एफएक्ससीसी

राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान (विद्युत क्षेत्र में प्रशिक्षण हेतु एक राष्ट्रीय शीर्षस्थ निकाय)
3 जुलाई, 1993 के भारत के राजपत्र के माध्यम से स्थापित
(आईएसओ 9001:2015 और 14001:2015 की प्रमाणित संगठन)
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार
राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान, ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार वेबसाइट वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (डब्लू 3 सी) का अनुपालन वेब सामग्री एक्सेसबिलिटी दिशानिर्देश (डब्ल्यूसीएजी) 2.0 स्तर एए इससे दृश्य अवरोध वाले लोगों को सहायक तकनीक का उपयोग करके वेबसाइट तक पहुंच प्राप्त होगी, जैसे स्क्रीन रीडर। वेबसाइट की जानकारी अलग स्क्रीन रीडर के साथ सुलभ है।
एम एस एक्सेस क्या है इसके ऑब्जेक्ट्स उद्देश्यों को समझाइए?
एम एस एक्सेस क्या है इसके ऑब्जेक्ट्स उद्देश्यों को समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंForm. यह MS Access 2013 का तीसरा और महत्वपूर्ण ऑब्जेक्ट है इसके द्वारा हम डाटा को डेटाबेस में स्टोर करा सकते है,प्रिंट करा सकते है लेकिन मुख्यतः MS Access मे form का प्रयोग इनपुट के लिए किया जाता है । फॉर्म का उपयोग MS Access 2013 में डेटा प्रदर्शित करने या दर्ज करने के लिए किया जाता है।
Tabular Form क्या है?
इसे सुनेंरोकेंTabular Form- इस फॉर्म मे सभी रिकार्डस एक साथ दिखाई देते है। इसमे टेबिल की सबी फील्डस टेबिल के फॉर्मेट में होती है। इसमे एक रिकार्ड को दूसरे रिकार्ड से लाईन के द्वारा separate किया जाता है।
एमएस एक्सेस में फॉर्म कैसे बनाएं इसका उचित उदाहरण दें?
फॉर्म टूल के प्रयोग से फॉर्म बनाने के लिए:
- नेविगेशन पेन के अंदर जाकर उस टेबल या क्वेरी पर क्लीक करें जिसके अंदर वो डाटा है जो आप चाहते हैं कि फॉर्म में दिखे।
- अब Create टैब के अंदर Forms समूह में जाएँ और Form पर क्लीक करें।
एम एस एक्सेस में रिपोर्ट से आप क्या समझते है?
इसे सुनेंरोकेंCreate Reportin MS – Access – MS – Access database Table के आँकड़ों को प्रिन्ट कराने के लिए एफएक्ससीसी उत्तम तरीका होता है , जिसे Report कहते हैं । प्रिन्ट निकालने से पहले हम उसका प्रिव्यू भी देख सकते हैं ।
एम एस एक्सेस में फॉर्म से आप क्या समझते है एम एस एक्सेस में इसके प्रकारों को समझाइये?
इसे सुनेंरोकेंMS Access में फार्म का प्रयोग किसी डेटाबेस टेबल में डाटा को सरलता पूर्वक प्रविष्ट(Enter) करने के लिए किया जाता है. दूसरे शब्दों में जो आपके डाटाबेस फाइल में आपने tables बनाए हैं उन tables में बहुत आसानी से डाटा को अर्थात रिकार्ड को फार्म के द्वारा रख सकते हैं .
फार्म क्या है फार्म के प्रकार उदाहरण सहित समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंForm में अधिक संख्या मे डाटा को स्टोर करके रखा जा सकता है। डाटावेस टेबिल मे डाटा को इनपुट किया जा सकता है। इस कार्य को करने के लिये फार्म मे विभिन्न प्रकार के ऑप्शन होते है। जैसे new record add करना record delete करना, record को edit करना record में formatting करना एवं रिकार्ड को move करना आदि।
डेटाबेस में फार्म की क्या उपयोगिता है?
फॉर्म क्या है फॉर्म के प्रकारों को उदाहरण सहित समझाइए एमएस एक्सेस के विभिन्न व्यूज?
फॉर्म में लेबल ऐड कैसे करे?
लेबल का नाम, रंग या विवरण बदलने के लिए:
- वह कैंपेन, विज्ञापन समूह, विज्ञापन या कीवर्ड खोजें, जिसके लेबल में आप बदलाव करना चाहते हैं. लेबल “लेबल” स्तंभ के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं.
- कर्सर को लेबल पर ले जाएं, फिर पेंसिल आइकॉन पर क्लिक करें.
- लेबल का नाम, रंग या विवरण बदलें.
- सेव करें पर क्लिक करें.
एमएस एक्सेस में रिपोर्ट एवं लेवल कैसे तैयार करते हैं?
एमएस एक्सेस में रिपोर्ट कैसे बनाएं? (how to make report in ms access in hindi)
- नेविगेशन पेन को खोलें।
- उस टेबल या क्वेरी को सेलेक्ट करें जिस पर आप अपना रिपोर्ट आधारित करना चाहते हैं।
- Create टैब को एक्टिवेट करें।
- अब Reports समूह में जाकर Report पर क्लीक करें।
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Access
Microsoft Access, को अक्सर abbreviated किया जाता है “MS Access” में, यह एक बहुत ही पोपुलर डेटाबेस एप्लीकेशन होता है Windows Operating System का. Access के इस्तमाल से यूजर आसानी से Custom Database एफएक्ससीसी बना सकते हैं जिसका इस्तमाल वो इनफार्मेशन स्टोर करने के लिए कर सकते हैं संगठित संरचना में.
साथ ही ये प्रोग्राम एक विसुअल इंटरफ़ेस प्रदान करती है कस्टम रूपों,टेबल और एसक्युएल क्वेरीज तैयार करने के लिए. किसी एफएक्ससीसी Access Data डेटाबेस में डाटा को एंटर कराने के लिए या तो विसुअल फॉर्म्स या फिर एक बेसिक SpreadSheet Interface का इस्तमाल किया जाता है. Access डेटाबेस के स्टोर्ड इनफार्मेशन को किसी दुसरे प्रोग्राम जैसे की वेब सर्विसेज से ब्राउज, सर्च, और Access भी किया जा सकता है.
जहाँ Access एक प्रोप्राइटरी डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम होता है, वहीँ ये दुसरे डेटाबेस प्रोग्राम के साथ भी कंपाटिबल होता है क्यूंकि ये ओपन डेटाबेस कनेक्टिविटी को सपोर्ट करता है. इससे ये डाटा को दुसरे Access Database जैसे की MS SQL, Foxpro, FilmMaker Pro और Oracle Database से सेंड करने और रिसीव करने के लिए अल्लोव करता है.
यही Comportability Access को एक डेटाबेस-ड्रिवेन वेबसाइट का बेक एंड बनकर सर्वर करने के लिए भी सहायक होता है. यकीनन Microsoft FrontPage, Expression Web और ASP.Net में बिल्ट इन सपोर्ट होता है एक्सेस डेटाबेस के लिए. और इसी कारण के लिए ही, वेबसाइट जो की Microsoft Windows Server पर hosted होती हैं वो अक्सर Access Database का ही इस्तमाल करती हैं डायनामिक कंटेंट जेनरेट करने के लिए.
स्क्रीन रीडर एक्सेस
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नोट: इस वेबसाइट पर सामग्री राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा प्रकाशित और प्रबंधित की गई है|
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ईमेल आईडी: santulan[at]gov[dot]in
रेस (रूरल एक्सेस टू क्लीन एनर्जी) : सभी लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने की पहल
लाइफ एजुकेशन एंड डेवलपमेंट सपोर्ट (लीड्स) ने यूरोपीय यूनियन, वर्ल्ड विजन इंडिया और आईसीसीओ कॉरपोरेशन की मदद से स्वच्छ ऊर्जा परियोजना शुरू की है। झारखंड के 4 जिलों- रांची, खूंटी, गुमला और सिमडेगा के 14 प्रखंडो में इसका असर हुआ है।
ज्याीदातर देखा गया है कि समुदायों को सरकार द्वारा उन्हें उपलब्ध कराए गए वैकल्पिक ऊर्जा समाधानों के बारे में जानकारी नहीं होती है। रूरल एक्सेस टू क्लीन एनर्जी (रेस) के माध्यम से उन्हें रोजमर्रा की जरूरत के लिए अत्यधिक धुआं छोड़ने वाले ईंधन जैसे कि लकड़ी इत्यादि के इस्तेमाल के बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही उनके सामने धुआं रहित चूल्हे और सोलर लैंप जैसे विकल्पों को प्रदर्शन किया जाता है।
किसानों को सौर पंप के जरिए अपने खेतों की साल भर सिंचाई के दीर्घकालिक फायदों के बारे में भी बताया जा रहा है ताकि वे मॉनसून की अनिश्चितता से बेफिक्र होकर अपना काम कर सकें।
समुदाय के लिए नई रोशनी
सुदूर नामक गांव एक ऐसा गांव है जिसने स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। यहां के छात्र अब सोलर लैंप की रोशनी में पढ़ते हैं। इसके अलावा सिंचाई तथा रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए पेयजल भी सोलर पंप और पानी की टंकी से मिलता है। साथ ही खाना बनाने का काम भी एलपीजी गैस या सौर चूल्हे पर होता है। इसी तरह पेरका गांव में स्थित लीड्स रिसोर्स सेंटर में महिलाओं के विभिन्न स्वयं सहायता समूह रोजीरोटी के विकल्प उपलब्ध करा रहे हैं। जैसे कि बार-बार प्रयोग किये जाने योग्यव फेस मास्क और सैनिटरी नैपकिन तैयार करना और रागी अनाज का प्रसंस्करण इत्यादि। यह काम मार्च 2019 में इस रिसर्च सेंटर में लगाए गए 5 किलोवाट सोलर पीवी सिस्टम के जरिए किया जा रहा है।
स्थानीय स्कूलों में जागरूकता अभियान और वर्कशॉप्स का आयोजन किया जा रहा है। ग्रामीणों को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के बारे में जानकारी देने के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले रसोई उपकरणों, घरेलू प्रणालियों, लैंप, पानी की टंकी और पंप इत्यादि का प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि झारखंड के युवा अक्षय ऊर्जा पर आधारित रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी रखते हैं। सौर ऊर्जा उत्पादों की मरम्मत वगैरह के लिए इलेक्ट्रीशियन और टेक्नीशियन की जरूरत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इससे रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं।