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इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार

इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

These articles, the information therein and their other contents are for information purposes only. All views and/or recommendations are इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार those of the concerned author personally and made purely for information purposes. Nothing contained in the articles should be construed as business, legal, tax, accounting, investment or other advice or as an advertisement or promotion of any project or developer or locality. Housing.com does not offer any such advice. No warranties, guarantees, promises and/or representations of any kind, express or implied, are given as to (a) the nature, standard, quality, reliability, accuracy or otherwise of the information and views provided in (and other contents of) the articles or (b) the suitability, applicability or otherwise of such information, views, or other contents for any person’s circumstances.

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Money Guru: निवेश का 'बैलेंस्ड' फॉर्मूला, कैसे बनाएं इक्विटी-डेट में संतुलन?, एक्सपर्ट से समझें पते की बात

Money Guru: निवेश को लेकर आप कैसे सोचते हैं? इसके मुताबिक फंड (Mutual Funds) का चुनाव सही है या नहीं, फंड के बीच बैलेंस है या नहीं, इन सब बातों को ध्यान में रखकर निवेश करना चाहिए.

Money Guru: म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेशक एक बेहतर फैसला है. लेकिन निवेश की सही स्ट्रैटेजी भी उतनी ही जरूरी है. फंड का चुनाव इसमें काफी मायने रखता है. निवेश को लेकर आप कैसे सोचते हैं? इसके मुताबिक फंड (Mutual Funds) का चुनाव सही है या नहीं, फंड (how to invest in Mutual Funds) के बीच बैलेंस है या नहीं, इन सब बातों को ध्यान में इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार रखकर अगर निवेश किया जाए तो आपको रिटर्न भी अच्छा मिलता है और आपका पोर्टफोलियो मजबूत भी होता चला जाता है. इसके लिए अगर आप निवेश का 'बैलेंस्ड' फॉर्मूला समझ लेते हैं तो आपके लिए बेहतर होगा. आइए, मनीफ्रंट के सीईओ मोहित गांग और म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट विश्वजीत पराशर से यहां समझते हैं कि आखिर इक्विटी-डेट में संतुलन कैसे बनाएं?,बैलेंस्ड फंड (Balanced fund) से रीबैलेंसिंग कैसे होगी?

बैलेंस्ड फंड

हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund) भी कहा जाता है
इक्विटी ओरिएंटेड और डेट ओरिएंटेड फंड शामिल
इक्विटी ओरिएंटेड-65% से ज्यादा एसेट इक्विटी में
डेट ओरिएंटेड-65% से कम एलोकेशन इक्विटी में

हाइब्रिड फंड के प्रकार

-बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
-एग्रेसिव हाइब्रिड फंड
-मॉडरेट हाइब्रिड इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार फंड
-कंसर्वेटिव हाइब्रिड फंड
-मल्टी एसेट एलोकेशन फंड
-इक्विटी सेविंग फंड

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड

ओपन एंडेड फंड होते हैं
बाजार की गिरावट को मैनेज करना खासियत
इक्विटी में 30-80% का निवेश, बाकी डेट में
इक्विटी-डेट में एलोकेशन घटा-बढ़ा सकते हैं
फंड (Mutual Funds) वैल्युएशन बेस्ड, ट्रेंड बेस्ड मॉडल पर काम करता है
बाजार सस्ता तो शेयरों में ज्यादा निवेश
बाजार महंगा तो इक्विटी में निवेश कम कर देगा
टैक्स देनदारी इक्विटी फंड्स के समान होती हैं

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (Balanced Advantage Fund)

फंड इक्विटी डेट
HDFC BAF 68.4% 21.1%
Tata BAF 48.6% 29.9%
ICICI Pru. BAF 36.8% 26.4%

एग्रेसिव हाइब्रिड फंड

फंड इक्विटी डेट
Kotak Equity Hybrid 72.4% 17.4%
Mirae Asset Hybrid 72.2% 22.2%
ICICI Pru. Equity&Debt 66.1% 18.9%

मल्टी एसेट एलोकेशन फंड

मल्टी असेट एलोकेशन का कम से कम 3 इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार एसेट क्लास में निवेश
हर कैटेगरी में कम से कम 10% निवेश होता है
इक्विटी-डेट के बदले गोल्ड में एक्सपोजर चाहते हैं तो फंड बेहतर
मल्टी असेट एलोकेशन फंड (Multi Asset Allocation Fund)का 65% निवेश इक्विटी में
टैक्सेशन के लिए इक्विटी कैटेगरी में गिने जाते हैं

मल्टी असेट एलोकेशन फंड

फंड इक्विटी डेट
Axis Triple Adv. 70.3% 18%
Nippon Multi Asset 72% 12.4%
ICICI Multi Asset 53.7% 8.8%

इक्विटी सेविंग्स स्कीम

इक्विटी सेविंग्स फंड का 20-25% निवेश इक्विटी में
आर्बिट्राज फंड में 40-45% निवेश होता है
बाकी निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट्स में होता है
टैक्स देनदारी के लिए इक्विटी कैटेगरी में रखा जाता है

इक्विटी सेविंग फंड

फंड इक्विटी डेट
Kotak Equity Savings 34.23% 19.2%
Axis Equity Saver 42.15% 33.48%
ICICI Equity Saver 16.5% 26.98%

कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड

कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड 75% डेट में निवेश करते हैं
बाकी निवेश इक्विटी में होता है
प्योर डेट फंड्स में निवेश नहीं करना चाहते
कम जोखिम उठाना है तो निवेश कर सकते हैं
कम से कम 3 साल के लिए निवेश करना बेहतर
टैक्स देनदारी में डेट फंड्स के तौर पर रखा जाता है

कंसर्वेटिव हाइब्रिड फंड

फंड इक्विटी डेट
ABSL Savings 25.3% 66.2%
ICICI Regular Savings 18.2% 59.6%
Kotak Debt Hybrid 24.6% 60.2%

हाइब्रिड फंड में टैक्सेशन

कंजर्वेटिव हाइब्रिड - डेट के मुताबिक टैक्सेशन
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड- इक्विटी का टैक्सेशन
आर्बिट्राज फंड - इक्विटी का टैक्सेशन
मल्टी एसेट और BAF- फंड मैनेजर के असेट एलोकेशन पर निर्भर
मल्टी एसेट और BAF: इक्विटी ज्यादा तो इक्विटी टैक्सेशन
मल्टी एसेट और BAF: डेट ज्यादा तो डेट टैक्सेशन

हाइब्रिड फंड

कौन करे निवेश?
कंसर्वेटिव निवेशक- इक्विटी सेविंग्स
मॉडरेट निवेशक- बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
अग्रेसिव निवेशक- अग्रेसिव हाइब्रिड फंड
कम अवधि का निवेश- आर्बिट्राज फंड

निवेश के पहले तैयारी

स्कीम का असेट एलोकेशन रेश्यो कितना है
डेट स्कीम की क्रेडिट क्वालिटी कैसी है
फंड (Mutual Funds) का इक्विटी निवेश किन कैटेगरी में है
फंड में कैसे टैक्स लग रहा है.

Focused Fund- फोकस्ड फंड

क्या होता है फोकस्ड फंड?
फोकस्ड फंड (Focused Fund) म्यूचुअल फंड निवेश का एक वर्ग होता है, जिसमें स्टॉक के छोटे प्रकार शामिल होते हैं। इस निवेश स्कीम के साथ, फंड विभिन्न इक्विटी पोजिशनों के विविध मिक्स्चर की जगह केवल कुछ क्षेत्रों के सीमित वैरिएशन में केंद्रित होते हैं। ये फंड अधिकतर अपनी पोजिशन लगभग 20-30 कंपनियों में होल्ड करते हैं, जबकि अन्य फंड 100 से अधिक कंपनियों में अपनी पोजिशन होल्ड करते हैं। स्टॉक खरीदने के लिए सीमित संख्या में कंपनियों को चुनने के मैनडेट के कारण इन फंडों को ‘सर्वश्रेष्ठ आइडिया फंड' के नाम से भी जाना जाता है। फोकस्ड इक्विटी फंड निवेश आम तौर पर वरिष्ठ निवेशकों तथा उच्च जोखिम लेने वाले व्यक्तियों के लिए होते हैं।

फोकस्ड फंड का क्या उद्देश्य है?
साधारण म्युचुअल फंडों में निवेश करने के मुख्य लाभों में इक्विटी निवेशों में विविधता को बढ़ाना है। अधिकांश म्युचुअल फंड बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनमें प्रत्येक सिक्योरिटी को चुनने के झंझट से निवेशकों को बचाने के लिए पूर्व-निर्धारित भारांक होते हैं। अब जहां यह विविधीकरण जोखिमों और अस्थिरता को कम करने के जरिए निवेशकों को उनके रिटर्न को अधिकतम बनाने में सहायता करता है, वहीं वे कुछ कमियां भी प्रस्तुत कर सकते हैं। उदाहरण के लिए जब निवेश विभिन्न सेक्टरों और कंपनियों में फैला रहता है, उनसे प्राप्त रिटर्न भी सीमित हो सकता है क्योंकि सभी कंपनियों का प्रदर्शन एक ही समय बहुत अच्छा नहीं हो सकता। फोकस्ड म्यूचुअल फंडों का मुख्य उद्देश्य सावधानीपूर्वक शोध किए गिए गए इक्विटी और डेट फंडों की सीमित संख्या के बीच अपनी होल्डिंग्स को आवंटित करना है।

भले ही ये फंड वैसे लाभ प्रस्तुत नहीं करते जो फंडों के विविधीकरण के साथ आता है, वे उन लाभों पर भरोसा करते हैं जो सावधानीपूर्वक शोध किए गिए गए स्टॉक के साथ आते हैं। इस प्रकार, इन फंडों से रिटर्न को अधिक अस्थिर समझा जाता है। वे म्युचुअल फंडों की तुलना में अधिक जोखिम भरे होते हैं जो बड़ी संख्या में स्टॉक में निवेश करते हैं लेकिन वे उच्च रिटर्न भी प्रदान करते हैं। उन्हें ‘कंसंट्रेटेड फंड' या ‘अंडर-डायवर्सिफायड' फंड के नाम से भी जाना जाता है।

Types of Mutual Funds in Hindi म्यूचुअल फंड के प्रकार

Types of Mutual Funds in Hindi म्यूचुअल फंड के प्रकार आज हम समझेंगे कि म्यूचुअल फंड किस किस प्रकार के होते हैं और इनकी कौन कौन सी श्रेणियां होती हैं. भिन्न भिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड कहाँ और कैसे निवेश करते हैं और किस प्रकार के Mutual Funds में कितना रिस्क होता है. यह भी समझेंगे कि कौन सा म्यूचुअल फंड का प्रकार रिस्क फ्री होता है और किस में अधिक कमाई के मौके आ सकते हैं. अलग अलग तरह के म्यूचुअल फंड इस तरह डिजाईन कियी जाते हैं कि अलग अलग श्रेणी के निवेशक अपने जोखिम लेने की क्षमता, निवेश के लक्ष्यों, निवेश की अवधि और निवेश की राशी के अनुसार उनका चयन कर सकें. यहां पढ़िये म्यूचुअल फंड्स कैसे खरीदें।

Types of Mutual Funds in Hindi म्यूचुअल फंड के प्रकार

Types of Mutual Funds in Hindi

जब आप Types of Mutual Funds in Hindi को समझने की कोशिश कर रहे हैं तो यहाँ आपको बता दें कि म्यूचुअल फंड्स को हम मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बाँट सकते हैं ओपन एंडेड और क्लोज्ड एंडेड. यहां आपको विस्तार से बता रहे हैं म्यूचुअल फंड के प्रकार।

  • ओपन एंडेड योजना Open Ended Mutual Funds
    • डेट फंड Debt Fund
    • लिक्विड फंड Liquid इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार Fund
    • इक्विटी फंड Equity Fund
    • बैलेंस्ड फंड Balanced Fund
    • कैपिटल प्रोटेक्शन फंड
    • फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान

    Details about Types of Mutual Funds in Hindi

    यहां विस्तार से बता रहे हैं Types of Mutual Funds हिंदी में

    Types of Mutual Funds in Hindi – Open Ended Schemes

    Open Ended Schemes में योजना अवधि के दौरान किसी भी समय निवेशक इकाइयों यानि यूनिट्स को खरीद या बेच सकता है. इसकी कोई निश्चित मैच्योरिटी यानि परिपक्वता तिथि नहीं होती. आप जब आवश्यक हो अपने निवेश को भुना सकते हैं यानी ओपन एंडेड स्कीम में लिक्विडिटी अर्थार्थ तरलता रहती है. कुछ ओपन एंडेड फंड्स में लॉक इन पीरियड रहता है जैसे कि ELSS स्कीम. लॉक इन पीरियड के दौरान आप अपने यूनिट्स को रिडीम नहीं कर सकते. Mutual Funds की ओपन एंडेड फंड्स की श्रेणी में डेट फण्ड Debt Fund, लिक्विड फण्ड Liquid Fund, इक्विटी फण्ड Equity Fund और बैलेंस्ड फण्ड Balanced Fund आते हैं.

    डेट फंड Debt Fund

    डेट फंड में अधिकतर निवेश डिबेंचर, सरकारी प्रतिभूतियों और अन्य ऋण उपकरणों में किया इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार जाता है. Debt Fund, इक्विटी फण्ड के मुकाबले कम लाभ दे सकते हैं मगर कम जोखिम के साथ यह फंड एक निश्चित लाभ देने में सक्षम हो सकते हैं. एक स्थिर आय चाहने वालों के लिए यह फंड आदर्श हो सकते हैं.

    लिक्विड फंड Liquid Fund

    कम समय के लिए यदि आपके पास पैसे पड़े इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार हैं तो आप उन्हें यहाँ निवेश कर सकते हैं. लिक्विड फंड Short Term Debt Instruments यानि अल्पकालिक ऋण उपकरणों में निवेश करते हैं. लिक्विड फण्ड कम चार्जेज के साथ एक सुरक्षित निवेश का विकल्प प्रदान करते हैं.

    इक्विटी फंड Equity Fund

    इक्विटी फंड शेयर बाजार में निवेश करते हैं. यह वो श्रेणी है जहां अधिकतर इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार निवेशक Mutual Funds में निवेश करते हैं. हालाँकि छोटी अवधि इक्विटी फंड में निवेश जोखिम भरा हो सकता है मगर लम्बी अवधि में आप इन फंड्स में अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं. इक्विटी फंड्स के कुछ मुख्य श्रेणियां हैं इंडेक्स फण्ड Index Fund, सेक्टोरल फंड Sectoral Fund, ईएलएसएस फण्ड ELSS Fund, मिड कैप स्माल कैप फंड और डाइवर्सिफाइड फंड. सभी प्रकार के इक्विटी फंड्स पर उनके निवेश के प्रकार, जोखिम और लाभ की संभावनाएं अलग रहती हैं. यहां पढ़ें ELSS में निवेश से पहले जानने योग्य बातें हमारी साइट पर।

    बैलेंस्ड फंड Balanced Fund

    कम जोखिम के साथ अधिक लाभ पाने की चाह रखने वाले निवेशकों के लिए इस प्रकार की योजनायें आदर्श हैं. Balanced Fund पहले से निर्धारित अनुपात में इक्विटी और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. इक्विटी में निवेश फंड को तेजी से बढ़ने में मदद करता है और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश फंड को सुरक्षित विकास की तरफ ले जाता है. इन्हें हाइब्रिड फंड भी कहते हैं।

    Types of Mutual Funds in Hindi – Close Ended Schemes

    क्लोज्ड एंडेड योजना में केवल योजना की शुरुआत में जब NFO यानि New Fund Offer जारी किया जाता इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार है तभी निवेश कर सकते हैं. क्लोज्ड एंडेड योजना में एक मैच्योरिटी यानि परिपक्वता तिथि पहले से निर्धारित होती है. परिपक्वता तिथि से पहले क्लोज्ड एंडेड योजना से बाहर नहीं निकला जा सकता इसलिए कह सकते हैं कि क्लोज्ड एंडेड योजना में लिक्विडिटी अर्थार्थ तरलता नहीं होती है. क्लोज्ड एंडेड योजनाओं में मुख्य रूप से दो तरह के फंड होते हैं कैपिटल प्रोटेक्शन फण्ड Capital Protection Fund और फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान Fixed Maturity Plan.

    कैपिटल प्रोटेक्शन फंड Capital Protection Fund

    कैपिटल प्रोटेक्शन फंड में मुख्य रूप से निवेश की गई राशी को सुरक्षित रखते हुए लाभ कमाने के लिए निवेश किया जाता है. इस योजना में मुख्य रूप से फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है मगर एक छोटा भाग इक्विटी में भी निवेश किया जाता है. इन फंड्स में कैपिटल को सुरक्षित रखने का दबाव रहता है और क्योंकि यह एक क्लोज्ड एंडेड योजना होती है इसीलिए केवल निश्चित समय अवधि तक ही निवेश किया जाता है इसलिए फण्ड मेनेजर के पास अधिक रिस्क लेने की संभावना ही नहीं रहती है.

    फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान Fixed Maturity Plan

    फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान में पहले से मैच्योरिटी का समय निर्धारित रहता है और ऐसे डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है जो फंड की अवधि के साथ मैच्योर हो रहे हों. इस प्रकार के फंड्स में भी चार्जेज कम रहते हैं क्योंकि फण्ड मेनेजर को पहले से निर्धारित इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करना होता है और फण्ड प्रबंधन के लिए अधिक कुछ करने की संभावना ही नहीं बचती.

    तो यह थी Types of Mutual Funds in Hindi म्यूचुअल फंड के प्रकार के बारे में हिंदी में समझने की कोशिश. आशा है कि अलग अलग तरह के म्यूचुअल फण्डों में कैसे निवेश किया जाता है और उनमें कितना जोखिम संभव है और कितनी लाभ की संभावनाएं यह सब समझ आ गया होगा.

    सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार म्यूचुअल फंड के बारे में

    स्टॉक और बॉन्ड जैसी संपत्ति हासिल करने के लिए, एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) एक म्यूचुअल फंड स्थापित करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों और फर्मों से धन एकत्र करती है। एएमसी द्वारा जमा किए गए निवेश की निगरानी के लिए फंड मैनेजरों को नियुक्त किया जाता है। संक्षेप में, म्यूचुअल फंड कई प्रतिभागियों के पैसे को बॉन्ड, इक्विटी और अन्य तुलनीय उत्पादों में निवेश करने के लिए जमा करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेशकों को उनके द्वारा निवेश की गई राशि के आधार पर फंड यूनिट आवंटित की जाती हैं। केवल मौजूदा शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर ही निवेशक फंड यूनिट खरीद या बेच सकते हैं। अंतर्निहित होल्डिंग्स की अस्थिरता के जवाब में एक म्यूचुअल फंड का शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) प्रतिदिन बदलता है। म्युचुअल फंड भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा कड़ाई से नियंत्रित होते हैं और इसलिए, जोखिम मुक्त निवेश विकल्प के रूप में माना जा सकता है।

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