विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां

मूल्य सीमा

मूल्य सीमा
नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। विमानन नियामक महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को देश में हवाई किराए की लोअर और अपर लिमिट को हटाने की घोषणा की।

स्पेशल रिपोर्टः UPI लेनदेन में खत्म होगा एकाधिकार !

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) तीसरे पक्ष (टीपीएपी) द्वारा चलाई जाने वाली यूपीआई भुगतान सेवा के लिए कुल लेनदेन की सीमा को 30 प्रतिशत तक सीमित करने के फैसले पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर रहा है। एनपीसीआई ने इस फैसले को लागू करने के लिए 31 दिसम्बर की समय सीमा तय की है। इस समय लेनदेन की कोई सीमा नहीं है। ऐसे में दो कंपनियों गूगल पे और फोनपे मूल्य सीमा की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 80 प्रतिशत हो गई है।

एनपीसीआई ने नवम्बर 2022 में एकाधिकार के जोखिम से बचने को तीसरे पक्ष के एप प्रदाताओं (टीपीएपी) के लिए 30 प्रतिशत लेनदेन की सीमा तय करने का प्रस्ताव दिया था। इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में एनपीसीआई के अधिकारियों के अलावा वित्त मंत्रालय और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एनपीसीआई सभी संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है और 31 दिसम्बर की समयसीमा बढ़ाने पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि एनपीसीआई को समय सीमा बढ़ाने के लिए उद्योग के हितधारकों से अनुरोध मिले हैं और उनकी जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक एनपीसीआई इस महीने के अंत तक यूपीआई बाजार सीमा लागू करने के मुद्दे पर फैसला मूल्य सीमा कर सकता है।

अक्तूबर में UPI से हुआ 12.11 लाख करोड़ का लेनदेन

बीते माह अक्तूबर में हुए कुल यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या 7.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 730 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई थी, जिसका कुल मूल्य 12.11 लाख करोड़ रुपये था। इस साल सितम्बर में 678 करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए थे, जिसका मूल्य 11.16 करोड़ रुपये था। दूसरी तरफ अक्तूबर महीने में आईएमपीएस ट्रांजैक्शन की कुल संख्या 48.25 करोड़ थी, जिसकी वैल्यू 4.66 लाख करोड़ रुपये थी।

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डीजीसीए ने हवाई किराए पर हटाई मूल्य सीमा

डीजीसीए ने हवाई किराए पर हटाई मूल्य सीमा

डीजीसीए ने हवाई किराए पर हटाई मूल्य सीमा

नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। विमानन नियामक महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को देश में हवाई किराए की लोअर और अपर लिमिट को हटाने की घोषणा की।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा, अनुसूचित घरेलू परिचालन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद हवाई किराए के संबंध में समय-समय पर अधिसूचित किराया बैंड को 31.08.2022 से प्रभावी रूप से हटाने का मूल्य सीमा निर्णय लिया गया है।

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक ट्वीट में कहा, हवाई किराए की सीमा को हटाने का निर्णय दैनिक मांग और एयर टर्बाइन ईंधन की कीमतों के विश्लेषण के बाद लिया गया है। हमें यकीन है कि निकट भविष्य में घरेलू यातायात में वृद्धि होगी।

डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी एयरलाइंस को बुधवार को इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है।

इससे पहले, सरकारी अधिकारियों और एयरलाइंस समेत स्टेकहॉल्डर्स के बीच घरेलू हवाई किराए को लेकर चर्चा हुई थी। एयरलाइंस ने अपने विचार रखते हुए कहा था कि घरेलू हवाई यातायात की रिकवरी के लिए प्राइजिंग कैप को हटाना आवश्यक है।

भारत-ऑस्‍ट्रेलिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स को ऑस्‍ट्रेलिया की संसद से मंजूरी, भारत के 6,000 उत्पाद ऑस्ट्रेलियाई बाजार में छाने को तैयार

भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA) को ऑस्‍ट्रेलियाई संसद से मंजूरी मिल गई है। ऑस्‍ट्रेलियो के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट पर लिखा, ”बड़ी खबर: भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है।” बता दें भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (AI-ECTA) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता थी। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है।

उन्होंने आगे लिखा, ”हमारी गहरी दोस्ती के चलते, यह हमारे लिए व्यापार संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मंच तैयार करता है।
https://twitter.com/AlboMP/status/1594924573970964480?s=20&t=AtLdb7LPNblJm6cruYytZg

अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा। सीमा शुल्क अधिकारी इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करेंगे।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जताई खुशी

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ”खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित कर दिया है।”
https://twitter.com/PiyushGoyal/status/1594951442762436608?s=20&t=4itCpkgp-fqzIuitiepkOA

ये दोनों विधेयक ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि चीनी बाजार के अस्थिर होने चलते भारत के साथ निर्यात में विविधता लाना जरूरी है, जबकि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ को छोड़ने के बाद उसके साथ नया द्विपक्षीय व्यापार समझौता जरूरी हो गया है।

भारत मूल्य सीमा के 6,000 से अधिक उत्पाद ऑस्ट्रेलियाई बाजार में छाने को तैयार

एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी। दोनों देश एक-दुसरे के साथ 7 अरब डॉलर का व्यापार करते हैं। ऑस्ट्रेलिया से भारत को निर्यात किए जाने वाले उत्पादों में मोती, सोना, तांबा, एल्यूमीनियम, शराब, फल और मेवे, कपास, ऊन आदि शामिल है। तो वहीं भारत से ऑस्ट्रेलिया में पेट्रोलियम उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण जैसे उत्पाद जाते हैं।

समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे हैं, जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है।

वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात तथा 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था।

बता दें, भारत-ऑस्‍ट्रेलिया और भारत-जापान एफटीए को छोड़ दें, तो भारत के कमोबेश सभी FTA अन्य विकासशील देशों (2005 में सिंगापुर, 2010 में दक्षिण कोरिया, 2010 में आसियान, 2011 में मलेशिया और 2022 में यूएई) के साथ हैं।

ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने कहा कि भारत ने द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। उन्होंने कहा, ”भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध सरकार की व्यापार विविधीकरण रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”

मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement)क्या होता है

India-Australia Economic Cooperation and Trade Agreement (AI-ECTA) मुक्त व्यापार समझौता या कहें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दो देशों के बीच के व्यापार को सरल बनाने के लिए होता है। एफटीए के तहत दो देशों के बीच आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा को कम करने के लिए समझौता किया जाता है। इससे दोनों ही देशों को काफी फायदा पहुंचता है। इस समझौते से बाकी देशों के मुकाबले उत्पादन लागत और भी सस्ती हो जाती है। दो देशों के व्यापार को बढ़ावा मिलता है और दो देशों की अर्थव्यवस्था को गति मिलती है।

अगले साल मार्च में भारत आएंगे ऑस्ट्रेलियाई पीएम

इंडोनेशिया के बाली शहर में जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज ने कहा कि मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान हमने ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि “मैं मार्च में भारत दौरे पर आऊंगा। हम एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल को भारत ले जाएंगे और यह एक महत्वपूर्ण यात्रा होगी और हमारे दो देशों के बीच संबंधों में सुधार होगा”।

धान खरीदी के लिए बने 48 केंद्र: 45 हजार 108 किसानों ने कराया पंजीयन, न्यूनतम समर्थन मूल्य 2 हजार 40 रुपए प्रति क्विंटल

कटनी जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 28 नवम्बर से शुरू मूल्य सीमा होगी। कलेक्टर अवि प्रसाद ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के कार्यों और व्यवस्थाओं की समीक्षा की है। बैठक में कलेक्टर अवि प्रसाद ने कहा कि धान उपार्जन के बाद किसानों को राशि का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से आधार लिंक बैंक खाते में ही किया जाना है। इसलिए धान खरीदी के लिए सभी पंजीकृत किसानों से व्यक्तिगत संपर्क करके बैंक अकाउंट में आधार सीडिंग की कार्रवाई प्राथमिकता के आधार पर कराने के लिए कहा है।

बैठक में बताया गया कि धान उपार्जन के लिए जिले में 45 हजार 108 किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें से जिन किसानों के बैंक खाते, आधार नंब से लिंक नहीं हैं, उन किसानों को बैंक जाकर खाता लिंक कराने के लिए कहा है। जिले में धान खरीदी के लिए 48 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं।

बैठक में बताया गया कि खरीफ विपणन मौसम 2022-23 के लिए औसत अच्छी गुणवत्ता के धान का समर्थन मूल्य शासन द्वारा सामान्य धान के लिए 2 हजार 40 रुपए प्रति क्विंटल, धान ग्रेड ए 2 हजार 60 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। जिले में धान खरीदी का कार्य शासन द्वारा तय समय-सीमा 16 जनवरी 2023 तक की जाएगी। किसानों से खरीदी का कार्य सप्ताह में 5 दिन सोमवार से शुक्रवार तक किया जाएगा।

बैठक में कलेक्टर ने टेंडर की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी ली। इसके साथ ही खरीदी केंद्रों में खाद्यान्न की सुरक्षा के लिए तिरपाल की व्यवस्था, धान के साथ आने वाले कचरे को साफ मूल्य सीमा करने के लिए पंखे, छन्ना की व्यवस्था, किसानों के पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था कराने के लिए कहा।

कलेक्टर ने खरीदी से पहले वेयर हाउस, बारदाना, नाप-तोल के लिए तौल कांटे की व्यवस्था, उनके सत्यापन का कार्य जल्द कराने के लिए कहा। कलेक्टर ने जिला खाद्य अधिकारी से कहा है कि वे उपार्जन के लिए नवीन प्रस्तावित एसएचजी की सूची नाप-तौल विभाग के निरीक्षक को उपलब्ध कराएं। ताकि खरीदी के लिए तौल-कांटा सहित अन्य जरूरी इंतजाम करने के लिए भी कहा गया है।

गन्ना मूल्य 450 रुपये क्विंटल घोषित करने की मांग

किसान यूनियन के किसानों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर सीएम को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में गन्ना मूल्य 450 रुपये क्विंटल घोषित करने.

 गन्ना मूल्य 450 रुपये क्विंटल घोषित करने की मांग

किसान यूनियन के किसानों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर सीएम को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में गन्ना मूल्य 450 रुपये क्विंटल घोषित करने, डीएपी उर्वरक की कालाबाजारी रोकने, बेसहारा पशुओं पर मूल्य सीमा अंकुश लगाने समेत विभिन्न मांगों से सरकार को अवगत कराया।

किसान यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को एसडीएम संजीव कुमार को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बारिश के दौरान बर्बाद हुई फसलों का पीड़ित किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की है। साथ ही ज्ञापन में पेराई सत्र 2022-23 का अब तक गन्ना मूल्य घोषित न होने पर रोष व्यक्त किया। कहा कि चीनी मिलों को आरंभ हुए 22 दिन से अधिक गुजर चुके हैं। लेकिन, सरकार ने अभी तक न तो गन्ना मूल्य घोषित किया न ही गत वर्ष के बकाए का भुगतान चीनी मिलों से कराया है। कहा कि किसानों को जो पर्चियां भेजी जा रही हैं उन पर कोई भाव अंकित नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते किसान असमंजस में है। इसलिए सरकार शीघ्र 450 रूपये क्विंटल गन्ना मूल्य घोषित करे। बताया कि ट्यूबवैलों पर विद्युत मीटर लगाने की विभाग की कार्रवाई से किसानों में भारी आक्रोश है। चेतावनी दी यदि उक्त महत्तवपूर्ण बिंदुओं पर संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं की गई तो यूनियन कार्यकर्ता लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन व घेराव करने को मजबूर होंगे। इस दौरान किसान यूनियन राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. सवित मलिक, राष्ट्रीय प्रवक्ता सतीश चौधरी बेनिवाल, मो. अरशद, शहजाद, अंकित और शौकीन सहित अन्य किसान मौजूद रहे।

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