भी प्रभावित होती है। फीमेल पैटर्न हेयरफॉल, मेल पैटर्न हेयरफॉल से बहुत अलग होता हैं जिसमें बाल आम तौर पर पूरे सिर में बहुत अधिक पतले हो जाते हैं। फीमेल पैटर्न हेयर फॉल का आमतौर पर पहला लक्षण हेयरलाइन का भाग का चौड़ा होना दिख सकता है। अब आप इस प्रश्न का उत्तर जान चुके होंगे कि गंजेपन किसके कारण होता है।

बालों के झड़ने के अन्य कारण

एलोपेशिया एरियाटा

यह बालों के बहुत तेज झड़ने का कारण बनता है। इस बीमारी में बाल अचानक ही झड़ने लगते है और झड़ने की यह प्रक्रिया आमतौर पर बहुत छोटे पैच में होती होता है। बाल कई महीनों के बाद वापस भी उग सकते हैं। पर अगर शरीर के सभी बाल अचानक ही झड़ने लग जाते हैं, तो हो सकता है कि यह दोबारा न उगें। इस तरह से बालों के झड़ने का सटीक कारण अभी तक नहीं पता चला है। इस पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि इस प्रकार के बालों का झड़ना एक ऑटोइम्यून बीमारी के कारण होता है। एलोपेशिया एरियाटा में आमतौर पर बाल के झड़ने छोटे छोटे हिस्से में झड़ने लगते हैं। अगर स्कैल्प पर से पूरे बाल झड़ने लगते हैं तो इसे एलोपेसिया टोटलिस कहा जाता है। और अगर शरीर के सभी बाल झड़ जाते हैं, तो इसे एलोपेसिया युनिवर्सलिस कहा जाता है। डॉक्टर से यह प्रश्न पूछने पर कि गंजेपन किसके कारण होता है ? तो डॉक्टर भी कभी कभी एलोपेशिया एरियाटा का नाम ले लेते हैं।

टॉक्सिक एलोपेसिया

तेज बुखार या किसी गंभीर बीमारी के बाद टॉक्सिक एलोपेसिया हो सकता है। इसमें कुछ दवाएं विशेष रूप से थैलियम, विटामिन ए की अधिक खुराक, रेटिनोइड्स और कैंसर की दवाएं भी इस बीमारी का कारण हो सकती हैं। कई बिमारियों का इलाज जैसे कि थायरॉयड की बीमारी और बच्चे को जन्म देने के कारण भी टॉक्सिक एलोपेसिया को ट्रिगर कर सकता है। पर सामान्यतः इसमें बाल अस्थाई रूप से ही झड़ते हैं।

ट्रिकोटिलोमेनिया (बाल का खींचना)

बाल को अधिक तेजी से खींचने पर बाल झड़ सकते हैं। यह छोटे बच्चों में बहुत अधिक होता है।

स्कारिंग या सिकाट्रिकियल एलोपेसिया

यह जले हुए भाग में बालों को दुबारा बढ़ने से रोक सकती हैं। जलन, चोट या एक्स-रे थेरेपी के निशान भी पड़ सकते हैं। पर बालों के झड़ने का कारण कई बिमारियां हो सकती हैं। बालों का झडने का कारण ल्यूपस, बैक्टीरियल या फंगल स्किन संक्रमण, लाइकेन प्लेनस, सारकॉइडोसिस, टीबी या स्किन कैंसर शामिल होता हैं।

गंजेपन की पहचान कैसे की जाती है?

किसी व्यक्ति के हाल फिलहाल कराए गए इलाज़ और विभिन्न टेस्ट के के अलावा स्किन की एक बायोप्सी भी गंजेपन के विभिन्न प्रकार या इसके कारणों की पहचान करने में डॉक्टर की मदद कर सकती है। बायोप्सी में टिश्यू का एक छोटा सा हिस्सा निकाल लिया जाता है जिसको जांच लैब में की जाती है। अगर डॉक्टरको लगता है कि इंफेक्शन हो सकता है तो कल्चर टेस्ट भी किया जा सकता है।

गंजेपन का इलाज कैसे किया जाता है?

गंजेपन के सम्भावित इलाज के बारे में डॉक्टर आपके साथ चर्चा जरूर करेगा और साथ ही साथ ही आपके ऊपर ही यह निर्णय छोड़ देगा कि आपको कौन सा इलाज करवाना है। देखा जाए तो गंजेपन के अधिकांश बिमारियों का कोई इलाज नहीं है। बस कुछ ही तरह के गंजेपन का इलाज किया जा सकता है। इसके इलाज में शामिल हो सकता है –

  • बालों को बढ़ने के के लिए कुछ दवाएं (जैसे मिनोक्सिडिल और फाइनस्टेराइड)
  • हेयर ट्रांसप्लांट
  • स्किन लिफ्ट्स और ग्राफ्ट्स
  • हेयर रिप्लेसमेंट सर्जरी

बालों को ट्रांसप्लांट के लिए पिछले कई वर्षों से लोगों की रुचि बढ़ती जा रही है। वर्तमान में कई हेयर रिप्लेसमेंट तकनीक उपलब्ध हो चुकी हैं। पर कोई भी हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी पूरी तरह से गंजे लोगों की मदद नहीं कर सकती है। बालों को बदलने के लिए के सिर के पीछे और किनारों पर बालों का स्वस्थ होना बहुत अधिक जरूरी है। सिर के पीछे और किनारों के बाल डोनर के रूप में काम करेंगे जहां से ग्राफ्ट और फ्लैप लिए जा सकते हैं।

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नवजात को गोद में उठाने का यह है सही तरीका, नई मांएं रखें इन बातों का ध्यान

नवजात शिशु की देखभाल में काफी सावधानियां बरतनी पड़ती है। दरअसल, वे बेहद ही नाजुक होते हैं और उनका अपने शरीर पर कोई कंट्रोल नहीं होता है। ऐसे में बच्चे को गोद में पकड़ने के लिए सही पोज‍िशन मालूम होना बेहद एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? जरूरी होता है। नहीं तो शिशु की गर्दन में अकड़न, हाथ-पैर में झटका लगने का खतरा हो सकता है। वैसे तो आप बच्चे को गोद में लेने के लिए शोल्‍डर, क्रैडल जैसी पोज‍िशन का सहारा ले सकते हैं। मगर आज हम आपको नवजात शिशु पकड़ने का सही तरीका व पोजिशन बताते हैं.

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नवजात श‍िशु को पकड़ने का सही तरीका

. छोटे बच्चों को जल्दी ही इंफेक्शन हो जाती है। इसलिए उसे पकड़ने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि आपके हाथ साफ हो।

. नवजात शिशु का सिर बेहद नाजुक होता है। ऐसे में हाथ का सपोर्ट देते हुए उसके सिर को पकड़े।

. बच्चे को इसतरह पकड़े की उसका आपकी त्वचा के साथ संपर्क बनें। इससे उसे गर्माहट का एहसास होगा।

. अगर आपके हाथ में कोई सामान है या आप कोई काम कर रही हैं तो इस दौरान बच्चे को गोद में पकड़ने से बचे। नहीं तो उसे नुकसान हो सकता है।

. कई लोग बच्चे को गोद में लेकर जोर से हिलाते हैं। मगर ऐसा करने से बचना चाहिए। एक्सपर्ट अनुसार, नवजात को गोद में लेकर जोर-जोर से हिलाने पर उसके द‍िमाग में ब्‍लीड‍िंग हो सकती है। इसलिए उसे जोर से और ज्‍यादा देर तक न ह‍िलाएं।

. बच्चे को दूध पिलाने के लिए जमीन पर बैठे। फिर अपनी जांघों को जोड़कर नवजात को गोद में लिटाकर दूध एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? पिलाएं। इससे वे अच्छे तरीके से दूध पी पाएगा।

स्‍तनपान के दौरान ऐसे पकड़े नवजात शिशु

बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाने दौरान तकिए का सहारा लेकर शिशु को गोद में लिटाएं। फिर अपना एक हाथ बच्चे के सिर के नीचे रखें। साथ ही नवजात को गर्माहट का एहसास दिलाने के लिए उसे खुद से चिपकाकर गोद में लेकर दूद पिलाएं।

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नहलाते समय बच्‍चे को ऐसे कपड़ें

छोटे बच्चों का खुद पर कोई कंट्रोल नहीं होता है। इसलिए उसे अच्छे से पकड़कर ही नहलाएं। इससे पानी, साबुन आदि चीजों उसे कान, नाक, आंखों में नहीं जाएगी। आप शिशु को गोद में ऊपर की पोजिशन में रखकर नहलाएं। इससे आप उसे अच्छे से साबुन लगाकर नहला सकती हैं।

शोल्‍डर होल्‍ड

बच्चे को गोद में लेने के लिए आप शोल्डर होल्ड पोजिशन ट्राई कर सकती हैं। इसके लिए बच्चे के सिर और पीठ के पीछे की ओर हाथ लगाकर रखें। उसके कंधे को ऊंचाई पर उठाते हुए सिर को अपने कंधे पर रखें। आपने एक हाथ को शिशु के सिर को पकड़ें और दूसरे हाथ से बच्चे के निचले शरीर को सहारा दें।

क्रेडल होल्ड

आप बच्चे को गोदी में उठाने के लिए शोल्‍डर होल्‍ड की जगह क्रेडल होल्ड का सहारा भी ले सकती हैं। इसके लिए अपनी एक बाजू से शिशु के स‍िर और गर्दन को सपोर्ट देने के ल‍िए नीचे रखें। अब धीरे से बच्चे के सिर को अपनी कोहनी पर रखें और हाथ से उसकी कमर को सहारा दें। इसके बाद दूसरे हाथ से शिशु के कुल्हों को सहारा देकर उसे अपने करीब लाएं। साथ ही उसकी गर्दन को पूरा सपोर्ट देकर इस आराम वाली पोजिशन में शिशु को सुला लें।

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Udaipur Murder case: केंद्रीय जांच एजेंसी NIA को उदयपुर मामले की तफ्तीश का जिम्मा सौंपा गया है। एनआईए की एक टीम उदयपुर के लिए रवाना हुई है।

Udaipur incident

राजस्थान के उदयपुर में हुई घटना की आतंकी जांच की जाएगी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम को राजस्थान के उदयपुर के लिए रवाना किया गया है। यहां 2 लोगों ने एक शख्स की काफी बेरहमी से हत्या की है। उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। हालांकि पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज दोनों सूरजपोल उदयपुर के रहने वाले हैं। दोनों ने हत्या का वीडियो बनाया और उसे वायरल किया।

एनआईए की टीम उदयपुर हत्याकांड के दोनों आरोपियों के एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है? प्रोफाइल की तफ्तीश कर सकती है। जिस तरह से हत्या की गई उस पैटर्न को देखते हुए NIA को आरोपियों के किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने का शक है। दोनों आरोपियों के सरहद पार पाकिस्तान से तार जुड़े होने का शक है।

उदयपुर में एक दर्जी की दुकान पर दो व्यक्ति नाप देने के लिए आते हैं। दर्जी उनमें से एक व्यक्ति की नाप ले रहा था। सामने एक व्यक्ति वीडियो बना रहा था। जैसे ही दर्जी एक व्यक्ति के कंधे की नाप लेता है। उसके गले पर छूरा चल जाता है। वो दर्जी बार बार कह रहा है कि क्या हुआ। उसे क्यों मार रहे हो। चीखने की आवाजें आ रही हैं। लेकिन हत्यारों ने कुछ नहीं सुना और दर्जी का गला काट दिया। हत्यारों ने ना सिर्फ इस मर्डर का वीडियो बनाया। बल्कि मर्डर के बाद हत्यारों ने अपने कबूलनामे वाला वीडियो भी रिकॉर्ड किया। इसमें वो अपना नाम बता रहे हैं। वो खून लगा हुआ छूरा दिखा रहे हैं। ये भी धमकी दे रहे हैं कि ये छूरा पीएम मोदी पर भी चलेगा। और सर तन से जुदा वाला नारा भी लगा रहे हैं।

इन हत्यारों ने जिस दर्जी का गला काट दिया। उसका नाम कन्हैया लाल है और उसकी उम्र करीब 40 साल थी। कन्हैया लाल उदयपुर के धानमंडी इलाके में सुप्रीम टेलर्स नाम की दुकान चलाते थे। ऐसा बताया जा रहा है कि 10 दिन पहले इन्होंने या फिर इनके बेटे ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया था। जिसमें कथित तौर पर नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। जिस कन्हैयालाल की हत्या हुई, उसे पिछले कई दिन से धमकियां मिल रही थीं। बताया जा रहा है कि कन्हैया ने पुलिस में धमकियों के बारे में शिकायत भी की थी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई और कन्हैया को कुछ दिन संभलकर रहने के लिए बोल कर वापस भेज दिया। आज दोपहर ढाई बजे के करीब दोनों हत्यारे बाइक से आए और कन्हैयालाल का गला काट दिया। सच ये है कि राजस्थान पुलिस की नाक के नीचे मर्डर की प्लानिंग हो रही थी। हत्या में शामिल मोहम्मद रियाज अंसारी ने 17 जून को ही वीडियो बना लिया था और कहा था कि वो सर कलम करने के बाद वीडियो वायरल करेगा।

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