तेज ओलम्पिक व्यापार रणनीति

इथियोपिया 2022 में सर्वश्रेष्ठ द्विआधारी विकल्प दलाल
द्विआधारी विकल्प वित्तीय विकल्प हैं जो दो अदायगी विकल्पों के साथ आते हैं: एक निश्चित राशि या कुछ भी नहीं। इसे बाइनरी कहा जाता है क्योंकि यह सही या गलत हो सकता है। आपको दो संभावित परिणामों के परिणाम की भविष्यवाणी करनी होगी। इसका सकारात्मक पहलू यह है कि जब आप निवेश करते हैं, तो आपको पता होता है कि आप कितनी राशि का जोखिम उठा रहे हैं।
बाइनरी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चुनते समय विचार करने योग्य बातें
ब्रोकर चुनते समय प्रतिष्ठा आवश्यक है। इसी तरह, सर्वश्रेष्ठ बाइनरी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चुनते समय निकासी के तरीकों और समय पर विचार करने की विशेषताएं होनी चाहिए। आपको MT4 और MT5 जैसे टर्मिनलों का उपयोग करते हुए किसी भी डिवाइस से काम करने में सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा, अपनी आय क्षमता बढ़ाने के लिए ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट्स पर विचार करें। आपको अधिक संपत्ति और विकल्पों के प्रकार वाले दलालों की आवश्यकता है। आप ब्रोकर द्वारा प्रदान किए गए एनालिटिक्स की गुणवत्ता और चार्ज की गई फीस का भी आकलन कर सकते हैं। अंत में, ग्राहक सेवा, घंटों और दिनों की सेवा की पेशकश की जाती है, और जिन भाषाओं में सहायक कर्मचारी संवाद कर सकते हैं।
कैसे द्विआधारी विकल्प दलाल पैसे कमाते हैं?
प्रत्येक बाइनरी ऑप्शन ब्रोकर का एक अनूठा बिजनेस मॉडल होता है। कुछ प्लेटफार्मों में व्यापार शुल्क होता है, जबकि अन्य अपने व्यापारियों द्वारा अर्जित राजस्व का प्रतिशत लेते हैं। अन्य साधनों में एक्सचेंज मॉडल पर काम करना और ट्रेडों को खोने पर रखे गए धन को भुनाना शामिल है। ब्रोकर का चयन करते समय, ट्रेडों से जुड़े सभी शुल्कों पर शोध करना महत्वपूर्ण है ताकि आप अपने लिए सही प्लेटफॉर्म ढूंढ सकें।
क्या बाइनरी ऑप्शंस ट्रेडिंग सुरक्षित है?
द्विआधारी विकल्प बाजार में कई नुकसान और अप्रत्याशित परिस्थितियां हैं। वे अपनी पारदर्शिता के बावजूद कुछ हद तक जोखिम भरे हैं। उदाहरण के लिए, अधिकांश बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग ब्रोकर अनियमित ब्रोकर हैं। यदि आप अपने मूल्य पूर्वानुमान को याद करते हैं तो आप पैसे खो सकते हैं। यह अनुशंसा की जाती है कि आप अपने बाइनरी ट्रेडिंग के लिए एक विश्वसनीय प्लेटफॉर्म चुनें।
बाइनरी ऑप्शंस ब्रोकर का व्यापार कैसे करें
द्विआधारी विकल्प व्यापार करते समय, आपको अंतर्निहित संपत्ति खरीदने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बजाय, आप यह अनुमान लगाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि क्या कीमत खरीद दर से ऊपर या नीचे बढ़ेगी। मूल्य की भविष्यवाणी करने के बाद, आप संपत्ति मूल्य आंदोलन के आधार पर कॉल या पुट विकल्प का चयन करते हैं। स्ट्राइक प्राइस उस कीमत को संदर्भित करता है जिस पर व्यापारी अंतर्निहित संपत्ति का व्यापार कर रहे हैं। व्यापार समाप्त होने तक बाजार मूल्य में वृद्धि या कमी होनी चाहिए। नतीजा या तो सभी या कुछ भी नहीं है, इसलिए व्यापारियों को प्रत्येक व्यापार के साथ खतरे में पड़ने वाले पैसे की सटीक राशि समझ में आती है।
बाइनरी ऑप्शंस ट्रेडिंग में कैसे सफल हों?
अनुभवी ट्रेडर बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग के माध्यम से संभावित रूप से अपनी कमाई क्षमता बढ़ाने के लिए एक साथ कई ब्रोकरों को जोड़ सकते हैं। यदि आप नए हैं, तो बाइनरी ऑप्शन ब्रोकर्स और ट्रेडिंग के बारे में सब कुछ सीखें, फिर आवश्यक ट्रेडिंग सुविधाओं की पेशकश करने वाले एक महान ब्रोकर का चयन करें। इसके अलावा, एक ट्रेडिंग पद्धति खोजें और इसे ऐतिहासिक बाजार डेटा पर बैकटेस्ट करें। आरंभ करने में आपकी सहायता के लिए अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म शैक्षिक वीडियो और लेख और डेमो खाते प्रदान करते हैं।
अंतिम विचार
बाइनरी विकल्पों का उपयोग करते हुए, ब्रोकर एक साथ कई बाजारों को ब्राउज़ करने में आपकी सहायता कर सकते हैं और संभावित रूप से आपके भुगतान को बढ़ा सकते हैं। हमने नए और अनुभवी ट्रेडरों दोनों के लिए उपलब्ध सर्वोत्तम प्लेटफॉर्मों का संकलन किया है। वाई इनमें से प्रत्येक प्लेटफॉर्म का एक निःशुल्क डेमो खाता है। न्यूनतम डिपॉजिट भी कम है जो आपको एक छोटी राशि के साथ शुरू करने और आत्मविश्वास और ज्ञान प्राप्त करने के साथ अपने निवेश को बढ़ाने की अनुमति देता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
ज़रुरी नहीं; जबकि द्विआधारी विकल्प दांव के समान ही संरचित होते हैं, अधिकांश संगठन उन्हें जुए का एक रूप नहीं मानते हैं।
क्या बाइनरी ट्रेडिंग सुरक्षित है?
यह इस बात पर निर्भर करते हुए सुरक्षित हो सकता है कि आप अपना व्यापार कैसे करते हैं और निवेश के मामले में आप कितना पैसा लगाते हैं।
सर्वश्रेष्ठ द्विआधारी विकल्प रणनीति क्या है?
सबसे आम बाइनरी ट्रेडिंग रणनीतियों में डायरेक्शनल और ट्रेंड ट्रेडिंग शामिल है, जहां आप निर्णय लेने के लिए परिसंपत्ति मूल्य की प्रवृत्ति को देखते हैं।
क्या द्विआधारी विकल्प विदेशी मुद्रा की तुलना में आसान हैं?
अधिकांश लोगों को द्विआधारी विकल्प व्यापार विदेशी मुद्रा व्यापार से आसान लगता है क्योंकि यह व्यापारी के लिए निंदनीय नहीं है।
क्या द्विआधारी विकल्प दलाल विनियमित हैं?
सभी विनियमित द्विआधारी विकल्प दलाल सैद्धांतिक रूप से एक वित्तीय सेवा बोर्ड या एक वित्तीय उद्योग नियामक प्राधिकरण जैसे कि कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग कमीशन द्वारा विनियमित होते हैं।
द्विआधारी विकल्प व्यापारी कितने सफल हैं
चूंकि वे जो कुछ भी डालते हैं उसका 100% से कम प्राप्त करते हैं, आपको सफल होने के लिए 50% से तेज ओलम्पिक व्यापार रणनीति अधिक समय जीतने की आवश्यकता है।
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और वित्तीय सलाह के लिए नहीं है। कृपया किसी पेशेवर वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
Olymp Trade खाते से पैसे कैसे निकालें
आपने बिजनेस ट्रेडिंग शुरू करने का फैसला कर लिया है। अपने डेमो Olymp Trade खाते पर कई रणनीतियों का अबभ्यास भी कर लिया है। अब आप में आत्मविश्वास आ गया है इसलिए आप वास्तविक खाते पर जाते हैं और धीरे-धीरे करके मुनाफा कमाते हैं। अब आप कमाए गए पैसों का उपयोग करना चाहेंगे। यहीं पर आपको यह गाइड काम आएगी। इसे पढ़ने के बाद आप समझ पाएंगे कि पैसे कैसे निकालने हैं और कोई समस्या आने पर उसका समाधान कैसे करें।
अपने वास्तविक व्यक्तिगत विवरणों को भरना याद रखें
धन-निकासी या विड्रॉल प्रक्रिया, वास्तव में, बहुत शुरुआत में, पंजीकरण फॉर्म भरने पर ही शुरू हो जाती है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने वैध डेटा के साथ पंजीकरण करें। इससे निकासी अच्छे और तेज तरीके से होगी।
आपके खाते को सत्यापित किया जाता है इसलिए, थोड़ा अतिरिक्त समय लग जाता है। यह केवल यह सुनिश्चित करने के लिए है कि आपका खाता किसी भी धोखाधड़ी गतिविधियों से सुरक्षित है। फिर से, सत्यापन तभी संभव होगा जब आपके सभी विवरण सही होंगे। अन्यथा, यह बहुत जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया बन जाती है।
अपने पैसे निकालने के लिए कुछ कदम
1. अपने Olymp Trade इंटरफ़ेस पर विड्रॉल सेक्शन ढूंढें
XNUMX. वह तरीका चुनें, जिसमें आप अपना पैसा लगाना चाहते हैं। यह अलग-अलग तरीकों से संभव है, उसी तरीके से जिससे आपने Olymp Trade खाते में पैसा जमा किया था। इसका मतलब है कि बैंक तेज ओलम्पिक व्यापार रणनीति कार्ड या इलेक्ट्रॉनिक वालेट से पैसे निकाले जा सकते हैं। जो भी आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप है।
3. एक रिक्वेस्ट बनाएं। अपने कार्ड या वॉलेट विवरण भरें, फिर आप कितना पैसा निकालना चाहते हैं। Olymp Trade आपके खाते की मुद्रा के अनुसार $ 10 या € 10 का न्यूनतम भुगतान करने की अनुमति देता है। अंत में, "Send a request" बटन पर क्लिक करें।
यह कितनी तेजी से होगा?
आपके पैसे के निकलने का समय कई कारकों पर निर्भर करेगा, उदाहरण के लिए सत्यापन या डेटा की सटीकता की आवश्यकता। लेकिन आमतौर पर, यह 24 घंटे होता है। सबसे खराब स्थिति में, आपको 5 कार्य दिवसों तक इंतजार करना होगा।
रास्ते में पड़ने वाली रुकावटें
कभी-कभी सब कुछ वैसा नहीं होता जैसा हम चाहते थे। तक भी जब हमने सब कुछ ठीक किया हो, ऐसा हो सकता है कि पैसा अभी भी आपके कार्ड या वॉलेट पर उपलब्ध न हो। फिर क्या करें?
यदि भुगतान रिक्वेस्ट का स्टेटस "विड्रॉल सफलतापूर्वक संसाधित हो गया है" लेकिन आपके पास कोई पैसा नहीं आया है, तो समस्या बैंक की तरफ से हो सकती है। ऐसी स्थिति में 2-3 कार्य-दिवस तक प्रतीक्षा करनी चाहिए क्योंकि हो सकता है की इतने समय में बैंक आपकी रिक्वेस्ट प्रोसैस करे। हालांकि यदि इसके बाद भी पैसे न मिलें तो बैंक से संपर्क करें। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे भुगतान अस्वीकार होना या धनराशि अधिकतम भुगतान से अधिक हो जाना।
यदि आपने ऐसे कार्ड से पैसे जमा किए थे जो अब वैध नहीं है, तो भुगतान का तरीका बदलना संभव है। ऐसा करने के लिए Olymp Trade तकनीकी सहायता टीम से संपर्क करें।
यदि आप संदेह में हैं, या धन निकासी में किसी अन्य समस्या का अनुभव करते हैं, तो Olymp Trade ग्राहक सहायता से संपर्क करने में संकोच न करें। आप टेलीफोन 24/7 या ई-मेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।
+ XNUMX (XNUMX) XNUMX केप टाउन, दक्षिण अफ्रीका
+ XNUMX (XNUMX) XNUMX ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना
ई-मेल: support-en @olymptrade.com
आप एक कार्य दिवस के भीतर जवाब की उम्मीद कर सकते हैं।
एक अन्य तरीका यह है कि परामर्शदाता से चैट के माध्यम से ऑनलाइन बात करें या Olymp Trade वेबसाइट पर संपर्क फ़ॉर्म का उपयोग करें।
उनकी सहायता टीम तेजी से और कुशलता से काम करती है अतः आपको निश्चित रूप से जवाब मिल जाएगा।
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ओलंपिक व्यापार ने हाल ही में एक नया सुरक्षा नाम क्विकलर लॉन्च किया है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह संपत्ति आक्रामक व्यापारियों के लिए बनाई गई है जो त्वरित व्यापार करना पसंद करते हैं। तेज ओलम्पिक व्यापार रणनीति यह संपत्ति है …
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रांची, 8 अगस्त (आईएएनएस)। विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड की राजधानी रांची में 9 एवं 10 अगस्त को देश भर के जनजातीय विद्वानों, कलाकारों, साहित्यकारों और इतिहासकारों का जुटान होगा। झारखंड सरकार की ओर से कराये जा रहे इस आयोजन के दौरान देश की विभिन्न जनजातीयों की कला-संस्कृति, भाषा, खानपान, परिधान की झलक दिखेगी। 9 अगस्त को 150 नगाड़ों की गूंज के बीच वयोवृद्ध आदिवासी नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन इसका उद्घाटन करेंगे।
जनजातीय समाज के इतिहास, उनकी भाषा, शिल्प, कला आदि के विविध पहलुओं पर अलग-अलग सत्रों में सेमिनार भी आयोजित होंगे। ससेक्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विनित दामोदरन, हैदराबाद विश्वविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष बी भूक्या, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व प्रोफेसर वर्गिनियस खाखा, प्रो. नामदेव, शांता नायक, शांति खलखो, कुसुम कुमार टोप्पो सहित कई विद्वान इन सेमिनारों में शिरकत करेंगे।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद इस दो दिवसीय वृहत आयोजन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। 10 अगस्त को समापन समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उपस्थित होंगे।
आयोजकों की ओर से बताया गया है कि असम, ओडिशा, मध्यप्रदेश, राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों के कई सांस्कृतिक दल और हस्त शिल्पकारों के समूह इस महोत्सव में भाग लेंगे। कार्यक्रम स्थल रांची के मोरहाबादी मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ खाद्य-व्यंजन, कला एवं शिल्प प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी।
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समीक्षा: भारतीय क्रिकेट कप्तान के आत्मावलोकन का वक्त
टीम इंडिया क्रिकेट के हर क्षेत्र में सर्वोत्तम है। इस टीम में जीत का जज्बा है, ये लड़ाकू टीम है। जल्दी हार नहीं मानती। सात साल में छह आईसीसी ट्रॉफी गंवा चुकी है टीम इंडिया। वर्ष 2013 में अंतिम आईसीसी ट्रॉफी में मिली थी जीत।
सात साल और छह पराजय। ये किसी को भी साल सकता है। लेकिन ये हकीकत है भारतीय क्रिकेट टीम की। वो क्रिकेट टीम जिसे आज दुनिया की बेहतरतम टीम माना जाता है। जानकार कहते हैं टीम इंडिया क्रिकेट के हर क्षेत्र में सर्वोत्तम है। यह अब तक की सर्वश्रेष्ठ टीम है। कहा ये भी जाता है कि इस टीम में जीत का जज्बा है, ये लड़ाकू टीम है। जल्दी हार नहीं मानती। लेकिन अगर बात आईसीसी ट्रॉफी की की जाए तो इस भारतीय क्रिकेट टीम को 2014 से लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि अब सालों तक टेस्ट क्रिकेट की बादशाहत कायम रखने वाली इस टीम को 140 साल के टेस्ट क्रिकेट इतिहास के पहले विश्व चैंपियनशिप में भी पराजय का सामना करना पड़ा है।
यहां ये भी काबिले गौर है कि लगातार मिलने वाली इतनी सारी पराजयों के बाद क्रिकेट के पंडित ये कहते नहीं थकते कि विराट कोहली अब तक के सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं। बता दें कि कोहली को 2012 में पहली बार सीमित ओवरों के मैच (ओडीआई) के लिए भारतीय टीम का उप-कप्तान नियुक्त किया गया। दो साल बाद 2014 में महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से सेवानिवृत्ति के बाद टेस्ट कप्तानी सौंपी गई। फिर 2017 के शुरुआत में, वह धोनी के सीमित ओवरों वाली टीम की कप्तानी छोड़ने के बाद कोहली इस टीम के भी कप्तान बन गए।
लेकिन 2017 में टीम इंडिया की कमान संभालने के बाद से अब तक इस तेज तर्रार क्रिकेटर की अगुवाई में भी भारतीय टीम आईसीसी टूर्नामेंट का कोई खिताब नहीं जीत सकी। इस बीच हर पराजय के बाद कप्तान कोहली समीक्षा और टीम में नए तेवर व बदलाव की बात करते रहे हैं। वैसा ही संकेत उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में मिली पराजय के बाद भी मीडिया से बातचीत में दिया है।
कप्तान कोहली ने टीम में बदलाव के संकेत देते हुए कहा है कि, प्रदर्शन की समीक्षा के बाद सही लोगों को टीम में लाया जाएगा, जो बेहतर खेल के लिए सही मानसिकता रखते हों। उन्होने कहा है कि हम एक साल तक इंतजार नहीं करेंगे। उन्होंने बेखौफ खेलने वाले खिलाड़ियों को टीम में शामिल होने की वकालत कर दी है। उन्होंने बेहतर मानसिकता की बात की है। साथ ही जरूरी फैसला लेने को कहा है।
वैसे बता दें कि बतौर कप्तान 32 वर्षीय कोहली की आईसीसी टूर्नामेंट में तीसरी हार है। पहली हार पाकिस्तान के खिलाफ 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में मिली थी, दूसरी हार न्यूजीलैंड ने 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में और अब तीसरी हार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में। यानी विराट कोहली के नेतृत्व में भारत हर बार आईसीसी टूर्नामेंट के महत्वपूर्ण मैचों में पराजित हुआ है। वो अब तक कोई भी बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट भारत को नहीं जिता पाए हैं।
2014 से अब तक की पराजय का डेटा
2014 T20 वर्ल्ड कप
2014 के T20 वर्ल्ड कप में भारत ने अच्छी शुरुआत की थी। भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारी। टीम ने इस दौरान पाकिस्तान, वेस्ट इंडीज़, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका जैसी टीमों को परास्त किया। लेकिन टीम फाइनल में जाकर हार गई।
श्रीलंका के खिलाफ हुए इस फाइनल में पहले बैटिंग करते हुए भारत की टीम चार विकेट खोकर 130 रन ही बना सकी। जवाब में श्रीलंका ने 13 गेंदें बाकी रहते ही मैच को छह विकेट से जीत लिया। विकेटकीपर कुमार संगकारा ने 35 गेंदों पर 52 रन बनाए।
2015 वर्ल्ड कप
2015 के वनडे वर्ल्ड कप में भी भारत ने बेहतरीन शुरुआत की। टीम ने पहले ही मैच में पाकिस्तान को 76 रन से पराजित किया। पूल बी में रखी गई टीम इंडिया ने अपने सभी छह लीग मैच जीत लिए। फिर बारी आई नॉकआउट्स की तो भारत ने क्वॉर्टर-फाइनल में बांग्लादेश को 109 रन से हरा दिया।
लेकिन इस बार टीम फाइनल तक नहीं पहुंच सकी। सेमी-फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने 95 रन से हरा दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 328 रन बनाए, जवाब में भारतीय टीम 233 पर ही सिमट गई।
2016 T20 वर्ल्ड कप
इस टूर्नामेंट को कौन भूल सकता है जिसमें पहला मैच हारने के बाद टीम इंडिया ने विराट कोहली की बैटिंग के दम पर सेमी-फाइनल तक का सफर तय किया। सेमी-फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को अपने आखिरी ग्रुप स्टेज मैच में ऑस्ट्रेलिया को हर हाल में हराना था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 160 रन बनाए जिसके जवाब में कोहली ने सिर्फ 51 गेंदों पर 82 रन बनाकर पांच गेंदें बाकी रहते ही भारत को छह विकेट से जीत दिला दी।
इसके बाद हुए सेमी-फाइनल में कोहली ने सिर्फ 47 गेदों पर 87 रन बनाए। भारत ने 20 ओवर्स में दो विकेट खोकर 192 रन बनाए जिसके जवाब में वेस्ट इंडीज़ ने सिर्फ तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। लेंडल सिमंस ने 51 गेंदों पर 82 रन की शानदार पारी खेली।
2017 चैंपियंस ट्रॉफी
कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने पहला आईसीसी टूर्नामेंट (2017 चैंपियंस ट्रॉफी) खेला। इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका को हरा कर पीटकर टीम पहुंची सेमी-फाइनल में। यहां 59 गेंदें बाकी रहते बांग्लादेश को नौ विकेट से पराजित कर दिया। बांग्लादेश ने पहले बैटिंग करते हुए 264 रन बनाए, जिसके जवाब में रोहित शर्मा ने 123 रन की नाबाद पारी खेली और भारत ने मैच अपने नाम कर लिया।
फिर आया फाइनल। पहले बैटिंग कर पाकिस्तान ने 338 रन बना डाले जिसके जवाब में भारतीय टीम 158 पर ही सिमट गई। पाकिस्तान ने मैच को 180 रन से जीत लिया। यह पाकिस्तान की किसी भी आईसीसी वनडे टूर्नामेंट के फाइनल में मिली सबसे बड़ी जीत थी।
2019 वर्ल्ड कप
इसके बाद आया 2019 का वनडे वर्ल्ड कप। इसमें टीम इंडिया ने ग्रुप स्टेज में धमाल मचा दिया। अपने नौ में से सात मैच जीतते हुए भारतीय टीम पॉइंट्स टेबल टॉप पर रही। इस दौरान टीम को सिर्फ इंग्लैंड से मात मिली, जबकि न्यूज़ीलैंड के खिलाफ हुआ उनका ग्रुप मैच बिना एक भी गेंद फेंके रद्द हो गया।
अब आया सेमी-फाइनल मुकाबला, बारिश के चलते रिजर्व डे तक खिंचे इस मैच में भारत हार गया। न्यूज़ीलैंड ने पहले बैटिंग कर 239 रन बनाए जिसके जवाब में पूरे टूर्नामेंट में धमाकेदार बैटिंग करने वाली टीम इंडिया 221 रन ही बटोर पाई। भारत के लिए रविंद्र जडेजा ने 59 गेंदों पर 77 रन बनाए।
2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप
सालों से टेस्ट क्रिकेट की बेताज बादशाह भारतीय टीम ने 2019 से 2021 के बीच लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसमें ऑस्ट्रेलिया का वह दौरा भी शामिल है जिसमें विराट के नेतृत्व में पहला टेस्ट बुरी तरह से हारने के बाद टीम इंडिया आजिक्य रहाणे के नेतृत्व में जबरदस्त पलटवार किया और शृखला 2-1 से जीत ली। फिर घरेलू शृंखला में इंग्लैड के खिलाफ भी टीम इंडिया ने पहला मुकाबला हारने के बाद पलटवार करते हुए 2-1 से जीत हासिल की।
लेकिन साउथैम्प्टन में खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के पहले फाइनल में न्यूज़ीलैंड ने भारत को आठ विकेट से हराया। मैच के दो दिन पूरी तरह से बारिश से बर्बाद होने के बाद भी कीवी टीम ने बेहद आसानी से इसे अपने नाम किया। इसके साथ ही केन विलियमसन की टीम ने लगातार दो ICC वर्ल्ड कप फाइनल्स की हार का गम भी थोड़ा कम किया।
न्यूज़ीलैंड की इस जीत ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को काफी मायूस किया है। छह दिन तक चले इस पूरे मुकाबले में पांच दिन तक दोनों टीमें बराबरी पर रहीं। लेकिन अंतिम छठवें व निर्णायक दिन न्यूजीलैंड की टीम ने टीम इंडिया को क्रिकेट के हर क्षेत्र में मात दी। किवी टीम पूरी सधी रणनीति के साथ मैदान में उतरी नजर आई जबकि भारतीय टीम के संदर्भ में कहा जाए तो रणनीति नाम की कोई चीज दिखी ही नहीं।
अब कप्तान विराट कोहली अपनी टीम के प्रदर्शन से खफ़ा हैं। लेकिन क्या किवी टीम के नायक केन विलियम्सन की तरह खुद विराट ने आगे बढ़ कर टीम को प्रेरित किया। यहां यह भी बता दें कि कप्तानी संभालने के बाद से लगातार विराट की बल्लेबाजी प्रभावित ही दिखी है। इतना ही नहीं नेतृत्व के मामले में बात करें तो आपीएल से लेकर आईसीसी ट्राफी तक एक भी खिताब वो नहीं जीत सके हैं। ऐसे में क्या उन्हें आत्मावलोकन नहीं करना चाहिए। यहां बता दें कि क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को भी टीम इंडिया की कमान सौंपी गई थी लेकिन लगातार पराजयों और बल्लेबाजी के प्रभावित होते देख उन्होंने खुद कप्तानी से तौबा कर ली और उसके बाद बेहतरीन क्रिकेट खेल कर एक नजीर पेश की। तो क्या विराट ऐसा नहीं कर सकते। इस पर खुद विराट और बीसीसीआई को मंथन करना ही चाहिए.