व्यापार तकनीक क्या है

निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए-
उत्तर
व्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्र में क्या उपलब्धियाँ हैं?
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UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 1 विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति
UP Board Solutions for Class 8 Science Chapter 1 विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति
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विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-
उत्तर
(क) आधुनिक संचार का माध्यम है।
(अ) इण्टरनेट ✓
(ब) पत्र
(स) कबूतर
(द) इनमें से कोई नहीं
(ख) भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक हैं
(अ) डॉ० हारवर्ड माइकल
(ब) आर्यभट्ट
(स) डॉ० विक्रम साराभाई ✓
(द) इनमें से कोई नहीं (UPBoardSolutions.com)
(ग) सूचना और संचार औद्योगिकी (ICT) का आरम्भ हुआ है-
(अ) वर्ष 2003 में ।
(ब) वर्ष 2004 में ✓
(स) वर्ष 2005 में
(द) वर्ष 2005 में
(घ) ऊर्जा के नवीकरण स्रोत है-
(अ) पेट्रोल
(ब) डीजल
(स) एलपीजी
(द) सौर ऊर्जा ✓
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
उत्तर
(क) व्यापार का अर्थ है क्रय और विक्रय।।
(ख) मैट्रो रेल, बुलेट ट्रेन और मोनो रेल परिवहन के नवीन साधन हैं।
(ग) स्नैपडील, फ्लिपकार्ट आदि ऑनलाइन कम्पनियाँ हैं।
(घ) आईसीटी, योजना का आरम्भ 2004 में हुआ।
(ङ) श्री-जी और फोर जी मोबाइल के साधन हैं। (UPBoardSolutions.com)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए-
उत्तर
प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए-
(क) राष्ट्रीय अनुसंधान समिति का गठन कब हुआ?
उत्तर
1962 में
(ख) क्षेत्रफल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत किसका प्रक्षेपण किया गया?
उत्तर
बैलिस्टिक प्रक्षेपात्र, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, आकाश मिसाइल
(ग) बीसवीं सदी के सर्वाधिक सफल ऊर्जा के स्रोत क्या थे?
उत्तर
सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा (UPBoardSolutions.com)
(घ) व्यापार एवं वाणिज्य की नवीनतम तकनीक कौन सी है?
उत्तर
ई-व्यवसाय/ई-कॉमर्स
(ङ) एनईजीमी की शुरुआत कब हुई थी?
उत्तर
18 मई 2006 में।।
(च) भू-तापीय ऊर्जा किस प्रकार की ऊर्जा है?
उत्तर
पर्यावरणीय क्षति और ग्लोबल वार्मिंग से बचाव।। (UPBoardSolutions.com)
(छ) इसरो (ISRO) का गठन कब हुआ था?
उत्तर
नवम्बर 1969 व्यापार तकनीक क्या है में।
प्रश्न 5.
विनिर्माण से आप क्या समझते हैं? सविस्तार समझाइए।
उत्तर
कच्चे माल को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को । विनिर्माण या वस्तु निर्माण कहते हैं। विनिर्माण से तैयार माल उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग किया जाता है। (UPBoardSolutions.com) यह किसी भी अर्थव्यवसायी की सम्पन्नता का जनक होता है। राष्ट्रीय विनिर्माण नीति में राष्ट्रीय और निवेश क्षेत्रों की स्थापना व्यापार के नियमों को युक्तिसंगत और सरल बनाना, बीमार इकाइयों को बन्द करने की व्यवस्था को सुगम बनाना, औद्योगिक प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन के उपाय बढ़ाना और विनिर्माण इकाइयों और सम्बन्धित गतिविधियों में अंशधारिता पूँजी लगाने के लिये भी प्रोत्साहन देना शामिल है।
प्रश्न 6.
शिक्षा के क्षेत्र में आईसीटी की क्या भूमिका है?
उत्तर
शिक्षा के क्षेत्रा में ICT की भूमिका- शैक्षिक अवसरों को विस्तृत करने, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास एवं शिक्षा की गुणवता बढ़ाने के लिये ICT एक प्रभावशाली साधन है। (UPBoardSolutions.com) उच्च शिक्षा में बढ़ता नामांकन अनुपात तथा शिक्षा के विस्तार में प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता में ICT की भूमिका पर नेशनल मिशन ऑफ एजुकेशन बल देता है। इसके अन्तर्गत स्मार्ट स्कूलों एवं ई-किताबों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रश्न 7.
ई-गवर्नेन्स क्या है?
उत्तर
ई- गवर्नेन्स- सरकार की आम नागरिकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध कराना ई-गवर्नेन्स या ई शासन कहलाता है।
प्रश्न 8.
ई-गवर्नेन्स व्यापार तकनीक क्या है की आम जीवन में क्या उपलब्धियाँ हैं?
उत्तर
ई-गवर्नेन्स की आम जीवन में उपलब्धियाँ
- शासकीय सेवाएँ और सूचनाएँ ऑनलाईन उपलब्ध।
- शासन प्रणाली को पारदर्शी, कुशल तथा जवाबदेह बनाई।
- विद्यालय में दाखिला, बिल भरना, आय-जाति प्रमाणपत्र बनवाना हिन्दी में सुविधाएँ उपलब्ध।
- ई-गर्वनेन्स को ही डिजिटल इण्डिया चरितार्थ कर रहा है। (UPBoardSolutions.com) जिसके अन्तर्गत ई- हॉस्पिटल की शुरुआत हुई।
- आम आदमी को सीधे तौर पर लाभान्वित कर सहज, सुलभ और घर तक सरकारी सुविधाएँ उपलब्ध कराने का अथक प्रयास कर रहे हैं।
प्रश्न 9.
व्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्र में क्या उपलब्धियाँ हैं?
उत्तर
- इन्टरनेट के माध्यम से व्यापार का संचालन। (UPBoardSolutions.com)
- खरीदना और बेचना, ग्राहकों के लिये सेवाएँ और व्यापार के भागीदारों के साथ सहयोग।
- फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, अमेजन आदि ई-कॉमर्स कम्पनियाँ आम जन जीवन में प्रचलित हैं।
• नोट- प्रोजेक्ट कार्य छात्र स्वयं करें।
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नर्सरी का बिजनेस कैसे शुरू करें, यहां जानें | Plant nursery business in hindi
nursery business: पौधों की नर्सरी का बिजनेस कैसे शुरू करें, how to start nursery business, प्लांट नर्सरी का बिज़नेस कैसे करें?
nursery business in hindi: हर किसी को पेड़-पौधे और हरियाली पसंद होता है। पौधे घर-आंगन की खूबसूरती बढ़ा देते हैं। ऑफिस हो या घर की बालकनी, इनकी खूबसूरती बढ़ाने के लिए लोग मंहगे से मंहगे पौधे खरीदते हैं। बाजार में इन सजावटी पेड़-पौधों की बहुत अधिक मांग है। अधिकांश लोग अपने घरों, रेस्टोरेंट, पार्क या फिर घर के आस-पास की सड़कों को हर-भरा देखना पसंद करते हैं।
ऐसे में अगर आप पौधों की नर्सरी का बिजनेस (nursery business) करने की सोच रहे हैं तो प्लांट नर्सरी का व्यवसाय एक अच्छा बिज़नेस आइडिया है। इससे आप 50 हजार से लेकर 1 लाख तक हर महीने कमा सकते हैं।
तो आइए, द रुरल इंडिया के इस लेख में जानें- पौधों की नर्सरी का बिजनेस कैसे शुरू करें (how to start nursery business)
इस लेख में आप जानेंगे-
पौधों की नर्सरी क्या है
नर्सरी व्यापार के उद्देश्य
नर्सरी का व्यापार कैसे शुरू करें
नर्सरी के लिए जरूरी चीजें
नर्सरी में लगाने वाले पौधे
नर्सरी व्यापार में लाभ
नर्सरी व्यापार में खर्च
नर्सरी क्या है (what is nursery)
नर्सरी ( nursery) कृषि का ही एक ऐसा हिस्सा है, जहां पर बीज या अन्य संसाधनों के द्वारा पेड़-पौधों को तैयार किया जाता है। इन तैयार किए गए पौधों को सजावट के तौर पर किचन, बगीचे या अन्य व्यापारिक उद्देश्य से बाजार में उचित दर पर बेचा जाता है। यह एक ऐसा कृषि व्यवसाय है जिसमें कमाई के साथ-साथ पर्यावरण सरंक्षण में बेहद अहम भूमिका निभा सकते हैं।
आपको बता दें, नर्सरी में अंतर्गत अच्छी गुणवत्ता के बीजों से पेड़-पौधो को आसानी से तैयार किया जाता है। नर्सरी में कई तरह के पेड़-पौधों को तैयार किया जाता है। जैसे- सजावट के पौधे, फलों के पौधे, फूल के पौधे आदि।
नर्सरी व्यापार के उद्देश्य (nursery business objectives)
खेतों और घरों के लिए अच्छी किस्म के बीजों व पेड़-पौधे उपलब्ध करना
सजावटी पौधों को सही तरीके से तैयार करना
छोटे-बड़े पेड़-पौधों को बाजार में बेच कर अच्छा मुनाफा कमाना
नर्सरी व्यापार तकनीक क्या है का व्यापार कैसे शुरू करें (how to start nursery business)
नर्सरी का व्यापार शुरू करने के लिए सर्वप्रथम आपको एक अच्छी जगह का चुनाव करना होगा। जहां पर पेड़-पौधे की अच्छे से वृद्धि हो सकें। ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां प्रदूषण न हो और साफ-सफाई हो।
नर्सरी का व्यापार आप छोटे स्तर पर भी आसानी से शुरू कर सकते हैं। इसे आप अपने घर के आंगन से भी शुरू कर सकते है। शहरों में तो इसे सड़कों के किनारे खड़ी पड़ी जमीन पर आसानी से कर सकते हैं। हाइवे, राजमार्गों के किनारे नर्सरी का बिजनेस खूब चलता है।
नर्सरी के लिए जरूरी चीजें
पौधे को सही तरीके से तैयार करने के लिए मिट्टी का सही होना बेहद जरूरी है। पेड़-पौधों के अच्छे पोषण के लिए मिट्टी में रेत, खाद आदि डालकर तैयार करना होता है और साथ ही समय-समय पर मिट्टी की सिंचाई भी करनी होती है।
रासायनिक और जैविक खाद
नर्सरी के व्यापर में आपको रासायनिक और जैविक खाद की भी जरूरत पड़ती है। क्योंकि पेड़-पौधों और बीजों में विभिन्न तरह की कई बीमारियां लगना का खतरा बना रहता है। इसलिए आपको आपको विभिन्न कीटनाशक, जीवनाशक और अन्य रसायनों की जरूरत पड़ेगी।
नर्सरी के व्यापार में आपको कुछ जरूरी उपकरण की भी व्यापार तकनीक क्या है आवश्यकता पड़ेगी, जो आपके रोजाना के काम को और भी सरल बनाएंगी। जैसे- पौधे को पानी देना, उनकी कटाई करना, उन्हे ट्रांसपोर्ट करना आदि के लिए बाजार में कई उपकरण मौजूद है, जिससे आप अपनी जरूरत के हिसाब से खरीद सकते हैं।
नर्सरी में लगाने वाले पौधे (nursery plants)
नर्सरी व्यवसाय में लगाने वाले पौधे को तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिसकी बाजार में बहुत मांग होती हैं। जो इस प्रकार है।-
स्ट्रेच प्लांट नर्सरी- यह वह पौधों होते है, जो घरों या ऑफिस के अंदर या बाहर रखे जाते हैं। इस तरह के पौधों को लोग अपने घर की या ऑफिस की सजावट के लिए बहुत अधिक खरीदते हैं।
व्यापारिक नर्सरी- इसमें वे सभी पौधे आते है, जिसे पेड़ों और बीजों को बड़े स्तर पर तैयार किया जाता है। इन पेड़ों और बीजों को किसानों की खेती के लिए बाजार में बेचा जाता है। साथ ही इस नर्सरी में विभिन्न सरकारी प्रोजेक्ट में ट्री प्लांटेशन भी किया जाता है।
लैंडस्केप प्लांट नर्सरी- लैंडस्केप प्लांट नर्सरी में बागवानी करने के लिए उत्तम माना जाता है, जिसमें ग्राहक अपने घरों के बगीचे के लिए अपने हिसाब से पौधों को खरीदते हैं।
आज के समय में नर्सरी का व्यापार बहुत ही फायदेमंद है। क्योंकि लोग अपने घर या ऑफिस को सुंदर दिखाने के लिए पौधे को अधिक खरीदते हैं। अगर आप एक छोटे स्तर पर भी नर्सरी का व्यवसाय शुरू करते है और उसे खुद बाजार में जाकर बेचते है, तो आप आराम से लगभग 25 से 50 हजार रुपए का लाभ कमा सकते हैं।
नर्सरी व्यापार में खर्च (nursery business expenses)
अगर आप खुद की जमीन पर एक बड़े स्तर पर नर्सरी का व्यापार शुरू करते है, तो आप सालाना लाखों की कमाई आसानी से कर सकते हैं, लेकिन जितने बड़े स्तर पर आप इसका व्यापार करेंगे उतनी ही इसमें लागत लगती है। लागत के साथ इस व्यवसाय में उतना ही टाइम और बेहद ध्यान देने की भी जरूरत होती है। इस व्यवसाय में सही ज्ञान होने से आप इससे अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
नर्सरी बिज़नेस की मार्केटिंग कैसे करें?
शहर के नजदीक ही नर्सरी खोलें, इससे आपके पौधों की बिक्री शहर और गांव दोनों जगहों पर हो सकती है।
जीएम तकनीक: सरसों उगाने के नए तरीके से 10 लाख लोगों के रोजगार पर संकट? जानें क्यों हो रहा विरोध
जेनेटिकली मॉडीफाइड सरसों की व्यवसायिक खेती की मंजूरी दे दी गई है. बायोटेक नियामक जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी के इस फैसले का विरोध कई हरित समूहों और अग्रणी संगठनों द्वारा होना शुरू हो गया है. इन संगठनों का कहना है कि जेनेटिकली मॉडीफाइड सरसों इंसान के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो व्यापार तकनीक क्या है सकता है.
सचिन धर दुबे
- नई दिल्ली,
- 27 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 27 अक्टूबर 2022, 3:40 PM IST)
Geneticaly modified Farming Of Mustard: केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले बायोटेक नियामक जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी( जीआईसी) ने जेनेटिकली मॉडीफाइड सरसों की व्यवसायिक खेती को मंजूरी दे दी है. फिलहाल इसकी बुवाई इस साल रबी सीजन के दौरान शुरू होगी कि नहीं इसको लेकर अभी भी संशय है. इसपर सभी को अभी सरकार के फैसले का इंतजार है. बता दें कि इससे पहले 2002 में व्यवसायिक खेती के लिए केवल एक जीएम फसल बीटी कपास को मंजूरी दी गई थी.
जेनेटिकली मॉडीफाइड सरसों को डीएमएच-11 के नाम से भी जाना जाता है. इसे दिल्ली विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर जेनेटिक मैनिपुलेशन ऑफ क्रॉप प्लांट्स (सीजीएमसीपी) द्वारा विकसित किया गया था, जिसका नेतृत्व पूर्व वाइस चांसलर दीपक पेंटल ने किया था. बायोटेक नियामक जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी के इस फैसले का विरोध कई हरित समूहों और अग्रणी संगठनों द्वारा होना शुरू हो गया है. इन संगठनों का कहना है कि जेनेटिकली मॉडीफाइड सरसों इंसान के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. बता दें कि 2015-16 में जेनेटिकली मॉडीफाइड सरसों की व्यवसायिक खेती व्यापार तकनीक क्या है अप्रूवल के नजदीक पहुंची थी. हालांकि, सिविल सोसायटी के विरोध के चलते इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.
क्या है जीएम तकनीक
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जेनेटिक इंजिनियरिंग के जरिए किसी भी जीव या पौधों के जीन को दूसरे पौधों में डाल कर एक नई फसल प्रजाति विकसित की जाती है. इन फसलों की जीन में बायॉटेक्नॉलजी और बायॉ इंजिनियरिंग के जरिए परिवर्तन किया जाता है. 1982 में तंबाकू के पौधे में इसका पहला प्रयोग किया गया था. 1996 से लेकर 2015 के दौरान पूरी दुनिया में जीएम फसलों की खेती में बढ़ोतरी देखी गई है.
जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी के फैसले पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
खाद्य और व्यापार नीति विशेषज्ञ देविंदर शर्मा कहते हैं कि जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी ने हड़बड़ी और अंडर प्रेशर में ये डिसीजन ले लिया है. यह एक जंक वैरायटी है. इसका पर्यावरण और इंसानों पर भी बुरा असर पड़ेगा. मुझे नहीं पता है क्यों एक ऐसी वैरायटी वाली सरसों की खेती को मंजूरी दी गई, जो कम पैदावार वाली है. इसके अलावा न ही इसके तेल में कुछ ऐसा खास है, जिससे लोगों को फायदा होगा. मुझे समझ में नहीं आता कि भारत कम उपज देने वाली जीएम सरसों की किस्म की खेती करके खाद्य तेल के आयात में कटौती करने की योजना कैसे बना रहा है व्यापार तकनीक क्या है और कैसे तेल की उपज में इजाफा करेगा. इस तरह के फैसले पर जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी की जवाबदेही बनती है कि कैसे लो यील्डिंग वाली वैरायटी को मंजूरी दे दी गई है.
यह दावा किया जाता है जीएम सरसों की पैदावार 30 प्रतिशत अधिक है. इस दावे को हवा में उड़ाते हुए देविंदर शर्मा कहते व्यापार तकनीक क्या है हैं कि डीएमएच-11 से भी ज्यादा उपज देने वाली कम से कम 4 वैरायटीज भारत में मौजूद हैं. डीएमएच-1, डीएमएच-2, डीएमएच-3, डीएमएच-4 सरसों की वैरायटी की पैदावार जीएम सरसों से ज्यादा है. केंद्र सरकार के ही संगठन आईएसआर ने भी अपनी रिपोर्ट में भी इस बात पर हामी भरी है.
देविंदर शर्मा के मुताबिक सेंटर फॉर जेनेटिक व्यापार तकनीक क्या है मैनिपुलेशन ऑफ क्रॉप प्लांट्स, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली साउथ कैंपस के एक वैज्ञानिक द्वारा की गई एक प्रस्तुति में भी ये दिखाया गया है कि उच्च उत्पादकता वाली सरसों की चार किस्में पहले से मौजूद हैं. तीन किस्में एक ही डीएमएच श्रृंखला में हैं. डीएमएच -4, जो एक पारंपरिक किस्म है, जीएम सरसों की तुलना में 14.7 प्रतिशत अधिक उपज प्रदान करती है. पायनियर और एडवांटा द्वारा उत्पादित दो और किस्में भी जीएम सरसों से ज्यादा उपज देती हैं. 2015 में जीएम तकनीक से सरसों की खेतो को लेकर दो टेस्ट की बात की गई थी वह अभी तक नहीं की गई. ऐसे में इसकी मंजूरी पर सवाल उठता है.
क्या शहद की खेती पर पड़ेगा बुरा असर?
मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. इन संगठनों का कहना है कि जेनेटिकली मॉडीफाइड सरसों इंसान के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में काम करने वाली कनफेडरेशन ऑफ एपीकल्चर इंडस्ट्री (सीएआई) के मुताबिक जेनेटिकली व्यापार तकनीक क्या है मॉडीफाइड तरीके से सरसों की खेती की शुरुआत होने पर शहद की खेती पर बुरा असर पड़ेगा. इससे तकरीबन 10 लाख मधुमक्खी पालकों के जीवनयापन पर संकट आ जाएगा.
बता दें मधुमक्खियों के परागण में सरसों की खेती का अहम योगदान होता है. ज्यादातर जगहों पर चिकित्सकीय गुणों की वजह जीएम मुक्त सरसों के शहद की मांग है. ऐसे में अन्य देशों में होने वाला शहद निर्यात पूरी तरह ठप हो जायेगा. सीएआई के अध्यक्ष, देवव्रत शर्मा कहते हैं कि जीएम फसल आने के बाद किसानों को निर्यात के लिए गैर-जीएम फसल परीक्षण से गुजरना होगा जिसके परीक्षण काफी महंगे होंगे, शहद के व्यापार को काफी नुकसान पहुंचेगा.
साल 2017 में इसकी मंजूरी पर लगी थी रोक
बता दें कि साल 2017 में भी पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने इसी तरह की सिरफारिश की थी. इस कदम का विरोध करने के लिए स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं और किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद इसे मंजूरी देने के निर्णय पर विराम लग गया था.