किसी देश की मुद्रा क्या है?

वस्तु विनिमय प्रणाली: मुद्रा के बिना प्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं का वस्तुओं के लिए लेन-देन वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाती है। अर्थात् इस प्रणाली में वस्तुओं के बदले वस्तुएँ ही खरीदी जाती हैं। उदाहरणार्थ, गेहूँ के बदले कपड़ा प्राप्त करना, किसी अध्यापक को उसकी सेवाओं का भुगतान अनाज के रूप में किया जाना इत्यादि।
भारत की करेंसी से आप इन देशों में भी कर सकते हैं शॉपिंग, जानिए किन देशों में मान्य है रुपया
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 14 Aug 2021 02:03 PM (IST)
अमेरिकी डॉलर को पूरी दुनिया में सबसे ताकतवर करेंसी के रूप में जाना जाता है. दुनिया के काफी सारे देश अमेरिकी डॉलर में ही अपना बिजनेस करते हैं. करीब 85 फीसदी बिजनेस डॉलर के जरिए ही होता है. इसलिए इसे इंटरनेशनल बिजनेस करेंसी भी कहा जाता है. लेकिन कई लोगों के जहन में ये सवाल अक्सर आता है कि क्या डॉलर की तरह भारतीय रुपया भी किसी देश में मान्य है या नहीं. अगर आपके मन में भी ये सवाल आता है तो आज हम किसी देश की मुद्रा क्या है? आपको इसका जवाब देंगे. तो चलिए जानते हैं इसका जवाब क्या है.
इन देशों में चलती है इंडियन करेंसी
दरअसल दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां औपचारिक और अनौपचारिक तरीके से भारतीय करेंसी का इस्तेमाल किया जाता है. भारतीय रुपया बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव के कई इलाकों में अनौपचारिक तौर पर स्वीकार किया जाता है. हालांकि इन देशों में भारतीय रुपये को लीगल करेंसी की मान्यता प्राप्त नहीं है. इन देशों में भारतीय करेंसी को स्वीकार इसलिए किया जाता है, क्योंकि भारत इन देशों को बड़ी मात्रा में सामान का किसी देश की मुद्रा क्या है? निर्यात करता है.
भारत की आजादी के वक्त एक डॉलर की कीमत थी चार रुपये, आज करीब 80, पढ़ें 75 वर्ष में कैसे हुआ बदलाव
रुपये ने डॉलर तोड़ा अपना पिछला रिकॉर्ड कर 79.99 के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
Rupee’s Journey Since India’s Independence: भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष (75th Independence Day) का जश्न मना रहा है और आने वाले वर्षों के दौरान आर्थिक विकास को ऊंचाइयों पर ले जाने के सपने देख रहा है। अर्थव्यवस्था के अन्य पहलुओं को किनारे रखते हुए आइए देखते हैं कि भारतीय रुपया का 1947 के बाद से अब तक का सफर कैसा रहा है।
किसी देश की मुद्रा उसके आर्थिक विकास का आकलन करने का एक मुख्य घटक होती है। बीते 75 सालों में हमारे देश ने अपार प्रगति की है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। लेकिन, देश की मुद्रा रुपये में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। रुपये के अवमूल्यन का नतीजा यह है कि आज रुपया लगभग 80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।
भारत की मुद्रा क्या है। Bharat Ki Mudra
जैसा कि हम सब जानते हैं भारत एक विकासशील देश है जो प्रगति की ओर बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। परंतु आज भी यह देश अन्य देशों के मुकाबले बहुत पीछे हैं। अमेरिका, चीन, दुबई, जापान आदि देश सिर्फ technology में आगे नहीं है बल्कि इनकी मुद्राएं भी भारतीय मुद्रा से आगे रहती हैं। परंतु भारत की मुद्रा और इसका चिन्ह क्या है। इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है। इसलिए इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय मुद्रा क्या है और international market में इसकी वैल्यू क्या है। चलिए शुरू करते हैं।
भारत की मुद्रा के बारे में जानकारी
भारत की मुद्रा “भारतीय रुपया” है। भारतीय मुद्रा का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह “₹” है जिसको 15 जुलाई 2010 को जारी किया गया था। इससे पहले भारतीय रुपया को “रु” से दर्शाया जाता था। परंतु 2010 में Indian government ने इसे एक प्रतीक चिन्ह में बदलने की सोची जिसे iit गुवाहाटी के एक प्रोफेसर ने इसे डिजाइन किया। उन प्रोफेसर का नाम डी. उदय कुमार है। जिन्होंने भारत के प्रतीक चिन्ह को डिजाइन किया है।
भारत के भारतीय प्रतीक चिन्ह को डिजाइन करने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की किसी देश की मुद्रा क्या है? गई थी जिसमें लगभग 300 से ज्यादा आवेदन गवर्नमेंट को प्राप्त हुए थे जिनमें से यह प्रतीक चिन्ह चुना गया था।
वर्तमान समय में भारतीय रुपयों को भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा नियामक और जारी किया जाता है।
और वर्तमान समय में भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा भारत में एक रुपए के सिक्के ₹2 ₹5 के सिक्के 10 का सिक्का एवं 50, 100, 200, 500, और 2000 का नोट जारी किए गया है।
मुद्रा और बैंकिंग
भारतीय रिजर्व बैंक की देश की मौद्रिक प्राधिकरण की संपूर्ण देयता को मौद्रिक आधार या उच्च शक्तिशाली मुद्रा कहते है। इसमें करेंसी (आम जनता के साथ संचरण में नोट और करेंसी तथा व्यावसायिक बैंक की कोष्ठ नकदी राशि) तथा व्यावसायिक बैंक और भारत सरकार द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक में रखी गई जमा आते है। यदि कोई आम जनता भारतीय रिजर्व किसी देश की मुद्रा क्या है? बैंक को करेंसी नोट प्रस्तुत करती है, तो रिजर्व बैंक किसी देश की मुद्रा क्या है? को उस मुद्रा के मूल्य पर अंकित मूल्य की राशि किसी देश की मुद्रा क्या है? के बराबर का भुगतान करना होता है।
संव्यवहार के लिए मुद्रा की माँग क्या है? किसी निर्धारित समयावधि में संव्यवहार मूल्य से यह किस प्रकार संबंधित है ?
संव्यवहार के लिए मुद्रा की माँग से अभिप्राय एक अर्थव्यवस्था में संव्यवहारों को पूरा करने के लिए मुद्रा की माँग से है।
सूत्रों के रूप में, मुद्रा की संव्यवहार माँग
( M T d ) = k . T
यहाँ, k = धनात्मक अंश
T = एक इकाई समयावधि में संव्यवहारों का कुल मौद्रिक मूल्य
संव्यवहार के किसी देश की मुद्रा क्या है? लिए मुद्रा की माँग और किसी निर्धारित समयावधि में संव्यवहार मूल्य में घनिष्ठ संबंध है। यदि अर्थव्यवस्था में किसी निर्धारित समयावधि किसी देश की मुद्रा क्या है? में संव्यवहार मूल्य अधिक है तो मुद्रा की माँग भी अधिक होगी।
विदेशी मुद्रा भंडार और गोल्ड रिजर्व में फिर छाया गिरावट का दौर
राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में उतार-चढ़ाव होता रहता है। काफी समय तक विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में बढ़त दर्ज होने के बाद अब एक बार फिर इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। उधर स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) में भी इस बार गिरावट दर्ज हुई है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से हुआ है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।