किस समय सीमा को चुनना है

सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में येकातेरिनबर्ग
स्वागत है! हमारी साइट पर आप हमेशा अद्यतित हो सकते हैं और सूर्यास्त के समय की विस्तृत जानकारी ले सकते हैं में येकातेरिनबर्ग . सूर्योदय और सूर्यास्त का सही समय न केवल उन लोगों के लिए उपयोगी होगा जो स्टारलाईट आकाश में टकटकी लगाना पसंद करते हैं, बल्कि फोटोग्राफर भी हैं, जो दिन और रात के जंक्शन पर सबसे सुरम्य फ्रेम पकड़ सकते हैं। कभी-कभी आप बस बैठकर सूर्योदय देखना चाहते हैं। यह सुंदर और पकड़ने में आसान है। यह साइट आपको इसे करने में मदद कर सकती है। हम सबसे सटीक गणना करते हैं और सबसे अधिक प्रासंगिक जानकारी प्रदान करते हैं।
कहीं से भी डेटा प्राप्त करने के लिए आपको सूची से अपना शहर चुनना होगा। यदि आपको वह शहर नहीं मिल रहा है जिसे आप ढूंढ रहे हैं, तो कृपया इसे मानचित्र पर चिह्नित करें या निर्देशांक दर्ज करें। 6 december 2022 ( tuesday ), में सूर्योदय का समय येकातेरिनबर्ग : 09:18:40 , सूर्यास्त का समय : 16:21:09 . दिन की लंबाई है 07:02:29 . क्षितिज के ऊपर अधिकतम ऊंचाई है +10°41′01″ . सूरज अपने चरम पर पहुंच जाता है 12:49:54
प्रजातंत्र पर पाठयोजना बनाते समय किस संप्रत्यय पर सबसे पहले विचार करेंगे?
कक्षा में कई चुनौतियों से निपटने के लिए अच्छी योजना एक प्रभावी उपकरण है। एक पाठ योजना शिक्षक का रोड मैप है कि क्या पढ़ाया और सिखाया जाना चाहिए और इसे कक्षा के समय में प्रभावी ढंग किस समय सीमा को चुनना है से कैसे किया जाएगा। बनाना, योजना, शिक्षण और अधिगम की उचित प्रक्रिया एक प्रभावी पाठ योजना बनाती है।
Important Points
- लोकतंत्र की अवधारणा के बारे में पाठ योजना बनाते समय पहला कदम उद्देश्यों की योजना बनाना है।
- सामान्य और विशिष्ट उद्देश्यों को तय करने की आवश्यकता है।
Key Points
पाठ योजना निर्मित करते समय निम्नलिखित चरणों का ध्यान रखने की आवश्यकता है: -
- विषय वस्तु के उद्देश्यों की योजना बनाना: किसी विशेष पाठ के शिक्षण उद्देश्यों को बच्चों में विकसित की जाने वाली योग्यता के अनुरूप होने चाहिए। आमतौर पर शिक्षक पाठ के केवल सामान्य और विशिष्ट उद्देश्यों को ही प्रस्तुत करते हैं।
- उपयुक्त संसाधन सामग्री /विषय सामग्री का चयन करना : जिस विषय वस्तु को शामिल करने का प्रयोजन है वह निर्धारित समय तक ही सीमित होनी चाहिए। विषय रोचक होना चाहिए और यह विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान से संबंधित होना चाहिए। यह दैनिक जीवन की स्थितियों से भी जुड़ने वाला होना चाहिए।
- उपयुक्त शैक्षणिक रणनीतियाँ/विधियाँ चुनना: शिक्षक द्वारा सबसे उपयुक्त विधि किस समय सीमा को चुनना है का चयन किया जाता है। चुनी गई विधि, पढ़ाए जाने वाले विषय के लिए उपयुक्त होनी चाहिए। शिक्षक द्वारा उपयुक्त शिक्षण सहायक सामग्री की भी पहचान की जानी चाहिए। शिक्षक अपने पाठ को अधिक प्रभावी बनाने के लिए पूरक सहायता का भी उपयोग कर सकता है।
- मूल्यांकन रणनीतियों का निर्णय करना/मूल्यांकन: एक शिक्षक को अपने पाठ का मूल्यांकन यह पता लगाने के लिए करना चाहिए कि उसने अपने पाठ के उद्देश्यों को किस सीमा तक प्राप्त किया है। उपयुक्त प्रश्नों के माध्यम से विषय वस्तु के पुनर्पूंजीकरण द्वारा भी मूल्यांकन किया जा सकता है।
इस प्रकार, यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि 'लोकतंत्र' की अवधारणा के बारे में एक पाठ योजना बनाते समय विषय वस्तु के उद्देश्यों पर पहले विचार किया जाएगा।
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Last updated on Nov 28, 2022
CTET Application Correction Window Active from 28th November 2022 to 3rd December 2022. The detailed Notification for CTET (Central Teacher Eligibility Test) December 2022 cycle was released on 31st October 2022. The last date to apply was 24th November 2022. The CTET exam will be held between December 2022 and January 2023. The written exam will consist of Paper 1 (for Teachers of class 1-5) and Paper 2 (for Teachers of classes 6-8). Check out the CTET Selection Process here. Candidates willing to apply for Government Teaching Jobs must appear for this examination.
सरकार ने गे जज समेत 19 जजों की फाइल SC कॉलेजियम को लौटाई, कहा-फिर से करें विचार
कोर्ट ने मंत्रालय को कुछ फाइलें भेजी थी, जो जजों की नियुक्ति से संबंधित थी. लौटाई गई फाइलों में वकील सौरभ कृपाल की भी फाइल है, जो खुद के समलैंगिक होने के बारे में बता चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू कॉलेजियम को पहले ही एलियन बता चुके हैं. अब कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्ति की सिफारिश के साथ भेजी गई फाइलों को लौटा दिया है. मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से फाइलों पर दोबारा विचार करने को कहा है. कोर्ट ने मंत्रालय को कुछ फाइलें भेजी थी, जो जजों की नियुक्ति से संबंधित थी. लौटाई गई फाइलों में वकील सौरभ कृपाल की भी फाइल है, जो खुद के समलैंगिक होने के बारे में बता चुके हैं.
नियुक्ति प्रक्रिया के जानकार सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने सिफारिश किए गए नामों पर कड़ी आपत्ति जताई और बीते 25 नवंबर को फाइलें कॉलेजियम को वापस कर दीं. सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमणा की अगुवाई वाली कॉलेजियम ने वकील सौरभ कृपाल की दिल्ली हाई कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की थी. सौरभ कृपाल देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश बीएन कृपाल के बेटे हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट की सिफारिश पर SC ने केंद्र को भेजी फाइल
दिल्ली हाई कोर्ट के कॉलेजियम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की किस समय सीमा को चुनना है कॉलेजियम को कृपाल का नाम अक्टूबर, 2017 में भेजा गया था, लेकिन बताया जा रहा है कि कृपाल के नाम पर विचार करने को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन बार टाला. वकील सौरभ कृपाल ने हाल ही में एक मीडिया चैनल से कहा कि उन्हें लगता है कि उनके साथ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह एक किस समय सीमा को चुनना है समलैंगिक हैं. एनवी रमणा से पहले चीफ जस्टिस रहे एसए बोबड़े के कॉलेजियम ने कथित रूप से कृपाल किस समय सीमा को चुनना है का नाम टालते हुए उनके बारे में और भी जानकारी मांगी थी. हालांकि बाद में एनवी रमणा के सीजेआई बनने के बाद उनके नाम की सिफारिश केंद्र को भेजी गई.
लगता है केंद्र नाखुश है- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति की देरी पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने देरी पर कहा कि यह नियुक्ति के तरीके को प्रभावी रूप से विफल करता है. कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जजों की बेंच ने जो समय-सीमा तय की थी उसका पालन करना होगा. जस्टीस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका की बेंच ने यह भी कहा कि, “ऐसा लगता है कि केंद्र इस सच्चाई से नाखुश है कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को मंजूरी नहीं मिली. कोर्ट ने कहा, लेकिन यह देश के कानून के शासन को नहीं मानने की वजह नहीं हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के अपने फैसले में एनजेएसी अधिनियम और संविधान (99वां संशोधन) अधिनियम, 2014 को रद्द कर दिया था, जिससे सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति करने वाली जजों की मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम बहाल हो गई थी. जस्टिस कौल ने कहा कि कई बार कानून को मंजूरी मिल जाती है और कई बार नहीं मिलती. उन्होंने कहा, यह देश के कानून के शासन को नहीं मानने की वजह नहीं हो सकती.” बेंच ने कहा कि कुछ नाम डेढ़ साल से सरकार के पास लंबित हैं. कभी सिफारिशों में सिर्फ एक नाम चुना जाता है. कोर्ट ने कहा, आप नियुक्ति के तरीके किस समय सीमा को चुनना है को प्रभावी ढंग से विफल कर रहे हैं.
कानून मंत्री किरेन रिजिजू के अलग तेवर
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को एलियन बताया था. उन्होंने कॉलेजियम सिस्टम का विरोध करते हुए कहा था कि सरकार कॉलिजियम सिस्टम का तबतक सम्मान करती है, जब किसी और सिस्टम से इसे रिप्लेस किस समय सीमा को चुनना है नहीं किया जाता. कानून मंत्री ने यह भी कहा था कि कॉलेजियम में खामियां हैं और यह ट्रांसपेरेंट नहीं है. आरोप लगाया जाता है कि सरकार फाइलों पर बैठी है, इसपर उन्होंने कहा कि यह नहीं कहना चाहिए कि सरकार फाइलों पर बैठी है. उन्होंने कहा कि “फिर फाइल सरकार को मत भेजिए. आप खुद को नियुक्त करते हैं और आप शो चलाते हैं, सिस्टम काम नहीं करता है. कार्यपालिका और न्यायपालिका को मिलकर काम करना होगा.”
Dry Skin: सर्दियों में रूखी-सूखी त्वचा के लिए कैसे चुनें सही फेस वॉश जानें यहां, स्किन बनेगी मुलायम और खिली-खिली
Dry Skin Care: चेहरे को क्लेंज करना स्किन केयर का पहला स्टेप होता है. यहां जानिए किस तरह सही फेस वॉश चुनकर सर्दियों में स्किन की देखभाल की जाए.
Face Wash For Dry Skin: सर्दियों में स्किन के लिए इस तरह चुनें सही फेस वॉश.
खास बातें
- ड्राई स्किन की ऐसे करें देखभाल.
- चुनें नमी देने वाला फेस वॉश.
- कुछ बातों का ध्यान रखना भी है जरूरी.
Skin Care: बाजार में यूं तो कई तरह के फेस वॉश और क्लेंजर मिलते हैं लेकिन आपको अपनी स्किन के हिसाब से सही फेस वॉश का चुनाव करने की जरूरत होती है. फेस वॉश (Face Wash) स्किन केयर का सबसे जरूरी हिस्सा है. स्किन सही तरह से क्लेंज होने के बाद ही अन्य प्रोडक्ट्स को सोखने के लिए तैयार होती है. स्किन अगर सही तरह से साफ नहीं हुई तो बाकी स्किन केयर प्रोडक्ट्स भी अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाएंगे. वहीं, ड्राई स्किन को एक्स्ट्रा हाइड्रेशन की जरूरत होती है. वातावरण की शुष्क हवाएं, सख्त साबुन, जेनेटिक्स या फिर बाकी प्रोडक्ट्स में भी मॉइश्चर की कमी स्किन को बेजान और रूखा बना देती है. जानिए रूखी-सूखी त्वचा (Dry Skin) के लिए फेस वॉश या क्लेंजर चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
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ड्राई स्किन के लिए कैसे चुनें फेस वॉश | How To Choose Face Wash For Dry Skin
इन इंग्रीडिएंट्स का रखें ध्यान
ड्राई स्किन के लिए फेस वॉश या क्लेंजर ले रहे हैं तो उसके इंग्रीडिएंट्स पर खास ध्यान दें. देखें कि इसमें हयालूरोनिक एसिड हो. हयालूरोनिक एसिड स्किन के मॉइश्चर (Moisture) को वापस लाता है और त्वचा के ऊपर नमी की परत बनाता है. इससे स्किन सॉफ्ट और कोमल बनती है. इसके अलावा इंग्रीडिएंट्स में सेरामाइड्स को देखें. सेरामाइड्स स्किन को प्रदूषण से दूर रखते हैं. वहीं, सेरामाइड्स से स्किन का बैरियर सुरक्षित रहता है. ग्लिसरिन, भी ड्राई स्किन के लिए अच्छा इंग्रीडिएंट है.
टेक्सचर
नॉन-फॉमिंग और मिल्की टेक्सचर वाले फेस वॉश ड्राई स्किन के लिए अच्छे साबित होते हैं. मिल्की टेक्सचर वाले फेस वॉश से स्किन क्लेंज होने के साथ-साथ त्वचा को नमी भी मिलती है. हालांकि, फेस वॉश के तुरंत बाद मॉइश्चराइजर लगाना जरूरी होता है क्योंकि फेस वॉश त्वचा को पर्याप्त नमी नहीं देता.
इन बातों का रखें ध्यान
- सबसे पहले यह पहचानना जरूरी है कि आपकी स्किन ड्राई है या नहीं. अगर चेहरा धोने के बाद त्वचा खिंची-खिंची नजर आए, स्किन छूटने लगे या फिर सफेद दिखे तो समझ जाइए आपकी स्किन ड्राई है.
- दिन में दो बार, एक सुबह और दूसरा रात में चेहरे को क्लेंज (Cleanse) करके मॉइश्चराइजर लगाएं.
- इस बात का ध्यान रखें कि आपके फेस वॉश के अलावा स्किन केयर रूटीन में बाकी प्रोडक्ट्स भी ड्राई स्किन के हिसाब से चुनें.
- चेहरे को गर्म पानी से धोने से बचें. इससे स्किन की ड्राईनेस बढ़ती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.