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स्पॉट फॉरेक्स

स्पॉट फॉरेक्स

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फॉरेक्स मार्केट में ट्रेडिंग करना एक ऐसा व्यापार है जो दुनिया में सबसे बडे (यानी आखिरी) और अधिक पैमाने में किया जाने वाला अनियमित/अनियंत्रित कैपिटल (पूंजी)बाजारों (मार्केट्स)में से एक है। हैरानी की बात है कि फॉरेक्स मार्केट का कोई भौतिक (फिजिकल) पता ठिकाना नहीं है जैसा की स्टॉक या कमोडिटी एक्सचेंज का होता है और स्पॉट फॉरेक्स यहाँ सोमवार से शुक्रवार तक 24 घंटे रात दिन ट्रेडिंग होता है।

और आगे भी, जबतक की आप करेंसी वायदा (फ्यूचर्स) या ऑप्शन्स ( विकल्प) शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज पर या करेंसी ऑप्शन्स फ़िलेडैल्फ़िया ऑप्शन्स एक्सचेंज पर ट्रेडिंग नहीं करते, तब तक सभी फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग के बड़े हिस्से/भाग का व्यवहार टेलीफोन और इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन्स (संचार) नेटवर्क या ECNs स्पॉट फॉरेक्स पर पूरी तरह से विकेन्द्रीकृत (डीसेंट्रलाइज्ड) तरीके से ही होता है।

फॉरेक्स मार्केट में बड़े पैमाने में और मात्रा में ट्रेडिंग होने के बावजूद भी, यह बहुत बड़े पैमाने में अनियंत्रित है किसी भी अंतरराष्ट्रीय संगठन या एजेंसी की देख रेख के बिना इंटरबैंक में ट्रेडिंग की गतिविधियाँ चल रहीं है और पूरी दुनिया में फ़ैली है।

क्या इसका अनियमित/अनियंत्रित होना ट्रेडर्स के लिए ऐसा है की वें (ट्रेडर्स) उन रणनीतियों की संख्या से लाभ उठाएं जिन्हें अब अन्य अधिक उच्चतर विनियमित बाजारों जैसे की स्टॉक और कमोडिटी मार्केट्स में लागू नहीं किया जा सकता है।


फिर भी , फॉरेक्स मार्केट का यह अपेक्षाकृत अनियमित /अनियंत्रित प्रकृति (नेचर) होना भारी संख्या में फॉरेक्स घोटालों और धोखाधड़ी के लिए उपजाऊ जमीन तैयार करता है जिन्हें कई देशों में कुछ संगठन उजागर करने और मुकदमा चलाने के लिए प्रतिबद्ध है।


फोरेक्स मार्केट पर अभी तक किसीभी तरह की केंद्रीकृत मुख्य संस्था का कोई अंकुश नहीं है। जब कि कुछ देशों में फोरेक्स के व्यापार के लिए और खास तौर पर फोरेक्स ब्रोकर्स के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं।उनके पास ऐसी भी संस्थाएं है जो उनके देश में बिज़नेस करनेवाली कंपनियों को नियंत्रित करतीं है।

इन विनियमन (रेगुलेटिंग) संस्थाओं ने अपनी सीमाओं के भीतर धोखाधड़ी के अनेक मामलों में मुकदमें चलाए है और दंड दिलवाया है /सजा दिलवाई है, इनमें से सबसे प्रमुख फोरेक्स में धोखाधड़ी का पर्दाफाश होने वाली संस्थाएं (एजेंसीज) United States में उत्पन्न हुईं।

U. S. कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन -

CFTC एक स्वतंत्र अमेरिकी सरकारी एजेंसी है जो अमेरिका स्थित और अमेरिका मैं व्यापार करनेवाली फॉरेक्स ब्रोकरेज कंपनियों की देखरेख करती है। इसके अलावा अमरीका के कमोडिटी (वस्तु) और फ्यूचर्स (वायदा) बाजार के आदान-प्रदान का विनियमन करती है, फोरेक्स मार्केट में धोखाधड़ी (कपटपूर्ण) की गतिविधियां करनेवाली कंपनियों पर यह एजेंसी अपने द्वारा बनाएं गए नियमों को लागू करना और कानूनी कार्यवाही करना और सजा दिलवाना यह काम भी करती है.

U. S. (अमेरिका) नेशनल फ्यूचर्स एसोसिएशन -

NFA (नेशनल फ्यूचर्स एसोसिएशन यह एक खुद विनियमन संस्था है अमरीका के फ्यूचर्स (वायदा)उद्योग जगत में।। NFA का मुख्य लक्ष्य अमरीकी मार्केट की अखंडता को बनाएं रखना और निवेशकों को धोखाधड़ी की गतिविधियों से बचाना हैं। मूल रूप से, क्योंकि स्पॉट करेंसी के लेनदेन के लिए दो दिनों का समय लगता है डिलीवरी (वितरण) के लिए बजाय कॅश के, इसे फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर भी देखा जा सकता है।। नतीजतन, ब्रोकर्स को फोरेक्स मार्केट में क्लाइंट्स के लिए लेनदेन करने के लिए कमोडिटी ट्रेडिंग एडवाइजर , फ्यूचर्स कमीशन मर्चेंट, इंट्रोड्यूसिंग ब्रोकर या कमोडिटी पूल ओपरेटर के तौर पर एक या ज्यादा अमरीकी एजेंसीज के साथ अमरीकी ग्राहकों के लिए फोरेक्स मुद्रा के लेनदेन को निष्पादित करने के लिए रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य है।



U. K. फिनांशल सर्विसेस अथॉरिटी --

FSA यह एक यूनाइटेड किंगडम के आर्थिक सेवा उद्योग जगत की प्रधान रेगुलेटर है और बहुत कुछ U. S. CFTC की तरह ही, अपने नियम U. K. के आर्थिक सेवा उद्योग जगत में लागू करती है और उन नियमों को तोड़ने पर और धोखाधड़ी के बर्ताव पर कानूनी कार्यवाही करती है और सजा भी दिलवाती है।

ऑस्ट्रेलियन सिक्योरिटीज एंड इन्वेस्टमेंट कमीशन --

ASIC यह एक ऑस्ट्रेलियन संस्करण है दोनों का CFTC और ब्रिटिश FSA का। यह आयोग नियंत्रित करता है ऑस्ट्रेलियन कैपिटल मार्केट, निगमों और आर्थिक सेवाओं को। ASIC दोनों नियामक प्राधिकरणों को CFTC और उसकी U. S. सिक्योरिटीज समकक्ष, द सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन या SEC का मिलाजुला रूप है।


स्विस पोलीरेग --

यह स्व नियामक बॉडी है U. S. के NFA की तरह।। यह स्पॉट फॉरेक्स संस्था जानी जाती है स्विस फ़ेडरल मनी लॉन्ड्रिंग कंट्रोल अथॉरिटी के तहत जो नियंत्रण करती है लोगों को, व्यापार को, और कानूनी संस्थाएं जो आर्थिक मध्यस्थ की तरह काम करती है स्विट्ज़रलैंड में रहनेवालों (अधिवास )के लिए।


स्विस फ़ेडरल डिपार्टमेंट ऑफ फाइनांस (या फिनांस)--

यह स्विस गवर्नमेंट एजेंसी है जो नियंत्रण और देखरेख करती है आर्थिक संस्थानों की स्विट्जरलैंड में।

उपरोक्त नियामक एजेंसियों के अतिरिक्त, यूरोपियन संघ प्रत्येक सदस्य को अपने वित्तीय बाजारों के विनियमन के लिए स्पॉट फॉरेक्स जिम्मेदार मानता है, जो वित्तीय साधनों के निर्देश में E.U.'s के बाजारों के या MiFID अनुरूप है। यह "पासपोर्ट" विनियमित कंपनियों को अनुमति देता है एक E. U. सदस्य देश को दूसरे E. U. सदस्य देश के ग्राहकों को सेवा देने की।


एक फोरेक्स ब्रोकर जो रजिस्टर्ड और अच्छी स्थिति (साख)बनाए हुए हो NFA, CFTC या ऊपर जिन विनियमन एजेंसीज का उल्लेख किया गया है या इसीतरह का समान संगठन दूसरे E. U. देश में भी है यह एक सकारात्मक संकेत है।

यह ये दर्शाता है कि ब्रोकर काफी समय से व्यापार कर रहा है और अगर कंपनी किसी मुश्किल में होगी या कोई विवाद सामने आता है तो कुछ हद तक कानूनी सहारा मिल सकता है।

जगह की और विनियमन एजेंसीज की परवाह किये बिना, अच्छी तरह से नियंत्रित जगहों पर जैसे कि स्विट्जरलैंड या अमेरिका में भी फोरेक्स मार्केट में धोखाधड़ी हो सकती है। कुछ कंपनियां यह बताती है के वें मूल रूप से विनियमित देश से है लेकिन सच्चाई यह होती है कि इन कंपनियों का मूल अधिवास कहीं ओर का होता है।

जबकि कुछ तरह के नियंत्रण ने कुछ रकम का फोरेक्स फ्रॉड (धोखाधड़ी) रोक रखा है, जहाँ पैसा घूमता है उस जगह धोखाधड़ी होना यह जिंदगी की एक सच्चाई है और फोरेक्स मार्केट इसके लिए अपवाद नहीं है। ट्रेडिंग करने के लिए किसीभी ब्रोकर का चुनाव करने से पहले सावधानता पूर्वक अनुसंधान (रिसर्च) करके आश्वस्त बनिए।

Economy Crisis: देश का फॉरेक्स रिजर्व दो साल में सबसे नीचे, डॉलर बनाम रुपये का हुआ असर

Economy Crisis: देश का फॉरेक्स रिजर्व दो साल में सबसे नीचे, डॉलर बनाम रुपये का हुआ असर

डीएनए हिंदी: डॉलर बनाम रुपये की स्पॉट फॉरेक्स उठापटक का असर लगातार भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserve) पर हो रहा है. पिछले सप्ताह करीब 4.5 बिलियन डॉलर की गिरावट के बाद देश का फॉरेक्स रिजर्व दो साल में सबसे निचले स्तर पर आ गया है. 14 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में देश का FX रिजर्व 528.367 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जबकि इससे पहले सप्ताह यह 532.868 बिलियन डॉलर था. इस बड़ी गिरावट के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के रुपये में डॉलर के मुकबले तेजी से आ स्पॉट फॉरेक्स स्पॉट फॉरेक्स रही गिरावट रोकने की कोशिश भी कारण मानी जा रही है.

इससे पहले सप्ताह हुई थी बढ़ोतरी

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के फॉरेक्स रिजर्व में जहां 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर के बीच 4.5 बिलियन डॉलर की भारी गिरावट हुई, वहीं इससे पहले इसमें बढ़ोतरी ने उम्मीद की किरण जगाई थी. RBI के वीकली स्टेटिक्ल सप्लीमेंट डाटा (weekly statistical supplement data) के मुताबिक, 30 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच फॉरेक्स रिजर्व में 0.2 बिलियन डॉलर की बढ़त हुई थी.

रूस-यूक्रेन युद्ध से अब तक 100 बिलियन डॉलर घटा भंडार

भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर इस साल की शुरुआत में रूस के यूक्रेन पर हमले के साथ शुरू हुई थी. इसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार करीब 100 बिलियन डॉलर घट चुका है. साथ ही देश का आयात कवर भी करीब 114 बिलियन डॉलर कम हो चुका है, जबकि पिछले साल अक्टूबर में यह अपने चरम पर था. फरवरी से अब तक विदेशी मुद्रा भंडार 34 में से 27 सप्ताह में घटा है.

तेजी से बढ़ रही है महंगाई

यूरोप के किनारे पर शुरू हुई रूस-यूक्रेन के बीच की लड़ाई ने पूरी दुनिया में तेजी से महंगाई बढ़ाई है. इसके चलते यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) को ब्याज दरों में बढ़ोतरी करनी पड़ी, जिसने निवेशकों को दुनिया भर में रिस्की एसेट्स में से पैसा निकालकर डॉलर के प्रभुत्व वाली एसेट्स में निवेश करने के लिए आकर्षित कर लिया. उभरती अर्थव्यवस्थाओं से 'सेफ हैवन' की तरफ स्पॉट फॉरेक्स निवेश के इस बहाव ने रुपये को नुकसान पहुंचाया है, जिसका नतीजा है कि घरेलू करेंसी इस साल करीब 12 फीसदी गिर चुकी है. भारतीय करेंसी की कीमत एक डॉलर के मुकाबले 73 रुपये से गिरना शुरू होकर इस सप्ताह 83 रुपये का रिकॉर्ड स्तर पार कर चुकी है.

रुपये के सामने खड़ी हैं ये समस्याएं

अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दर बढ़ोतरी की तरफ आक्रामक रुख, घरेलू स्तर पर बढ़ता चालू और व्यापार खाता घाटा, और वैश्विक मंदी से घबराए ग्लोबल इन्वेस्टर्स का रिस्की एसेट्स की बिक्री जारी रखना. रुपये के सामने इस समय ये समस्याएं खड़ी हुई हैं.

RBI ने रुपये में तेजी से गिरावट को रोकने के लिए स्पॉट व फ्यूचर, दोनों मार्केट में हस्तक्षेप किया है. शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपये के पूरी तरह फ्लैट हो जाने के बाद भारतीय केंद्रीय बैंक ने हस्तक्षेप किया. इससे ट्रेजरी यील्ड्स में बढ़ोतरी हुई और रुपये में किसी भी तरह की तेज गिरावट के खतरे को सीमित कर लिया गया. RBI के इस हस्तक्षेप के बावजूद रुपये में गिरावट का खतरा अब भी बना हुआ है.

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Forex Trading में महारथ हासिल करना चाहते है तो इन 10 टेक्निकल इंडिकेटर को अच्छे से समझ लें

Technical Indicator for Forex Trading: अगर आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको कुछ फॉरेक्स इंडिकेटर के बारे में पता होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators बताए गए हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।

Forex Indicators: फॉरेक्स मार्केट में ट्रेड करते समय इंडीकेटर्स को आवश्यक माना जाता है। कई फॉरेक्स ट्रेडर्स प्रतिदिन इन इंडिकेटर का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि वे Forex Market में कब खरीद या बेच सकते हैं। इन इंडिकेटर को टेक्निकल एनालिसिस के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में जाना जाता है, और प्रत्येक ट्रेडर्स को इन टेक्निक या फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में पता स्पॉट फॉरेक्स होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।

1) मूविंग एवरेज (Moving Average - MA)

मूविंग एवरेज (MA) एक महत्वपूर्ण फॉरेक्स इंडिकेटर है जो किसी विशेष अवधि में एवरेज प्राइस को इंडीकेट करता है जिसे चुना गया है।

अगर प्राइस ट्रेड Moving Average से ऊपर हैं, तो इसका मतलब है कि खरीदार कीमत को कंट्रोल कर रहे हैं, और अगर प्राइस ट्रेड मूविंग एवरेज से नीचे हैं, तो इसका मतलब है कि सेलर प्राइस को कंट्रोल कर रहे हैं।

इसलिए ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में अगर प्राइस मूविंग एवरेज से ऊपर है, तो ट्रेडर को Buy पर ध्यान देना चाहिए। मूविंग एवरेज सबसे अच्छे फॉरेक्स इंडिकेटर्स में से एक है जिसे हर ट्रेडर को पता होना चाहिए।

2) बोलिंगर बैंड (Bollinger Bands)

जब किसी विशेष सुरक्षा की कीमत की अस्थिरता को मापने की बात आती है, तो बोलिंगर बैंड इंडिकेटर का उपयोग किसी ट्रेड के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

बोलिंगर बैंड तीन भागों में आते हैं, अपर, मिडिल और लोवर ब्रांड। इन बैंडों का उपयोग अक्सर ओवरबॉट और ओवरसोल्ड स्थितियों को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

इस इंडिकेटर के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह एक फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट के समय के साथ कीमत और अस्थिरता को चिह्नित करने में मदद करता है।

3) एवरेज ट्रू रेंज (Average True Range - ATR)

एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर का उपयोग बाजार की अस्थिरता को मापने के लिए किया जाता है। इस इंडिकेटर में प्रमुख एलिमेंट रेंज है, और Periodic Low और हाई के बीच के अंतर को रेंज कहा जाता है।

रेंज को किसी भी ट्रेडिंग पीरियड पर लागू किया जा सकता है, जैसे इंट्राडे या मल्टी-डे। एवरेज ट्रू रेंज में ट्रू रेंज का इस्तेमाल होता है।

4) मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स/डाइवर्जेंस या एमएसीडी (Moving average convergence/divergence or MACD)

यह उन इंडीकेटर्स में से एक है जो फॉरेक्स मार्केट में चल रहे फोर्स को बताते हैं। इसके अलावा यह इंडिकेटर यह पहचानने में मदद करता है कि बाजार किसी विशेष दिशा में कब रुकेगा और सुधार के लिए जाएगा।

MACD को शॉर्ट-टर्म EMA से लॉन्ग टर्म के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज को घटाकर निकाला जाता है।

EMA एक प्रकार का मूविंग एवरेज है जहां वर्तमान डेटा को अधिक महत्व मिलता है। हालांकि, MACD का फार्मूला

MACD = 12 पीरियड EMA - 26 पीरियड EMA है।

● इस स्कीम का लाभ केवल बालिकाएं ही उठा सकती हैं।

● बालिका दस वर्ष की आयु को पार नहीं कर सकती है। एक वर्ष की छूट अवधि प्रदान की जाती है, जो माता-पिता को दस वर्ष की आयु की बालिकाओं के एक वर्ष के साथ निवेश करने की अनुमति देती है।

● निवेशक को बेटी की उम्र का प्रमाण देना होगा।

5) फिबोनैकी (Fibonacci)

फिबोनैकी एक और बढ़िया फॉरेक्स इंडिकेटर है जो बाजार की सटीक डायरेक्शन को इंडीकेट करता है, और यह गोल्डन रेश्यो है जिसे 1.618 कहा जाता है।

कई Forex Trader इस टूल का उपयोग उन सेक्टर और उलटफेरों की पहचान करने के लिए करते हैं जहां लाभ आसानी से लिया जा सकता है। फिबोनैकी लेवल की गणना तब की जाती है जब बाजार ने स्पॉट फॉरेक्स एक बड़ा कदम ऊपर या नीचे किया है और ऐसा लगता है कि यह कुछ विशिष्ट मूल्य स्तर पर चपटा हो गया है।

फिबोनैकी के रिट्रेसमेंट लेवल को उन सेक्टर को खोजने के लिए प्लॉट किया जाता है जहां बाजार उस फ्रीक्वेंसी पर वापस जाने से पहले वापस आ सकता है जो पहली कीमत में मूवमेंट ने बनाया है।

6) रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (Relative Strength Index - RSI)

RSI एक अन्य फॉरेक्स इंडिकेटर है जो Oscillator कैटेगरी से संबंधित है। यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला फॉरेक्स इंडिकेटर के रूप में जाना जाता है और बाजार में एक ओवरसोल्ड या ओवरबॉट स्थिति को प्रदर्शित करता है जो अस्थायी है।

70 से अधिक का RSI वैल्यू एक अधिक खरीदे गए बाजार को दर्शाता है, जबकि 30 से कम का वैल्यू एक ओवरसोल्ड बाजार को दर्शाता है। इस प्रकार, कई व्यापारी 80 RSI वैल्यू का उपयोग अधिक खरीद की स्थिति के लिए रीडिंग के रूप में करते हैं और 20 RSI वैल्यू ओवरसोल्ड बाजार के लिए।

7) पाइवोट पॉइंट (Pivot Point)

यह फॉरेक्स इंडिकेटर करेंसी की एक जोड़ी के डिमांड सप्लाई बैलेंस लेवल को इंडीकेट करता है। अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल तक पहुंच जाती है, तो उस विशेष भुगतान की डिमांड और सप्लाई समान स्तर पर होती है।

अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल को पार करती है, तो यह करेंसी जोड़ी के लिए हाई डिमांड को दर्शाता है, और अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल से नीचे आती है, तो यह करेंसी जोड़ी के लिए हाई सप्लाई को दर्शाती है।

8) स्टोकेस्टिक (Stochastic)

स्टोचस्टिक को टॉप फॉरेक्स इंडिकेटर में से एक माना जाता है जो व्यापारियों को मूवमेंट और ओवरबॉट/ओवरसोल्ड सेक्टर की पहचान करने में मदद करता है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग में Stochastic Oscillator किसी भी ट्रेंड को पहचानने में मदद करता है जो उलट होने की संभावना है। एक स्टोकेस्टिक इंडिकेटर एक निश्चित अवधि में क्लोजिंग प्राइस और ट्रेडिंग रेंज की तुलना करके मूवमेंट को माप सकता है।

9) डोनचियन चैनल (Donchian Channels)

यह इंडिकेटर कई फॉरेक्स ट्रेडर्स को हाई और लो प्राइस एक्शन वैल्यू का निर्धारण करके बाजार की अस्थिरता को समझने में मदद करता है।

डोनचियन चैनल आमतौर पर तीन अलग-अलग लाइनों से बने होते हैं जो मूविंग एवरेज से संबंधित गणनाओं द्वारा बनाई गई हैं।

Median के चारों ओर अपर-लोवर बैंड होते हैं। अपर और लोवर बैंड के बीच का एरिया डोनचियन चैनल है।

10) Parabolic SAR

Parabolic stop and reverse (PSAR) एक फॉरेक्स इंडिकेटर है जिसका उपयोग फॉरेक्स ट्रेडर्स द्वारा एक ट्रेंड को डायरेक्शन में आने के लिए किया जाता है, यह एक प्राइस के शॉर्ट टर्म रिवर्स पॉइंट का आकलन करता है।

यह इंडिकेटर मुख्य रूप से स्पॉट एंट्री और एक्जिट पोजीशन को खोजने के लिए उपयोग किया जाता है। PSAR किसी एसेट की कीमत के नीचे या ऊपर चार्ट पर डॉट्स के सेट के रूप में दिखाई देता है।

अगर डॉट कीमत से नीचे है, तो यह इंडीकेट करता है कि कीमत बढ़ रही है। इसके विपरीत अगर डॉट स्पॉट फॉरेक्स स्पॉट फॉरेक्स कीमत से अधिक है, तो यह इंडीकेट करता है कि कीमत नीचे जा रही है।

Union Bank of India Job 2021: मैनेजर के 347 पदों पर निकली वैकेंसी, जानें- कैसे करना है अप्लाई

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सीनियर मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर और अन्य पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं. जानें- कैसे भरना है फॉर्म.

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UBI Recruitment 2021: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सीनियर मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर और अन्य पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. योग्य उम्मीदवार UBI की आधिकारिक वेबसाइट unionbankofindia.co.in पर नोटिफिकेशन देख सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं.

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इस भर्ती के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 3 सितंबर 2021 है.बता दें, इस भर्ती अभियान के माध्यम से 347 खाली पदों को भरा जाएगा. आइए जानते हैं उन पदों के बारे में, जिन पर होगी भर्ती.

सीनियर मैनजर (रिस्क)- 60 पद
मैनजर (रिस्क)- 60 पद
मैनेजर (सीविल इंजीनियर)- 7 पद
मैनेजर (आर्किटेक्ट)- 7 पद
मैनेजर (इलेक्ट्रिकल इंजीनियर)- 2 पद
मैनेजर ( प्रिंटिंग टेक्नोलॉजिस्ट)- 1 पद
मैनेजर (फॉरेक्स)- 50 पद
मैनेजर (चार्टर्ड अकाउंटेंट)-14 पद
असिस्टेंट ऑफिसर (टेक्निकल ऑफिसर) - 26 पद
असिस्टेंट मैनेजर (फॉरेक्स)- 120 पद

ये है आवेदन फीस

आवेदन शुल्क सामान्य, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी श्रेणी 850 रुपये है. एससी / एसटी / पीडब्ल्यूबीडी उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है.

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