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निवेश पर वापसी

निवेश पर वापसी
इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न उस रिटर्न को संदर्भित करता है, जिसे कंपनी उस समय तक निवेश से उत्पन्न करती है, जब तक कि उस समय तक कंपनी द्वारा किए गए निवेश की मात्रा के संबंध में विचार नहीं किया जाता है, यह कंपनी के निवेश की दक्षता को मापता है।

मेरी पार्टी को सत्ता में वापसी के लिए प्रचार अभियान की जरूरत नहीं : इमरान खान

इंटरनेशनल डेस्क : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने मंगलवार को दोहराया कि उनकी पार्टी को सत्ता में लौटने के निवेश पर वापसी लिए प्रचार अभियान की जरूरत नहीं है। खान ने लाहौर में अपने आवास से एक सेमिनार को संबोधित करते हुए यह दावा निवेश पर वापसी किया।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को मौजूदा आर्थिक संकट से उबारने और जनता के बीच स्थिरता तथा विश्वास पैदा करने के लिए फिलहाल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव समय की मांग है। ‘‘सरकार चुनावों में जितनी देरी करेगी, वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के लिए उतना ही फायदेमंद होगा और हमें देश के मौजूदा हालात में प्रचार करने की भी जरूरत नहीं होगी।''

उन्होंने कहा कि ‘‘स्पष्ट बहुमत वाली सरकार की जरूरत है ताकि वह ठोस व कड़े फैसले ले सके।'' प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नीत संघ सरकार की आलोचना करते हुए खान ने कहा कि नयी सरकार को ‘‘देश का रास्ता सुधारने'' के लिए कड़े फैसले लेने होंगे। इमरान खान ने कहा कि देश को निवेश आकर्षित करने की जरूरत है और निवेशकों को लाभ दिया जाना चाहिए।

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निवेश पर लाभ (ROI)

इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न उस रिटर्न को संदर्भित करता है, जिसे कंपनी उस समय तक निवेश से उत्पन्न करती है, जब तक कि उस समय तक कंपनी द्वारा निवेश पर वापसी किए गए निवेश की मात्रा के संबंध में विचार नहीं किया जाता है, यह कंपनी के निवेश की दक्षता को मापता है।

सरल शब्दों में, यह निवेश की गई पूंजी की मात्रा से संबंधित आय को मापकर कंपनी की लाभप्रदता की गणना करता है। पूंजी एक महंगा संसाधन है, इसलिए व्यवसाय को एक ऐसी परियोजना में निवेश करना चाहिए जो पर्याप्त रिटर्न प्रदान कर सके जो पूंजी प्रभार को समायोजित कर सके। रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (आरओआई) अनुपात को व्यवसाय में नियोजित पूंजी के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। नीचे दिए गए उदाहरण के साथ ROI की गणना करने का सूत्र है।

ROI की व्याख्या कैसे करें?

ROI को इस रूप में दर्शाया गया है:

  • व्यापार का ROI जितना अधिक होगा, व्यवसाय उतना ही बेहतर प्रदर्शन करेगा। EBIT डिबेंचर और निवेश पर वापसी करों पर ब्याज का भुगतान करने से पहले व्यवसाय द्वारा अर्जित लाभ का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे केवल कटौती की राशि होती है, जिसके लिए व्यवसाय को चलाने और बेची गई सामग्री की लागत की आवश्यकता होती है।
  • कैपिटल एम्प्लॉइड में शेयर पूंजी, कैपिटल प्रीमियम, फ्री रिजर्व, रिटायर्ड कमाई, डिबेंचर, बैंक से दीर्घकालिक ऋण, या असुरक्षित दीर्घकालिक उधार जैसे वर्तमान देनदारियों को छोड़कर सभी देयताएं और शेयर पूंजी शामिल हैं।
  • फर्म का EBIT विभिन्न फर्मों की विभिन्न पूंजी संरचनाओं से प्रभावित नहीं होता है क्योंकि हम डिबेंचर धारक या लंबी अवधि के फिक्स्ड रेट रिसीवर को राशि का भुगतान करने से पहले लाभ पर विचार कर रहे हैं।

ROI के प्रकार

  • टैक्स ROI से पहले
  • आरओआई के बाद (अधिक लोकप्रिय)

यदि हम कर घटक को ध्यान में रखते हैं, तो यह EBIT (1-टैक्स) / कैपिटल एम्प्लॉइड बन जाएगा

EBIT x (1-टैक्स) को टैक्स (NOPAT) के बाद शुद्ध परिचालन लाभ के रूप में भी जाना जाता है। लोग अपने रिटर्न की गणना कर के बाद के फॉर्म में करते हैं ताकि शुद्ध वसूली योग्य लाभ की गणना की जा सके।

निवेश के उदाहरण पर लौटें

उदाहरण 1

31 दिसंबर को समाप्त हुए वर्ष के लिए निम्नलिखित विवरण हैं, 18 ब्रायन इंक।

ROI फॉर्मूला = 280000/2000000

ROI = 14I

उदाहरण # 2

स्क्वैश इंक एक समूह है और इसमें 4 डिवीजन हैं। इस वर्ष की शुरुआत में कारोबार में कुल पूंजी - $ 60 मिलियन।

इसी तरह, हम शेष डिवीजन के लिए निवेश अनुपात पर रिटर्न की गणना कर सकते हैं।

आप निवेश अनुपात पर रिटर्न की विस्तृत गणना के लिए एक्सेल टेम्पलेट के ऊपर दिए गए उल्लेख कर सकते हैं।

रिटर्न को देखकर यह अपील करते हुए कि फर्म शिक्षा विभाग अधिक राजस्व पैदा कर रहा है, लेकिन अगर हम अंदर खोदते हैं और आरओआई और अन्य अनुपात की जांच करते हैं, तो यह ऐसा होगा जैसे शिक्षा प्रभाग दूरसंचार और फार्मेसी प्रभाग की लागत को कम करके आनंद ले रहा है उनका लाभ और कुल मिलाकर कंपनी के लिए मुनाफे को कम करना, जिससे पूंजी का सर्वोत्तम तरीके से उपयोग न हो।

निवेश पर लाभ के लाभ (ROI)

व्यवसाय विभिन्न स्रोतों के ऋण, इक्विटी शेयरों से धन लेकर एक परियोजना में निवेश करता है, इसलिए पूंजी प्राप्त करने के मामले में, व्यवसायों को ऋण पर ब्याज वापस करने और पूंजी के खिलाफ निवेश पर वापसी लाभांश की आवश्यकता होती है। इसलिए कारोबारियों को कम से कम समय पर कैपिटल स्टेकहोल्डर्स को भुगतान करना चाहिए।

  • गणना करने में आसान और संवाद करने में बेहतर।
  • किसी भी निवेश रिटर्न पर लागू किया जा सकता है।
  • बेंचमार्किंग और तुलनात्मक उद्देश्यों में मददगार।
  • निवेश पर वापसी
  • विश्व स्तर पर स्वीकृत सूत्र।

कभी-कभी पूंजी नियोजित के स्थान पर, निवेशित पूंजी का भी उपयोग किया जाता है।

निवेशित पूंजी = पूंजी नियोजित - नकद घटक व्यवसाय द्वारा

निवेश पर रिटर्न की सीमाएं (आरओआई)

आरओआई खुद यह तय करने में मदद नहीं कर सकता है कि कौन सा व्यवसाय अपने आप में बेहतर है क्योंकि हर व्यवसाय के अलग-अलग पहलू और वित्तीय उत्तोलन हैं, इसलिए दो वित्तीय विवरणों की तुलना करते समय, यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि दोनों कंपनी, कुछ हद तक, कुछ व्यावसायिक जोखिम हैं। ROI निवेश पर वापसी की कुछ प्रमुख सीमाएँ:

  • उच्चतर ऑपरेटिंग मार्जिन और उच्च NOI के परिणामस्वरूप प्रबंधन द्वारा हेरफेर करना आसान है।
  • फर्म की पूंजी संरचना बहुत लचीली है, इसलिए वास्तविक पूंजी को नियोजित करने के लिए समस्याग्रस्त है।
  • आरओआई पैसे के समय के मूल्य पर विचार नहीं करता है। कभी-कभी एक छोटा निवेश उच्च मूल्य अर्जित कर रहा है, लेकिन इसमें बहुत अधिक समय लग रहा है, तो इसका उच्च मूल्य कोई प्रासंगिकता नहीं है अगर हम उस भविष्य के परिणामस्वरूप राशि के वर्तमान मूल्य की गणना करते हैं।

उच्च आरओआई व्यवसाय को लाभदायक नहीं बनाता है, लेकिन हमें पूरी तस्वीर प्राप्त करने के लिए पूंजी की लागत के साथ आरओआई की तुलना करनी चाहिए। इन्वेस्टमेंट रेशियो पर रिटर्न का इस्तेमाल अन्य अनुपातों के साथ-साथ, आंतरिक रिटर्न की दर (आईआरआर), नेट प्रेजेंट वैल्यू (एनपीवी), रियायती नकदी प्रवाह मूल्य (डीएफसी), रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) की तरह किया जाना चाहिए, रिटर्न ऑन एसेट्स ( आरओए)।

यह निवेशक के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है जैसे कि यदि निवेशक छोटे क्षितिज की अवधि के लिए निवेश कर रहा है, तो आरओआई में योगदान करने के लिए समय मान थोड़ा कारक है, एक बेहतर दृश्य प्रदान कर सकता है, लेकिन लंबे समय में, परियोजना को चुनना निवेश पर वापसी आरओआई का आधार निवेशकों और हितधारकों के लिए स्थिति को और भी बदतर बना सकता है।

निवेश पर वापसी

अमेरिकी प्रशासन ने चीन के साथ उच्च गुणवत्ता वाले सेमीकंडक्टरचिप्स के आयात, निर्यात, वितरण सहित बौद्धिक संपदा के आदान-प्रदान पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

इस कदम को निवेश पर वापसी अभी हाल के दिनों में अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनातनी का अमेरिकी प्रतिक्रिया समझा जा सकता है। वैसे तो, चीन अभी चिप का बड़ा उत्पादक नहीं बन पाया है, लेकिन दुनिया भर में निर्मिंत 35-40 प्रतिशत चिप को चीन ले जाकर ही असेम्बल किया जाता है। जाहिर है प्रतिबंध का उद्देश्य 5जी, रक्षा, आर्टििफसियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स इत्यादि क्षेत्रों में चीन के प्रभाव को कम करना है।
प्रतिबंध के कारण जहां चीन बढ़िया गुणवत्ता वाले सेमीकंडक्टर के निर्माण से वंचित रहेगा वहीं हमारे देश भारत सहित कई देशों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। विशेषज्ञ वर्तमान समय के सेमीकंडक्टरचिप की तुलना 1970 के दशक के परमाणु तकनीक से कर रहे हैं। हालांकि तब भारत के परमाणु क्षेत्र में बढ़ते प्रयासों पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों में चीन भागीदार बना था, लेकिन बदलते भू-राजनीतिक परिस्थितियों में आज प्रतिबंध चीन पर लगा है और भारत प्रमुख देशों के संगठन जी-20 का अध्यक्ष बनकर नियम तय करने वाली भूमिका में आ चुका है।

सेमीकंडक्टर चिप्स आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी युग के संवाहक है और एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल, संचार, स्वच्छ ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी एवम चिकित्सा उपकरणों सहित अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों के लिए आवश्यक बन चुके हैं। व्यक्तिगत, आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियों के बड़े हिस्से को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के क्रम में चिप-संचालित कंप्यूटर और स्मार्टफोन की उपयोगिता बढ़ती जा रही है। सेमीकंडक्टर सिलिकॉन या जर्मेनियम जैसे शुद्ध तत्वों अथवा गैलियम, आर्सेनाइड या कैडमियमसेलेनाइड जैसे यौगिक से बने होते हैं और सभी आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उत्पादों के संचालक के रूप में उपयोग में लाये जाते हैं।

वर्तमान में चिप की मांग आपूर्ति से कई गुना ज्यादा बढ़ गई है, और चिप की वैश्विक स्तर पर काफी कमी हो गई है, जिसके कारण कई देशों की सरकारों ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अरबों डॉलर के प्रोत्साहन, निवेश इत्यादि की घोषणा की है। जुलाई के अंत में अमेरिकी सीनेट ने 52 अरब डॉलर की उद्योग सब्सिडी के लिए एक विधेयक पारित किया। रॉयटर्स के खबर के मुताबिक, फ्रांस में, 5.7 अरब डॉलर के चिप व्यवसाय को पर्याप्त सरकारी समर्थन प्राप्त होने की उम्मीद है। प्रसिद्ध चिप निर्माता कंपनी इंटेल की अगले दशक में पूरे यूरोप में 80 अरब यूरो से अधिक निवेश की योजना है। भारत सरकार ने भी चिप के घरेलु निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहन की घोषणा की है। भारत सरकार ने, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की स्थापना की है, जो डिजिटल इंडिया के अंतर्गत एक स्वतंत्र प्रभाग है और जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। भारत में सेमीकंडक्टर का वर्तमान बाजार 24 अरब डॉलर का है, जो विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 2026 तक 80 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा।

वर्तमान में सेमीकंडक्टर की आवश्यक आपूर्ति शत-प्रतिशत आयात से हो रही है। गौरतलब है कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में कई चुनौतियां भी हैं। जैसे यह एक बहुत ही जटिल और गूढ़ प्रौद्योगिकी क्षेत्र है, जिसमें अत्यधिक पूंजी निवेश, उच्च जोखिम, निवेश वापसी की लंबी अवधि और प्रौद्योगिकी में तेज बदलाव शामिल हैं। चिप निर्माण इकाइयों को कई अन्य संसाधनों जैसे लाखों लीटर स्वच्छ निवेश पर वापसी पानी, अत्यंत स्थिर बिजली आपूर्ति, बड़ा भूभाग और अत्यधिक कुशल कार्यबल की आवश्यकता नियमित तौर पर होती है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वर्ष 2021 में डिज़ाइन लिंक्डइंसेंटिव योजना की शुरु आत की, जिसके अंतर्गत सेमीकंडक्टर डिजाइन में शामिल देश की न्यूनतम 20 घरेलू कंपनियों का पोषण कर अगले 5 वर्षो में 1500 करोड़ रु पये से अधिक का कारोबार हासिल करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।

सेमीकंडक्टर की घरेलू आवश्यकता के साथ वैश्विक मांग में भी तेज वृद्धि हो रही है, जिसे भारत पूरा कर सकता है। इसके लिए वर्तमान क्षमता को बढ़ाकर एक बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र बनाना होगा। बहरहाल भारत को बदलते वैश्विक परिदृश्य में सेमीकंडक्टर से संबंधित चार बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना होगा। पहला, सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना तैयार करना। दूसरा; मानव संसाधन को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में दक्ष बनाना। तीसरा; बदलते भूमंडलीय समीकरण में विकसित देशों के साथ मिलकर देश में आधुनिक चिप निर्माण का शुरु आत करना और चौथा: जी20 के अध्यक्ष के तौर पर सेमीकंडक्टर व्यवसाय को मानव सभ्यता के हित में नियमित और नियंत्रित कर इसका गलत इस्तेमाल रोकना।

सहारा इंडिया में निवेशकों के इंतजार की घड़ी खत्म, हजारों लोगों को मिले लगभग 1 करोड़ रुपए

Sahara india : छत्तीसगढ़ में सहारा इंडिया में हजारो लोगो के पैसे डूब गए। जिसे लेकर जिला प्रशासन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप चिटफण्ड कंपनी के निवेशकों की राशि वापसी के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। जिससे लोगो को जल्द से जल्द उनकी डूबी हुई रकम वापस मिल सके। बता दे की वर्त्तमान में लगभग 1000 निवेशकों के आवेदन का सत्यापन कार्य पूर्ण हो चूका है।

जानकरी के अनुसार सहारा इंडिया में पहले कंपनी के कुल 1 हजार 772 निवेशकों को 2 करोड़ 30 लाख रुपए का भुगतान तहसीलों के माध्यम से कराया जा चुका है। वर्तमान में लगभग 1000 और निवेशकों के आवेदन का सत्यापन कार्य पूर्ण हो चुका है, जिन्हें उनके निवेश की राशि का 25 प्रतिशत लगभग 1 करोड़ रुपए भुगतान हेतु संबंधित तहसीलदारों को चेक जारी किया जा रहा है।

कलेक्टर राजनांदगांव के खाते में सहारा इंडिया कंपनी द्वारा कुल 8 करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध कराई गई है। अपर कलेक्टर एवं सह नोडल अधिकारी सीएल मारकण्डेय ने बताया कि इन कंपनियों के शेष 2 हजार 685 निवेशकों के आवेदन व जमा राशि का सत्यापन राजस्व विभाग एवं सहारा इंडिया कंपनी से कराया जा रहा है। सत्यापन उपरान्त शीघ्र ही शेष निवेशकों को भुगतान किया जाएगा।

राजनांदगांव जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न चिटफण्ड कंपनियों जैसे याल्स्को रियल स्टेट लिमिटेड, शुभ सांई देवकान लिमिटेड, एव्हीएम रियल स्टेट एण्ड एलाईड लिमिटेड, अनमोल इंडिया लिमिटेड, सहारा इंडिया आदि के लगभग 24 हजार 865 निवेशकों को कुल 15 करोड़ 72 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। (Sahara india News 2022)

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