टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं?

इसी अनुमान लगाने की बजह से आप उस दुकान पर जाकर अच्छा खाना खायेंगे. इस तरह से आपको ज्यादा संभावना होगी की आपको बाजार का सबसे अच्छा खाना मिल सके. इससे ये फायदा होता है की आप अच्छी दुकान को जल्दी खोज सकेंगे. और सबसे ज्यादा भीड़ वाली दुकान पर जाकर अच्छा खाना पाने की उम्मीद कर सकते है.
Technical Analysis Vs. Fundamental Analysis in Hindi | टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस बीच का अंतर
यह एक बड़ा मुद्दा है और इन दोनों के उपयोग कर्ता के बिच बहोत बार इस विषय में तनातनी होती रहती है की कौन बहेतर है| जब भी किसी दो वस्तुओ में अंतर देखना हो तब सबसे पहले उन वस्तु या विषय को अच्छे से समजना चाहिए| Technical Analysis और Fundamental Analysis के बिच में अंतर समजने के लिए हमे Technical Analysis और Fundamental Analysis को अच्छे से समजना पड़ेंगे|
What is Technical Analysis in Hindi?
टेक्निकल एनालिसिस(Technical Analysis in Hindi) को आसान भाषा में समझे तो “बाजार में घटने वाली घटनाओं के आधार पर या शेयर के भूतकाल के भाव और वॉल्यूम का एनालिसिस करके भविष्य में शेयर का मूल्य तय करने की एक प्रक्रिया को Technical Analysis कहा जाता है| “ Technical Analysis के बारेमे अधिक पढने के लिए यहाँ क्लीक करे|
Technical Analysis और Fundamental Analysis के बिच में अंतर
Technical Analysis | Fundamental Analysis |
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टेक्निकल एनालिसिस माँ शेयर का भाव उसमे होने वाले उतर चढ़ाव के माध्यम से किया जाता है| | फंडामेंटल एनालिसिस में शेयर का भाव शेयर की Intrinsic value के आधार पर किया जाता है| |
टेक्निकल एनालिस्ट स्टॉक खरीदने के लिए टेक्निकल एनालिसिस करने के टूल को देखता है और उसके माध्यम से वह तय करता है की शेयर को कब खरीदना चाहिए| | फंडामेंटल एनालिस्ट स्टॉक को खरीदने से पहले कंपनी के सभी फंडामेंटल को देखता है उसके अलावा वह सेक्टर और कंपनी के मनाग्मेंट को भी देखता है| |
टेक्निकल एनालिस्ट स्टॉक चार्ट का उपयोग पैटर्न और रुझानों की पहचान करने के लिए करते हैं जो यह सुझाव देते हैं कि भविष्य में स्टॉक क्या करेगा। | फंडामेंटल एनालिस्ट द्वारा कमाई, खर्च, संपत्ति और देनदारियां सभी जांच करते है। |
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग
शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करते हैं और उनके लिए यह एक भरोसेमंद टूल है जो उन्हें स्टॉक के मौजूदा ट्रैजेक्टरी का अंदाज लगाने में मदद करता है। चूंकि, यह अपेक्षाकृत सीमित समयसीमा में शेयरों को खरीदने, बेचने या रखने के लिए एक रिस्की तरीका हो सकता है, पैटर्न और ट्रेंड्स का अध्ययन करने के लिए किसी विधि या कुछ टूल्स पर निर्भरता जोखिम को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती है। इसके अलावा ट्रेडर्स इसका इस्तेमाल अनिश्चित निवेशकों को बाहर निकालने के लिए एक टूल के रूप में करते हैं। यह प्रॉमिसिंग स्टॉक्स पहचानने और सुविधाजनक निर्णय लेने का लाभ प्रदान टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? करता है।
स्टॉक चार्ट का एनालिसिस करके निवेशक शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए अपने एंट्री और एक्जिट पॉइंट्स का समय निर्धारित कर पाते हैं। यह डिमांड और सप्लाई को समझने के साथ ही ट्रेंड्स को तोड़ने और अधिक से अधिक रिटर्न हासिल करने का समय तय करने में मदद करता है। स्टॉक के बारे में बहुत सारी जानकारी अक्सर लोगों को भ्रमित करती है और उनके निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती है, ऐसे में टेक्निकल एनालिसिस महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स को सरल बनाता है, निवेशकों के लिए ट्रेडिंग को सुव्यवस्थित करता है।
कीमत के पैटर्न्स का एनालिसिस
स्टॉक ट्रेडिंग में बुद्धिमानी से भरे निर्णय लेने के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक होने के नाते टेक्निकल एनालिसिस से प्राइस पैटर्न का एनालिसिस निवेशकों को बेस्ट प्राइस पर खरीदने या बेचने में काफी मदद कर सकता है। इससे उन्हें मूवमेंट और ओवर-वैल्यूएशन से बचने की अनुमति मिलती है क्योंकि बदलते मूल्यों की भविष्यवाणी आसान हो जाती है। वे संभावित टारगेट तय करने में भी उपयोगी हो सकते हैं, वहीं शुरुआती ट्रेंड रिवर्सल भी पहचाना जा सकता है। जैसे पैटर्न खुद को दोहराते हैं, निवेशकों को सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। रोजमर्रा के कामों में टेक्निकल एनालिसिस लागू नहीं होते।
इस परिदृश्य में लंबी अवधि तक शेयरों की कीमत में एक सीमा में उतार-चढ़ाव दिखता है, जिससे स्टॉक की बिक्री और खरीद पर भविष्यवाणी करना और कॉल लेना मुश्किल हो जाता है। टेक्निकल एनालिसिस की सहायता से स्टॉक चार्ट के भीतर सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों की पहचान करने से निवेशक को खरीदने या बेचने के बारे में निर्णय लेने के लिए प्रासंगिक विकल्प मिल सकते हैं। यदि कोई विशेष स्टॉक सपोर्ट और रेजिस्टेंस सीमा को पार करता है, तो यह ट्रेडिंग करने योग्य होता है जो उसके अच्छे स्वास्थ्य और मांग को दर्शाता है।
ट्रेंड्स का एनालिसिस
चाहे वह टेक्निकल एनालिसिस टूल के इस्तेमाल की बात हो या न हो, शेयर बाजारों के मौजूदा ट्रेंड्स को समझना किसी भी निवेशक के लिए सिस्टम में प्रवेश करने से पहले की एक बुनियादी आवश्यकता है। व्यावहारिक निर्णय लेने के लिए वर्तमान और व्यापक डिग्री में बाजार के ट्रेंड्स को समझना आवश्यक है। टेक्निकल एनालिसिस किसी स्टॉक के ऐतिहासिक, वर्तमान, समग्र प्रदर्शन और स्वास्थ्य को सामने लाता है। फिर चाहे वह अपट्रेंड्स, डाउनट्रेंड्स या हॉरिजोन्टल ट्रेंड्स में रहें, निवेशक उसकी खरीद-बिक्री का फैसला बेहतर तरीके से ले सकेंगे।
अंत में, एक कॉम्बिनेशन के रूप में प्राइस मूवमेंट और वॉल्यूम का एनालिसिस अक्सर निवेशकों को किसी भी चाल की वास्तविकता का पता लगाने में मदद करता है। डिमांड और सप्लाई साइकिल दोनों पहलुओं में बदलाव को प्रभावित करती है। टेक्निकल एनालिसिस ट्रेड के वॉल्यूम के इतिहास के अवलोकन की अनुमति देता है। इससे स्टॉक्स के ट्रेंड्स को समझने में मदद मिलती है। उदाहरण टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? के लिए, जब स्टॉक का मूल्य बढ़ता है और परिणामी रूप से वॉल्यूम भी बढ़ता तो यह एक पॉजिटिव ट्रेंड की पहचान होती है। यदि ट्रेड का वॉल्यूम में मामूली वृद्धि है, तो इसे रिवर्स ट्रेंड के रूप में पहचाना जाता है। इस वजह से दो पहलुओं की कम्बाइंड स्टडी निवेशकों को पैटर्न बेहतर ढंग से समझने की अनुमति देता है।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस ( Support and Resistance) :
- यह एक ऐसा स्तर है जहां पर डिमांड इतनी मजबूत होती है कि भाव को अधिक नीचे जाने से रोकती है इस स्तर पर सप्लाई से डिमांड अधिक होती है जो भाव को अधिक नीचे रोक कर रखती है।
- जब सपोर्ट का स्तर टूटता है तब ऐसा कहा जा सकता है कि उस समय मंदी वालों की तेजी वालों पर जीत हुई है!
- कई बार सपोर्ट का स्तर टूटने के बाद भी जब तक भाव 1 बटा 8 भाग देकर नीचे की ओर बंद नहीं होता है तब तक राह देखनी चाहिए । जिस से वीव्हपशो से बचा जा सकता है
- रेसिस्टेंट को सप्लाई लाइन भी कहा जा सकता है जब किसी एक स्तर पर हमेशा बिक्री होता है तब उस स्तर पर अवरोध स्थापित हो सकता है।
- जब अवरोधों का स्तर सफलता पूर्वक पार किया जाता है तब वह अवरोध का स्तर सपोर्ट में घूमने लगता है।
- अवरोध और सपोर्ट का फायदा उठाया जा सकता है जब कोई शेअर किसी स्थापित चैनल में एक स्तर पर अवरोध देता है और दूसरे स्तर पर सपोर्ट देता है।
- अंग्रेजी में अवरोध को रेसिस्टेंट कहते हैं और टोच को सपोर्ट करते हैं ।
- सपोर्ट और रजिस्टेंस का उपयोग ट्रेड पहचानने के लिए भी किया जा सकता है
- आप यह भी देख सकते हैं कि पुराना सपोर्ट टूटने के बाद जब वह नया अवरोध बनाता है तब जब तक इस अवरोध के ऊपर के भाव नही निकल जाता है तब तक नई खरीदारी नहीं करनी चाहिए।
वॉल्यूम (volume) :
- शेयर बाजार में दिन के दरमियान जो बाय और सेल होती है उसी आधार पर अब तक कितनी ट्रेडिंग हुई है वह वॉल्यूम के आधार पर जाना जा सकता है बाजार या शेयर के भाव में दिखने वाले उतार-चढ़ाव के दरमियान वॉल्यूम महत्व का भाग होता है।
- जब शेयर का भाव बढ़ता है और वॉल्यूम भी बढ़ता है तब अच्छा माना जाता है।
- जब शेयर का भाव गिरता है और वॉल्यूम बढ़ता है तब वह खराब संकेत समझा जा सकता है।
- जब शेयर का भाव गिरता है और वॉल्यूम भी गिरता है तब वह अच्छा संकेत माना जाता है।
- जब शेयर का भाव बढ़ता है और वॉल्यूम गिरता है तब खराब संकेत माना जाता है।
नोट (Note):
ऐसा कहा जाता है कि अच्छा वॉल्यूम वाले शेयर ही खरीदने चाहिए क्योंकि ऐसे शेयर में प्रवाहित अधिक होता है कम वॉल्यूम वाले शेयर खरीदने में जोखिम होता है क्योंकि शेयर का वॉल्यूम एकदम सूख जाने का डर होता है।
ट्रेंड रेवसल (Trend Reversal) :
अगर किसी शेयर में तेजी का ट्रेंड स्थापित हुआ है और अगर करेक्शन के दरमियान व गिरकर पहले वाले एक लो भाव के नजदीक आए तो ऐसा समझना चाहिए कि आपको पूर्व संकेत मिल रहा है कि अब ट्रेंड रिवर्सल संभव हैं या फिर भाव अब तेजी में से साइडवेज़ हो सकता है अगर स्थापित सपोर्ट टूटा तो ट्ट्रेंड रिवर्सल हो सकता है उसी तरह से तेजी की बढ़ोतरी पहले वाले टॉप के भाव को पार करने में असफल हुई तो भी समझना चाहिए कि ट्रेंड अब बदल सकता है।
शेअर का भाव जब कोई दिशा पकड़कर आगे बढ़ता है या गिरता है तब एक का स्तर ऐसा आता है जहां पर भाव बढ़ता है परंतु उसके साथ ही शेयर का भाव अधिक गिरता है और किसी सूचक के स्तर में गिरावट न होकर सुधरता है तब शेयर का भाव और उसके सूचक के दरमियान डायवर्जन आया ऐसा कहा जा सकता है।
इसमें सकारात्मक या नकारात्मक डायवर्जन को जांच कर शेयर के भाव में जल्द ही काम कालावधि में आने वाले बढ़ोतरी और गिरावट का संकेत हासिल किया जा सकता है।
टेक्निकल एनालिसिस क्या है? Technical analysis kya hai?
आज का हमारा टॉपिक रहेगा टेक्निकल एनालिसिस क्या है, कैसे करते है,और इसका उपयोग क्या है?
टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) कैसे करे :-
देखिए किसी भी शेयर का चार्ट खोलो और उसमे ट्रेंडलाइन खींचे
या फिर होरिजेंटल लाइन लाइन खींचे या कोई भी मूविंग एवरेज लगाए
किसी भी प्रकार के इंडिकेटर्स लगाए ये सभी टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) करने के तरीके है
इनसे हमे क्या पता चलता है इनसे हमे केवल और केवल प्राइस का सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल का पता चलता है।
नोट :- सबसे पहले तो आप को पास एक डीमैट अकाउंट ( Demat account) होना चाहिए नही तो आप शेयर खरीद और बेच नही सकते तो आप यहा click कर के अपना डीमैट अकाउंट जेरोधा (Zerodha) में खोल ले ।
अगर आप के पास पहले से ही zerodha का अकांउट है तो भी आप अपने फैमिली में से किसी का account खोल ले
अब इससे होगा क्या आप को जो हमारी वेबसाइट www. niftycharting.com में टेक्निकल एनालिसिस मिलते है
ट्रेडर के प्रकार-
1.इंट्राडे ट्रेडर –इंट्राडे ट्रेडर (intraday) वो होते है जो उसी दिन शेयर खरीदते है
और मुनाफा हो या घाटा उसी दिन उसे बेच देते है।
2.स्विंग ट्रेडर — स्विंग ट्रेडर (swing trader) वो होते है जो किसी भी शेयर को खरीद कर एक से अधिक दिन अपने पास रखते है
मतलब आज खरीदा और वो कल बेचे या परसों बेचे या फिर 25 दिन बाद बेचे उन्हें हम स्विंग ट्रेडर कहते
चार्ट टाइमफ्रेम –
इंट्राडे ट्रेडर (intraday) के लिए सबसे अच्छा टाइम फ्रेम 5 मिनट का होता है
या 15 मिनट भी देख सकते है। गलती से भी इंट्राडे ट्रेडर (intraday)को
1घंटा का टाइम ,या 1दिन का टाइम में ट्रेड नहीं करना है।
स्विंग ट्रेडर (swing trader)–
स्विंग ट्रेडर (swing trader) के लिए सबसे अच्छा टाइम फ्रेम जो उनको देख कर ट्रेड करना है
वो है 1घंटा का टाइम।
Note—- फॉरेक्स और क्रिप्टो या जिनमे 24 घंटे ट्रेडिंग होती है उनमें हम 4घंटा का टाइम फ्रेम देखते है
What is Technical analysis in Hindi (विकल्प 1, विकल्प 2)
विकल्प 1: आप सबसे पहली दुकान पर जाएंगे और देखेंगे कि आखीर वह क्या पका रहा है और पकाने के लिए किन – किन पदार्थो को डाल रहा है, वह किस तरह पका रहा है, और क्या पाता उसे आप थोड़ा सा चखकर भी देखेंगे. इसके बाद आप तय कर पाएंगे कि यह चीज आपके खाने लायक है या नहीं !
इसी तरह आप सभी दुकान चलाने वालों के साथ करेंगे तब आप अपनी मन पसंद जगह को ढूंढ पाएंगे और अपने मन पसंदीदा चीज खा सकेंगे. यह करने से आपको ये फायदा है की आप पूरी तरह से संतुष्ट रहंगे कि आप क्या खा रह है इसका मतलब ये हुआ की इस चीज को खाना के लिए आपने खुद ही research की हुई है.
लेकिन समस्या यह होती है जब 100 दुकाने या फिर उससे भी ज्यादा दुकाने है, ऐसे में आप सभी दुकानों को अकेले chack नहीं कर पाएंगे. अधिक दुकाने होने पर काफी दिक्कत होगी. समय की कमी, इससे भी आपको समस्या हो सकती है क्योकि आपके पास इतना समय नहीं है जो सभी दुकानों पर जा सके. ऐसे में तो यही संभव है की आपकी मनपसंद चीज ही छुट जाए.
टेक्निकल एनालिसिस-
यह फंडामेंटल एनालिसिस से काफी अलग है टेक्निकल एनालिसिस में इन्वेस्टर/ट्रेडर को मौका तलाश करना होता है की मार्किट इस समय किधर जा रही है. मार्किट क्या चाहती है? टेक्निकल एनालिसिस की तकनीक को मार्किट में सभी इन्वेस्टर/ट्रेडर पसंद करते हुए ट्रेड करते है. शेयर मार्किट में (chart/graph) को देख के ही सभी ट्रेडर/इन्वेस्टर की पसंद को पता कर सकते है.
जब चार्ट में कोई pattern बनता है तब उस pattern को देखकर मार्किट का संकेत को समझ सकते है. टेक्निकल एनालिस्ट (Technical Analyst) का काम ये होता है कि वो इस पैटर्न को समझे और अपना नजरिया बनाए. (Technical analysis kya hai? What is Technical analysis in Hindi)
टेक्निकल एनालिसिस पर कितना भरोसा कर सकते है?
जितने भी नय ट्रेडर होते है उनको लगता है की टेक्निकल एनालिसिस से आधिक रूपए कमाएंगे. लेकिन सच्चाई ये है ना तो इसे करना इतना आसान है और ना ही कम समय में अधिक पैसा कमाने का रास्ता है. यह बात ठीक है यदि टेक्निकल एनालिसिस को ठीक से समझ कर किया जाए तो इससे कम समय में भी बढ़ा मुनाफा कमा सकते है लेकिन इसे सिखने के लिए अधिक महनत करनी होगी.
यदि technical analysis की मदद से कम समय में अधिक पैसा कमाया जा सकता है तो इसी से अधिक नुक्सान भी हो जाता है क्योकि मार्किट में अधिक पैसा डुबाने के बाद आमतौर पर नुकसान का सारा इल्जाम टेक्निकल एनालिसिस पर डाल देते है. वो लोग ट्रेडर की गलती को नहीं देखते है.
टेक्निकल एनालिसिस के दोवारा ट्रेड लेने से पहले अपनी उम्मीद को रखे टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? और अच्छे से समझ कर ट्रेडिंग करे.( Technical analysis kya hai? Technical analysis book in hindi pdf download)
टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है?
- ट्रेड (Trader)- टेक्निकल एनालिसिस का सबसे अच्छा उपयोग है- short term सौदा करने के लिए. क्योकि (TA) टेक्निकल एनालिसिस long term investment के लिए ठीक नहीं है.
- लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टर को फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करना सही है. यदि आप फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से इन्वेस्ट करते हो तो खरीदने का सही समय (entry point) और निकलने के सही समय (exit point) के लिए टेक्निकल एनालिसिस की मदद ले सकते है.
- प्रतेक सौदे से मुनाफा- Technical analysis के दोवारा की गय सौदे कम समय के लिए होते है. इसलिए अधिक मुनाफे पाने की उम्मीद ना करे. TA में तभी अच्छा मुनाफा कमा सकते है जब आप बार-बार छोटे-छोटे सौदे (trade) करे और अच्छा मुनाफा कमाए.