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शेयर बाजार के प्रकार

शेयर बाजार के प्रकार
शेयर अपने धारकों को मुनाफे के समान वितरण के लिए, लाभांश के शेयर बाजार के प्रकार रूप में, यदि कोई हो, व्यापार संगठन द्वारा घोषित किए जाने के हकदार हैं। हालांकि, शेयर कंपनी के दिन-प्रतिदिन के परिचालन पर शेयरधारकों को कोई प्रत्यक्ष नियंत्रण प्रदान नहीं करते हैं।

Financial Market & Its Types : वित्तीय बाजार और इसके प्रकार |_40.1

शेयर बाजार के प्रकार

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स्टॉक एक्सचेंज पर इनमें से क्य .

थोक दर पर वस्तुएँ खरीदी और बेची जाती है खुदरा दर पर वस्तुएँ खरीदी और बेची जाती है प्रतिभूतियाँ खरीदी और बेची जाती है। इनमें से कोई नहीं

Solution : शेयर बाजार या सराफा एक विनिमय बाजार है जहाँ शेयर ब्रोकर्स और 2 व्यापारी स्टॉक्स (जिसे शेयर भी कहते हैं), शेयर बाजार के प्रकार बॉन्ड्स और अन्य प्रतिभूतियों को खरीद/बेच सकते हैं। शेयर बाजार प्रतिभूतियों, अन्य वित्तीय विलेखों और पूंजीगत विषयों, जिसमें आय और लाभांश का भुगतान शामिल है, को जारी करने के साथ-साथ पुनर्लाभ की सुविधा भी प्रदान कर सकता है।

Types of Financial Markets – वित्तीय बाजारों के प्रकार

विभिन्न प्रकार के वित्तीय बाजार हैं और उनमें शेयर बाजार के प्रकार से कुछ नीचे दिए गए हैं:

उन सभी सार्वजनिक स्टॉक एक्सचेंज और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज जिन्हें NASDAW, अमेरिकन स्टॉक एक्सचेंज और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं किया गया है. यह बाजार मुख्य रूप से उन कंपनियों से संबंधित है जो आमतौर पर छोटी कंपनियां हैं जिन्हें सस्ते में कारोबार किया जा सकता है और उनका विनियमन कम है.

Bond Market – बांड बाजार

यह उस बाजार को संदर्भित करता है जहां ब्याज की पूर्वनिर्धारित दर पर निवेशक एक निश्चित समय अवधि के लिए सुरक्षा के रूप में बांड पर पैसा उधार लेते हैं. बांड बड़े पैमाने पर निगमों, राज्यों, नगर पालिकाओं और संघीय सरकारों द्वारा दुनिया भर में जारी किए जाते हैं.

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Money Markets – मुद्रा बाजार

यह उस जगह को संदर्भित करता है जहां उच्च तरल और लघु परिपक्वता का कारोबार होता है, प्रतिभूतियों का उधार जो एक वर्ष से कम समय में परिपक्व होता है.

यह उस स्थान को संदर्भित करता है जहां व्यापार की प्रतिभूतियों का मूल्य इसकी प्राथमिक संपत्ति से निर्धारित होता है.

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

इंट्राडे ट्रेडिंग मे जितना फायदा होता है उतना ही रिक्स और loss होता है,इस ट्रेडिंग मे आपको कोई ये नही बताएगा आखिर इंट्राडे मे ट्रेडिंग कैसे करे अगर आपके पास knowledge नही है और आप नये हो तो मेरी ये राय रहेगी आपके लिए ये ट्रेडिंग नही है. क्युकी नये लोग सबसे पहले यही ट्रेडिंग करना शुरू करते है शेयर बाजार के प्रकार और बाद में उनको असफलता मिलती है अब हम जानते है स्विंग ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग मे कोई भी स्टॉक खरीदकर कुछ दिनो मे या कुछ हप्तो के अंदर बेच सकते हो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है .इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर loss और profit को आसानी से झेल सकते हो

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे

अगर आप नये हो तो सुरुवात मे आपको यही ट्रेडिंग करनी चाहिए तभी आप अच्छा स्टॉक select कर पाओगे और शेअर मार्केट के उतार और चढाव के बारे मे आसानी से और बारीकीसे जान पाओगे

स्विंग ट्रेडिंग मे अगर आप अच्छे स्टॉक को नही चुन, पाओगे तो आपको लॉस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बेहद जरूरी है ताकी आप ज्यादा दिन तक अच्छे से स्टॉक मे invest कर सके

Short term trading शेयर बाजार के प्रकार शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग

जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो मे complete होता है.उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक active trade investment हे आपको इसमे अपने स्टॉक पर नजर रखनी पडती है तभी आप अपने स्टॉक को minimise कर सकते है

वैसे तो इस ट्रेडिंग मे आप अगर पुरी research के साथ stock स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को मिनिमाईज कर पावोगे

शॉर्ट ट्रेडिंग के नुकसान

अगर आप किसीके कहने पर या YouTube पर video देखकर किसी स्टॉक को खरीद लेते हो तो आपको पक्का लॉस ही होगा क्युकी आप जिस किसी भी स्टॉक को सिलेक्ट करते हो ऊस कंपनी के fundamentals के बारे मे हि आपको पता नही होता तभी आप लॉस मे जाते हो

अब आप इसके नाम से ही जान गये होंग आखिर लॉंग टर्म ट्रेडिंग क्या है. इस ट्रेडिंग में आप जो कोई स्टॉक एक साल या उससे ज्यादा के लिये खरीद लेते हो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है

इन्वेस्टर कितने प्रकार के होते है | Growth Investor/ Value Investor

मार्किट में सभी भागीदार अलग-अलग स्टाइल लेकर आते है. जिस तरह वह लोग share market में समय बिताते है उसी तरह उनका स्टाइल भी बेहतरीन हो जाता है. उसके स्टाइल से ही पता चलता है की कोई व्यक्ति इतना रिस्क कैसे ले सकता है. सभी भागीदार या तो इन्वेस्टर की कैटेगरी में आते है या फिर ट्रेडर कैटेगरी में.

एक बेहतर ट्रेडर या इन्वेस्टर वह होता है जो सही मौके को पहचानता है और सौदा करता है उसे शेयर बाजार के प्रकार फायदा मिलते है सौदे से बहार हो जाता है. एक सही ट्रेडर ना नजरिया बहुत ही छोटे समय के लिए होता है. एक बेहतर ट्रेडर हमेशा चौकन्ना रहता है वह मार्किट पर नजर रखता है और सही मौके की तलाश में रहता है. और रिस्क (reward) यानि जोखिम से मिलने बाले फायदे का अनुमान लगाता है.

ट्रेडर मार्किट की मंदी या तेजी नहीं देखता है वह सिर्फ सही मौके को तलास करता है. ट्रेडर 3 तरह के होते है-

इस तरह के इन्वेस्टर की हमेशा से यही कोशिश रहती है की इन्वेस्ट करने के लिए ऐसी कंपनिया तलाशी जाये जिसमें बढ़ने का मौका हो.

उभरती हुई इंडस्ट्री की वजह से या मौजूदा आर्थिक हालात की वजह से भारत में हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंफोसिस, जिलेट इंडिया जैसी कंपनियों को 1990 में खरीदना इसका एक उदाहरण होता. इन कंपनियो ने तब से आज तक काफी ग्रोथ दिखाई है क्योंकि इनकी पूरी इंडस्ट्री में अधिक बदलाव आए हैं.

इस तरह की कंपनियो ने अपने शरेधारको को अधिक पैसा कमा कर दिया है.

वैल्यू इंवेस्टर (Value Investor क्या है) –

एक वैल्यू इन्वेस्टर की येही कोशिश रहती है की वह अच्छी कंपनियो को पहचाने और उनमे निवेश करे.

कंपनी अपने शुरुआती दौर में है या बाजार की जमी जमायी कंपनी है उसके लिए ये महत्वपूर्ण होता है. वैल्यू इन्वेस्टर हमेशा इस तरह की कंपनियो की तलाश में रहते है जो कि बाजार का मूड खराब होने की वजह से share की असली कीमत से निचे गिर रही हो.

उदाहरण –

जून – जुलाई 2015 में TCS का शेयर बुरी तरीके से गिरा ये ₹ 2500 से गिरकर 1200 रूपए तक पहुच गया था. ₹ 1200 के भाव पर (कंपनी के फंडामेंटल के मद्देनज़र) इसकी वैल्यूएशन काफी सस्ती थी. इसलिए शेयर्स खरीदने का अच्छा मौका था.

जिन investers ने उस समय शेयर्स को ख़रीदा था उनको इसका अच्छा इनाम भी मिला. क्योकि अप्रेल 2017 में 1200 रूपए से 2900 तक पहुच गया. कुछ नामी गिरामी वैल्यू इन्वेस्टर के नाम हैं- चार्ली मंगर, पीटर लिंच, बेंजामिन ग्राहम, वॉरेन बफेट, थॉमस रो, जॉन बोगल, जॉन टेम्प्लटन आदि.

शेयर से आपका क्या तात्पर्य है और यह कैसे काम करता है?

What do you mean by shares and how does it work?

एक शेयर को किसी कंपनी या वित्तीय परिसंपत्ति में ब्याज के स्वामित्व की इकाई के रूप में वर्णित किया जा सकता है। सरल शब्दों में, जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयरों का अधिग्रहण करता है, तो वे उस कंपनी के मालिक बन जाते हैं। ये शेयर जोखिम का एक तत्व लेकर चलते हैं लेकिन उच्चतम रिटर्न देते हैं।

उदाहरण के लिए: यदि किसी कंपनी के 10,000 शेयर बकाया हैं और किसी व्यक्ति ने उस कंपनी के 1,000 शेयर खरीदे हैं, तो यह माना जाएगा कि शेयर बाजार के प्रकार वह उस कंपनी की संपत्ति का 10% हिस्सा होगा। (1,000 / 10,000 = 10%)

ऐसे शेयरों के मालिकों को शेयरधारकों के रूप में जाना जाता है।

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