ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है

शेयर मार्केट में इक्विटी क्या है और इक्विटी और शेयर में अंतर (Equity Share In Hindi)
Equity Share Market In Hindi: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है हैं तो एक शब्द आपने आमतौर पर सुना होगा वह है इक्विटी. लेकिन क्या आप जानते हैं Equity क्या है. यदि नहीं तो आज का यह लेख आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि हर एक निवेशक को इक्विटी के बारे में जरुर पता होना चाहिए.
आज के इस लेख में हम आपको इक्विटी शेयर क्या है, इक्विटी मार्केट क्या है, इक्विटी ट्रेडिंग क्या है, इक्विटी और शेयर में क्या अंतर है और इसी प्रकार के इक्विटी से जुडी सारी जानकारी प्रदान करवाने वाले हैं, इसलिए इक्विटी के बारे में अच्छे से समझने के लिए लेख को अंत तक जरुर पढ़ें.
तो चलिए आपका अधिक समय न लेते ही शुरू करते हैं आज का यह लेख, और सबसे पहले जानते हैं Equity का मतलब क्या होता है.
शेयर खरीदने के नियम | Share Kharidne Ke Niyam
शेयर खरीदने के नियम क्या हैं? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में जरुर से आता है जो की पहली बार शेयर मार्किट में कदम रख रहा होता हैं। शेयर बाज़ार में कौन से कंपनी के शेयर खरीदें, कब खरीदें, कैसे खरीदें, और किस भाव पर खरीदें, यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब हर नए और पुराने निवेशक को पता होना आवश्यक है।
पिछले 5-8 सालों में शेयर खरीदने के नियम बहुत ही आसान हो गए ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है हैं। आज के समय में आप घर बैठे अपने कंप्यूटर या मोबाइल से ही ऑनलाइन शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं।
तो चलिए जानते हैं कुछ बहुत ही जरुरी शेयर खरीदने के नियम (Share Kharidne Ke Niyam) के बारे में जोकि आपको शेयर मार्किट में बेहतर करने में सहायता कर सकते हैं।
चलिए शुरू करते हैं।
यह भी पढ़े – शेयर बाजार के नियम
शेयर खरीदने के नियम (Share Kharidne Ke Niyam)
शेयर बाज़ार में किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए कुछ सिद्ध हो चुके नियम हैं जिसका पालन कर आप अपने निवेश जर्नी को और भी फायदेमंद बना सकते हैं। तो चलिए शेयर खरीदने के नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं –
1. अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें
शेयर खरीदने के नियमों में सबसे पहला नियम यह है कि शेयर खरीदने से पहले हमें अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए। अर्थात सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप लंबी अवधि का निवेश करना चाहते हैं या छोटी अवधि का।
शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग चुनते हैं। दूसरी ओर, लंबी अवधि के निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग या पोजिशनल ट्रेडिंग का विकल्प चुन सकते हैं।
अगर आप छोटी अवधि के माध्यम से रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो आप निवेश के अन्य माध्यमों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपके पास लंबी अवधि का निवेश प्लान है, तो इक्विटी में निवेश करने से आपको शानदार रिटर्न मिल सकता है।
लंबी अवधि में, निवेशक किसी कंपनी के शेयर सस्ते होने पर खरीदते हैं, और जब उन्हें लगता है कि शेयर की कीमत पर्याप्त रूप से बढ़ गई है, तो वे शेयरों को अधिक कीमत पर बेचना शुरू कर देते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग में रिस्क कम होता है।
इसके विपरीत, अल्पकालिक व्यापार में इंट्राडे ट्रेडिंग शामिल होती है। इसमें अगर सही स्टॉक की पहचान की जाए तो रोजाना शेयर बाजार में पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी बहुत है।
इसलिए, शेयर बाजार को शॉर्ट टर्म मनी मेकिंग टूल के रूप में सोचने के बजाय, इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में देखें। लंबी अवधि के रिटर्न को ध्यान में रखते हुए शेयर खरीदें, क्योंकि शेयर बाजार में लंबी अवधि के निवेश अन्य निवेश खंडों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं।
2. मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें
यह भी शेयर खरीदने के बहुत ही महत्वपूर्ण नियमों में से एक है। बिना उचित शोध या विश्लेषण के शेयर बाजार में धड़ल्ले से स्टॉक खरीदना अपने पैरो पर कुलहाड़ी मारने जैसा है।
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले आपको यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि शेयर बाजार कैसे काम करता है। किसी कंपनी विशेष के शेयर खरीदते समय, कंपनी के पिछले प्रदर्शन के साथ-साथ भविष्य की संभावनाओं पर कुछ शोध करना आवश्यक होता है।
इसी तरह शेयर खरीदने से पहले बाजार का रुख देख लें और जानें कि पहले शेयर बाजार कैसा था और अब कैसा चल रहा है। इसके आधार पर ही शेयर खरीदें।
आप शेयर बाजार में मौलिक और तकनीकी विश्लेषण कर सकते हैं। यदि आप किसी स्टॉक का मौलिक विश्लेषण करना चाहते हैं, तो आपको कंपनी के वित्तीय वक्तव्यों को देखना होगा। अंततः, यह आपको कंपनी के स्वास्थ्य और विकास क्षमता के बारे में बताता है।
बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, ऑपरेटिंग मार्जिन, प्रति शेयर कमाई और अन्य जानकारी को समझने से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि कंपनी कैसा प्रदर्शन कर रही है।
इसके अलावा, तकनीकी विश्लेषण का मूल उद्देश्य स्टॉक के भविष्य और पिछले मूल्य आंदोलनों के बारे में पता लगाना है। दूसरे शब्दों में, तकनीकी विश्लेषण का अर्थ शेयर बाजार चार्ट और शेयर बाजार संकेतकों का उपयोग करके मूल्य और मात्रा के पिछले रुझानों को देखकर शेयर की कीमत के बारे में सही भविष्यवाणी करना है।
यहां आप मूविंग एवरेज, कैंडलस्टिक चार्ट, बोलिंगर बैंड, इचिमोकू चार्ट और कई अन्य चार्ट और संकेतक का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, इंडिकेटर और ऑसिलेटर का उपयोग करें जो मूल्य गति का समर्थन करते हैं ताकि आपको खरीदारी का निर्णय लेने में मदद मिल सके।
3. सही कीमत पर शेयर खरीदें
आपके द्वारा वहन की जा सकने वाली कीमत पर स्टॉक खरीदना बहुत महत्वपूर्ण है। हो सकता है कि आप एक ऐसे स्टॉक की तलाश कर रहे हों जो बहुत लोकप्रिय हो और जिसे अन्य लोग खरीद रहे हों। लेकिन इसके लिए आपको यह भी देखना होगा कि अपने बजट के अनुसार ही शेयर खरीदें और जो आपको बेहतर रिटर्न दे सके।
जो स्टॉक आपके बजट में फिट न हो उसे छोड़ दें। सही समय का इंतजार करें और ऐसा स्टॉक चुनें जो आपके बजट के अनुकूल हो और आपको मुनाफा भी दे। इसके अलावा जब आपको लगे कि आप अपना शेयर बेचना चाहते हैं और आपको अच्छा रिटर्न मिल रहा है तो आपको शेयर बेच देना चाहिए।
शेयर की कीमत कुछ और बढ़ने का इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि अगर इसकी कीमत गिरती है तो आपको नुकसान भी हो सकता है। इसलिए हमेशा सही समय पर शेयर खरीदें और सही समय पर बेचें।
4. एक ही बार में पूरी राशी निवेश न करें
शेयर बाजार में शेयर की कीमतों में रोजाना उतार-चढ़ाव होता है। यदि आपने एक ही दिन में सारा पैसा निवेश कर दिया है, तो आप खरीद मूल्य से औसत पैसा नहीं बना पाएंगे।
अगर आप धीरे-धीरे शेयर खरीदते हैं तो आप ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है अलग-अलग कीमतों पर किसी कंपनी के शेयर खरीद पाएंगे। इसमें लाभ की संभावना अधिक है।
आप चाहें तो इसके लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का रास्ता चुन सकते हैं। जिसमें आपको एक निश्चित अंतराल पर निवेश करना होता है। इस तरह के निवेश में जोखिम कम होता है और रिटर्न भी अच्छा मिलता है।
5. सेबी के नियमों का पालन करें
शेयर बाजार की नियामक संस्था (सेबी) ने 1 सितंबर 2020 से शेयरों की खरीद-बिक्री के नियमों में भारी बदलाव किया है। एक तरफ जहां इन नियमों से निवेशकों की सुरक्षा बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ इससे शेयर खरीदना थोड़ा मुश्किल हो गया है।
जैसा कि आप जानते हैं कि “कार्वी ऑनलाइन” ने निवेशकों के पैसे का घोटाला किया था। उसके बाद सेबी ने नियम बनाने के लिए कड़े कदम उठाए। ऐसे में अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए।
आप जानते हैं कि निवेशक अपने ब्रोकर से पावर ऑफ अटॉर्नी लेते थे। यहां ब्रोकर उनके शेयरों से मनमानी करता था और निवेशकों की सहमति के बिना शेयरों का इस्तेमाल करता था। लेकिन अब सेबी के नए शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ही रहेंगे और क्लियरिंग हाउस वहीं गिरवी रख देगा। इस तरह आपके शेयर ब्रोकर के खाते में नहीं जाएंगे।
इसके अलावा शेयरों को कैश में खरीदने और बेचने पर भी अपफ्रंट मार्जिन देना होगा। क्लाइंट से मार्जिन नहीं लेने पर ब्रोकरों पर जुर्माना लगाया जाएगा। 1 लाख रुपये से अधिक की कमी पर 1% पेनल्टी लगेगी और मार्जिन प्लेज/री-प्लेज सिस्टम भी लागू किया गया है।
अंतिम शब्द
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने शेयर खरीदने के नियम (Share Kharidne Ke Niyam), के बारे में विस्तार से जाना हैं। मैं आशा करता हूँ की आप सभी को हमारा यह आर्टिकल जरुर से पसंद आया होगा।
अब यदि आपको यह लेख पसंद आया हैं और इससे कुछ भी नया सिखने को मिला हो तो इसे अपने सभी दोस्तों के साथ भी जरुर से शेयर करें।
आर्टिकल को अंत तक पढने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!
सुधांशु HindiQueries के संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।
इस RD के साथ है मंथली इनकम का बेनिफिट, जानिए किस बैंक में खुलवा सकते हैं
मंथली इनकम रिकरिंग डिपॉजिट एक ऐसा टर्म डिपॉजिट है जो इन्वेस्टमेंट फेज में RD फीचर्स के साथ मौजूद है और पेआउट फेज में एन्युइटी फिक्स्ड डिपॉजिट है.
जो लोग किसी बचत विकल्प में एकमुश्त पैसा लगाकर सेविंग्स नहीं कर सकते, उनके लिए RD यानी रिकरिंग डिपॉजिट एक अच्छा विकल्प है. RD ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है में मासिक किस्तों में निवेश किया जा सकता है. RD को किसी भी बैंक में खुलवा सकते हैं. इसका भी एक मैच्योरिटी पीरियड है और उसके खत्म होने पर आपको एकमुश्त मैच्योरिटी अमाउंट मिलता है. लेकिन एक बैंक ऐसा भी है, जहां एक तय अवधि के बाद RD से मंथली इनकम होती है.
यह बैंक है ICICI बैंक. यहां 'रिकरिंग डिपॉजिट विद मंथली इनकम स्कीम' का विकल्प है. मंथली इनकम रिकरिंग डिपॉजिट एक ऐसा टर्म डिपॉजिट है जो इन्वेस्टमेंट फेज में RD फीचर्स के साथ मौजूद है और पेआउट फेज में एन्युइटी फिक्स्ड डिपॉजिट है. यह निवेश विकल्प उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों के लिए एडवांस में निवेश करना चाहते हैं.
कौन खुलवा सकता है
ICICI बैंक में 'रिकरिंग डिपॉजिट विद मंथली इनकम स्कीम' के तहत खाता कोई भी भारतीय नागरिक खुलवा सकता है. अकाउंट को सिंगल या जॉइंट में खोल सकते हैं. इसमें मिनिमम 2000 रुपये प्रतिमाह से निवेश शुरू कर सकते हैं. उसके बाद 100 रुपये के गुणक यानी मल्टीप्लाई में डिपॉजिट हो सकता है. मंथली इनकम RD की पूरी अवधि दो चरणों में बंटी हुई है.
पहला इन्वेस्टमेंट फेज है और दूसरा पेआउट फेज, जिसे बेनिफिट (रिपेमेंट) फेज भी कहते हैं. इन्वेस्टमेंट फेज मिनिमम 24 माह का रहेगा और 3 माह के मल्टीप्लाई में रहता है. पेआउट फेज भी मिनिमम 24 माह का होगा और यह 12 माह के मल्टीप्लाई में रहता है. याद रहे कि इन्वेस्टमेंट और पेआउट दोनों फेज मिलाकर डिपॉजिट की कुल अवधि तय हो जाने के बाद इसे बदला नहीं जा सकता. यह अवधि जमाकर्ता निर्धारित करता है.
दोनों फेज की डिटेल
इन्वेस्टमेंट फेज: इस चरण में ग्राहक को फंड बनाने के लिए ICICI बैंक की 'रिकरिंग डिपॉजिट विद मंथली इनकम स्कीम' में नियमित रूप से पैसा जमा करना होता है.
पेआउट फेज: इन्वेस्टमेंट फेज पूर्ण हो जाने के बाद RD की किस्त और ब्याज मिलाकर पूरा मैच्योरिटी अमाउंट, पेआउट पीरियड के लिए एन्युइटी फिक्स्ड डिपॉजिट में लगा दिया जाता है. ग्राहक को मंथली पेआउट हासिल होता है, जिसे मंथली इनकम कहा जाता है.
न भूलें ये पॉइंट्स
- डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आता है.
- इन्वेस्टमेंट फेज व पेआउट फेज दोनों के दौरान प्रीमैच्योर क्लोजर की इजाजत है लेकिन इस स्थिति में जुर्माना देय होगा.
- मंथली इनकम RD में अगर मासिक किस्त महीने के आखिरी कामकाजी दिन तक नहीं गई तो किस्त में देरी का जुर्माना 12 रुपये प्रति 1000 रुपये के हिसाब से लगेगा.
- किसी भी फेज में ग्राहक को आंशिक निकासी की इजाजत नहीं है.
कितनी ब्याज दर
ICICI बैंक की 'रिकरिंग डिपॉजिट विद मंथली इनकम स्कीम' पर पूरी जमा अवधि के दौरान निर्धारित ब्याज मिलता है. इसका अर्थ यह हुआ कि इन्वेस्टमेंट फेज व पेआउट फेज दोनों के दौरान समान ब्याज दर लागू रहेगी. अगर ब्याज दर घटती या बढ़ती है तो भी दोनों फेज में ग्राहक को पहले से तय ब्याज मिलता रहता है. ICICI बैंक में इस वक्त RD पर ब्याज दरें अलग-अलग अवधि के हिसाब से 4.50 फीसदी से लेकर 6.50 प्रतिशत सालाना तक हैं. सीनियर सिटीजन को 0.50 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज का प्रावधान है.
इस बैंक में फेस रिकग्निशन से भी खुल जाएगा बचत खाता, देश में पहली बार मिली यह सुविधा
Dividend Stock: ये कंपनी दे रही है हर एक शेयर पर 850 रुपये का फायदा, निवेशक खबर सुन कर उछल पड़े
Dividend News 2022: शेयर मार्केट में हाल इस कंपनी ने निवेशकों के बीच हलचल मचा दी है. दरअसल, कंपनी ने निवेशकों के लिए लाभांश की घोषणा की है. ये डिविडेंड 8500 फीसदी के अनुपात से दिया जाना है.
6
5
5
7
3M India Dividend: शेयर मार्केट में आजकल ज्यादातर लोग निवेश करने लगे हैं, निवेशकों के लिए ये खबर बड़े काम ही है. चाहे आपने इस कंपनी का शेयर खरीद रखा हो या नहीं, लेकिन आपको ये जानना चाहिए कि आखिर ऐसी कौन सी कंपनी है, जो प्रति शेयर 850 रुपये का लाभांश दे रही है. दरअसल, बाजार में लिस्टेड 3M इंडिया लिमिटेड (3M India Ltd) अपने शेयरधारकों को अंतरिम डिविडेंड देने की घोषणा कर चुकी है. आपको बता दें कि ये कंपनी अमेरिकी है, जो 3M कंपनी की सब्सिडियरी कंपनी है, ये भारत में व्यापार करती है. कंपनी ने कुछ दिनों पहले ही अपने शेयरधारकों को अंतरिम डिविडेंड (Interim Dividend) देने का ऐलान किया था. ये डिविडेंड निवेशकों को मालामाल कर देगा, क्योंकि कंपनी की तरफ से प्रति शेयर 850 रुपये की दर से लाभांश दिया जा रहा है. इसका मतलब यह है कि कंपनी ने अपने शेयरधारकों को 8500 फीसदी का अंतरिम लाभांश दिया है. ये जानकारी कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग के तहत दी है.
10 रुपए की फेस वैल्यू पर मिलेगा अंतरिम लाभांश
कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने बताया कि 850 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के आधार पर अंतरिम डिविडेंड दिया जाएगा. कंपनी के इक्विटी शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये है और कंपनी ने 1 करोड़ 12 लाख 65 हजार 70 इक्विटी शेयरों पर अंतरिम डिविडेंड देने का ऐलान किया है. ये घोषणा 9 नवंबर को बोर्ड की बैठक में किया गया था.
कब है रिकॉर्ड डेट ( 3M India Dividend)
कंपनी अपने शेयरधारकों को अंतरिम डिविडेंड 22 नवंबर 2022 तय देगी क्योंकि कंपनी ने रिकॉर्ड डेट यही दी थी. आपको बता दें कि रिकॉर्ड डेट वह होती है जो कंपनी को निवेशकों को चुनने में मदद करती है. साधारण भाषा में कह सकते हैं कि इस दिन तक जिन शेयरहोल्डर्स के पास कंपनी के शेयर रहेंगे, उन्हें अंतरिम डिविडेंड का लाभ दिया मिलेगा यानी अगर आप 22 नवंबर से पहले इस कंपनी के शेयर खरीद लेते हैं तो आपको अंतरिम डिविडेंड का लाभ मिलेगा.
कब है एक्स डेट ( 3M India Dividend)
किसी भी कंपनी के लिए एक्स डेट उसे कहा जाता है, जो रिकॉर्ड डेट से पहले होती है. इस कंपनी की रिकॉर्ड डेट 22 नवंबर है तो इसकी एक्स डेट, डिविडेंड डेट 21 नवंबर होगी यानी जिन शेयरधारकों के पास 21 नवंबर तक कंपनी के शेयर रहेंगे, वे लोग अंतरिम डिविडेंड का फायदा उठा सकते हैं. आपको बता दें कि शेयर बाजार में T+1 का सेटलमेंट प्रोसेस होता है, यानी जिस दिन शेयरधारकों शेयर खरीदते हैं उसे एक ट्रेडिंग डे के बाद ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है डीमैट अकाउंट में शो किया जाता है.
ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर
Dividend Stock: ये कंपनी दे रही है हर एक शेयर पर 850 रुपये का फायदा, निवेशक खबर सुन कर उछल पड़े
Dividend News 2022: शेयर मार्केट में हाल इस कंपनी ने निवेशकों के बीच हलचल मचा दी है. दरअसल, कंपनी ने निवेशकों के लिए लाभांश की घोषणा की है. ये डिविडेंड 8500 फीसदी के अनुपात से दिया जाना है.
6
5
5
7
3M India Dividend: शेयर मार्केट में आजकल ज्यादातर लोग निवेश करने लगे हैं, निवेशकों के लिए ये खबर बड़े काम ही है. चाहे आपने इस कंपनी का शेयर खरीद रखा हो या नहीं, लेकिन आपको ये जानना चाहिए कि आखिर ऐसी कौन सी कंपनी है, जो प्रति शेयर 850 रुपये का लाभांश दे रही है. दरअसल, बाजार में लिस्टेड 3M इंडिया लिमिटेड (3M India Ltd) अपने शेयरधारकों को अंतरिम डिविडेंड देने की घोषणा कर चुकी है. आपको बता दें कि ये कंपनी अमेरिकी है, जो 3M कंपनी की सब्सिडियरी कंपनी है, ये भारत में व्यापार करती है. कंपनी ने कुछ दिनों पहले ही अपने शेयरधारकों को अंतरिम डिविडेंड (Interim Dividend) देने का ऐलान किया था. ये डिविडेंड निवेशकों को मालामाल कर देगा, क्योंकि कंपनी की तरफ से प्रति शेयर 850 रुपये की दर से लाभांश दिया जा रहा है. इसका मतलब यह है कि कंपनी ने अपने शेयरधारकों को 8500 फीसदी का अंतरिम लाभांश दिया है. ये जानकारी कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग के तहत दी है.
10 रुपए की फेस वैल्यू पर मिलेगा अंतरिम लाभांश
कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने बताया कि 850 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के आधार पर अंतरिम डिविडेंड दिया जाएगा. कंपनी के इक्विटी शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये है और कंपनी ने 1 करोड़ 12 लाख 65 हजार 70 इक्विटी शेयरों पर अंतरिम डिविडेंड देने का ऐलान किया है. ये घोषणा 9 नवंबर को बोर्ड की बैठक में किया गया था.
कब है रिकॉर्ड डेट ( 3M India Dividend)
कंपनी अपने शेयरधारकों को अंतरिम डिविडेंड 22 नवंबर 2022 तय देगी क्योंकि कंपनी ने रिकॉर्ड डेट यही दी थी. आपको बता दें कि रिकॉर्ड डेट वह होती है जो कंपनी को निवेशकों को चुनने में मदद करती है. साधारण भाषा में कह सकते हैं कि इस दिन तक जिन शेयरहोल्डर्स के पास कंपनी के शेयर रहेंगे, उन्हें अंतरिम डिविडेंड का लाभ दिया मिलेगा यानी अगर आप 22 नवंबर से पहले इस कंपनी के शेयर खरीद लेते हैं तो आपको अंतरिम डिविडेंड का लाभ मिलेगा.
कब है एक्स डेट ( 3M India Dividend)
किसी भी कंपनी के लिए एक्स डेट उसे कहा जाता है, जो रिकॉर्ड डेट से पहले होती है. इस कंपनी की रिकॉर्ड डेट 22 नवंबर है तो इसकी एक्स डेट, डिविडेंड डेट 21 नवंबर होगी यानी जिन शेयरधारकों के पास 21 नवंबर तक कंपनी के शेयर रहेंगे, वे लोग अंतरिम डिविडेंड का फायदा उठा सकते हैं. आपको बता दें कि शेयर बाजार में T+1 का सेटलमेंट प्रोसेस होता है, यानी जिस दिन शेयरधारकों शेयर खरीदते हैं उसे एक ट्रेडिंग डे के बाद डीमैट अकाउंट में शो किया जाता है.
ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर