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बंबई स्टॉक एक्सचेंज

बंबई स्टॉक एक्सचेंज

'बंबई स्टॉक एक्सचेंज'

वैश्विक बाजारों से मिलेजुले रुख के बीच मुनाफावसूली के चलते बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बुधवार को 119 अंक टूटकर 26,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 25,960.03 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 7900 अंक से नीचे बंद हुआ।

बंबई शेयर बाजार सूचकांक बुधवार को 274 अंक लुढ़ककर 25,036.05 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 7,700 के नीचे आ गया।

देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह तीन फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 3.27 फीसदी यानी 858.56 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 27,079.51 पर बंद हुआ।

देश के शेयर बाजारों में पिछले संक्षिप्त सप्ताह में एक फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.38 फीसदी यानी 357.45 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 26,220.95 पर बंद हुआ।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स चार सप्ताह के गिरावट का सिलसिला तोड़ते हुए पिछले सप्ताह 1.62 फीसदी या 408.31 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 25,बंबई स्टॉक एक्सचेंज 610.21 पर बंद हुआ।

बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 11.96 अंक की मामूली गिरावट के साथ 25,610.21 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टाक एक्सचेंज के निफ्टी में 1.20 अंक की हल्की तेजी आई। औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आने से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया जिससे बाजार में ज्यादा तेजी नहीं आ पाई।

देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह साढ़े तीन फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 3.56 फीसदी या 973.69 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 26,392.38 पर बंद हुआ।

चीन सहित एशियाई बाजारों में सुधार और अमेरिका में नीतिगत ब्याज फिलहाल नहीं बढ़ाए जाने के संकेत के बीच घरेलू शेयर बाजार में आज जोरदार तेजी देख गई और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 517 अंक के उछाल के साथ 26,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर चला गया।

146 साल का हुआ बंबई स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज: कैसा रहा BSE का 1875 से लेकर अब तक का सफर?, जानिए सबकुछ

आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 146 साल का गया है। 9 जुलाई 1875 में BSE की स्थापना हुई थी। यह एशिया का पहला और सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है। करीब 41 साल पहले 100 के आधार अंक से शुरू हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज 53,000 के पार पहुंच गया है। यानी सेंसेक्स में लगभग 530 गुना की बढ़ोतरी हुई है।

शेयर मार्केट की शुरुआत एक बरगद के पेड़ के नीचे 318 लोगों ने 1 रुपये के एंट्री फीस के साथ की थी। 25 जनवरी, 2001 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने डॉलेक्स-30 लॉन्च किया था। इसे BSE का डॉलर लिंक्ड वर्जन कहा जाता है।

सेंसेक्स की शुरुआत कहानी
1986 में जब सेंसेक्स की शुरुआत बंबई स्टॉक एक्सचेंज हुई तो इसका बेस इयर 1978-79 को रखा गया और बेस 100 पॉइंट बनाया गया। जुलाई 1990 में ये आंकड़ा 1,000 पॉइंट पर पहुंच गया। 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद सरकार ने FDI के दरवाजे खोले और बिजनेस करने के कानून में बदलाव किया। मार्केट वैल्यू का डिरेगुलेशन किया गया और अर्थव्यवस्था को सर्विस ओरिएंटेड कर दिया। इसने सेंसेक्स में गति बढ़ाई।

जब सेंसेक्स पहली बार बना, तब क्या बदलाव हुए
सबसे पहले सर्विस इंडस्ट्री, यानी बैंकिंग, टेलीकॉम और आईटी सेक्टर्स की कंपनियों को शामिल किया गया। इसके बाद 90 के दशक के अंत और 2,000 की शुरुआत में आईटी कंपनियों में तेजी से हो रहे डेवलपमेंट को देखते हुए पुरानी कंपनियों की जगह टीसीएस और इंफोसिस को शामिल किया गया। उदारीकरण के बाद से ही भारत की बड़ी कंपनियां घरेलू बिक्री पर ज्यादा निर्भर नहीं हैं। ये सभी कंपनियां एक्सपोर्ट के जरिए बिजनेस बढ़ाती रही हैं। वहीं आईटी सेक्टर में आउटसोर्सिंग की वजह से इन्फोसिस जैसी कंपनियों को फायदा हुआ है। टाटा जैसी ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनी ने यूके जैसे विकसित बाजारों में कदम रखा है

हर्षद मेहता कांड:मार्च 1992 में सेंसेक्स पहली बार 4 हजार के स्तर पर बंद हुआ, लेकिन इसके बाद सेंसेक्स 2,900 से 4,900 के बीच झूलता रहा और इसे 5 हजार तक पहुंचने में सात साल से ज्यादा लग गया। इसका मुख्य कारण था कि इसी साल हर्षद मेहता के घोटाले का खुलासा होने से शेयर बाजार में भारी बिकवाली हुई थी।

2006 में 10 हजार पार
सेंसेक्स को 5 हजार से 10 हजार तक पहुंचने में 6 साल से ज्यादा बंबई स्टॉक एक्सचेंज समय लग गया। 7 फरवरी 2006 को सेंसेक्स 10,082.28 पर बंद हुआ, लेकिन अगले डेढ़ साल में ही सेंसेक्स 10 से 15 हजार के स्तर पर पहुंच गया।

सेंसेक्स के लिए 2007 सबसे बेहतरीन
9 जुलाई 2007 को सेंसेक्स 15,045.73 पर बंद हुआ। 2007 सेंसेक्स के लिए अब तक सबसे बेहतरीन साल रहा। अगले छह महीने में ही सेंसेक्स 20 हजार के स्तर पर पहुंच गया और दिसंबर 2007 में सेंसेक्स ने 20,000 का स्तर भी पार कर लिया था।

2008 की मंदी ने बाजार का खेल बिगाड़ा
8 जनवरी 2008 को सेंसेक्स ने कारोबार के दौरान पहली बार 21 हजार का स्तर पार किया था, लेकिन इसी साल आई अंतरराष्ट्रीय मंदी ने पूरा खेल बिगाड़ दिया था। मंदी की वजह से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों के साथ ही भारतीय शेयर बाजार भी धड़ाम हो गए और 10 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 14,889.25 के स्तर पर बंद हुआ. इसी साल 16 जुलाई को सेंसेक्स 12,575.8 पर बंद हुआ। इतना ही नहीं नवंबर 2008 में सेंसेक्स 8,451.01 के स्तर तक पहुंच गया था। इसके बाद सेंसेक्स को फिर वापस 21 हजार के स्तर तक जाने में करीब 3 साल लगे थे।

2014 में बाजार ने नरेंद्र मोदी का शानदार स्वागत किया
साल 2013 में BSE सेंसेक्स ने पलटी मारी और 18 जनवरी 2013 को सेंसेक्स फिर 20,039.04 पर बंद हुआ। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। शेयर बाजार ने भी मोदी सरकार का जमकर स्वागत किया। 16 मई 2014 को ही सेंसेक्स 25,364 के स्तर तक पहुंच गया था। इसके बाद सेंसेक्स को 25 हजार से 30 हजार तक पहुंचने में तीन साल का समय लगा था।

साल 2017 में 30 हजार का स्तर
साल 2017 के अप्रैल महीने में सेंसेक्स 30,133 तक पहुंचा और अगले एक साल में ही सेंसेक्स 35 हजार के लेवल पर पहुंच गया। 17 जनवरी 2018 को सेंसेक्स 35,081 पर बंद हुआ। 30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स ने 40,051 के स्तर को छू लिया था।

कोरोना संकट में बड़ा झटका लगा
सेंसेक्स जनवरी 2020 में 42 हजार के करीब पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद साल 2020 का कोरोना ने तबाही मचाना शुरू कर दिया था। और यही कारण था कि सेंसेक्स मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद 25,981 तक पहुंच गया था, हालांकि अप्रैल के अंत बंबई स्टॉक एक्सचेंज और मई से सेंसेक्स में फिर से शानदार रिकवरी आने लगी।

15 महीने में 40 से 50 हजार का सफर
30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स पहली बार 40,000 के पार बंद हुआ। विदेशी और घरेलू निवेशकों के दम पर सेंसेक्स ने करीब एक साल में ही 40 से 45 हजार तक का सफर तय कर लिया। 4 दिसंबर, 2020 को सेंसेक्स 45,079 पर बंद हुआ। इसके करीब डेढ़ महीने बाद ही सेंसेक्स ने 21 जनवरी 2021 को नया रिकॉर्ड बनाते हुए 50 हजार का आंकड़ा पार कर लिया।

किसने की थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 4 गुजराती और एक पारसी शेयर ब्रोकर्स ने की थी। 1850 के आसपास अपने कारोबार के सिलसिले में मुंबई के टाउन हॉल के सामने बरगद के एक पेड़ के नीचे बैठक किया करते थे। इन ब्रोकर्स की संख्या साल-दर-साल लगातार बढ़ती गई। 1875 में इन्होंने अपना 'द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन’ बना लिया, साथ ही, दलाल स्ट्रीट पर एक ऑफिस भी खरीद लिया। आज इसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है।

दैनिक भास्कर से खास बातचीत में BSE के MD & CEO आशीष चौहान ने कहा कि BSE अपनी स्थापना के बाद पिछले 146 सालों से भारत में इन्वेस्टमेंट और वेल्थ क्रिएशन के लिए काम बंबई स्टॉक एक्सचेंज कर रहा है। BSE की सफलता की कोशिश, 7.2 करोड़ से ज्यादा निवेशक खाते, 4,700 से ज्यादा रजिस्टर्ड कंपनियों और 231 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के इक्विटी मार्केट कैपिटलाइजेशन से देखी जा सकती है। BSE आने वाले समय में भारत को डबल डिजिट एनुअल ग्रोथ हासिल करने में मदद करेगा।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज

मंगलवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स में 100.01 अंक का इजाफा हुआ और यह 0.35 प्रतिशत बढ़कर 28,761.59 पर बंद हुआ। दूसरी ओर नैशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) ने भी आज के कारोबार में बढ़त बनाई और यह 28.65 अंक या 0.32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 8,907.85 पर बंद हुआ। सोमवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स में 192.83 अंक का इजाफा हुआ था और यह 0.68 प्रतिशत बढ़कर 28,661.58 पर बंद हुआ। वहीं नैशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ने भी कल के कारोबार में बढ़त बनाई थी और यह 57.50 अंक या 0.65 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 8,879.20 पर बंद हुआ।

भारत में आज ही के दिन शुरू हुआ था बम्बई का स्टॉक एक्सचेंज

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) आज से 146 साल पहले शुरू हुआ था. (फाइल फोटो)

Bombay Stock Exchange: साल 1875 में यह भारत (India) का ही नहीं एशिया का पहला शेयर बाजार (Share Market) था आज यह बंबई स्टॉक एक्सचेंज दुनिया के पूंजी बाजार (Capital Market) को प्रभावित करता है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 09, 2021, 07:14 IST

आमतौर पर किसी देश में बंबई स्टॉक एक्सचेंज एक स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) होता है, लेकिन भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज हैं. कई लोगों को हैरानी की बात लगती है कि भारत के नेशनल स्टॉक एक्चेंज से ज्यादा बंबई स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) का अधिक महत्व है. सौ साल से ज्यादा पुराना बंबई स्टॉक एक्सचेंज देश का ही नहीं, बल्कि एशिया का पहले शेयर बाजार है. हाल के कुछ सालों तक यह दलाल स्ट्रीट के नाम से जाना जाता था. बंबई स्टॉक एक्सचेंज ने भारत में पूंजी बाजार और शेयर आदि की खरीद-फरोख्त को लगभग शुरू से ही देखा है और 146 साल बाद आज एक बहुत बड़ा पूंजी बाजार के तौर पर विख्यात हो गया है.

बरगद के पेड़ के नीचे होती थी खरीद फरोख्त
इस बाजार स्थापना 9 जुलाई 1875 में एक एसोशियन के रूप में हुई थी. इस एसोसिएशन का नाम नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन था. 1840 में शेयर दलाल एक बरगद के पेड़ के नीचे खड़े होकर शेयरों की खरीद-फरोख्त किया करते थे. वहीं से एसोसिएशन बनाने की रूपरेखा बनी और 1875 में इस बाजार की स्थापना हुई और आज दुनिया के बड़े स्टॉक एक्सचेंज में शुमार किया जाता है.

पेड़ बदला और फिर बनी दलाल स्ट्रीट
आज मुंबई के हार्निमन सर्कल में टाउनहॉल के पास 1850 में बरगद के पेड़ के नीचे दलाल जमा होकर शेयरों का सौदा करते थे. इसके बाद 1860 के दशक में ये मोडोज स्ट्रीय और महात्मा गांधी रोड के जंक्शन पर स्थित बरगद के पेड़ पर शेयरों की खरीद फरोख्त होने लगी, लेकिन 1874 में नईं जगह मिली और एक साल बाद यह जगह दलाल स्ट्रीट के रूप में जाना जाने लगा.

किन वजहों से हुई स्थापना
1860 के दशक में मंबई में करीब 250 शेयर दलाल हो चुके थे. लेकिन 1865 के अमेरिकी गृहयुद्ध के बाद भारत में आने वाले पूंजी के प्रवाह में कमी आई, दलालों का कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो गया. शेयरों के भाव औंधे मुंह गिरे. इन वजहों से शेयर दलालों ने अपनी एसोसिएशन बनाना तय किया और 1868 से 1873 तक एक गैर औपचारिक एसोसिएशन की रचना की. 1874 में उन्हें एक निश्चित जगह भी नियत कर दी जिसे आज दलाल स्ट्रीट कहा गया.

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बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने दुनिया में हुए हर तरह के बदलाव के मुताबिक खुद को बखूबी ढाला है.

फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा
जुलाई 8175 में 318 लोगों ने एक रुपये प्रवेश शुल्क के साथ शेयर बाजार मुंबई की संस्था गठित की और द नेटिव एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन का औपचारिक जन्म हुआ. इसके बाद एसोसिएशन ने शेयर खरीद फरोख्त के लिए एक इमारत के निर्माण के साथ दलालों के हितों की रक्षा के लिए काम करना भी शुरू किया. 1887 में इस दिशा में काम आगे बढ़ता दिखने लगा जो आज के बंबई स्टॉक एक्सचेंज की नींव बना.

बाजार को सम्मान
ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 18 जनवरी 1899 के दिन ब्रिटिश उच्चाधिकारी जे. एम. मेक्लिन को मुंबई के इस शेयर बाजार को बेहतर बनाने के लिए याद किया जाता है. मेक्लिन ने मुंबई के नेटिव शेयर दलालों को वह सम्मान दिलाने का प्रयास किया जिसके वे हकदार थे. यह बाजार उस समय से भारत का सबसे बड़ा पूंजी बाजार था. और इसे आज के मुंबई के निर्माण में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है.

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बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने केवल 50 दिनों में इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग सिस्टम शुरू कर दिया था.

आजादी के बाद और फिर इंटरनेट
आजादी के बाद 1956 में सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट रेग्युलेशन एक्ट के जरिए बीएसई भारत सरकार द्वारा अधीकृत पहले स्टॉक एक्सचेंज बना. बीएसई सेंसेक्स यानि सूचकांक का विकास 1986 में हुआ जो बीएसई के कामकाजद के प्रदर्शन का एक उपकरण माना गया. इसके बाद 1990 के दशक के में कम्प्यूटर और बड़े शेयर बाजार घोटालों को कारण इसने नियामन नियमों में बदालव के साथ बंबई स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक एक्सचेंज का विस्तार हुआ

1995 में बीएसई ने केवल 50 दिन में ही इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम अपनाया लिया और बोल्ट BOLT यानि बीएसई ऑन लाइट ट्रेडिंग की शुरुआत हुई जिसमें 80 लाख लेन देन एक दिन में करने की क्षमता थी. बीएसई दुनिया का पहला ऐसा स्टॉक एक्सचेंज है जिसने केंद्रीयकृत इंटरनेट ट्रेडिंग सिस्टम शुरू किया है.

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145 साल पहले हुई थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना, जानें- इतिहास

पिछले 145 सालों में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के विकास को सुगम बनाने के लिए इसे एक कुशल पूंजी जुटाने वाला प्लेटफॉर्म प्रदान किया है. जानिए इसके बारे में.

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2020,
  • (अपडेटेड 09 जुलाई 2020, 3:27 PM IST)

9 जुलाई 1875 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की स्थापना हुई थी. आज इसे पूरे 145 साल हो गए हैं. 1875 में स्थापित, बीएसई (पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के रूप में जाना जाता था), एशिया का पहला और सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है. एस रवि बोर्ड के अध्यक्ष हैं और आशीष कुमार चौहान सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्ट हैं.

पिछले 145 वर्षों में, बीएसई ने भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के विकास को सुगम बनाने के लिए इसे एक कुशल पूंजी जुटाने वाला प्लेटफॉर्म प्रदान किया है. खास रूप से ये बीएसई के नाम से जाना जाता है. 1875 में "द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन" के रूप में बार्क की स्थापना की गई थी. आज बीएसई इक्विटी, मुद्राओं, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग के लिए एक कुशल और पारदर्शी बाजार प्रदान करता है.

इसमें ट्रेडिंग के लिए एक प्लेटफॉर्म भी है. अहमदाबाद में GIFT CITY IFSC में स्थित India INX, भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज, BSE की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. बीएसई भारत का पहला सूचीबद्ध स्टॉक एक्सचेंज भी है.

बीएसई पूंजी बाजार सहभागियों को जोखिम प्रबंधन, बाजार डेटा सेवाओं और शिक्षा सहित अन्य सेवाओं की मेजबानी प्रदान करता है. दुनिया भर के ग्राहकों के साथ इसकी वैश्विक पहुंच है और देशव्यापी मौजूदगी है.

बीएसई प्रणाली और प्रक्रियाओं को बाजार की अखंडता की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है, यह भारतीय पूंजी बाजार के विकास को बढ़ावा देता है और सभी बाजार क्षेत्रों में नवाचार और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करता है.

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