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ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश

ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश
बगासऔर ऐसे दूसरे उत्पादों पर अब कोई एक्साइज ड्यूटी नहीं लगेगी। सीबीईसी ने इस बारे में जारी सर्कुलर वापस ले लिया है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद वापस लिया गया है। कोर्ट ने कहा था कि ये चीजों ‘वेस्ट प्रोडक्ट’ हैं, ‘मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट’ नहीं। बगास गन्ने की पेराई में निकलता है।

राज्यों को सभी दालों पर स्टॉक लिमिट लगाने का निर्देश

दालेंएक बार फिर महंगी हो रही हैं। इसे देखते हुए केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे ट्रेडर्स के लिए सभी दालों पर स्टॉक लिमिट लगाएं। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश, आंध्र और तेलंगाना समेत कई राज्यों में चुनिंदा दालों पर लिमिट है। उनसे सभी दालों पर लिमिट लगाने को कहा गया है। उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी राज्यों में अभी कोई लिमिट नहीं है। दाल व्यापारियों पर एक साल से भी ज्यादा समय से स्टॉक लिमिट है। लेकिन मध्य प्रदेश में चने पर कोई लिमिट नहीं है। देश के 30 फीसदी चने का उत्पादन मध्य प्रदेश में ही होता है। यहां तूर, उड़द और मसूर ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश दालों पर लिमिट लगी हुई है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चने पर स्टॉक लिमिट है, दूसरी दालों पर नहीं। अभी खुदरा बाजार में उड़द 185 रुपए, अरहर 165 रुपए, मूंग 125 रुपए, मसूर 105 रुपए और चने की दाल 85 रुपए किलो बिक रही है। वजह कम सप्लाई है। सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार 50,000 टन के बफर स्टॉक से दालें निकाल रही है। राज्यों से तत्काल अपनी जरूरतें बताने को कहा गया है।

हाथरस : डीएपी की कालाबाजारी में उर्वरक विक्रेता पर रिपोर्ट दर्ज

Aligarh Bureau

अलीगढ़ ब्यूरो
Updated Fri, 12 Nov 2021 12:02 AM IST

Hathras: Report filed on fertilizer seller in DAP black marketing

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हाथरस
जिले में डीएपी खाद की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए कृषि विभाग की ओर से कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ छापामार कार्रवाई की जा रही है। एक उर्वरक विक्रेता के खिलाफ डीएपी की कालाबाजारी करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह ने मैसर्स शुभम ट्रेडर्स मानिकपुर (सहपऊ) की दुकान पर छापा मारा। इस दौरान डीएपी उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग और भौतिक सत्यापन के समय स्टॉक में अंतर पाया गया। डीएओ ने फर्म स्वामी सुधीर कुमार जैन, निवासी जलेसर रोड मानिकपुर के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियिम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत कोतवाली सहपऊ में एफआईआर दर्ज कराई है। इस दुकान की जांच उपजिलाधिकारी सादाबाद द्वारा भी की गई।
विक्रेताओं को सचेत किया गया है कि उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग करने पर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जिला कृषि अधिकारी ने सभी विक्रेताओं को दैनिक रूप से स्टॉक बोर्ड पर उर्वरक उपलब्धता एवं उर्वरक की दर अंकित कर स्टॉक एवं बिक्री पंजिका, किसानों को बिक्री किए गए उर्वरक से संबंधित कृषकों के आधार एवं खतौनी अभिलेख अपने पास सुरक्षित रखने के निर्देश दिए। किसानों से कहा है कि आलू की फसल के लिए डीएपी का उपयोग 14 किग्रा प्रति बीघा एवं एनपीके का उपयोग 20 किग्रा प्रति बीघा के हिसाब से ही करें। संवाद

दिवाली के बाद सस्ता हो सकता है खाद्य तेल, ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश

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दिवाली के बाद सस्ता हो सकता है खाद्य तेल, ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश

खाने पीने (Edible Oils) के तेल की कीमत में गिरावट दिवाली सीजन के बाद ही संभव है. जब बाजार में इनकी डिमांड कम होने की उम्मीद है. दिल्ली के थोक व्यापर मंडी में सरसों तेल की कीमत 170 रुपये प्रति लीटर पर बानी हुई है. अब खाद्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वो बाजार में खाने-पीने के तेल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए ट्रेडर्स पर स्टॉक लिमिट लगाएं. तेल व्यापारी रविंद्र गुलाटी करीब 50 साल से दिल्ली के नया बाजार मंडी में खाने-पीने के तेल का व्यापर कर रहे हैं. वह कहते हैं कि दिल्ली के थोक व्यापार मंडी में सरसों तेल की कीमत 170 प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है. रिटेल बाजार में इसकी कीमत और ऊंची है. ब्रांडेड सरसों तेल 185 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहा है. मंडी में सभी तरह के खाने-पीने के तेल महंगे रेट पर बने हुए हैं और इनकी कीमतों मे गिरावट दिवाली के बाद ही संभव है.

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रविंदर गुलाटी, एडिबल आयल ट्रेडर, नया बाजार ने एनडीटीवी से कहा, "सोयाबीन और पामोलिन ऑयल ज्यादातर विदेशों से आयात किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगा हुआ है, इसलिए सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं हो सकता. सरसों पर एमएसपी काफी बढ़ाई गई है. इस वजह से किसानों की सरसों की फसल महंगी हो गई है और सरसों तेल बनाने वाली कंपनियों का इनपुट कॉस्ट बढ़ गया है.

सोमवार को केंद्रीय खाद्य सचिव ने 23 राज्यों के सचिवों के साथ खाने-पीने के तेल की बढ़ती कीमतों से निपटने की रणनीति पर चर्चा की. उत्तर ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश प्रदेश के अलावा 17 राज्यों ने बाजार में तेल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए तेल पर स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया है.

राहुल शर्मा, एडिबल आयल ट्रेडर, नया बाजार ने एनडीटीवी से कहा कि दिसंबर महीने से उत्तर प्रदेश से सरसों की नई फसल बाजार में पहुंचनी शुरू होगी. इससे बाजार में सरसों की उपलब्धता बढ़ेगी और इसकी कीमत भी घटेगी. साफ़ है, त्योहारों के सीजन में खाने-पीने के तेल की कीमतें ऊंची बानी रहेंगी.

हाथरस : डीएपी की कालाबाजारी में उर्वरक विक्रेता पर रिपोर्ट दर्ज

Aligarh Bureau

अलीगढ़ ब्यूरो
Updated Fri, 12 Nov 2021 12:02 AM IST

Hathras: Report filed on fertilizer seller in DAP black marketing

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हाथरस
जिले में डीएपी खाद की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए कृषि विभाग की ओर से कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ छापामार कार्रवाई की जा रही है। एक उर्वरक विक्रेता के खिलाफ डीएपी की कालाबाजारी करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह ने मैसर्स शुभम ट्रेडर्स ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश मानिकपुर (सहपऊ) की दुकान पर छापा मारा। इस दौरान डीएपी उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग और भौतिक सत्यापन के समय स्टॉक में अंतर पाया गया। डीएओ ने फर्म स्वामी सुधीर कुमार जैन, निवासी जलेसर रोड मानिकपुर के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियिम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत कोतवाली सहपऊ में एफआईआर दर्ज कराई है। इस दुकान की जांच उपजिलाधिकारी सादाबाद द्वारा भी की गई।
विक्रेताओं को सचेत किया गया है कि उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग करने पर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जिला कृषि अधिकारी ने सभी विक्रेताओं को दैनिक रूप से स्टॉक बोर्ड पर उर्वरक उपलब्धता एवं उर्वरक की दर अंकित कर स्टॉक एवं बिक्री पंजिका, किसानों को बिक्री किए गए उर्वरक से संबंधित कृषकों के आधार एवं खतौनी अभिलेख अपने पास सुरक्षित रखने के निर्देश दिए। किसानों से कहा है कि आलू की फसल के लिए डीएपी का उपयोग 14 किग्रा प्रति बीघा एवं एनपीके का उपयोग 20 किग्रा प्रति बीघा के हिसाब से ही करें। संवाद

महंगाई को लेकर अधिकारियों-व्यापारियों में ठनी, नहीं रख सकते 15 क्विंटल से ज्यादा आलू

नई दिल्ली. दिल्ली में बिक रहे महंगे आलू-प्याज को लेकर सरकारी मशीनरी और व्यापारियों में ठन गई है। जहां एक ओर सरकार बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाने का ढोल पीट रही है, वहीं व्यापारी वर्ग सरकार के अभियान से इत्तेफाक नहीं रख रहा है। ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश व्यापारियों का साफ तौर पर कहना है कि सब्जियों को स्टॉक के तौर पर नहीं रखा जा सकता है। इसलिए सरकार छापेमारी के नाम पर जनता को अंधेरे में न रखे। व्यापारियों का यह भी कहना है कि महंगाई के बावजूद पाकिस्तान को आलू निर्यात किया जा रहा है।


महंगे प्याज-आलू व सब्जियों को लेकर दिल्ली सहित देश में हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग ने अधिकारियों को महंगाई रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। खाद्य आपूर्ति विभाग इस मामले में दावा कर रहा है कि दिल्ली में पिछले दो सप्ताह के अंदर सैकड़ों स्थानों पर छापेमारी की गई और 100 से ज्यादा व्यापारियों के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए।

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