घाटे का सौदा

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घाटे का सौदा साबित हो रही `जीरे की खेती`, पिछले सालों की तुलना में कम मिल रहे भाव
किसान जीरे की फसल का भी समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं.
भवानी भाटी, जोधपुर: किसानों के लिए इस बार हुई जीरे की बंपर पैदावार के बावजूद भी यह फसल घाटे का सौदा साबित हो रही है. किसानों को अब जीरे के वाजिब भाव नही मिलने से उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में किसान अब जीरे की फसल का भी समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग कर रही है ताकि कड़ी मेहनत के बाद तैयार फसल का उचित भाव घाटे का सौदा मिल सके.
पहले टिड्डी के हमले और मौसम की मार के बीच इस बार किसानों ने बड़े बहु भू-भाग पर जीरे की फसल की. इसके बाद किसानों की उम्मीद के अनुसार बंपर पैदावार भी हुई, लेकिन यह फसल अब किसानों के लिए मुसीबत बन गई. लॉकडाउन पहले तो मंडियों के बंद होने से किसान इतने समय तक फसल को लेकर इस उम्मीद में बैठे रहे कि मंडी खुलने के बाद उन्हें जीरे का वाजिब भाव मिलेगा, लेकिन जब मंडी खुली तो पिछले सालों की तुलना में भाव बहुत नीचे आ गए.
नौकरी बदलने पर तुरंत PF निकालना है घाटे का सौदा, बैलेंस पर मिलता है 3 साल तक ब्याज- जानिए सबकुछ
- News18Hindi
- Last Updated : October 21, 2021, 05:00 IST
नई दिल्ली. नौकरी छोड़ने के बाद पीएफ अकाउंट (PF Account) का पूरा पैसा निकालना आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है. इससे आपके भविष्य के लिए बन रहा बड़ा फंड और बचत खत्म हो जाती है. साथ ही पेंशन की निरंतरता नहीं रहती. बेहतर होगा कि नई कंपनी ज्वाइन करने पीफ को पुराने के साथ जोड़ दें या मर्ज कर दें. रिटायरमेंट के बाद भी अगर आपको पैसे की जरूरत नहीं है तो कुछ साल के लिए पीएफ छोड़ सकते हैं.
आइए जानते हैं कि नौकरी छोड़ने के बाद आपके पीएफ अकाउंट (PF Account) और उसमें जमा रकम का क्या होता है.
घाटे का सौदा; गेहूं की फसल पर 1 बीघा में खर्च 15 हजार, समर्थन मूल्य पर मिल रहे ~12 हजार
एक बीघा फसल पर खर्च
किसान समर्थन मूल्य और महंगाई के जाल में पूरी तरह फंस गया है। बीते 8 साल में जहां किसानों की खेत में लागत ढाई गुना तक बढ़ गई है। वहां समर्थन मूल्य 20 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। कृषि उपज मंडी सूनसान है।
साल 2021-22 घाटे का सौदा घाटे का सौदा में जिले में 37.24 लाख क्विंटल से भी ज्यादा गेहूं का उत्पादन हुआ है। मंडी में एक भी किसान गेहूं की फसल बेचने नहीं पहुंचा है। एक बीघा में किसान का खर्च 15 हजार से ज्यादा बढ़ गया है। इसे समर्थन मूल्य की कीमतों से जोड़-बाकी करें तो किसान को एक बीघा के उत्पादन पर महज 12 हजार रुपए ही मिलते हैं। इसका सीधा मतलब है-तीन हजार रुपए का सीधा घाटा। इसी वजह से किसान कृषि मंडी की बजाए सीधे व्यापारियों तक पहुंच बना रहे हैं। किसानों की तकलीफ यही नहीं है। जिले में मक्का, सोयाबीन, धान, चना सहित 6 फसलें भी होती हैं, उसके बावजूद पिछले एक दशक से इन फसलों के लिए खरीद केंद्र तक नहीं खोला गया है। प्रदेश में मक्का सबसे ज्यादा 20 लाख क्विंटल से भी अधिक उत्पादन होता है। उसके बाद भी खरीद केंद्र नहीं खुलना किसानों के लिए सबसे बड़ा दर्द है।
MP: घाटे का सौदा बनी किसानों के लिए लहसुन, फेंक रहे नदियों में, कहा 1 रूपये किलो मिल रहे दाम, भाड़ा भी नहीं मिल रहा
MP Latest News: आम तौर पर 100 से 150 रूपये किलो के दाम से बिकने वाली लहसुन के दाम (Lahsun Price) न के बराबर होने से किसान इसे घाटे का सौदा बताते हुए नदियों में फेंक रहे हैं। खबरों के तहत एमपी के मालवा-निमाड़ के किसान मंडियों में लहसुन ला रहे और इसे वहीं छोड़कर जाना बेहतर घाटे का सौदा समझ रहे हैं। धार के बदनावर में आहत तीन किसानों ने नागदा गांव के पास चामला नदी में 100 कट्टे लहसुन फेंक दिये।
75 पैसे से 1 रूपये किलो मिल रहा दाम
धार के किसानों को कहना है कि वे इंदौर मंडी में लहसुन बेचने गए थे। वहां 20 क्विंटल लहसुन के सिर्फ 2000 रुपए ही मिले। यानी 1 रुपए किलो। 1800 रुपए तो भाड़ा और हम्माली में ही खर्च हो गए। इसके अलावा लहसुन की साफ-सफाई का अलग खर्च। ऐसे में उनकी लागत तक नही निकल पाई। उनका कहना है कि बारिश से लहसुन खराब हो रही और दाम मिलने की उम्मीद भी नजर नही आ रही। जिससे लहसुन को फेंकना ही उन्होने उचित समझा।
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किसान को उसकी उपज का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है और वो निरंतर क़र्ज़ के दलदल में फँसता जा रहा है। pic.twitter.com/C17bWC9O1A
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 24, 2022मंडियों में पहुंच रही बम्पर लहसुन
जानकारी के तहत इन दिनों मंडियों में बम्पर लहसुन पहुंच रही हैं। खबरों के तहत 5 से 23 अगस्त तक एमपी की मंडियों में 2 लाख 50 हजार क्विंटल लहसुन पहुंची है। इसके पूर्व भी लहसुन की जबरदस्त आवक तो बढ़ी है, लेकिन कीमत घटी है।
जानकारी के तहत लहसुन के दामों की इतनी खराब हालत केवल इंदौर, मंदसौर की मंडी में नहीं है बल्कि सीहोर, जावरा, नीमच, रतलाम, पिपल्या की मंडियों की भी यही स्थिति है। जिससे यहां के किसानों के लिए इस वर्ष लहसुन घाटे का सौदा बन गया है।
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Teaser loans को भी अब चलन में लाया गया है,
Tips to Buy Second Hand Vehicle : वर्तमान में लोग नई कार को खरीदने का सपना तो रखते हैं, लेकिन अपने बजट में ना होने के कारण अक्सर पुरानी घाटे का सौदा घाटे का सौदा कार खरीद लेते हैं। हालांकि यूज्ड वाहन को खरीदना कभी कभी घाटे का सौदा हो जाता है। इसमें बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों के लिए बड़ा रिस्क होता है। वहीं अगर आप डीलर से यूज्ड कार खरीदते हैं, तो इसमें भी घाटे का सौदा आप ठगे जा सकते हैं। फिलहाल हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप अगर पुरानी कार खरीदेंगे तो कभी भी परेशानी का सामना नहीं करना होगा।