क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार क्या है

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क्या है क्रिप्टोकरेंसी? दुनियाभर में गिरा क्रिप्टो का मार्केट- जानिए क्रिप्टो से जुड़ी सारी डिटेल
नेशनल डेस्क: बीते मंगलवार और आज बुधवार को एक बार फिर से क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट देखने को मिली। आज सुबह 10 बजे बिटकॉइन 17% से ज्यादा गिरावट देखी गई। वहीं इस बीच सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी। बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है।
हालांकि इस बीच लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। सूत्रों क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार क्या है के मुताबिक ये लगभग तय है कि सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी पर दरवाजे बंद करने के मूड में नहीं है पर इस पर एक अलग दृष्टिकोण और बीच का रास्ता अपनाया जा सकता है।
इनोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक संभव है कि क्रिप्टो को बतौर करेंसी मंजूरी नहीं दी जाए लेकिन इसे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह एक संपत्ति के तौर पर मान्यता दी जाए। करेंसी के तौर पर इसे मंजूरी नहीं देने पर इससे लेन-देन या भुगतान आदि के लिए मुद्रा के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के है 1.5 से 2 करोड़ यूजर
जानकारी के लिए आपको बता दें कि शीतकालीन सत्र में डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन 26 नए विधेयकों में से एक है। सरकार के विधायी एजेंडे में कुल 29 विधेयकों में से एक है। लिस्ट में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है। वहीं, भारत में क्रिप्टोकरेंसी के 1.5 से 2 करोड़ यूजर हैं। इस बिल के कानून बनने से ये सभी यूजर प्रभावित हो सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी पर पीएम मोदी की बैठक में उठे ये सवाल
हाल ही में PM मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए थे। वहीं, भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता बैठक में आम सहमति बनी थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसे रेगुलेट किया जाना जरूर है, ताकि इसका इस्तेमाल टैरर फंडिंग और काला धन की आवाजाही में न हो।
दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी का कैसा है हाल
-भारत में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार क्या है रखा था लेकिन अमेरिका समेत कई देश इसके अनुकूल स्कीम बना रहे हैं।
- हाल ही में सेंट्रल अमेरिका के अल सल्वाडोर की कांग्रेस ने 8 जून 2021 को बिटकॉइन कानून क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार क्या है पास किया।
-दक्षिण कोरिया जैसे ताकतवर देश भी क्रिप्टो करेंसी और एक्सचेंज को रेगुलेट करने के लिए कानूनी स्ट्रक्चर बना रहे हैं।
-इसके अलावा कई दक्षिण अमेरिकी और अफ्रीकी देश भी बिटकॉइन को लीगल स्टेटस देने पर काम कर रही है।
आईए जानते हैं क्या है क्रिप्टोकरेंसी और कैसे करती है काम?
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती। इसी वजह से इसमें अस्थिरता बनी रहती है। यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे कोई हैक नहीं कर सकता।
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India’s first crypto index
India’s first crypto index
भारत में Bombay Stock Exchange और इक्विटी के लिए National Stock Exchange है, लेकिन अब हमारे पास अपना खुद का Crpto Index है।
जो विश्व स्तर क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार क्या है पर क्रिप्टो एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध 15 सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी के प्रदर्शन की निगरानी करेगा।
बात करें Sensex की तो यह एक प्रकार का Index है।
आपको बता दें कि जो मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में Top 30 कंपनीज है, उसको सेंसेक्स प्रतिनिधित्व करता है।
फार्मा, बैंकिंग, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इस इंडेक्स में और भी बहुत सारी Companies आपको देखने को मिलेंगी।
भारत का पहला क्रिप्टो इंडेक्स IC15
जैसे कि नाम से ही पता चल रहा है कि यह पूरे विश्व में Top 15 Cryptocurrencies के बारे में Index होगा या करेगा।
India’s first crypto index
IC15 Index, वैश्विक Crypto Super APP द्वारा लॉन्च किया गया है।
यह डिजिटल बाजारों पर एक Benchmark के रूप में काम करेगा जो तेजी से विविध क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजारों में एक विविध प्रतिनिधित्व देगा।
Index का समग्र उद्देश्य ETFs और Funds जैसे इंडेक्स-लिंक्ड उत्पादों में अंतर्दृष्टि प्रदान करना है।
कहने का मतलब है कि निवेशक करने वाले किसी एक Cryptocurrency पर निर्भर नहीं रहेंगे।
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Cryptocurrency Index क्या है?
IC15 के रूप में जाना जाने वाला क्रिप्टोक्यूरेंसी इंडेक्स ग्लोबल क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार क्या है क्रिप्टोक्यूरेंसी सुपर ऐप Cryptowire द्वारा लॉन्च किया गया है।
यह बाजार पूंजीकरण द्वारा एक नियम-आधारित व्यापक बाजार सूचकांक है, जो बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में Top 15 व्यापक रूप से कारोबार वाली तरल क्रिप्टोकरेंसी के प्रदर्शन को ट्रैक करता है।
सूचकांक में एक शासन समिति शामिल है।(IGC)
हर quarter (यानी कि 3 महीने) में इसमें बदलाव किया जाएगा, कहने का मतलब है कि 3 महीने के बाद देखा जाएगा कि किस क्रिप्टोकरंसी को इस में जोड़ना है किसको इसमें से बाहर करना है यह सब देखा जाएगा।
आधार तिथि 1 अप्रैल, 2018 है जबकि सूचकांक का आधार मूल्य 10,000 निर्धारित किया गया है।
यह सूचकांक 80% से अधिक बाजार संचार पर कब्जा कर लेता है।
IC15 का निर्माण कैसे होगा?
सूचकांक बाजार पूंजीकरण के आधार पर शीर्ष 400 Coins में से क्रिप्टोकरेंसी का चयन करेगा।
योग्य क्रिप्टोकरेंसी को समीक्षा अवधि के दौरान कम से कम 90% दिनों में कारोबार करना चाहिए और ट्रेडिंग मूल्य के मामले में 100 सबसे अधिक तरल क्रिप्टोकरेंसी में से एक होना चाहिए।
बाजार पूंजीकरण के मामले में भी क्रिप्टोक्यूरेंसी Top 50 में होनी चाहिए।
Index के पीछे मुख्य उद्देश्य
इंडेक्स क्रिप्टो और उत्साही लोगों, निवेशकों और निवेश प्रबंधकों को वैश्विक बाजारों में क्रिप्टोक्यूरैंसीज के प्रदर्शन की निगरानी करने में सक्षम बनाता है।
भारत की होगी अपनी क्रिप्टोकरेंसी! RBI अगले साल ला सकता है इंडिया का डिजिटल क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार क्या है करेंसी
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ रहा है. ऐसे में अगर सब कुछ RBI के बनाए इस प्लान के हिसाब से चला तो अगले साल भारत के पास अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी होगी. जानें इसमें क्या होगा ख़ास.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 18 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 18 नवंबर 2021, 4:29 PM IST)
- पॉयलट बेस पर लॉन्च होगी डिजिटल करेंसी
- लॉन्च से पहले कई मुद्दों पर चल रहा विमर्श
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले साल अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च कर सकता है. इसके लिए वह लगातार काम कर रहा है और उसने एक प्लान भी बनाया है. रॉयटर्स ने एक स्थानीय अखबार के हवाले से खबर दी है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ‘बैकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव’ में केंद्रीय बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पूरी संभावना जताई है.
RBI की पॉयलट क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार क्या है डिजिटल करेंसी
RBI में भुगतान और निपटान विभाग में मुख्य महाप्रबंधक पी. वासुदेवन के हवाले से बिजनेस स्टैंडर्ड ने लिखा है, ‘‘अगले साल की पहली तिमाही में पॉयलट आधार पर डिजिटल करेंसी को जारी किया जा सकता है. इसलिए इसे लेकर हम काफी बुलिश हैं.’
कैसी होगी RBI की डिजिटल करेंसी ?
RBI अगले साल पहली तिमाही में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDCs) लॉन्च कर सकता है. ये डिजिटल या वर्चुअल करेंसी होंगी. हालांकि ये भारत की मूल मुद्रा का ही डिजिटल रूप होंगी यानी कि ये डिजिटल रुपया ही होंगी.
इससे पहले RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अगले साल दिसंबर तक CBDCs के सॉफ्ट लॉन्च की संभावना जताई थी. हालांकि इसके लिए उन्होंने किसी तरह की कोई टाइमलाइन नहीं बताई थी.
लॉन्च से पहले चल रहा इन बातों पर विचार
वासुदेवन ने कहा कि CBDCs को लॉन्च करना इतना आसान नहीं है और ना ही कल से ये लोगों की आम जिंदगी का हिस्सा बन जाने वाली हैं. इसलिए इसे लॉन्च करने की कोई जल्दी नहीं है. वहीं इसे लॉन्च करने से पहले कई मुद्दों पर विचार चल रहा है जैसे कि इसकी भूमिका क्या होगी, इसे लागू कैसे किया जाएगा, इसको मान्यता देने का तरीका क्या होगा, इसका वितरण किस तरह होगा. वहीं ये थोक कारोबार के काम आएगी या इससे रिटेल लेनदेन भी हो सकेगा.