भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं

इमेज – प्रधानाचार्य का संदेश
मानव पूंजी किसी भी संगठन की सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक है, यही कारण है कि कर्मचारियों को सबसे मूल्यवान संपत्ति माना जाता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि इस मानव पूंजी का पोषण और विकास एक संरचित प्रशिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से किया जाये, जो उनके ज्ञान को अद्यतन करने और कौशल को बढ़ावा देने में सहायक हो।
एक साथ बड़े पैमाने पर हुई सेवानिवृत्ति और नए युवा पदधारियों के आगमन की वजह से विशेषज्ञता और ज्ञान में हुई कमी ,ये सब मिलकर कोविड 19 महामारी, शुरू- शुरू में, प्रत्यक्ष रूप से एक बड़ा झटका था । लेकिन कोविड 19 संकट से उपजी नई वास्तविकताओं ने डिजिटल प्रशिक्षण उपकरणों की सहायता से निरंतर सीखते रहने के महत्व को रेखांकित किया है।
तदनुरूप, डिजिटल मोड के माध्यम से प्रशिक्षण शुरू किया गया और जिसने तेजी से गति पकड़ी। ऋण, एमएसएमई वित्त , कृषि वित्त , विदेशी विनिमय, ऋण निगरानी, घाटे में चल रही शाखाओं का लाभ में बदलना , लिपिक / परिवीक्षाधीन अधिकारियों के लिए प्रेरणा प्रशिक्षण तथा संगठन को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सभी कर्मचारियों को विभिन्न क्षमता क्षेत्रों के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करने एवं कौशल और दृष्टिकोण को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म ‘ ई पाठशाला ‘ को भी नए मॉड्यूल और ई प्रोग्राम के साथ मजबूत किया गया है।
प्रशिक्षण सामग्री, पावर प्वाइंट प्रस्तुतियों और विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म में पोर्ट किया गया है जिससे सीखना और समझना अधिक सहज और उपयोगकर्ता के अनुकूल बना दिया गया है।
कर्मचारियों को काम के दौरान प्रयोग में लाए जाने के लिए आवश्यक जानकारी और प्रशिक्षण देकर, हम विश्वास और आशा करते हैं कि वे ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने और बैंकिंग में उन्हें सुखद अनुभव प्रदान करने के लिए बेहतरीन रूप से तैयार हैं। सेवा का यह उच्च-गुणवत्ता वाला स्तर पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है , क्योंकि यह ब्रांड इंडियन बैंक की बात करता है और कैसे संकट पर साथ दे सकता है , और ग्राहकों को आराम देकर, हमारी वफादारी सुनिश्चित करके व्यापार को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
आधुनिक शिक्षण समाधान, पारदर्शिता की संस्कृति को अपनाने का अवसर प्रदान करता हैं, जो वास्तविक समय में होनेवाले संचार पर आधारित होता है और विश्वास और वफादारी की ओर प्रेरित करता है, तथा कर्मचारियों की ओर से मांग किए जाने पर दिए जानेवाला प्रशिक्षण उनके पेशेवर और व्यक्तिगत विकास में निवेश करता है।
सीखने में गतिशीलता प्रदान करने के अलावा, इंडियन बैंक, प्रशिक्षण प्रणाली द्वारा कर्मचारियों को अपनी क्षमता को पहचानने और खुद को नौकरी में एक प्रोफेशनल के रूप में स्थापित करने का प्रयास करता है। कर्मचारी के आंतरिक मूल्य के निर्माण की आवश्यकता और जिम्मेदारी से व्यवसाय करके उन्हें संगठन के लिए एक संपत्ति के रूप में विकसित करने की ओर ध्यान देता है।
हमारे कुशल प्रश्न समाधान पोर्टल “शंका समाधान” ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत अधिक प्रोत्साहन प्राप्त किया है, जो कर्मचारियों के नियमित रूप से परिचालनगत समस्याओं के निवारण में बढ़ती तकनीकी-उन्मुखीकरण का एक स्वस्थ प्रतिबिंब भी है। हमारे मासिक ई-पत्रिकाएँ अर्थात् बैंकिंग अपडेट्स और नॉलेज बैंक , में समसामयिक और दिलचस्प विषयों पर लेख उपलब्ध हैं , जिन्हें हेल्प डेस्क में पोर्ट किया जा रहा है।
हम सभी स्टाफ सदस्यों से अपने ज्ञान को समृद्ध करने और अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने के लिए इमेज पोर्टल में उपलब्ध सभी शिक्षण संसाधनों का उपयोग करने का अनुरोध करते हैं: हेल्प डेस्क >इमेज-> डिजिटल लाइब्रेरी ।
हम आपके सुझावों, प्रतिक्रिया , योगदान और हमारी ज्ञान अर्जन पहलों में और अधिक ताकत जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्र स्तर पर व्यावसायिक रणनीतियों के साथ हमारे प्रयासों को मूल रूप से सम्मिलित करने के लिए आपकी सक्रिय भागीदारी का स्वागत करते हैं।
भारत में कैसे खरीदें बिटकॉइन?
WazirX पर बिटकॉइन की ट्रेडिंग आसान इसलिए है क्योंकि WazirX अपने प्लेटफॉर्म पर करीब 52-53 लाख रुपये के बिटकॉइन को अंशों में खरीदने की सुविधा देता है
बिटकॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। इसमें 2009 में इसकी शुरुआत से अब तक कई गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस साल के शुरुआत से अब तक इसमें 120 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि इस असेट क्लास को बीच में झटके लगे हैं। फिर भी डिजिटल करेंसी ने पूरी दुनिया में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर ली। अब तो दुनिया के तमाम सेंट्रल बैंक भी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि किस तरीके से डिजिटल करेंसी को मुख्य धारा की मुद्रा के तौर पर मान्यता दी जाए। संस्थागत रूप से मिल रही स्वीकृति बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी की अहम वजहों में से एक रही है।
पूरी दुनिया में इन्फ्लेशन (महंगाई) की बढ़ती चिंताओं के बीच बिटकॉइन को सेफ हैवेन असेट (सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प) माना जा रहा है। न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर बिटकॉइन ETF(एक्सचेंज ट्रेड फंड) के हाल में हुए आगाज ने भी बिटकॉइन की कीमतों में जोरदार उछाल में सहयोग किया है। इसके साथ ही अक्टूबर का महीना पूरे स्टॉक मार्केट लिए भी रिकॉर्ड ब्रेकिंग रहा है। इसके अलावा 35 करोड़ यूजर वाले पे पल (PayPal) ने भी क्रिप्टो में होने वाली पेमेंट को मंजूरी दे दी है। इन सब कारणों के चलते 9 नवंबर 2021 को बिटकॉइन की कीमतें 68,641.57 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गईं।
मीडिया में आई खबरों के बीच भारत में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कानून बनाने पर काम कर रही है। बता दें कि इसके पहले सरकार की तरफ से कई ऐसे बयान आए हैं कि जिसमें कहा गया था कि क्रिप्टो करेंसी पर पूर्ण रूप से बैन लगाया जाएगा। लेकिन अब सरकार भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं के रूख में काफी बदलाव आया है और क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन पर विचार कर रही है। RBI द्वारा पिछले साल क्रिप्टो करेंसी के बैन को भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं हटाने के बाद भारत में किप्टो की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिला है।
Digital Currency क्या है? RBI के डिजिटल रुपये से आम लोगों को क्या फायदा होगा?
RBI पहले होलसेल व्यापारियों के लिए डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) इस वित्तीय वर्ष सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) पेश करने की योजना बना रहा है, जिसको शुरुआत में केवल होलसेल बिजनेस करने वाले व्यापारी ही प्रयोग में ला सकेंगे. आरबीआई द्वारा होलसेल बिजनेस में इसके उपयोग की जांच करने के बाद ही CBDC को रीटेल में उपयोग के लिए पेश किया जाएगा और सामान्य उपयोग की छूट दी जाएगी.भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक RBI के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा - ''हम इस साल होलसेल के लिए सीबीडीसी शुरू करने पर काम कर रहे हैं.''
निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सीबीडीसी की शुरूआत डिजिटल इकनॉमी को बढ़ावा देगी. डिजिटल करेंसी एक अधिक कुशल और सस्ती करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम को भी बढ़ावा देगी. इसलिए, 2022-23 से आरबीआई द्वारा जारी किए जाने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीक का उपयोग करते हुए, डिजिटल रुपया पेश करने का प्रस्ताव है.
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सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) क्या है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया गया एक लीगल टेंडर है, जो फिएट करेंसी (Fiat Currency) यानी सरकार से मान्यता प्राप्त करेंसी जैसा होता है. ब्लॉकचेन वॉलेट के जरिए डिजिटल फिएट करेंसी या सीबीडीसी का लेन-देन किया जा सकता है. सीबीडीसी से यूजर्स घरेलू और सीमा पार दोनों तरह के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इसके लिए किसी थर्ड पार्टी या बैंक की जरूरत नहीं होती है. सीबीडीसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी ही है लेकिन प्राईवेट क्रिप्टोकरेंसी से कुछ मामलों में अलग है.
CBDC से क्या फायदा होगा?
पिछले साल लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि सीबीडीसी के शुरू होने से कई अहम फायदे होंगे. इससे कैश की निर्भरता और ट्रांजैक्शन की लागत में कमी आएगी.
सीबीडीसी के आने से अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और लीगल टेंडर पर आधारित ट्रांजैक्शन के विकल्प होंगे. हालांकि, इससे जुड़े रिस्क भी हैं, जिनका मूल्यांकन करने की जरूरत है.
पंकज चौधरी ने ऐलान किया था कि आरबीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, जो इसे सीबीडीसी शुरू करने में सक्षम करेगा.
इसके अलावा, जैसे-जैसे सीबीडीसी के यूजर्स बढ़ेंगे व्यवसायों और सरकार के लिए सीमा पार ट्रांजैक्शन की लागत कम हो जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देश भी सीबीडीसी पेश करने पर विचार कर रहे हैं.
लर्निंग में सकारात्मक डिजिटल फुटप्रिंट का निर्माण करते हुए
अंतहीन तेजी की गति से शिक्षा इंडस्ट्री अपने अच्छे और बुरे दोनों समय से गुजरी है। यह सैक्टर न सिर्फ बहुत से बदलते चलनों को गवाह बन रहा है। बल्कि यह ज्यादा विस्तृत विकल्प का निर्माण कर छात्रों को उनके करियर के अनुसार और उनकी रूचि व उनकी क्षमता के अनुसार निर्णय लेने के विकल्प भी प्रदान कर रहा है।
तकनीक की ओर बढ़ते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि यह हमारें जीवन के साथ-साथ हमारी क्लासरूमों के लिए भी यह अत्यंत सामान्य हो गया है। गूगल का प्रयोग किसी प्रोजैक्ट की रिसर्च के लिए अब कोई लग्ज़री न रहकर बल्कि आधारभूत बात बन गया है। हालांकि अभी भी तकनीक का प्रयोग किस तरह से किया जाएं इस पर विवाद अभी भी चल रहा है मगर अब इसकी आवश्कता को ज्यादा समय के लिए टाला नहीं जा सकता।
भारतीय शिक्षा में बहुत से नए चलनों का जन्म हो रहा हैं और बहुत से मॉर्डन विचार चारों ओर बह रहें है जो भारतीय शिक्षा का कायापलट करने का वादा कर रहें हैं। चलिए, कुछ ऐसे ही विकल्पों को देखते हैं जोकि लर्निंग को बेहतर बनाने के लिए योजना बना रहें है।
शिक्षा और सहभागिता
लर्निंग को मजेदार और मस्ती भरा बनाना आवश्यक है ताकि लर्निंग या सीखने के स्टाइल की छवि को कम डरावना बनाया जा सकें। सीखने में एक महत्वपूर्ण तत्व है कि बच्चों को यह नहीं बोला जाना चाहिए कि उनके सोचने का तरीका गलत है, बल्कि उन्हें सकारात्मक तरीके से अंतर्दृष्टि का निर्माण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
यह तकनीक सुकरात के तरीके से सवाल पूछने का एक तरीका है और इसे शिक्षा में आवश्यक सोचने को प्रेरित करने के लिए लागू करना आवश्यक है विशेषतौर पर जब कोई नई अवधारणा को पेश करें। कई बार किसी अवधारणा का यूट्यूब विडियो, उस दिन की लर्निंग को सही शुरूआत प्रदान करने में मदद कर सकता है। हर अवधारणा और लर्निंग का स्टाइल बहुत से प्रयोग करने के लिए अवसर देता हैं और हर विषय को मजेदार व रोचक अवधारणा का बनाने में मदद करता है।
पेरेंटल इंगेजमेंट को डिजिटल बनाएं
इस डिजिटल युग में स्कूल और उनके बच्चों के साथ पेरेंट इंगेजमेंट बहुत ज्यादा डिजिटलाइज़ बन गया है। अभिभावक अब उनके बच्चों के स्कूल से और छात्र के द्वारा दिखाई गई प्रगति पर व्यक्तिगत तौर पर शिक्षक से कम्युनिकेशन प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें यह भी पता चल जाता है कि उनके बच्चें को कहां पर मदद की आवश्यकता है।
डिजिटल नागरिकता
वर्तमान में कहें या फिर भविष्य में डिजिटल नागरिकता शिक्षा पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण पहलू बन जाएगा क्योंकि यह छात्रों को सुरक्षित अवसर प्रदान करेगा सवाल करने के लिए, चर्चा करने के लिए और इसे सबसे सुरक्षित व तकनीक का सही प्रयोग करने के तौर पर देखा जाएगा।
डिजिटल नागरिकता का अर्थ है छात्रों को सही उपकरण और ज्ञान प्रदान करना तकि वे सही निर्णय ले सकें। छात्र सोशल मीडिया में कैसे और क्या शेयर करते है, इस बात पर माता-पिता और स्कूल का बहुत ही सीमित नियंत्रण होता है इसलिए छात्रों को शिक्षित करना आवश्यक हैं कि क्यों और कैसे वे सकारात्मक डिजिटल फुटप्रिंट का निर्माण करें जिस पर उन्हें गर्व हो जोकि किसी भी शैक्षिक पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक है।
मेकर स्पेस
लर्निग के आधुनिक दृष्टिकोण के आधार पर मेकर स्पेस छात्रों को उपयोग में लाने के लिए प्रेरित करता है। यह प्रयोगों और रचनात्मकता के माध्यम से न सिर्फ निर्माण के लिए बल्कि लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए। मेकर स्पेस एक अनुशासनात्मक है और इसमें वास्तव में सभी कौशलता के समूह और ज्ञान है जो छात्र अन्य कक्षओं में सीखते हैं।
रचनात्मकता अपने सर्वश्रेष्ठता पर
हर चीज जो हम करते हैं उसमें यह छात्रों को विज्ञान को देखने में मदद करेगा और गणितीय अनुपात के बारें में सोचने में सहायक साबित होगा। फिर चाहे हम पैनकेक बना रहें हों और उसमें अलग-अलग मात्रा में सामग्री का प्रयोग क्यों न कर रहें हो। समय को संगीत के बीट्स के माध्यम से मापने या यहां तक की अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान के प्रोजैक्टस पर काम करते हुए भी गणितीय अनुपात के बारें में सोचने में यह मदद करता है।
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