वित्तीय दलालों

क्या यह सही है? क्या आप Olymp Trade को जुआरी कह सकते हैं?
क्या डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग जुआ है?
नई तकनीकें नए अवसर देती हैं। इंटरनेट के साथ मिलकर ऑनलाइन पैसा कमाने के कई नए तरीके सामने आए हैं। वित्तीय दलालों ने ऑनलाइन काम करना शुरू कर दिया था, उन प्लेटफार्मों को लॉन्च करने के लिए जहां व्यापारी आसानी से बाजारों में प्रवेश कर सकते थे।
अपने घर या कार्यालय की गोपनीयता में बैठे, व्यापारियों ने सभी वित्तीय साधनों को खरीदना और बेचना शुरू कर दिया था CFDs, वस्तुओं, मुद्रा जोड़े, या सूचकांक। और बाद में, दलालों ने निश्चित समय के डेरिवेटिव को लागू किया।
एक नई संपत्ति के रूप में इस वित्तीय व्युत्पन्न ने व्यापारियों के बीच बहुत तेजी से लोकप्रियता हासिल की। बहरहाल, कुछ न्यायालयों में वित्तीय संस्थानों ने डेरिवेटिव ट्रेडिंग को प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसे निर्णय के पीछे क्या कारण था?
फिक्स्ड-टाइम फाइनेंशियल डेरिवेटिव्स का अवलोकन
फिक्स्ड-टाइम वित्तीय व्युत्पन्न व्युत्पन्न सुरक्षा का एक रूप है। इस सुरक्षा का मूल्य कड़ाई से उन परिसंपत्तियों के मूल्य से संबंधित है जो उन्हें अंतर्निहित हैं। यह आगे का मतलब है, कि एक व्युत्पन्न व्यापारी अंतर्निहित परिसंपत्ति नहीं खरीदता है। वह इसका मालिक नहीं है। इसके बजाय, वह निर्दिष्ट अवधि में कीमत पर अनुमान लगाता है। वह तय करता है कि यह बढ़ेगा या गिराएगा।
दूसरे शब्दों में, आपका मुख्य कार्य डेरिवेटिव पर व्यापार करते समय Olymp Trade दिशा स्थापित करने के लिए अंतर्निहित परिसंपत्ति की कीमत जाएगी। भविष्यवाणी करने के लिए कि क्या कीमत ऊपर या नीचे जा रही है।
ट्रेडिंग फिक्स्ड-टाइम डेरिवेटिव पर Olymp Trade मंच
सबसे पहले, आपको इसकी आवश्यकता है एक संपत्ति चुनें। ऐसा करने के लिए, वर्तमान उपकरण के साथ फ़ील्ड पर क्लिक करें और एक वित्तीय व्युत्पन्न चुनें। आप इस सुरक्षा के व्यापार के लिए उपलब्ध सभी संपत्तियों की सूची देखेंगे।
नीचे दिए गए उदाहरण में, मैंने 5 मिनट कैंडल के साथ EURUSD मुद्रा जोड़ी का ट्रेड करने का निर्णय लिया।
दूसरा कदम अपने लेनदेन की अवधि चुनना है। आप एक विशिष्ट समय भी निर्धारित कर सकते हैं जिसमें आप एक व्युत्पन्न को समाप्त करना चाहते हैं। बस अवधि के बजाय समाप्ति का चयन करें।
अब, किसी विशेष ट्रेड पर निवेश की राशि तय करें। नंबर दर्ज करें या प्लस / माइनस बटन का उपयोग करें।
अंत में, दो रंगीन बटनों में से एक पर क्लिक करें। यदि आप अनुमान लगाते हैं कि कीमत बढ़ जाएगी, तो हरे बटन को चुनें। अगर आपको लगता है कि कीमत में गिरावट आएगी, तो लाल रंग का चयन करें।
Bihar: भागलपुर के हर इलाके में जमीन दलालों का राज, करोड़ों का कारोबार, इनकम टैक्स की छापेमारी से हड़कंप
Bihar News: भागलपुर में हर इलाके में जमीन के दलाल भरे पड़े हैं. बिना दलाल के जमीन खरीदने या बेचना बहुत ही कम मामलों में होता है. खासकर शहरी इलाकों व इससे सटे क्षेत्रों में दलालों का ही राज चलता है.
दलाली की रकम
जमीन खरीद-बिक्री की दलाली की रकम की बात करें, तो यह करोड़ों में है. इसे इस बात से समझा जा सकता है कि इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जुलाई तक जिले में सात अरब 18 करोड़ 71 लाख 51 हजार 328 रुपये की जमीन के 7099 प्लॉट बिके हैं. जिला निबंधन कार्यालय में यह आंकड़े दर्ज हैं.
इस साल चार महीने में जमीन बिकने की 7.18 अरब की रकम सरकारी है. लोगों से की गयी बातचीत में यह बात सामने आयी कि बड़े स्तर के दलाल अधिकतम तीन प्रतिशत दलाली लेते हैं. इस लिहाज से देखें, तो सरकारी रकम के अनुसार चार करोड़ रुपये महीना दलालों की जेब में जा रहा है. लेकिन आम लोग व जमीन दलाली के पेशे से जुड़े लोग वित्तीय दलालों यह कहते हैं कि जमीन मालिक से अगर कोई जमीन दलाल द्वारा दो लाख रुपये लिये जाते हैं, तो उसकी बिक्री वह तीन से पांच लाख रुपये में करता है. इस हिसाब से दलाली की रकम अरब को भी पार सकती है.
भूखंड दलाल किसानों के कृषि भूमि पर दलाल खा रहे ‘मलाई’!
File Photo
- भूखंड बिक्री से दलाल हुए करोडपती
- कृषि भूमि के मालिक की पैसों के लिए दुर्गती
गडचिरोली. हर वर्ष अस्मानी व सुलतानी संकटों के कारण अनेक किसान बांधव वित्तीय चक्रव्युह में फंसा है. इसका लाभ उठाते हुए गडचिरोली शहर के कुछ भूखंड दलाल सक्रिय हुए है. वित्तीय संकटों से घिरे गरीब किसानों को अपने जांच में फांसकर उनके खेत जमिन पर ले-आऊट निर्माण कर प्लॉट बिक्री का धंदा कर दलाल मालामाल हो रहे है. मात्र करोडों रूपयों की भूमि रहने के बावजूद किसानों की वित्तीय दुर्गति शुरू है. किसानों के खेतजमिन पर दलालों का यह गोरखधंदा गडचिरोली शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र में बडी मात्रा में शुरू है.
Share Market Today: शेयर मार्केट खुलने से पहले जानिए जरूरी बातें
भारतीय शेयर बाजार (Share Market) इन दिनों नए रिकॉर्ड बना रहा है. 29 नवंबर के सत्र में दलाल स्ट्रीट फिर हरे निशान में बंद हुआ. एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) 55 अंक या 0.30% बढ़कर 18,618 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई का सेंसेक्स (BSE Sensex) 177 अंक या 0.28% बढ़कर 62,681 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी बैंक इंडेक्स 33 अंक बढ़कर 43,053 पर बंद हुआ. क्या आज भी जारी रहेगा ये सिलसिला?
मिंट ने एक्सपर्ट के हवाले से लिखा कि, एनएसई निफ्टी के लिए सपोर्ट प्राइस 18,500 पर रखा गया है और रेजिस्टेंस 18,950 के आसपास देखा जा सकता है."
कैसा है विदेशी बाजारों का हाल?
प्रमुख अमेरिकी बाजारों में गिरावट-
S&P 500 0.16% फीसदी नीचे
NASDAQ 0.59% फीसदी गिरा
Dow Jones 3 अंक ऊपर बंद हुआ
एशियाई बाजार कैसा कर रहे वित्तीय दलालों प्रदर्शन-
सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज ने सुबह 7.30 बजे 12 अंक या 0.06 फीसदी की गिरावट दर्ज की
जापान के निक्केई में 0.65 फीसदी की गिरावट
ताइवान का शेयर बाजार में 0.24 फीसदी की तेजी
साउथ कोरिया के कॉस्पी में 0.57 फीसदी की बढ़ोतरी
एनएसई पर आंकड़ों के अनुसार, 29 नवंबर को, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 1,241.57 करोड़ रुपये के शेयर्स खरीदे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 744.42 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए.
खबरों में हैं ये स्टॉक्स
आज शेयर बाजार में इन स्टॉक्स पर नजर रख सकते हैं जो खबरों में बने हुए हैं-
एचडीएफसी बैंक, सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्री, मैरिको.
डिस्क्लेमर: यहां दिए गए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट टिप्स या सलाह एक्सपर्ट्स और एनालिस्टस के खुद के हैं. और इसका क्विंट हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. कृपया कर किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट डिसिजन लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य ले.
शेयर बाजार जुआ नहीं, स्टॉक मार्केट से जुड़े 5 मिथक जो बन सकते हैं नुकसान का कारण
12 लाख दुग्ध उत्पादक किसानों को 1.60 लाख रुपये का लोन मुहैया कराए बैंक- उपमुख्यमंत्री
पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली राज्य स्तरीय बैंकर्स कमिटी की बैठक में बैंकों को लक्ष्य दिया गया कि वे सुनिश्चित करें कि 2020-21 में बिहार के हर व्यक्ति का अपना एक बैंक खाता हो। इसके साथ ही बैंक की नई शाखाएं, ग्राहक सेवा केन्द्र खोलने और नई एटीएम लगाने की कार्ययोजना बनाएं जिससे बिहार के सभी 44 हजार गांव आच्छादित हो वित्तीय दलालों सके। बिहार के 12 लाख दुग्ध उत्पादक किसान जो मिल्क यूनियन से जुड़े हैं के साथ फिशरी, पाॅल्ट्री एवं पीएम किसान निधि में निबंधित किसानों में से वंचित को केसीसी दिया जाए। इसके साथ ही वार्षिक साख योजना की उपलब्धि व साख-जमा अनुपात में कमी पर नाराजगी भी जताई गई।