शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है

शेयर मार्केट में ब्रोकर कैसे बने ?
सब-ब्रोकर वह व्यक्ति है जो स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग मेंबर(ब्रोकर) नहीं है, लेकिन जो ट्रेडिंग मेंबर की ओर से एजेंट के रूप में काम करता है या ऐसे ट्रेडिंग मेंबर्स के जरिए सिक्योरिटीज में डील करने में निवेशकों की मदद करता है |
सेबी रजिस्टर शेयर ब्रोकर अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए अपने अंडर कुछ ब्रोकर / एजेंट नियुक्त करता है | उसे सब-ब्रोकर कहा जाता है |
सब-ब्रोकर को नए ग्राहक ढूढ़ के उनका dmat और ट्रेडिंग अकाउंट बनाना होता है | वो ग्राहक को जो सर्विस है वो मेन ब्रोकर आपके जरिये देता है | अपना काम कंपनी के एम्प्लॉई जैसे होता है लेकिन इसके लिए हमें सैलरी के बजाय जो हमने अपने ग्राहक के जरिये कमीशन हुआ है |
उसका कुछ हिस्सा हमें दिया जाता है | ये हिस्सा हम जब सबब्रोकर बनते समय कंपनी और अपने बिच जो शेयरिंग रेश्यो तय किया गया होगा | उस हिसाब से दिया जाता है |
सब ब्रोकर बनने के लिए पात्रता निकष क्या है ?
हमें सेबी से रजिस्ट्रेशन कर के सब ब्रोकर का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है |
हम जब सब ब्रोकर बनने के लिए किसी ब्रोकिंग कंपनी से मिलते है | तो हमें सेबीने जो गाइड लाइन बनाई है | उस हिसाब से हम डॉक्यूमेंट तैयार कर के ब्रोकिंग कंपनी को दे के सेबी से रजिस्ट्रेशन करना होता है |
इसके लिए लगनेवाले डॉक्यूमेंट
- एड्रेस प्रूफ – जिस नाम से लाइसेंस लेना है उसका |
- मिनिमम क्वालिफिकेशन – HSC (१२ कक्षा पास ) इससे कम शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है शिक्षा हो तो एक्सपीरियन्स सर्टिफिकेट (कैपिटल मार्केट का )
- इससे साथ केवायसी डॉक्यूमेंट – (फोटो, पैन कार्ड, बैंक डिटेल्स इत्यादि ) आपको ये डॉक्यूमेंट आप जिस ब्रोकर के साथ काम करनेवाले उसके हिसाब से कम ज्यादा हो सकते है |
- सेबी रजिस्ट्रेशन फी (उस समय जो होगी १०००० के आसपास )
- डिपाजिट -ये कंपनी हमसे लेती है | हर कंपनी अलग अलग डिपाजिट लेती है | कमसे कम ५०,०००
- कमीशन – ५०-५० , ६०-४० , ७०-३० ऐसे रेश्यो में तय होता है | ७०-३० रेश्यो तय होता है तो कमीशन का ७० प्रतिशत आपको मिलता है और बाकि बचा कंपनी का होता है |
- सॉफ्टवेयर या बाकि फ़ीस – कंपनी के पॉलिसी के ऊपर तय होता है | कोई मंथली चार्जेस आपको देने है या नहीं ये आप पूछ कर ले |
कोनसी ब्रोकिंग कंपनी का सब ब्रोकर बनना चाहिए ?
मार्केट में जो रजिस्टर ब्रोकिंग कंपनी है वो सभी सब-ब्रोकर अपॉइंट कराती है | आपको ये समझ नहीं आता है किसके साथ जुड़ना अपने लिए अच्छा है|
आप के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण कदम साबित होने वाला है | इसके लिए आपको अच्छी तरह से रिसर्च करनी होगी एक बार आप एक ब्रोकिंग कंपनी के साथ काम करना शुरू करते है |
उसके बाद उसे बदलना मुश्किल होता है | आप कभी भी पहला लाइसेंस कैंसिल कर के दूसरे कंपनी के साथ जुड़ सकते है | लेकिन प्रॉब्लम ये आती है के जो इन्वेस्टर के अकाउंट बनाके आप पुरानी कंपनी के साथ काम कर रहे है | उनको शिफ्ट करते वक्त बहुत तकलीफ होती है |
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है Stock broker meaning in hindi
stock broker meaning in hindi शेयर मार्किट में शेयर खरीदने और बेचने के लिए सेवाए प्रदान करने वाले व्यक्ति, संस्थाए या फर्म को स्टॉक ब्रोकर कहते है| ये व्यक्ति संस्थाए, या फर्म इसके लिए शुल्क वसूल करती है जिसे ब्रोकरेज कहा जाता है| ब्रोकर की रोजी रोटी ब्रोकरेज मतलब दलाली से चलती है|ब्रोकर क्या होता है और ब्रोकर किस प्रकार की सेवाए प्रदान करता है इनके बारे में हम विस्तार से जानने वाले है|
stock broker meaning in hindi आर्टिकल में आप जानेंगे की जब आप शेयर को खरीदने और बेचने के लिए कोई आर्डर प्लेस करते है तो वो शेयर मार्किट के पास पंहुचाने का काम कौन करता है| आपको शेयर खरीदने हो या म्यूच्यूअल फंड्स आपको ब्रोकर की जरुरत पड़ेगी| वो चाहे व्यक्ति हो संस्था हो या कोई फर्म हो.
आसान शब्दों में कहे तो आप के सौदों को शेयर मार्किट तक पंहुचाने का कार्य स्टॉक ब्रोकर करते है. stock broker in hindi आर्टिकल में अब हम डिटेल में जानते है|
stock broker meaning in hindi (स्टॉक ब्रोकर क्या होता है)
Table of Contents
शेयर मार्किट में शेयर खरीदने के लिए स्टॉक ब्रोकर एक माध्यम होता है| आप शेयर मार्किट से डायरेक्ट शेयर खरीद नहीं सकते| शेयर मार्किट से शेयर खरीदने के लिए आपके पास Demat Account और Trading Account होना चाहिए| डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने का काम ब्रोकर करते है| ये ब्रोकर NSDL और CDSL से जुड़े DP के साथ कनेक्टेड होते है|
शेयर मार्केट जब आप शेयर खरीदने और बेचने के लिए आर्डर प्लेस करते है तो ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये ये ब्रोकर के पास जाता है और ब्रोकर के थ्रू ये आर्डर शेयर मार्किट के सर्वर पर पंहुचता है| आपके आर्डर को शेयर मार्किट तक पंहुचाने का काम ये ब्रोकर करते है|
ब्रोकर शेयर मार्किट की रीढ़ की हड्डी के समान है इनके बिना शेयर मार्किट को चलाना कठिन है| शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है दुसरे शब्दों में कहे तो शेयर मार्किट के विकास में ब्रोकर्स का बड़ा योगदान है.
stock broker in hindi- ब्रोकर के प्रकार- Types of Broker
शेयर मार्किट में अलग अलग सेवाए प्रदान करने के आधार पर ब्रोकर के दो प्रकार होते है १. फुल टाइम ब्रोकर और २. डिस्काउंट ब्रोकर| अब हम फुल टाइम और डिस्काउंट ब्रोकर में क्या तफावत होता है इसके बारे में जानकारी देता हु.
फुल टाइम ब्रोकर:
फुल टाइम ब्रोकर शेयर मार्किट से जुडी सारी सेवाए प्रदान करते है| जैसे की डीमैट अकाउंट ओपन करना, ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना, शेयर मार्किट रिसर्च प्रदान करना आदि|
फुल टाइम ब्रोकर अपने कस्टमर को लगभग सारी सेवाए प्रदान करते है जो शेयर मार्किट के काम काज से जुडी हो| फुल टाइम ब्रोकर स्टॉक एडवायजरी सर्विस देते है जिनमे वो टेक्नीकल और फंडामेंटल मजबूत शेयर चुनके अपने कस्टमर को उन शेयर्स में निवेश करने की रणनीतिया साजा करते है|
शेयर खरीदी और बिकवाली का आर्डर तो ये लोग प्लेस करते ही है लेकिन निवेशक को किन शेयर्स में इन्वेस्ट करना चाहिए, कितनी समय अवधि के लिए इन्वेस्ट करना चाहिए और शेयर कब बेच देने चाहिए ये सारी सलाह ये ब्रोकर देते है|
IPO में निवेश करने और उससे जुडी सारी जानकारी और विश्लेषण ये अपने कस्टमर को पंहुचाते है| मार्जिन मनी की सुविधा भी ये ब्रोकर देते है| कई सारी सेवाए देने के कारण फुल टाइम ब्रोकर की ब्रोकरेज भी ज्यादा होती है|ये ब्रोकर मोबाइल एप पर भी कई फीचर कस्टमर को देते है| फुल टाइम ब्रोकर की हेल्पलाइन सर्विस भी बहुत अच्छी होती है|
Discount broker-डिस्काउंट ब्रोकर
डिस्काउंट ब्रोकर और फुल टाइम ब्रोकर में अंतर ये होता है की फुल टाइम ब्रोकर अपने रिसर्च और स्टॉक एडवायजरी अपने निवेशको तक पंहुचाते है|जब की डिस्काउंट ब्रोकर सिर्फ आपके शेयर की खरीदी और बिकवाली के आर्डर स्टॉक मार्किट तक पंहुचाने का काम करते है|
डिस्काउंट ब्रोकर की फीस फुल टाइम ब्रोकर के हिसाब से बहुत कम होती है| डिस्काउंट ब्रोकर किसी भी प्रकार की सलाह निवेशको नहीं देते है| किसी भी स्टॉक रिसर्च के बारे में कोई इन्फोरमेशन कस्टमर तक नहीं पंहुचाते है|
डिस्काउंट ब्रोकर सिर्फ आपके सौदों को मार्किट तक पंहुचाने का कार्य करते है, जिनके कारण ये ब्रोकर की ब्रोकरेज बहुत कम होती है जिनका फायदा कस्टमर्स को मिलता है.डिस्काउंट ब्रोकर शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है की सबसे बड़ी विशेषता ये होती है की इनका सारा काम ऑनलाइन होता है. डीमैट अकाउंट ओपन करने से लेकर सारी प्रोसेस ऑनलाइन होती है. Zerodha भारत के प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकर में से एक है.
फुल टाइम ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर लिस्ट
निष्कर्ष:
ब्रोकर क्या होता है और शेयर मार्किट में ब्रोकर का कितना योगदान होता है इन की जानकारी आप को मिल चुकी होगी| stock broker meaning in hindi आर्टिकल में आपको ये भी पता चल गया होगा की फुल टाइम ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर में क्या तफावत होता है|
आपको अब ये भी जानकारी मिल चुकी है की ये सारे ब्रोकर NSDL और CDSL से जुड़े DP (Depository Participant) के साथ कनेक्टेड होते है. टेक्निकल एनालिसिस और शेयर मार्किट से जुड़े अपडेट पाने के लिए हिन्दिसफ़र.नेट वेबसाइट को जरुर विजिट करे. धन्यवाद
इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है?
इसे सुनेंरोकेंस्टॉक ब्रोकर एक विनियमित व्यावसायिक व्यक्ति होता है, जो आम तौर पर ब्रोकरेज फर्म या ब्रोकर-डीलर से जुड़ा होता है, जो बदले में शुल्क या कमीशन के लिए स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से या काउंटर पर रिटेल और संस्थागत ग्राहकों दोनों के लिए स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदता है और बेचता है।
दलाल का क्या आशय है?शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है
इसे सुनेंरोकेंदलाल अरबी [संज्ञा पुल्लिंग] 1. व्यापारिक लेन-देन या अन्य सौदों में मध्यस्थता करके लाभ कमाने वाला व्यक्ति ; बिचौलिया ; आढ़ती ; (एजेंट) 2. संभोग के लिए स्त्री-पुरुष का मिलन कराने वाला ; कुटना 3. पारसियों की एक जाति।
इसे सुनेंरोकेंशेयरखान भारत में ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के सबसे पुराने सर्वश्रेष्ठ- ब्रोकर में से एक है। हलांकि यह हाल ही में 2200 करोड़ में बीएनपी परिबास को बेच दिया गया है, इसके बाद भी इसके काम करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं आया है।
सबसे अच्छा स्टॉक ब्रोकर कौन सा है?
- 1 शेयर खान :(ShareKhan)
- 2 आईसीआईसीआई डायरेक्ट :(ICICI Direct Securities)
- 3 मोतीलाल ओसवाल :(Motilal Oswal)
- 4 एंजेल ब्रोकिंग :(Angel Broking)
- 5 IIFL सिक्योरिटीज :(IIFL Securities)
- 6 SBI Cap सिक्योरिटीज :(SBI Cap Securities)
- 7 रेलिगेयर ब्रोकिंग :(Religare Broking)
- 8 एक्सिस डायरेक्ट :(Axis Direct Securities)
कैसे भारत में शेयर दलाल बनने के लिए?
इसे सुनेंरोकेंअगर आप भी शेयर मार्किट में अपने पैसे को निवेश करना चाहते हो और ढेर सारा पैसा कमाना चाहते है तो आपको एक डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है जोकि एक स्टॉक ब्रोकर के द्बारा की खोले जाते है। और यह दोनों अकाउंट एक ही ब्रोकर खोल देता है।
शेयर मार्केट ब्रोकर कैसे बने?
इसे सुनेंरोकेंअगर आप Share Market में कदम रखना चाहते हैं तो एक Demat Account और एक Trading Account की जरुरत पड़ती है शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है और इन दोनों ही अकाउंट को एक Stock Broker ही खोल सकता है। किसी भी इन्वेस्टर के Buy या Sell के आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज तक पहुंचाने का काम स्टॉक ब्रोकर का ही होता है।
दलाल शब्द का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकें- 1. व्यापारिक लेन-देन या अन्य सौदों में मध्यस्थता करके लाभ कमाने वाला व्यक्ति; बिचौलिया; आढ़ती; (एजेंट) 2.
शेयर मार्केट का ब्रोकर कैसे बने?
इसे सुनेंरोकेंदोस्तों आप भी स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते है तो स्टॉक ब्रोकर बनने के आप कोई भी financial market course कर सकते है। इसके साथ आपके पास commerce, economics, statistics, accountancy या Business Administrator की knowledge भी आपको मदद करेगी। आप इन subjects की graduation या post graduation की degree भी ले सकते है।
ब्रोकिंग हाउस के सब ब्रोकर कैसे बने?
इसे सुनेंरोकेंबुनियादी जानकारी दें शुरुआत में चुने गए ब्रोकिंग फर्म से कॉलबैक (Call back) का अनुरोध करें। फोन पर ही आपके बारे में, पढ़ाई-लिखाई (Education) के बारे में तथा पहले के कामकाज (Job or Profession) के बारे में जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही कुछ बुनियदी सवाल (Basic Questions) भी पूछे जाएंगे।
शेयर बाजार में बढ़ती दिलचस्पी के बीच Demat Account की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी, फर्जीवाड़े से बचने को इन 8 बातों का रखें ख्याल
Safeguard against Demat Account Frauds: आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं.
पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं.
Safeguard against Demat Account Frauds: पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए अब डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है. डीमैट खाते के जरिए फिजिकल शेयरों के ट्रांसफर में पहले कुछ दिन तक लग जाते थे जबकि डीमैट खाते के जरिए आसान तरीके से और जल्द शेयरों का लेन-देन होता है. हालांकि जैसे कुछ भी 100% परफेक्ट नहीं होता है, वैसे ही डीमैट खाते में भी फर्जीवाड़ा हो सकता है.
डीमैट खाते से जुड़े फर्जीवाड़े के कुछ मामले सामने आए हैं जैसे कि ब्रोकर्स ने बिना निवेशकों की सहमति के किसी ट्रेड पर मार्जिन फंड के कोलैटरल के रूप में प्रयोग करने के लिए ईटीएफ यूनिट्स को ट्रांसफर कर लिया. आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. भारत में सीडीएसएल और एनएसडीएल नामक दो डिपॉजिटरीज आपके शेयरों व सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखते हैं लेकिन इनका डीमैट खाताधारकों से सीधे कोई संपर्क नहीं होता है. ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) लाइसेंस स्टॉकब्रोकर्स और इंटरमीडियरीज को इश्यू करते हैं जो ग्राहकों को डीमैट खाते खोलने की सर्विस देते हैं.
Investment Scheme: 10 साल से मिल रहा है 15.50% तक सालाना रिटर्न, ये हैं बैंकिंग सेक्टर में पैसा लगाने वाली 3 दमदार स्कीम
अकाउंट रिकॉर्ड मेंटेन रखें
जिस तरह आप अपने बैंक खाते के डिजिटल पासबुक को नियमति तौर पर चेक करते रहते हैं, वैसे ही डीमैट खाते में डीपी होल्डिंग और ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं, उसकी पूरी डिटेल्स रहती है. अगर ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट पाने में कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें.
जरूरी डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित रखें
हर डीमैट खाते का एक डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) बुकलेट होता है जिसे सुरक्षित रखना जरूरी है. जब आप एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर करते हैं तो आपको इस स्लिप पर साइन करना होता है. ऐसे में इसे मजबूत पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखें क्योंकि अगर आपका साइन किया हुआ यह स्लिप किसी अन्य शख्स के हाथ में चला गया तो इसका गलत प्रयोग हो सकता है.
ब्रोकरेज स्क्रूटनी
लोगों की स्टॉक मार्केट में बढ़ती दिलचस्पी के बीच बहुत से ब्रोकरेज फर्म खुल रहे हैं. ऐसे में किसी ब्रोकरेज फर्म को चुनने से पहले उनके ट्रैक रिकॉर्ड और मार्केट क्रेडिटिबिलिटी इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी कर लें. इसके अलावा यह भी पता कर लें कि क्या ब्रोकरेज फर्म किसी भी रूप में प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में शामिल तो नहीं है. प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में है तो वहां खाता खुलवाने से परहेज करें क्योंकि यहां कंफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला बन सकता है जो आपके हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
लंबे समय तक न हो यूज तो फ्रीज करवा लें खाता
कुछ निवेशक जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें आमतौर पर अपने डीमैट खाते का ख्याल नहीं रहता है. हालांकि इससे आपके डीमैट खाते में फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप लंबे समय के लिए अपने खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो अपने डीपी को एक एप्लीकेशन देकर इसे फ्रीज करवा लें. इससे अकाउंट तब तक फ्रीज रहेगा जब तक आप दोबारा एप्लीकेशन नहीं देते हैं. यहां यह ध्यान रहे कि किसी डीमैट खाते को तभी फ्रीज करवाना चाहिए, जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना हो. खाते को फ्रीज करवाने का प्रमुख फायदा यह है कि आपको अपने निवेश पर डिविडेंड और बोनस मिलता रहेगा लेकिन किसी नए स्टॉक की खरीदारी के लिए कोई राशि नहीं कटेगी.
पॉवर ऑफ अटार्नी
ब्रोकर के पास पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आपके डीमैट खातों का एक्सेस रहता है. ऐशे में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और निवेशकों को जनरल पर्पज की बजाय लिमिटेड पर्पस एग्रीमेंट के रूप में ब्रोकर को पॉवर ऑफ अटार्नी बनाना चाहिए. लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है अटार्नी का मतलब हुआ कि जब भी ब्रोकरेज को आपके बिहाफ पर खरीदारी-बिक्री या ट्रासंफर करना होगा, उसे आपसे हर बार सहमति लेनी होगी. इसके अलावा निवेशकों को अगर कोई पेंडिंग ड्यू नहीं है तो बिना किसी पूर्व नोटिस के लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी को रद्द करने का अधिकार रखना चाहिए.
मजबूत पासवर्ड रखें
डीमैट खाते का पासवर्ड हमेशा मजबूत रखें और इसे ऐसे रखें जिसका अनुमान लगाना कठिन हो. इसके अलावा डीमैट खाते को किसी भी पब्लिक वाई-फाई या अन्य गैर-भरोसेमंद नेटवर्क पर खोलने से बचें.
एमसएमएस सुविधा
अधिकतर ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रीयल टाइम एसएमएस की सुविधा देते हैं. इसके तहत जब भी आपके खाते के जरिए कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसकी सूचना एसएमएस के जरिए आपको प्राप्त होती है. इस फीचर को सब्सक्राइब करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे खाते से जुड़ी कोई अनियमितता समय रहते पकड़ में आ जाएगी और ब्रोकर्स को कहकर इसे फिक्स्ड किया जा सकेगा.
क्रेडिट टाइम को चेक करें
आमतौर पर आप जो भी स्टॉक खरीदते हैं, वे दो से तीन दिन के भीतर आपके डीमैट खाते में दिखने लगते हैं. अगर आपके डीमैट खाते में इस दौरान भी खरीदे हुए शेयर नहीं दिखा रहे हैं तो अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें. अगर आपका ब्रोकरेज फर्म शेयरों को कुछ फायदे के बदले में ब्रोकर्स के खाते में कुछ दिन और रहने को कहता है तो ऐसी स्थिति से बचें और ब्रोकर को पूरी पारदर्शिता बरतने को कहें.
(इनपुट: एंजेलवन)
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.