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फाइनेंस का महत्त्व?

फाइनेंस का महत्त्व?
सैलरी आते ही आपको सबसे पहले अपनी एक महीने की कड़ी मेहनत के लिए खुद को पे करना चाहिए. यानी, आपको कुछ पैसे निकाल कर अलग रख देना चाहिए और बाकी के पैसों से खर्च चलाना चाहिए. For example: जिस दिन आपकी सैलरी क्रेडिट होती है उसके २-३ दिन बाद की डेट पे कोई SIP start कर सकते हैं, और अपने hard work के लिए खुद को reward कर सकते हैं.

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हमारे बारे में

  • ट्रू वैल्यू का लाभ

इंडिया में प्रि-ओन्ड गाड़ियों की मांग तेज़ गति से बढ़ रही है तथा पर्याप्त रूप से विकसित हो चुकी है। एक ब्रांड जो इस तरक्क़ी के अंतर्गत शुरू से साथ-साथ चल रहा है वह है मारुति सूज़ूकी ट्रू वैल्यू, इंडिया का पसंदीदा प्रि-ओन्ड गाड़ियों का ब्रांड। ट्रू वैल्यू में हमारा एकमात्र तथा अधिभावी उद्देश्य है पुरानी एवं पूर्व-मलिकी गाड़ियों के खरीदारों और विक्रेताओं का सशक्तिकरण करना। अपने उद्योग अनुभव और प्रौद्योगिकीय विकास के एकीकरण द्वारा अपने ग्राहकों के लिए एक ऐसे बाज़ार का निर्माण करना जहाँ वे आसानी से पुरानी गाड़ियां खरीद या बेच सकते है।

ट्रू वैल्यू के बारे में

मारुती सूज़ूकी का एक महत्वपूर्ण भाग, ट्रू वैल्यू ने अपना सफ़र 2001 में शुरू किया था और देखते ही देखते आज इंडिया का श्रेष्ठ प्रि-ओन्ड गाड़ी ब्रांड बन चुका है। ट्रू वैल्यू ने प्रि-ओन्ड गाड़ियों के सेगमेंट में अपनी उच्चता तथा महत्त्व बढ़ाते हुए आज अपनी पहुँच भारत के 276 से भी ज़्यादा शहरों में बढ़ाली है।
ट्रू वैल्यू देश के प्रि-ओन्ड गाड़ियों के सेगमेंट में पहला प्रमुख संगठित ऑटो निर्माता हैं जो आज भारतवासियो का पसंदीदा ब्रांड बन गया है प्रि-ओन्ड गाड़ियां खरीदने और बेचने के लिए।

जब आप चुनते है फाइनेंस का महत्त्व? ट्रू वैल्यू, आप पाते है: -

  • उच्च-गुणवत्ता और विश्वसनीय पुरानी गाड़ियां, वो भी 376 पहलुओं पर डिजिटल रूप से जांच और मूल्यांकन किये जाने के बाद।
  • कई ब्रांडों की प्रि-ओन्ड गाड़ियों पर पाएं उचित और पारदर्शी मूल्य।
  • खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए अनुकरणीय सेवाएँ तथा सुविधाजनक प्रक्रियाएँ।

यहाँ है कि आप एक सच्चे मूल्य ग्राहक के रूप में क्या उम्मीद कर सकते हैं:

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प्रि-ओन्ड कार्स पर पाएं निष्पक्ष एवं पारदर्शी कीमत विभिन्न ब्रांड की और से

हमारी सेवाओं की पूर्ण पारदर्शिता खरीदारों और विक्रेताओं के लिए बेहद सहायक है

ट्रू वैल्यू का मानना है कि प्रि-ओन्ड गाड़ियों को खरीदने का अनुभव नई गाड़ी खरीदने जैसा ही होना चाहिए। हमारे सभी ग्राहकों को गाड़ी ख़रीदने का अद्भुत अनुभव प्रदान करने और उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हम बीमा, वित्त और एक्सेसरीज़ जैसी सेवाओं प्रदान करते हैं गाडी खरीदने से सम्भंदित सारी सेवाएं आपको एक ही जगह मिल जाये। मारुति सूज़ूकी ट्रू वैल्यू भारत में गुणवत्तापूर्ण प्रि-ओन्ड गाड़ियों के लिए आपका एकीकृत श्रेष्ठ पता है।

Working Capital फार्मूला

Working Capital फार्मूला को अगर टेक्निकली भाषा में समझे तो इसे कंपनी या बिजनेस की CURRENT ASSET के टोटल योग से CURRENT LIABILITIES को घटाने के बाद आने संख्या को वर्किंग कैपिटल कहा जाता है।

इसका फार्मूला इस तरह होता है:

Working Capital = Current Assets – Current Liabilities

वर्किंग कैपिटल में करेंट एसेट का मतलब

Working Capital फार्मूला को आसान तरीके से समझने के लिए CURRENT ASSET (करेंट एसेट) का अर्थ जानना जरूरी है। करेंट एसेट का अर्थ है: कैश, बैंक बैलेंस, कस्टमर्स से मिलने वाली बकाया रकम, बिकने से बचे हुए प्रोडक्ट का स्टॉक और बिकने को तैयार प्रोडक्ट।

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वर्किंग कैपिटल में करेंट लाईबिलितिज का मतलब

करेंट लाईबिलिटीज (CURRENT LIABILITIES) का अर्थ है: सप्लायर और अन्य दुसरे लोगो को दी जाने वाली बकाया रकम, लोन इत्यादि।

वर्किंग कैपिटल का फार्मूला समझते हुए आपने देखा कि यह कैसे कारोबार को चलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कारोबार छोटा हो या बड़ा उसे चलाने के लिए वर्किंग कैपिटल का होना बेहद ही जरूरी होता है। यही वह रकम होती है जिससे यह निर्धारित हो सकता है कि कारोबार को अगले कितने समय तक वित्तीय परेशानियों का सामना नही करना पड़ेगा।

अगर कारोबारी को लगता है कि कुछ समय बाद उसके कारोबार को चलाने वाली वर्किंग पूंजी कम हो जाएगी तो वह बिजनेस लोन लेने के बारे में सोचता है।

ZipLoan से मिल सकता है बिना कुछ गिरवी रखे वर्किंग कैपिटल लोन

ZipLoan कारोबारियों की वित्तीय जरूरतों का ख्याल रखते हुए बिना कुछ गिरवी रखे 1 से 5 लाख तक का बिजनेस लोन प्रदान कर फाइनेंस का महत्त्व? रहा है। ZipLoan से वर्किंग कैपिटल लोन के लिए शर्ते बेहद मामूली हैं, जैसे- बिजनेस 2 साल पुराना हो, सालाना टर्नओवर कम से कम 5 लाख तक हो, पिछले साल भरी है ITR न्यूनतम डेढ़ लाख की हो। अगर इन मामूली शर्तों को कोई कारोबारी पुर्रा करता है तो उसे ZipLoan से प्राप्त होगा 1 से 5 लाख तक का बिजनेस लोन, बिना कुछ गिरवी रखे और 6 महीने बाद प्री पेमेंट चार्जेस फ्री।

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वित्त सचिव के तबादले को लेकर कई तरह के कयास

एक वित्त सचिव को अपेक्षाकृत कम महत्त्व वाले दूसरे मंत्रालय में स्थानांतरित करना अस्वाभाविक है। किसी भी सरकारी अधिकारी के लिए, खासतौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के लिए वित्त सचिव का पद बहुत फाइनेंस का महत्त्व? बड़ी उपलब्धि माना जाता है। वित्त मंत्रालय में पांच सचिव होते हैं। उनमें से केवल एक वित्त सचिव बन पाता है जो सभी समकक्षों में प्रथम होता है। अधिकांश वित्त सचिवों का करियर सेवानिवृत्ति से समाप्त नहीं होता। वे प्राय: समितियों के अध्यक्ष बनते हैं या नियामकीय संस्थाओं में चले जाते हैं। कई बार उन्हें अन्य सरकारी संस्थानों का सदस्य भी नियुक्त किया जाता है।

आश्चर्य नहीं कि मोदी सरकार ने 24 जुलाई को तत्कालीन वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग को विद्युत मंत्रालय का सचिव बनाकर स्थानांतरित किया तो इस पर सरकारी और राजनीतिक हलकों में तुरंत चर्चा शुरू हो गई। सीधा सवाल यह था कि लगभग दो वर्ष की सेवा अवधि के बाद अचानक ऐसा क्या हुआ कि गर्ग का स्थानांतरण कर दिया गया? गर्ग को उनकी टिप्पणियों के लिए जाना जाता था जिन्हें उनके आलोचक साहसिक लेकिन गैर जिम्मेदाराना मानते थे। आरबीआई के साथ उनके रिश्ते तनावपूर्ण थे। आरबीआई तथा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) जैसे अन्य नियामकों के मन में इस बात की आशंका थी कि गर्ग ऐसे कदमों को बढ़ावा दे सकते हैं जो उनके अधिकार क्षेत्र को सीमित करने वाले हों। बाजार भी फाइनेंस का महत्त्व? वर्ष के मध्य में सरकार की ऋण योजनाओं को लेकर गर्ग की घोषणाओं से चिंतित था।

कृषि वित्त का महत्व

कृषि वित्त ग्रामीण विकास एवं कृषि संबंधित गतिविधियों से जुड़े कार्यों के सम्पादन से सम्बंधित ऐसी वित्त व्यवस्था है जो उसके आपूर्ति, थोक, वितरण, प्रसंस्करण और विपणन के वित्तपोषण के लिए समर्पित एक विभाग के रूप में जाना जाता है.

किसानों की ऋण आवश्यकताओं को निम्नलिखित तथ्यों ले आधार फाइनेंस का महत्त्व? पर निर्धारित किया जा सकता है:

• उद्देश्य के आधार पर

समय के आधार पर: समय के आधार पर किसानों की ऋण आवश्यकताओं को निम्न रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है:

• लंबे समय तक की अवधि के लिए ऋण

इस तरह के ऋण उर्वरक, बीज, कीटनाशकों और पशुओं के चारे आदि को खरीदने फाइनेंस का महत्त्व? आदि के लिए दिया जाता है. साथ ही मजदूरों की मजदूरी के भुगतान, कृषि फाइनेंस का महत्त्व? उपजों के विपणन एवं उपभोग और अनुत्पादक उद्देश्यों एवं मजदूरी के भुगतान के लिए आवश्यक हैं. इन ऋणों के लिए अवधि 15 महीने से भी कम है.

किसानों की जरूरत एवं उद्देश्य के आधार पर कृषि ऋण को तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

क्यों अधिक इनकम से भी आपकी फाइनेंसियल प्रॉब्लम्स ख़तम नहीं हो पातीं? 7 reasons!

Financial Problems Reasons in Hindi

संदीप एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करता है और महीने का 1 लाख कमाता है पर वो फिर भी अपनी finances को लेकर परेशान रहता है. बार-बार उसके मन में यही विचार आता है कि जब मैं करियर की शुरुआत में 50 हज़ार कमाता था तो भी मैं किसी तरह महीने का खर्च निकाल पाता था और आज जब मैं उसका दोगुना कमाता हूँ तो भी पैसे कम ही पड़ते हैं.

दोस्तों, क्या आप संदीप फाइनेंस का महत्त्व? की इस स्थिति से रिलेट कर पा रहे हैं?

क्या आपके साथ भी यही हो रहा है- आपकी इनकम तो बढ़ती जा रही है लेकिन अभी भी आपकी financial problems ख़त्म नहीं हो पा रहीं.

जी हाँ, ये एक कड़वा सच है कि सिर्फ इनकम बढ़ जाने से financial problems ख़त्म नहीं हो जातीं!

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